RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
कामिनी का दिमाग़ तेज़ी से काम कर रहा था..क्या मतलब था इसका?..क्या करण भी उसमे दिलचस्पी लेने लगा है?..या फिर वो बस 1 दोस्त की हैसियत से ऐसा कह रहा है..पर थोड़ी देर पहले वो उसकी जंघे साफ करा रहा था-अब कोई मर्द इतना भी भोला तो नही होता की 1 औरत के बदन के सबसे नाज़ुक अंग के आस-पास हाथ लगाए & उसके दिल मे ऐसे-वैसे ख़याल ना आएँ!जो भी हो,फायडा तो उसी का होना था ना!आख़िर उसके अकेलेपन के दिन ख़त्म होने के आसार दिखाई देने लगे थे,"ओके.मैं 2:30 बजे तक माल पहुँच जाऊंगी."
"थॅंक्स,कामिनी."
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"मिलॉर्ड!त्रिवेणी ग्रूप ने 1000 टन आइरन ओर एक्सपोर्ट किया पर उसपे ड्यूटी पे की बस 10 टन की कीमत की जब की असल मे ड्यूटी होनी चाहिए थी 50 टन की कीमत के बराबर.",सरकारी वकील जड्ज के सामने अपनी दलील पेश कर रहा था.
"..इसलिए मिलॉर्ड!मेरी आपसे दरखास्त है की ना सिर्फ़ त्रिवेणी ग्रूप से बकाया ड्यूटी वसूली जाए & नियमानुसार फाइन ली जाए,बल्कि इस बात के लिए ज़िम्मेदार इनके मॅनेज्मेंट के लोगो को भी सज़ा दी जाए."
"मिलॉर्ड!मेरी समझ मे नही आता की सरकारी महकमे के अफसरो के साथ-2 वकील साहब भी कैसे ऐसी बात कर सकते हैं.मेरे क्लाइंट ने जब ये ओरडर एक्सपोर्ट किया था उस वक़्त ड्यूटी बस 1% थी.उसके बाद ये ड्यूटी सरकार ने बढ़ा कर 5% कर दी.ड्यूटी पे करने के वक़्त नया रेट लागू हो चुका था मगर एक्सपोर्ट के वक़्त तो पुराना रेट लागू था,फिर कैसे मेरे क्लाइंट पे ये बेबुनियाद इल्ज़ाम लगाया जा रहा है की उन्होने ड्यूटी चोरी की है."
"..मगर फिर भी मेरे क्लाइंट ने सरकारी नोटीस मिलने के बाद अपना केस समझते हुए सारे दस्तावेज़ो के साथ लेटर्स भेजे थे,मगर इन लोगो ने उन्हे 1 बार भी सुनवाई के लिए नही बुलाया & केस ठोंक दिया.ये उनपपेर्स की कॉपी है.",मुकुल ने सारे पेपर्स की कॉपीस कोर्ट पीयान को दी जिसने उन्हे जड्ज तक पहुँचा दिया.
"..मिलॉर्ड,ये 1 सॉफ-2 हरासमेंट का केस है.सरकारी मुलाज़िम ये भूल जाते हैं कि वो जनता की सेवा के लिए है,उन्हे परेशान करने के लिए नही.इसीलिए मेरी आपसे गुज़ारिश है की प्लीज़ आप इस केस से जुड़े सभी अफसरो की जाँच के ऑर्डर्स दे & मेरे क्लाइंट को बरी कर इस हरासमेंट से छुटकारा दिलाएँ."
जड्ज ने सारे पेपर्स देखे & फिर दोनो वकिलो से कुच्छ सवाल किए.थोड़ी देर बाद दोनो वकील उनका फ़ैसला सुन रहे थे,"..त्रिवेणी ग्रूप ने कोई ग़लती नही की क्यूकी एक्सपोर्ट के वक़्त नयी ड्यूटी लागू ही नही हुई थी.इसलिए उन्हे इस मामले से बरी किया जाता है.मगर अदालत को 1 बात बहुत चिंताजनक लगी है & वो ये की त्रिवेणी ग्रूप के बार-2 लेटर्स भेजने पर भी सरकार ने उनकी कोई सुनवाई नही की & मामला यहा तक ले आई.अगर उन्होने लेटर्स पे ध्यान दिया होता तो अदालत का कीमती वक़्त & जनता का पैसा,दोनो की बचत होती.इसलिए अदालत सरकार को मामले से जुड़े अफसरो की जाँच का हुक्म सुनाती है."
क्रमशः................
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