RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
विकास की कमीज़ पूरी गीली हो गयी तो वो बाथरूम से बाहर भागा & पानी का 1 भरा जग लेकर वापस आया & कामिनी के हाथो को पकड़ कर पूरा का पूरा जग उसके उपर खाली कर दिया.कामिनी ने झुक कर बचने की नाकाम कोशिश की & उसने जो सफेद सलवार-कमीज़ पहनी थी उसकी कमीज़ भी पूरी गीली हो उसके गोरे बदन से चिपक गयी.कामिनी सीधी खड़ी हुई तो उसने देखा की विकास अपनी भीगी हुई शर्ट उतार रहा है. विकास 6 फिट का गथिले बदन का जवान लड़का था & जब उसने अपनी शर्ट निकाल ली तो उसके बालो भरे गीले सीने को नंगा देख कामिनी को शर्म आ गयी.उसने अपनी नज़रे नीची कर ली & झुक कर अपने गीले कुर्ते के कोने को पकड़ कर उसे निचोड़ने लगी.निचोड़ते हुए उसने हौले से अपनी नज़रे उपर की तो देखा की केवल पॅंट मे खड़ा विकास उसे घूर रहा है.झुके होने के कारण उसकी छातियो का बड़ा सा हिस्सा,जिसपे पानी की बूंदे मोतियो सी चमक रही थी, कुर्ते के गले मे से झलक रहा था. कामिनी फ़ौरन सीधी खड़ी हो गयी तो विकास की नज़रे उसके सीने से नीचे उसके गीले कुर्ते से नुमाया हो रहे उसके गोल,सपाट पेट पे आ जमी.शर्म से कामिनी के गुलाबी गाल और लाल हो गये & घूम कर उसने विकास की ओर अपनी पीठ कर ली.विकास ने आगे बढ़ उसके कंधो को थाम उसे अपनी ओर घुमाया & उसे अपने सीने से लगा लिया.उसकी अचानक की गयी इस हरकत से कामिनी लड़खड़ा गयी & उसने सहारे के लिए अपने प्रेमी को थाम लिया.विकास की नगी पीठ पे हाथ रखते ही कामिनी के बदन मे झुरजुरी सी दौड़ गयी. यू तो वो कई बार विकास के गले लगी थी & शर्ट सेझाँकते उसके सीने को छुआ था,चूमा था पर ये पहली बार था की वो उसके नंगे उपरी बदन को छु रही थी-छु क्या रही थी,उस से चिपकी हुई थी.विकास ने नीचे झुक कर उसके रसीले होंठो को अपने होंठो की गिरफ़्त मे ले लिया & दोनो 1 दूसरे को चूमने लगे.थोड़ी देर मे विकास उसके होंठो को खोल अपनी जीभ से उसकी ज़ुबान को छुआ तो जवाब मे कामिनी ने गर्मजोशी से अपनी जीभ उसकी जीभ से लड़ा दी. "ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़प्प्प्प्प...",कामिनी जैसे नींद से जागी,विकास ने उसके कुर्ते के ज़िप को खोल दिया था & हाथ अंदर घुसा उसकी पीठ पे फेर रहा था. "नही!",किस तोड़ वो कसमसने लगी. "क्यू?" "प्लीज़,विकास नही करो." "अच्छा बाबा!",विकास ने वापस उसका ज़िप लगा दिया,"अब खुश?",कामिनी मुस्कुराइ & दोनो फिर 1 दूसरे को चूमने लगे.इस बार विकास ने हाथ नीचे से उसके कुर्ते मे डाला & उसकी कमर को सहलाने लगा. "उम्म्म..",कामिनी फिर कसमसाई. "अब क्या हुआ?यहा कोई पहली बार थोड़े ही छु रहा हू!",ठीक ही कहा था विकास ने,यहा पे तो वो रोज़ ही हाथ फेरता था & जब कभी कामिनी सारी पहनती तब तो उसकी शामत ही आ जाती.विकास के हाथ तो उसके पेट या कमर को छ्चोड़ने का नाम ही नही लेते थे! विकास उसके होंठो को छ्चोड़ नीचे कामिनी की लंबी गर्दन पे आ गया था & चूम रहा था.कामिनी मस्त हो उसके बालो मे उंगलिया फिरा रही थी कि तभी विकास उसकी गर्दन से चूमते हुए उपर आया & उसके कान के पीछे चूमने लगा.ये जगह कामिनी की कमज़ोर नस थी,विकास के वाहा अपने होंठ लगते ही कामिनी की आँखे बंद हो गयी & होठ खुल गये & वो जैसे बेहोश सी हो गयी.