Sex Hindi Kahani गहरी चाल
12-31-2018, 03:59 PM,
#40
RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
गहरी चाल पार्ट--16

गतान्क से आगे....................

षत्रुजीत की बाहे भी उसकी कमर पे पूरी कस गयी & दोनो 1 दूसरे को बड़ी शिद्दत से चूमने लगे.कामिनी तो शत्रुजीत के छुने भर से ही बेताब हो जाती थी,आज तो उसका बदन मस्ती से थरथरा रहा था.शत्रुजीत के फौलादी सीने से उसकी नर्म च्चातिया बिल्कुल पिस गयी थी.

बेचैनी बढ़ी तो कामिनी के हाथ उसके दिल का हाल बयान करते हुए पागलो की तरह शत्रु की पीठ & छाती पे घूमने लगे.कामिनी ने हाथ आगे लेक बिना उसके से अपने लब जुड़ा किए उसकी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिया.शत्रुजीत का हाथ उसकी कमर से नीचे सरक के उसकी मस्त गंद पे आ गया था,"..उउंम्म...!",गंद पे उसके हाथो का दबाव महसूस करते ही कामिनी करही,उसने किस तोड़ी & शत्रुजीत की शर्ट निकाल कर उसके सीने को नंगा कर दिया.

अब तक उसने शत्रुजीत के बदन को दूर से ही निहारा था,आज पहला मौका था जब वो उसे करीब से च्छू पा रही थी.उसके मन मे भरी मस्ती की शिद्दत उसके छुने से शत्रुजीत के दिल तक पहुँच रही थी.ऐसी जवान,खूबसूरत लड़की की ऐसी कामुक हर्कतो से कौन मर्द बेक़ाबू हुए बिना रह सकता है,फिर शत्रुजीत तो इस खेल का माना हुआ खिलाड़ी था!

कामिनी उसके सीने के बालो मे उंगलिया फिरस्ते हुए उसके सीने को चूम रही थी & शत्रुजीत उसकी गंद को मसल्ने के बाद हाथो को वापस उसकी कमर पे ला रहा था.कामिनी झुकी & उसके निपल को चूमने लगी,"..आअहह..!",शत्रुजीत के बदन मे सनसनी दौड़ गयी.उसने 1 हाथ कामिनी के बालो मे घुसा दिया & दूसरे को सामने ला उसके चिकने पेट पे फिरने लगा.

कामिनी उसके सीने को लगातार चूम रही थी की तभी शत्रुजीत ने उसकी कमर मे हाथ घुसा कर उसकी सारी खोल दी.बहुत देर से उसके सीने से ढालका आँचल उसके पैरो मे फँस उसे परेशान कर रहा था.कामिनी ने भी उसे झट से अपने बदन से अलग कर दिया & फिर शत्रुजीत से चिपक गयी.

शत्रुजीत ने उसके चेहरे को चूमा& फिर उसके बड़े से क्लीवेज पे झुक गया,"..ऊऊंन्न..ह..!",कामिनी ने उसे अपने सीने पे दबा दिया & उसकी पीठ पे अपने नाख़ून चलाने लगी.शत्रुजीत ने उसकी कमर थाम उसे खुद से पूरा सटा लिया & उसके क्लीवेज से उपर आ उसकी गर्दन चूमने लगा.कामिनी भी उसकी कमर थामे उस से सटी हवा मे उड़ रही थी.शत्रुजीत का लंड उसकी चूत से बिल्कुल सटा हुआ था & चूत का गीलेपान से बुरा हाल था.

कामिनी को ये अंदाज़ा हो गया था की शत्रुजीत का लंड काफ़ी बड़ा है,इस वक़्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई पाइप का टुकड़ा उसकी चूत से दबा हो.उसके दिल मे उस लंड को नंगा देखने,उस से खेलने की तमन्ना जाग उठी.उसने हाथ नीचे ला शत्रुजीत की बेल्ट खोल दी तो शत्रुजीत भी उसके पेटिकोट को खोलने की कोशिश करने लगा.

दोनो की बेचैनी इस कदर बढ़ गयी थी की दोनो 1 दूसरे से लगे हुए & जल्दी से अपने कपड़े उतारने लगे.शत्रुजीत ने पॅंट उतार कर सामने देखा तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया,कामिनी अब केवल स्ट्रिंग बिकिनी मे थी.डोरियो से बँधे लाल ब्रा & पॅंटी मे वो इस वक़्त साक्षात रति लग रही थी.कामिनी की निगाहे भी शत्रुजीत के अंडरवेर से चिपकी हुई थी.अंडरवेर बहुत ज़्यादा फूला हुआ था.

शत्रुजीत आगे बढ़ा तो वो भी फ़ौरन उसकी बाहो मे समा गयी.दोनो के लगभग नंगे जिस्म 1 दूसरे से ऐसे चिपके थे की अगर दूर से देखते तो लगता की 1 ही हैं.शत्रुजीत बस कामिनी के बदन को अपने हाथो से मसले जा रहा था & कामिनी भी उसके कसरती जिस्म के 1-1 हिस्से को जैसे च्छू लेना चाहती थी.

थोड़ी देर चूमने के बाद शत्रुजीत ने अपनी बाहे वैसे ही उसके बदन के गिर्द रखे हुए नीचे कर उसकी गंद के नीचे लगाई & उसे उठा लिया & सूयीट के बेडरूम की तरफ बढ़ चला.कामिनी सर झुका कर उसे चूमने लगी.उसके हाथ उसके कंधे पे टीके हुए थे.

