RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
- थोड़ी देर बाद ड्राइवर ने कामिनी की कार उसके दफ़्तर के बाहर रोकी,"मेडम.मैं पेट्रोल डलवा कर अभी आता हू." "ठीक है.",कामिनी अपने दफ़्तर मे दाखिल हुई.उसके दफ़्तर मे घुसते ही 1 हॉल था जिसमे 1 तरफ उसकी सेक्रेटरी रश्मि का डेस्क था & दूसरी तरफ लोगो के बैठने के लिए सोफे & कुर्सिया लगे हुए थे.उसी हॉल के 1 कोने को शीशे के पारटिशन लगा कर उसके असिस्टेंट मुकुल का कॅबिन बनाया गया था.और सामने 1 दरवाज़ा दिख रहा था जिसके उस तरफ कामिनी का कॅबिन था. कामिनी ने देखा कि हॉल मे ना उसकी सेक्रेटरी मौजूद थी ना ही उसका असिस्टेंट.इतनी देर तो दोनो कभी नही करते थे,लेकिन ऑफीस तो खुला हुआ है & यहा की चाभी तो इन दोनो के सिवाय बस उसी के पास थी,फिर है कहा ये दोनो?...सोचती हुई वो अपने कॅबिन की तरफ बढ़ी कि तभी रश्मि की आवाज़ उसके कानो मे पड़ी,"...उउफफफ्फ़..नही कुर्ते के अंदर नही.." कामिनी ने हल्के से अपने कॅबिन का दरवाज़ा खोला,सामने दीवार से लगी रश्मि को बाहो मे भरे मुकुल चूम रहा था & अपना हाथ उसके कुर्ते मे घुसाने की नाकाम कोशिश कर रहा था. "..बस 1 बार दिखा दो...बस 1 बार 1!",मुकुल मिन्नते कर रहा था. "नही!पागल हो गये हो क्या?!मॅ'म अभी आती ही होंगी." "अभी बहुत वक़्त है उनके आने मे..प्लीज़ रश्मि बस 1 बार अपनी चूचिया दिखा दो ना..तुम्हे मेरी कसम!",दीवार से लगी रश्मि को मुकुल ने अपने जिस्म से पूरा दबा रखा था & रश्मि की भी आखें थोड़ी मदहोश होने लगी थी.आख़िर 1 जवान लड़की अपनी चूत पे दबे 1 जवान लंड के असर से कब तक सायंत रह सकती है. "तुम बड़े बदमाश हो!हर बार अपनी कसम खिलके अपनी मनमानी करते हो!",उसने उसके गाल पे 1 चपत लगाई. "क्या मनमानी की है भाई!आज तक तुमने चूमने से आगे बढ़ने ही कहा दिया है..प्लीज़ अब ज़्यादा देर ना करो..मॅ'म आ जाएँगी..बस 1 बार दर्शन तो करवा दो इनके..",उसने 1 हाथ से कुर्ते के उपर से ही उसकी छाती दबा दी. "औउ..!",तब तक 1 हाथ पीछे ले जा कर मुकुल ने उसके कुर्ते का ज़िप खोल दिया था & उसे कंधे से नीचे ढलकने की कोशिश कर रहा था. "नही!ऐसे नही!पागल कहीं के!",रश्मि ने उसके हाथ अपने कुर्ते से अलग किए & धीरे से कुर्ते को नीचे कर उसके गले को खोल दिया,"लो देखो!",उसका दिल बहुत ज़ोरो से धड़क रहा था. "वाउ!",मुकुल ने कुर्ते के गले मे हाथ डाल उसके ब्रा मे से उसकी 1 चूची को निकाल लिया.रश्मि की चूचिया बहुत बड़ी तो नही थी मगर बहुत छ्होटी भी नही थी,उसकी नुमाया हुई चूची पे सज़ा भूरा निपल बड़ा प्यारा लग रहा था.मुकुल झुका & उस चूची को अपने मुँह मे भर लिया & तो रश्मि छटपटाते हुए आहें भरने लगी.