RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
गहरी चाल पार्ट--17
षत्रुजीत उसके सीने पे गिर गया & उसकी नर्म,गद्देदार चूचियो को तकिया बना उनपे सर रख लंबी-2 साँसे भरने लगा.कामिनी भी हाँफ रही थी.उसने शत्रुजीत के सर को अपने हाथो मे ले लिए & उसके सर को चूमने लगी.
"तो जीत बुलाओगी तुम मुझे?",शत्रुजीत ने सर उठा कर उसकी आँखो मे झाँका.
"हां,इतनी प्यारी चीज़ का मलिक मेरा शत्रु तो हो ही नही सकता!",कामिनी का इशारा उसके लंड को ओर था जो सिकुड़ने के बावजूद उसकी चूत के अंदर था.दोनो हंस पड़े.शत्रुजीत ने उसके उपर से हटना चाहा तो कामिनी ने उसे रोक दिया,"थोड़ी देर ऐसे ही रहो ना,अच्छा लगता था."
शत्रुजीत ने झुक कर उसके गाल को चूम लिया.कामिनी उसके सीने के बालो मे हाथ फिरने लगी.माहौल फिर मस्त हो रहा था.थोड़ी ही देर बाद,शत्रुजीत का लंड खड़ा हो चुका था & वो 1 बार फिर कामिनी की चुदाई मे जुट गया.
-------------------------------------------------------------------------------
जगबीर ठुकराल अपनी ऐषगाह मे अकेला बेचैनी से चहलकदमी कर रहा था,उसने दीवार घड़ी को देखा-11 बज रहे थे,अभी तक माधो ने फोन क्यू नही किया था?!बेचैनी बढ़ी तो वो ऐषगाह से बाहर निकल लड़कियो के रहने के कमरो की ओर बढ़ा & उनमे से 1 मे दाखिल हो गया.
लड़की शायद नहा रही थी,बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी.उसने हाथ मे पकड़ा मोबाइल मेज़ पे रखा & अपना ड्रेसिंग गाउन उतार मुस्कुराता हुआ बाथरूम मे घुस गया.
"हान्न्ह...!",शवर के नीचे खड़ी लड़की चौंक पड़ी क्यूकी ठुकराल ने उसे पीछे से अपनी बाहो मे जाकड़ लिया था,"..ओह्ह..आप हैं...ऊओवव...!",ठुकराल ने उसके कान पे हौले से काट लिया.उसने उसकी च्चाटिया मसली तो लड़की ने हाथ पीच्चे ले जाके उसके सोए लंड को पकड़ लिया.ठुकराल उसकी नाभि कुरेदते हुए,उसकी जीभ से अपनी जीभ लड़ते हुए उसकी चूचिया मसल रहा था की तभी उसके कानो मे उसके मोबाइल बजने की आवाज़ आई.
वो भागता हुआ बाथरूम से निकला,"हेलो.",लड़की आके उसके पीछे से उस से चिपक गयी & अपने हाथो मे उसके लंड को थाम उसकी पीठ चूमने लगी.
"..बहुत अच्छे माधो!",उसने मोबाइल बंद किया & घूम कर लड़की को उठा कर उसके बिस्तर पे लिटा दिया & उसकी टांगे फैला उसकी चूत मे अपना लंड घुसाने लगा.
-------------------------------------------------------------------------------
कामिनी की नींद खुली तो उसने देखा की दिन बहुत चढ़ आया था.वो उठी तो उसने पाया की शत्रुजीत वाहा नही था.वो बिस्तर से उतर कर बाथरूम मे चली गयी.जब बाहर आई तो देखा की शत्रुजीत 1 कुर्सी पे बैठा अख़बार पढ़ रहा था.उसने 1 बाथिंग गाउन पहना हुआ था,शायद थोड़ी देर पहले ही वो नाहया था.
