RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
कार सुभाष नगर पहुँच गयी तो दोनो उतर कर नत्थू राम के घर पहुँचे & उसका दरवाज़ा खटखटाया.दरवाज़ा खुला & 1 50-55 साल का लगभग पूरा गंजा हो चुका आदमी-उसके कानो के उपर & पीछे की तरफ बस थोड़े से बाल थे- 1 बनियान & मैला सा पाजामा पहने बाहर आया,"नमस्कार,मैं शत्रुजीत सिंग हू."
"मुझे आपसे कोई बात नही करनी.इन साहब को मैने पहले ही अपना फ़ैसला सुना दिया है.",थयोरिया चढ़ाए उसने पाशा की ओर इशारा किया.
"नत्थू राम जी!1 बार मुझे भी तो बताइए की आख़िर क्या बात है?आप क्यू नही बेचना चाहते अपना घर?आख़िर आपके सारे पड़ोसी भी तो अपने-2 घर बेच रहे हैं."
"कोई कुच्छ भी करे,मैं तो यही रहूँगा.इस जगह से मेरी बहुत सारी यादे जुड़ी हैं...अब मुझे और परेशान नही कीजिए.जाइए.",उसने शत्रुजीत & पशा के मुँह पे दरवाज़ा बंद कर दिया.दोनो ने 1 दूसरे की ओर देखा & फिर कार मे बैठ गये,"क्या करोगे भाई?"
"कुच्छ सोचता हू,बेटा.",शत्रुजीत खिड़की से बाहर देख रहा था.
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देर शाम कामिनी क्लब पहुँची.रिक्रियेशन रूम मे उसे उसकी पहचान वाले 1-2 लोग मिल गये,थोड़ी देर तक उनसे बाते करने के बाद वो छत पे आ गयी.वाहा की ठंडी हवा ने उसे तरोताज़ा कर दिया.वेटर को बुला उसने खाने का ऑर्डर दिया & उसके खाना लाने पर वही बैठ कर खाना खाया.
खाना ख़त्म करने के बाद हाथ मे पानी का ग्लास लिए वो छत पे टहलने लगी उसके कानो मे म्यूज़िक की हल्की आवाज़ सुनाई दी.आवाज़ पीछे की तरफ से आ रही थी जिधर स्विम्मिंग पूल था.वो उधर की रेलिंग की तरफ बढ़ गयी & नीचे देखने लगी,"ये नीचे क्या हो रहा है?,पास से गुज़रते 1 वेटर को उसने अपना खाली ग्लास थमाया.
"किसी मेंबर ने अपने गेस्ट्स के लिए पूल पार्टी दी है,मॅ'म.",नीचे पूल के पास कोई 40-45 लोग स्विमवेर पहने इकट्ठे थे-कोई पूल मे तेर रहा था तो कोई उसके किनारे बैठा पार्टी का लुत्फ़ उठा रहा था.
तभी उसने केवल 1 बर्म्यूडा शॉर्ट्स पहने 1 मर्द को 1 बिकिनी ब्रा & सरॉंग पहने 1 लड़की का हाथ पकड़े पार्टी से थोड़ा अलग जाते देखा,उसे वो मर्द कुच्छ जाना-पहचाना लगा...अरे!ये तो शत्रुजीत था!
कामिनी ने पहली बार उसका नंगा सीना देखा.यू तो उपर से इतनी ठीक तरह से दिखाई नही दे रहा था पर फिर भी कामिनी को उसके गथिले,कसरती बदन का अंदाज़ा तो हो ही गया.....अफ...कितने घने बॉल थे उसके सीने पे..& बाहो के मज़बूत बाइसेप्स कैसे चमक रहे थे!
पूल से थोडा हट के कुच्छ बड़े-2 पौधे लगे हुए थे,शत्रुजीत उस लड़की को उन्ही के पीछे ले गया.ऐसा करने से वो दोनो पार्टी मे शरीक लोगो की नज़रो से तो छिप गये थे पर छत पे खड़ी कामिनी को सब सॉफ-2 दिख रहा था.
शत्रुजीत लड़की के हाथो को पकड़ कर बार-2 उस से कुच्छ कह रहा था पर लड़की मानो हंस के मना कर रही थी.अचानक शत्रुजीत ने लड़की को खींच कर अपनी बाहो मे भर लिया & चूमने लगा.थोड़ी देर चूमने के बाद लड़की ने हंसते हुए शत्रुजीत को परे धकेल दिया.शत्रुजीत ने उसकी ना सुनते हुए उसे फिर से अपने सीने से लगा लिया & इस बार अपने बड़े-2 हाथो से उसकी नाज़ुक सी गंद को सरोन्ग मे हाथ घुसा कर उसकी बिकिनी की पॅंटी के उपर से ही मसल्ते हुए उसकी गर्दन चूमने लगा,लड़की अभी भी हंस रही थी.
ये सब देख कर कामिनी के बदन मे भी मस्ती की लहर दौड़ गयी & उसका 1 हाथ उसकी जीन्स के उपर से ही अपनी चूत सहलाने लगा,"ऊओवव...!",लड़की की हँसी के साथ मिली-जुली चीख की मद्धम आवाज़ उसके कानो मे पड़ी,शत्रुजीत ने उसकी गर्दन चूमते हुए 1 हाथ उसकी गंद से हटा उसकी बिकिनी ब्रा को खींच उसकी 1 छाती बाहर निकाल ली थी & उसे अपने मुँह मे भर लिया था.लड़की थोड़ी देर तक तो अपनी चूची चुस्वाति रही,फिर उसे परे धकेल दिया.
इस बार शत्रुजीत ने उसे फिर से अपनी बाहो मे क़ैद करने की कोशिश की तो लड़की ने उसका हाथ पकड़ के उसके कान मे ना जाने क्या कहा.फिर दोनो 1 दूसरे की कमर मे हाथ डाले वापस पार्टी मे चले गये.कामिनी ने भी अपनी चूत से हाथ हटाया & आस-पास देखा-कोई भी उसकी तरफ नही देख रहा था.वो छत से उतरी & अपनी कार मे बैठ अपने घर को रवाना हो गयी.
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रात कामिनी अपने बिस्तर पे नंगी लेटी थी,उसका हाथ उसकी चूत को हौले-2 सहला रहा था.उसने आज पहली बार प्लेबाय शत्रुजीत सिंग को देखा था.उस लड़की के साथ की गयी शत्रुजीत की कामुक हर्कतो ने कामिनी को बहुत गरम कर दिया था.साथ ही उसे उस लड़की से थोड़ी जलन भी हो रही थी.उसकी जगह अगर वो होती तो!...& शत्रुजीत उसकी छाती को मुँह मे भर कर चूस रहा होता तो...!
उसका दूसरा हाथ उसकी चूचियो को दबाने लगा.उसने बेचैनी से करवट बदली तो उसे सवेरे जॉगिंग वाली बात याद आ गयी..करण कैसे उसकी जंघे सॉफ कर रहा था& उसकी साँसे कैसे उसकी प्यासी चूत को तडपा रही थी....& फिर माल के बाहर उसकी निगाहे कैसे उसके पेट & सीने से चिपक सी गयी थी...काश वो इस वक़्त यहा होता & उसकी प्यासी चूत को चाटते हुए अपने मज़बूत हाथो से उसकी चूचिया मसल रहा होता,"आहह...",इस ख़याल से ही कामिनी की आह निकल गयी & वो तेज़ी से हाथ चला अपनी बदन की गर्मी को ठंडा करने लगी.
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