उसकी उंगलिया & शिद्दत से उसके आशिक़ के बालो मे घूमने लगी.विकास ने मौके का फ़ायदा उठाते हुए फिर से उसका ज़िप खोल दिया & हाथ घुसा उसकी पीठ सहलाने लगा.अब उसके हाथ कामिनी की कमर & पीठ को पूरी तरह से से मसल रहे थे. जोश मे डूबी कामिनी की टांगे जवाब देने लगी & वो गिरने ही वाली थी कि विकास ने उसे थाम लिया & अपनी बाहे उसकी मस्त गंद के नीचे लपेट उसे उठा लिया.कामिनी झुक कर उसके चेहरे को चूमने लगी,विकास उसे उठा कर ऑफीस मे ले आया & वाहा रखे बड़े से सोफे पे उसे बिठा दिया & फिर उसकी बगल मे बैठ कर उसे बाँहो मे भर चूमने लगा. उसके चेहरे से नीचे वो उसकी गर्दन पे आया & फिर उसके ज़िप खुले कुर्ते को नीचे कर उसके गर्दन & छातियो के बीच के हिस्से को चूमने लगा.आज से पहले दोनो ने इस तरह प्यार नही किया था.अब तक तो बस गले लग के चूमना & कपड़ो के उपर से ही सहलाना होता रहा था.कामिनी ने अभी तक 1 बार भी विवके को अपनी छातियो या किसी और नाज़ुक अंग को छुने नही दिया था. कमरे का माहौल धीरे-2 और गरम हो रहा था.कामिनी बेचैनी से अपनी जंघे रगड़ने लगी थी.विकास उसके कुर्ते को नीचे कर उसके कंधो को बारी-2 से चूम रहा था.कुर्ते को बाहो से नीचे कर वो उसकी उपरी बाँह को चूमने लगा.उसके हाथ नीचे से कुर्ते के अंदर घुस उसकी पतली कमर को मसल रहे थे.अचानक विकास ने कामिनी को सोफे पे लिटा दिया & उसके कुर्ते को उपर कर उसके पेट को चूमने लगा. "ऑश...विकास.....प्ल...ईज़...नही का.....रो..आहह...!",विकास ने उसकी बाते अनसुनी करते हुए उसके पेट को चूमते हुए अपनी जीभ उसकी गहरी,गोल नाभि मे उतार दी थी & पागलो की तरह फिरने लगा था.कामिनी उसके सर को थाम बेबसी से आहे भरती हुई छटपटा रही थी.विकास काफ़ी देर तक उसकी नाभि से खेलता रहा & फिर थोडा और नीचे आकर उसकी नाभि & सलवार के बीच के हिस्से को चूमने लगा.कामिनी का बुरा हाल था,उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी & उसके दिल मे घबराहट,मज़े & मस्ती के मिले-जुले एहसास उमड़ रहे थे. "नही..!",विकास ने जैसे ही अपने हाथ मे ले उसकी सलवार की डोर खींचनी चाही.वो सोडे पे उठ बैठी & उसका हाथ पकड़ लिया.विकास ने उसके हाथ मे अपने हाथ की उंगलिया फँसा दी & उसके हाथो को अपने होंठो तक ला चूमने लगा,कामिनी की आँखे फिर मस्ती से बंद हो गयी.विकास उसके हाथो को चूम उसकी कलाई से होता हुआ उसकी बाँह को चूमने लगा,और उपर जाने पर उसके होठ कुर्ते की बाँह से आ लगे तो उसने उसे खींच कर कामिनी की बाँह से अलग कर दिया.कामिनी बस कमज़ोर सी आवाज़ मे नही-2 करती रही & उसने दूसरी बाँह को भी उतार दिया.अब कुर्ता उसकी कमर के गिर्द पड़ा हुआ था & सफेद ब्रा मे क़ैद,भारी सांसो से उपर-नीचे होते हुई,उसकी बड़ी-2 छातिया विकास की नज़रो के सामने थी. विकास ने बैठी हुई कामिनी को अपनी बाहो मे भर लिया & उसके चरे को चूमने लगा,"आइ लव यू,कामिनी..आइ लव यू,डार्लिंग!",वो उसकी पीठ सहलाते हुए उसके कानो के पीछे चूम रहा था. "आइ लव..वी यू..टू,विकी...!....ह्म्म्म्म...!",कामिनी और ज़्यादा मस्त हो रही थी.विकास पागलो की तरह उसकी पीठ पे हाथ फेर रहा था & ऐसा करने से उसका हाथ कामिनी के ब्रा स्ट्रॅप मे फँस गया & जब उसने निकालने की कोशिश की तो पट से उसके ब्रा के हुक्स खुल गये.विकास ने सर उसके चेहरे से उठा उसकी ओर देखा.
|