ये सब देख कर कामिनी भी गरम होने लगी थी पर आज बहुत काम था & उसने सोचा कि अगर अभी ना रोका गया तो मुकुल तो आज रश्मि को चोदे बिना नही छ्चोड़ेगा. उसने दरवाज़ा बंद किया & वापस ऑफीस के मैं दरवाज़े पे आई & इस बार थोड़ी आवाज़ के साथ दरवाज़े को खोला,"अरे कहा हो भाई?मुकुल?रश्मि?" तुरंत उसका कॅबिन खुला & मुकुल बाहर आया,"गू-गुड मॉर्निंग,मॅ'म." "गुड मॉर्निंग.कॅबिन मे क्या कर रहे थे?" "वो केस फाइल पड़ी थी ना वही लेने गया था." "तो नही मिली क्या?",कामिनी ने उसके खाली हाथो की तरफ देखा. "जी..!ना-नही..वो रश्मि ढूँदने मे मेरी मदद कर रही है.रश्मि तुम्हे मिली फाइल?",उसने गर्दन घुमा कर कॅबिन की तरफ देखते हुए पूचछा. "हां..हां..ये लो..",रश्मि के चेहरे पे घबराहट सॉफ नज़र आ रही थी.कामिनी चुपचाप बिना कुच्छ बोले अपने कॅबिन मे दाखिल हो गयी.थोड़ी देर बाद उसने इंटरकम से रश्मि को अंदर बुलाया. "रश्मि,ये क्या है?",उसने अपने कॅबिन की ओर इशारा किया. "जी!मॅ'म?" "ये क्या है,रश्मि?",उसने सवाल दोहराया. "आपका ऑफीस,मॅ'म." "तो थोड़ी देर पहले तुम दोनो इसे अपना बेडरूम क्यू समझ रहे थे?",कामिनी अपनी कुर्सी से उठ खिड़की के पास खड़ी हो बाहर देख रही थी,उसकी पीठ रश्मि की तरफ थी.रश्मि को तो काटो तो खून नही!वो भागती हुई कामिनी के पास आ गयी,"आइ'एम सॉरी,मॅ'म.मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हो गयी.प्लीज़ मॅ'म..मुझे निकालिएगा नही...प्लीज़...आइन्दा ये सब नही होगा.प्ल-.." कामिनी हंसते हुए घूमी तो रश्मि का मुँह आश्चर्या से खुल गया,"अरे पगली!मैने तुमसे 1 सवाल पुचछा & तुम तो पूरी रामायण पढ़ने लगी!मैने कब की तुम्हे निकालने की बात?",रश्मि की जान मे जान आई,"..वो..मॅ'म..",जल्दी मे कपड़े ठीक करने के कारण उसके कुर्ते के गले मे से उसके कंधे पे ब्रा स्ट्रॅप नज़र आ रहा था. "रश्मि,ये मर्द बड़े बेसबरे होते हैं..",कामिनी ने उसके ब्रा स्टरापको कुर्ते के नीचे कर उसके कुर्ते को सही किया,"..इन्हे हर वक़्त बस 1 ही बात सूझती है..पर हमे होश से काम लेना होता है..अगर मेरी जगह पीयान या कोई और तुम दोनो को देख लेता तो?" "..आगे से ध्यान रखना...& अपने दीवाने को मत बताना कि मुझे तुम दोनो के बारे मे पता चल गया है वरना मुझ से नज़रे नही मिला पाएगा & फिर काम भी ढंग से नही करेगा.चलो जाओ." "थॅंक यू,मॅ'म.",रश्मि घूम के जाने लगी. "और सुनो रश्मि,सॉरी." "जी,मॅ'म?" "आज शाम तुम्हे टॅक्सी से घर जाना पड़ेगा क्यूकी तुम्हारे ड्राइवर को मेरे साथ 1 मीटिंग मे जाना है.",मुकुल रोज़रशमी को अपनी बाइक से छ्चोड़ता था,कामिनी का इशारा उसी ओर था. "आप भी ना,मॅ'म.",रश्मि शरमाते हुए बाहर चली गयी. क्रमश.................. --
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