कमरे मे घुस दोनो बिस्तर पे घुटनो के बल खड़े 1 दूसरे को चूमने लगे तो कामिनी का हाथ शत्रुजीत की पीठ पे घूमने के बाद नीचे आया & उसका अंडरवेर खोलने लगा.शत्रुजीत खड़ा हुआ & कामिनी ने 1 झटके मे अंडरवेर को उसके जिस्म से अलग कर दिया.

"..हाअ..!",कामिनी का 1 हाथ अपने हैरत मे खुले मुँह पे चला गया,उसके सामने शत्रुजीत का 9 इंच लंबा & मोटा लंड खड़ा था.लंड का रंग बिल्कुल काला था & शत्रुजीत ने चुकी अपनी झांते बिल्कुल सॉफ की हुई थी,वो और ज़्यादा बड़ा लग रहा था.नीचे 2 बड़े से अंडे लटक रहे थे,जोकि इस वक़्त बिल्कुल कसे हुए थे.

"..उउफ़फ्फ़...जीत..कितना बड़ा है ये!",कामिनी ने घुटनो पे बैठ उसके लंड को च्छुआ तो शत्रुजीत के बदन मे सनसनाहट दौड़ गयी & उसने कामिनी के सर को पकड़ लिया.कामिनी के दिल मे भी जोश भर गया,उसने लंड को अपनी मुट्ठी मे कसा तो पाया की उसकी मुट्ठी उसपे पूरी नही कस पा रही थी....उसकी नाज़ुक सी चूत का क्या हाल करेगा ये!1 पल को उसे थोड़ी गबराहट हुई पर अगले ही पल उसके दिलो-दिमाग़ पे च्छाई खुमारी ने उसे ये सोचने पे मजबूर कर दिया की आज उसकी चूत पूरी की पूरी भरेगी बल्कि ये लंड तो शायद उसकी कोख को भी च्छू ले.

उसने लंड को हिलाया & उसकी जड़ के उपर शत्रुजीत को चूम लिया तो उसके मुँह से आह निकल पड़ी.शत्रुजीत ने उसके सर को और कस के पकड़ लिया.कामिनी ने अपना मुँह खोला & लंड को अपने मुँह मे घुसाने लगी.लंड इतना मोटा था की उसके होंठ पूरे फैल गये & उसके मुँह मे थोड़ा दर्द होने लगा.

जितना लंड उसके मुँह मे आसानी से घुसा उसे घुसने के बाद उसने बाहर के हिस्से पे हाथ & अंदर के हिस्से पे ज़ुबान चलाना शुरू कर दिया.शत्रुजीत तो बस मस्ती मे पागल हो गया.वो कामिनी के सर को पकड़े हल्के-2 कमर हिलाने लगा जैसे की वो उसके मुँह को चोद रहा हो.कामिनी भी उसके लंड से बस खेले ही जा रही थी.

लंड को मुँह से निकाल उसने पूरे लंड को उपर से नीचे तक चटा & फिर उसके अंदो को अपनी मुट्ठी मे भर लिया.शत्रुजीत को लगा की उसके अंदर उबाल रहा लावा अभी कामिनी के हाथो मे ही छूट जाएगा.उसने बड़ी मुश्किल से खुद पे काबू रखा.कामिनी तो जैसे दूसरी ही दुनिया मे थी,लंड के आस-पास 1 भी बाल ना होने के कारण वो उसके आस पास भी जम के चूम-चाट रही थी.

शत्रुजीत अभी नही झड़ना चाहता था,उसने उसका सर अपने लंड से खींचा & झुक कर अपने घुटनो पे बैठ गया & उसे बाहो मे भर चूमने लगा.चूमते हुए उसने उसकी ब्रा की डोरिया खोली तो कामिनी ने अलग हो उसकी ब्रा को गर्दन से निकालने मे मदद की.

"वाउ..!कितनी मस्त चुचिया हैं तुम्हारी कामिनी!",उसने उन्हे हाथो मे भर लिया,"..इतनी कसी हुई & ये निपल कितने प्यारे लग रहे हैं..!",अपने प्रेमी के मुँह से अपनी तारीफ सुन कामिनी के दिल मे खुशी की लहर दौड़ गयी,"..तुम्हारी ही हैं जीत..पी जाओ इन्हे...& मेरी भी प्यास बुझाओ."

"ऊव्वववव..!",शत्रुजीत ने उसकी चूचियो को हाथो मे भर अपनी ओर खींचा & मुँह मे भर लिया.कामिनी ने उसके बालो मे बैचेनी से उंगलिया फिराने लगी.उसकी आँखे बंद हो गयी & वो जैसे नशे मे चली गयी.शत्रुजीत के बड़े-2 हाथ उसकी कसी छातियो को पूरा दबोच कर मसलते तो उसके बदन मे जैसे बिजली दौड़ जाती,उसकी चूत मे जैसे कोई बड़ी बेचैनी का एहसास होता & वो अपना बदन मोड़ बेसब्री से पानी कमर हिलाने लगती.

उसकी चूत का बुरा हाल था & उसने इतना पानी छ्चोड़ा था की उसकी पॅंटी पे 1 बड़ा गोल सा धब्बा पड़ गया था.शत्रुजीत ने जी भर कर उसकी चुचियो से खेला,अब दोनो के दिलो मे भड़क रही आग कुच्छ ज़्यादा ही तेज़ हो गयी थी & दोनो बस इसमे जल जाना चाहते थे.शत्रुजीत ने उसकी कमर की दोनो तरफ बँधी पॅंटी की डोरियो को खींचा तो पॅंटी उसकी कमर से तो ढालाक गयी पर उसके रस से भीगी होने के कारण उसकी चूत से चिपकी रही.
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