उसे देख शत्रुजीत ने अख़बार किनारे रखा दिया & उसके नंगे जिस्म को निहारने लगा.कामिनी उसके पास आई & उसके गले मे बाहे डाल उसे चूमने लगी.शत्रुजीत उसकी जंघे & पीठ सहलाते हुए उसकी किस का जवाब देने लगा कि उसका मोबाइल बजा.उसने किस तोड़ मेज़ से फोन उठाया,"हां,बेटा?...क्या?!..मैं अभी ऑफीस आ रहा हू."
"क्या हुआ?"
"तुम्हारी ज़रूरत पड़ी है,कामिनी.चलो,रास्ते मे सब बताता हू."
-------------------------------------------------------------------------------
"..तो ये है उस नत्थू राम का परिचय जिसके बारे मे उसकी बेटी ने आज पोलीस मे रपट लिखाई है कि वो गायब हो गया है .",दोनो पहले कामिनी के घर गये थे जहा उसने कपड़े बदले & अब शत्रुजीत की कार मे बैठे त्रिवेणी ग्रूप के दफ़्तर को जा रहे थे,"..चूँकि वो मुझे अपना घर बेच नही रहा था तो पोलीस को कुच्छ तो शक़ होगा ही,बस इसी सिलसिले मे वो मुझसे कुच्छ पुछ्ताछ करना चाहती है.जब अब्दुल को पता चला तो उसने उन्हे ऑफीस बुला लिया.",थोड़ी ही देर बाद कार ऑफीस के बाहर खड़ी थी.
"नत्थू राम कल दोपहर को बाज़ार के लिए निकला & फिर उसके बाद घर नही लौटा.उसकी बेटी दूसरे शहर से यहा चुट्टियो मे अपने बच्चो के साथ उसके पास आई थी.उसी ने पोलीस मे रिपोर्ट दर्ज कराई & साथ ही ये भी कहा कि वो आजकल परेशान था क्यूकी..",इनस्पेक्टर 1 पल के लिए रुका,"..क्यूकी आपलोग उसपे घर बेचने के लिए बहुत दबाव डाल रहे थे."
"इनस्पेक्टर,मेरी कंपनी के लोग..ये मेरा भाई अब्दुल & मैं खुद भी उस से मिल चुके थे & हर बार उसने मकान बेचने से इनकार ही किया था.इस से ज़्यादा ना हमने उस से कुच्छ कहा ना उसने हमसे.मेरी समझ मे ये नही आता की आप मुझसे उसके बारे मे क्यू पुच्छ रहे हैं.",षत्रुजीत सिंग ने इनस्पेक्टर की तरफ देख.उसके अलावा कमरे मे अब्दुल पाशा,जयंत पुराणिक & कामिनी मौजूद थे.
"इनस्पेक्टर,मैं कामिनी शरण,मिस्टर.सिंग की वकील हू.आप मेरे क्लाइंट से आगे कुच्छ पुच्छें,उसके पहले मैं आपको 1 बात बता देना चाहती हू.नत्थू राम सुभाष नगर मे अकेला आदमी था जिसे अपना मकान बेचने से ऐतराज़ था.बाकी सभी लोगो ने खुशी-2 अपने मकान बेच दिए सिवाय उसके.हम उसके खिलाफ कोर्ट मे केस करने वाले थे & हमे पूरा यकीन था की फ़ैसला हमारे ही हक़ मे होता.अब ऐसी सूरत मे मेरे क्लाइंट का उसके साथ कुच्छ गैर क़ानूनी करने की वजह मेरी समझ मे तो नही आती."
