RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
गहरी चाल पार्ट--4
वो इंसान इस वक़्त देल्ही के 1 फार्महाउस के स्विम्मिंग पूल की दीवार से लग कर कमर तक पानी मे बैठा था.वो सिर्फ़ अंडरवेर मे था & इस कारण ये सॉफ ज़ाहिर हो रहा था की 55 बरस की उम्र होने के बावजूद उसका 6 फ्ट लंबा सांवला बदन अभी भी गथीला था.उसके चेहरे पे 1 काली मून्छ थी & सर पे काले-सफेद खिचड़ी बॉल,जिन्हे उसने दाई तरफ से माँग कर 1 खास अंदाज़ मे सेट करवाया था. उसकी दाई बाँह के घेरे मे,2 पीस सफेद बिकिनी पहने एक 20 साल की खूबसूरत लड़की बैठी थी जिसे वो अपने से चिपका कर चूम रहा था.चूमते हुए उसने अपनी जीभ उसके मुँह के अंदर डालने की कोशिश की तो उस लड़की ने किस तोड़ दी & अपना चेहरा घुमा लिया.उसके चेहरे पे घबराहट,झिझक & शर्म की परच्छाइयाँ सॉफ झलक रही थी. उस इंसान के चेहरे पे 1 वासना से भरी च्छिच्चोरी मुस्कान खेलने लगी.उसने लड़की के चेहरे को वापस अपनी ओर घुमाया & फिर से उसके गुलाबी होंठो को चूमने लगा. "एक्सक्यूस मी,सर.आपका फोन",उसने लड़की के होंठो को छ्चोड़ कर गर्दन घुमाई,1 दूसरी लड़की हाथ मे कॉर्डलेस फोन लिए खड़ी थी.ये लड़की पहली वाली की हमउम्र थी & उसी की तरह खूबसूरत भी,उसने भी 2 पीस बिकिनी ही पहनी थी.फ़र्क ये था की इसकी बिकिनी का रंग क़ाला था & चेहरे पे घबराहट के बजाय शरारत भरी मुस्कान खेल रही थी. वो इंसान पूल से बाहर आया & हाथ बढ़ा कर पहली लड़की की पूल से बाहर निकलने मे मदद की.कुच्छ घबराहट & कुच्छ गीले पैरों की वजह से वो लड़की लड़खड़ा गयी तो उस इंसान ने उसे अपनी बाहों मे थाम अपने सीने से चिपका लिया.उसने लड़की को इतनी ज़ोर से पकड़ा हुआ था की लड़की की बड़ी-2 चूचिया उसके बालो भरे चौड़े सीने से बिल्कुल दब गयी & उसके बिकिनी के ब्रा के गले से झँकता क्लीवेज कुच्छ ज़्यादा ही उभर आया.उसने उसकी गंद दबाते हुए उसे फिर से चूम लिया,ऐसा लग रहा था मानो 1 मेमना किसी भेड़िए के पंजो मे फँसा हो. "जाओ,ज़रा अंदर से ड्रिंक ले आओ",उसकी भारी,रोबदार आवाज़ गूँजी & उसने लड़की के जवान,नशीले जिस्म को आज़ाद कर दिया & उसकी गंद पे 1 हल्की चपत लगाई.लड़की अंदर चली गयी तो उसने उसकी मटकती गंद को घूरते हुए दूसरी लड़की के हाथ से फोन लिया & अपनी बाई बाँह उसकी गर्दन मे डाल दी & दोनो साथ-2 चलने लगे,"जगबीर ठुकराल स्पीकिंग." "क्या?!ऐसा कैसे हो सकता है मिश्रा जी?!आप उस कल के छ्होकरे को केवल इस वजह से चुनाव का टिकेट दे रहे हैं क्यूकी उसके बाप की मौत के कारण उसे लोगो के सिंपती वोट्स मिलेंगे & मेरे इतने बरसो के तजुर्बे का कोई मोल नही है?",उसके माथे पे शिकन पड़ गयी थी.