RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
करण की जीभ लपलपाति हुई उसके दाने को छेड़ रही थी.महीनो की प्यासी कामिनी थोड़ी ही देर मे झाड़ गयी.वो लंबी साँसे भर अपने को संभाल रही थी पर करण वैसे ही बैठा हुआ उसकी चूत से बह रहे पानी को चाटता रहा.पूरा पानी चाट लेने के बाद वो खड़ा हुआ & कामिनी के चेहरे को अपने हाथो मे भर चूमने लगा.कामिनी ने भी उसे बाहो मे भर लिया & उसकी किस्सस का जवाब देने लगी.
करण अब पूरे जोश मे आ चुका था,उसने कामिनी का हाथ पकड़ अकर अपने अंडरवेर के वेयैस्टबंड पे रख दिया,फिर उसके चेहरे को हाथो मे भरा,"इसे उतार दो,कामिनी."
कामिनी उस के सामने नंगी पड़ी हुई थी,1 बार उसकी ज़ुबान से झाड़ चुकी थी-फिर भी इस हाल मे भी उसे शर्म आ गयी.मगर उसका दिल भी तो उसके लंड के दीदार के लिए तड़प रहा था.उसने अपना चेहरा उसके बालो भरे सीने मे च्छूपा लिया & धीरे से उसके अंडरवेर को नीचे सरका दिया.पॅंट की तरह करण ने इसे भी पाँव निकल कर अपने जिस्म से अलग कर दिया.
कामिनी ने सर झुका कर पहली बार करण के लंड का दीदार किया.काली,चमकती झांतो से घिरे 2 बड़े अंदो के उपर उसके जिस्म की तरह ही उसका 7 1/2 इंच लंबा लंड हल्के-2 ठुमके लगा रहा था.प्रेकुं की वजह से उसका गुलाबी सूपड़ा चमक रहा था.विकास के लंड के बाद ये दूसरा लंड था जिसे कामिनी ऐसे देख रहे थी.उसे ये देख के खुशी हुई की लंड उसके पूर्वपति के लंड से कुच्छ बड़ा ही था.बस कुच्छ ही देर मे उसकी चूत की प्यास बुझने वाली थी.
करण ने बाए हाथ से उसके प्यारे चेहरे को पकड़ कर चूमा & दाए हाथ से लंड को थाम कर उसकी चूत पे लगा दिया & फिर 1 ज़ोर का धक्का दिया,"..आनन्नह...!",1 ही झटके मे आधा लंड उसकी गीली चूत मे सरर से घुस गया.कामिनी ने फ़ौरन अपनी मरमरी बाहे उसकी गर्दन मे डाल दी.
हाइ हील्स से सजे पाँवो को उसने आएडियो पे क्रॉस करते हुए कारण की गंद के नीचे लगा उसे अपनी गिरफ़्त मे कस लिया.शेल्फ पे सहारे के लिए हाथो को रख करण उसके रसीले होंठो को चूमते हुए धक्के लगा लंड को जड़ तक उसकी चूत मे धसने लगा,"आँह...आँह...आअंह...
आआअननह..."
कामिनी को विकास के लंड की आदत थी & करण का लंड उस से 1 1/2 इंच बड़ा था सो जब लंड पूरा अंदर गया तो उसे थोडा दर्द हुआ पर उस से भी कही ज़्यादा उसे वो मज़ा आया जिसे वो भूल ही चुकी थी.वो बेचैनी से अपनी कमर उचकाने लगी तो करण ने अपने हाथ उसकी गंद की फांको के नीचे लगा उन्हे थाम लिया & ज़ोर-2 से धक्के लगाने लगा.
कामिनी की आहे बहुत तेज़ हो गयी & वो मस्ती मे पागल हो करण से चिपक गयी & उसे चूमते हुए अपनी कमर हिलाने लगी.उसकी प्यासी चूत ने अरसे बाद लंड की रगड़ाहट महसूस की थी & वो बस पानी पे पानी छ्चोड़ रही थी,"ओह्ह्ह...!",करण करहा,मस्ती मे कामिनी ने अपनी सॅंडल्ज़ की हील्स की नोक उसकी गंद मे धंसा दी थी & दर्द से उसके धक्के और तेज़ हो गये & कामिनी दुबारा झाड़ गयी.
करण उसे वैसे ही गंद से उठाए हुए बिस्तर पे ले आया & वैसे ही उसे लिएट उसके उपर लेट गया.उसकी गंद की फांको को मसलते हुए वो उसके प्यारे चेहरे को चूम रहा था.थोड़ी देर मे कामिनी फिर से मस्त होने लगी तो वो उसके होंठो को चूमने लगी.करण काफ़ी देर से अपने उपर काबू रखे हुए थे-अब उसकी बारी थी.अपनी प्रेमिका की गंद मसलते हुए उसने फिर से धक्के लगाना धुरू किया.
शुरू मे धक्के काफ़ी हल्के थे,फिर उसने पूरा लंड बाहर निकाल कर गहरे धक्के लगाना शुरू किया तो कामिनी फिर से पागल हो गयी...वो अपने हाथो से उसकी पीठ & गंद को सहलाने लगी & अपनी टांगे उसेन फिर से उसकी कमर पे कस दी.कारण उसकी छातियो को चूस्ता हुआ बस उस चोदे जा रहा था.उसे तो बस अब इस कसी,गुलाबी चूत को अपने पानी से भर देना था.
कामिनी फिर से मस्ती की खुमारी मे आ गयी थी,उसकी आँखे बंद हो गयी थी & वो बस अपने प्रेमी की चुदाई का मज़ा लेते हुए ज़ोर-2 से आहे भर रही थी.कारण का लंड उसकी चूत की गहराईयो मे तेज़ी से अंदर-बाहर हो रहा था.मज़ा बढ़ा तो उसने अपने नाख़ून उसकी पीठ मे गाड़ा दिए.उसका दिल किया की वो बस उसके लंड को अपनी चूत मे भींच दे...उसने अपनी टांगे उसकी कमर पे और कस दी & ऐसा करते ही उसकी हील्स करण की गंद की दोनो फांको मे धँस गई.
"..आहह...",करण करहा & उसकी चूचियो से मुँह हटा उसने अपना सर उपर उठा लिया & उसके धक्के और तेज़ हो गये.
"हन...हान्ं....हान्न्न...हा...आअन्न्नणणन्....!",कामिनी ने उसकी पीठ मे अपने नाख़ून धंसा दिए & अपना जिस्म बिस्तर से उठती हुई झाड़ गयी.उसकी हर्कतो,उसके चेहरे के भाव & उसकी चूत की सिकुड़न ने करण का भी सब्र तोड़ दिया & वो भी आहे भरता हुआ,तेज़ धक्के लगाता उसकी चूत को अपने पानी से भरने लगा.
झड़ते ही वो हांफता हुआ कामिनी के सीने पे गिर गया...कितने दीनो बाद कामिनी की चूत की प्यास बुझी थी...उसके होंठो पे हल्की सी मुस्कान खिल गयी & दिल मे करण के लिए बहुत प्यार उमड़ पड़ा.उसने उसके सर को बाहो मे भर लिया & उसके सर को हल्के-2 चूमने लगी.
क्रमशः...........................
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