"देखिए वकील साहिबा,मैं रिपोर्ट दर्ज होते ही सीधे यहा नही आ गया हू.हमने पूरी तहकीकात कर ली है-ना ही उसका आक्सिडेंट हुआ है, और ना किसी हॉस्पिटल मे उसके भरती होने की खबर है.वो शराबी था,मगर आज तक उसने पी कर कोई बखेड़ा नही किया.दुनिया मे बेटी के सिवा उसका कोई रिश्तेदार नही,उस से & उसके ससुराल वालो से भी उसकी अच्छी बनती है.अगर किसी बात का उसे तनाव था तो वो यही मकान वाली बात हो सकती है.अब इस मे तो हमे यहा पुचहताच्छ करने आना ही था ना."
इनस्पेक्टर ने शत्रुजीत & पशा से उनकी नत्थू राम से की गयी मुलाक़ातो के बारे मे कुच्छ और सवाल किए & फिर चला गया.
"शत्रुजीत,मुझे ये मामला कुच्छ ठीक नही लग रहा."
"क्यू,अंकल जे?"
"पता नही.मुझे लगता है कि इसके पीछे किसी दुश्मन का हाथ है?"
"दुश्मन!कौन?!"
जवाब मे पुराणिक खामोश रहे मगर ऐसा लगता था जैसे उन्हे अंदाज़ा था कि वो दुश्मन कौन था.
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
कामिनी अपनी सारी उठाए करण के ऑफीस के डेस्क पे झुकी हुई थी & वो नीचे बैठा उसके पीछे से उसकी चूत चाट रहा था,"..ऊवन्न्नह...करण,डर लग रहा है.कही कोई आ ना जाए."
दोनो ने साथ लंच किया था,उसके बाद करण ने उसे कार मे ऐसे गर्मजोशी से चूमा & उसके नाज़ुक अंग दबाए की दोनो बहुत गरम हो गये & उसके ऑफीस चले आए अपनी प्यास बुझाने के लिए,वैसे भी कामिनी आज रात उस से मिल नही सकती थी क्यूकी आज की रात वो 1 बार फिर शत्रुजीत की बाहो मे गुज़रने वाली थी,"घबराव मत,मेरी जान!कोई नही आएगा.",करण खड़ा हुआ & अपनी पॅंट खोल कर पीछे से लंड उसकी गीली चूत मे घुसाने लगा.लंड पूरा अंदर जाते ही वो झुक कर उसकी पीठ से सॅट गया,उसने हाथ आगे ले जाके ब्लाउस के उपर से ही उसकी चूचिया दबानी शुरू कर दी & धक्के लगाने लगा.उसके ऐसा करते ही कामिनी गर्दन घूमकर उसे चूमने लगी & उसकी चुदाई का मज़ा उठाने लगी.
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
"माधो,तुम्हे उसे सबकी नज़रो से छुप के वाहा पहुचना है.मैं जानता हू तुम्हारे लिए ये बाए हाथ का खेल है मगर फिर भी सावधान रहना.",जगबीर ठुकराल फूलो से सजे बिस्तर पे अपनी रखैलो से घिरा बैठा था.1 उसके लंड को चूस रही थी & 2 उसके पीछे बैठी उसके सर & बदन को सहला रही थी.ठुकराल उनकी बड़ी,गोरी छातियो से टेक लगाके बैठा था.1 उसके पहलू मे बैठी अपने हाथो से उसे शराब पीला रही थी & 1 वाहा हाथो मे नोटो की गॅडी लिए खड़ी थी.सभी लड़कियो के बदन पे 1 पॅंटी के अलावा कोई कपड़ा नही था.
"आप फ़िक्र मत करे,हुज़ूर.",माधो पे जैसे इस गरम नज़ारे का कोई असर ही नही था.
"ये पैसे रख लो & उन दोनो को आगे का प्लान 1 बार फिर समझा देना.अब जाओ.",माधो ने पैसे लिए & अपने मालिक को हाथ जोड़ कर चला गया.ठुकराल ने उस खड़ी हुई लड़की को इशारा किया तो उस लड़की ने अपनी पॅंटी उतारी & उसके खड़े लंड को अपनी चूत मे घुसाते हुए उसकी गोद मे बैठने लगी.
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
|