पूल से थोड़ा हट कर 1 दीवार से लगा कर 2 बड़े,मोटे गद्दो बिच्छा कर 1 बिस्तर बनाया गया था.दोनो चलते हुए उसी बिस्तर तक आ गये थे. "..ठीक है,मिश्रा जी.जो आप लोगो की मर्ज़ी.",उसने लड़की को आँखो से इशारा किया तो लड़की ने बिस्तर पे पड़े ट्वेल को उठा लिया & अपने घुटनो पे बैठ कर उसके कमर से नीचे के गीले बदन को पोंच्छने लगी,"..मैं तो पार्टी का पुराना वफ़ादार हू,साहब..इतने सालो तक आप लोगो ने जो भी फ़ैसला लिया है,मैने उसे माना है,आज भी मानूँगा...नही,नही,घबराईए नही मैं पार्टी नही छ्चोड़ूँगा...",लड़की ने उसकी टाँगे पोंच्छने के बाद उसका गीला अंडरवेर निकाल दिया & काले,सफेद झांतो से घिरे उसके लंड & अंदो को सुखाने लगी,ठुकराल का 1 हाथ उसके सर पे आ गया & उसके बालो से खेलने लगा,"...हां,ठीक है.नमस्कार.",उसने फोन बंद कर लड़की को थमाया तो उसने उसे बिस्तर के बगल मे रखी तिपाई पे रख दिया. ठुकराल बिस्तर पे टांगे पसार कर बैठ गया तो वो लड़की भी उसके पहलू मे आ गयी,"हुज़ूर का मूड खराब लगता है?",उसने अपने जवान जिस्म को ठुकराल के बदन से चिपका लिया & अपनी दाई टांग उसकी टांगो पे चढ़ा अपने पैर से सहलाने लगी. ठुकराल ने अपनी दाई बाँह उसके कंधे पे लपेट दी,"जानेमन!मूड ठीक करने के लिए ही तो तुम्हे & तुम्हारी सहेली को बुलाया है.क्या नाम है तुम्हारा?" "सोना.",उस लड़की ने अपने नखुनो से ठुकराल के निपल्स को खरोंचा. "वाह!जैसा नाम वैसा ही चमकता जिस्म!",ठुकराल उसे चूमने लगा,उसका दूसरा हाथ सोना की कमर को मसल्ने लगा.सोना ने अपनी जीभ उसके मुँह मे डाल दी & ठुकराल की जीभ से खेलने लगी.ठुकराल का हाथ उसके कंधे से उतार उसकी पीठ पे फिसलता हुआ उसकी बिकिनी के ब्रा को खोलने की कोशिश कर रहा था पर इसमे उसे कामयाबी नही मिल रही थी. सोना ने हंसते हुए अपने होंठो को उसके होंठो से अलग किया & हाथ पीछे ले जा के ब्रा के हुक्स खोल दिए & बड़ी अदा से धीरे-2 उसे अपने सीने से ढालका दिया.ब्रा जैसे ही चूचियो से नीचे हुआ उसने अपनी दोनो बाहे सीने पे रख अपनी चूचियाँ ढँक ली.ठुकराल ने मुस्कुराते हुए उसके दोनो जिस्मो के बीच गिरे ब्रा को उठा कर फेंक दिया & झुक कर अपने होंठ सोना की बाँहो के उपर से झँकते हुए छातियो के हिस्से पे रख ज़ोर से चूसने लगा. "ऊऊहह......",सोना की आह निकल गयी & उसने अपनी बाहें सीने पे से हटा ठुकराल के सर को पकड़ कर अपने सीने पे भींच दिया.ठुकराल किसी भूखे कुत्ते- जिसे की अचानक बोटी मिल गयी हो-की तरह उसकी चूचियो पे टूट पड़ा.जैसे-2 उसकी ज़ुबान की हरकते तेज़ होती गयी,वैसे-2 सोना की आहें भी तेज़ होती गयी.
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