RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
माँ बेटे के इस सिक्सटी नाइन के आसान को देखकर शोभा और नेहा भी वही उनकी बगल मे लेट गयी और चालू हो गयी.
दर्शन जब झाड़ा तो आनंद के अतिरेक से रोने को आ गया. वह क्षण ही ऐसा था, मा बेटे के मिलन के चरमोत्कर्ष का क्षण. अपनी मा की चूत से निकलते अमृत का पान करते हुए अपनी मा के ही मूह मे स्खलित होकर अपनी मलाई उसे पिलाना, इससे ज़्यादा सुख की वह कल्पना नही कर सकता था. स्खलन की तीव्रता से उसे चक्कर सा आ गया. प्राची भी ऐसी मस्ती मे थी कि उचक उचक कर अपनी बर अपने बेटे के मूह पर रगड़ रही थी और अपने मूह मे निकलते गरमागरम गाढ़े वीर्य के स्वाद के स्वाद का मज़ा ले रही थी. आख़िर जब प्राची झड़ी तब उसे शांति मिली. झाड़ कर वह वैसे ही अपने बेटे के शरीर पर पड़ी रही. शोभा और नेहा भी मा बेटे के इस संभोग को देखकर आपस मे जुटि थी.
कुछ देर से सब उठ बैठे. "क्यों प्राची, कैसी लगी अपने लाड़ले की मलाई? मज़ा आया? रबड़ी है ना रबड़ी? और दर्शन, हो गयी तेरे मन की शांति? वैसे अभी तो सिर्फ़ एक दूसरे का रस पिया है तुम मा बेटे ने, जब तक ठीक से चोदोगे नही तब तक यह मिलन पूरा नही होगा" शोभा ने दर्शन के गालों को पुचकार कर कहा. फिर वह प्राची को बोली "वैसे प्राची, तूने एकेदम ठीक किया कि इसे पहले चूस लिया. जैसी हालत मे ये था उसमे यह एक मिनिट से ज़्यादा नही टिकने वाला था. जवान लड़का है, अभी दस मिनिट मे तैयार हो जाएगा, तब घन्टे भर इससे चुदवा लेना. पूरी सेवा कराए बिना नही छोड़ना"
नेहा की तरफ देखकर शोभा ने उसे उठने का इशारा किया "नेहा, चल हम दूसरे बेडरूम मे चलते है. इस मधुर घड़ी मे मा बेटे को अकेला छोड़ना ही ठीक है. उन्हे मन भर कर इस नये संबंध का मज़ा लेने दो. कल रात से हम सब फिर साथ साथ मस्ती करेंगे"
वे दोनो बाहर चली गयी और दरवाजा बंद कर दिया. प्राची झाड़ चुकी थी पर उसकी बुर मे लगी आग शांत ही नही हो रही थी. बेटे से मुखमैंतुन करके उसके शरीर मे मानों कामदेव और रतिदेवी प्रवेश कर गये थे. दर्शन का लंड हाथ मे लेकर वह उसे फिर चूसने लगी. अपनी जांघे उसने कस कर दर्शन के सिर के इर्द गिर्द जाकड़ कर रखी और अपनी चूत उसके होंठों पर
रगड़ती रही.
दर्शन जब थोड़ा संभला तो अपने मूह से सटि बुर को फिर से चूसने लगा. मा की बुर से निकल रहे छिपचिपे पानी ने उसे मा की वासना की पूरी कल्पना दे दी. मा की यह धधकती अगन महसूस करके वह थोड़ा शरमा गया कि मा की यह हालत उसके कारण हुई है. वह अपना कर्तव्य पूरा करने मे जुट गया. शोभा आंटी ने उसे जो चूत चूसने की ट्रेनिंग दी थी उसका पूरा इस्तेमाल करके उसने अपना सब कौशल दाँव पर लगा दिया.
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