RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
नेहा प्राची के निपल खीचती हुई बोली "दर्शन देख, ये तेरी उंगली जितने बड़े है. चूसने मे तो मज़ा आता ही है, चबाने मे भी बहुत आनंद आता है, लगता है चबा कर खा डालें. देख!" और प्राची का एक निपल मुख मे लेकर नेहा उसे चूसने और हौले हौले चबाने लगी. सुख और पीड़ा के मिले जुले अनुभव से प्राची चीख उठि "उईईईईईईईईईईईईईईई मा मत काट नेहा ... प्लीज़ ज़् ..मुझे सहन नही होता .. नासिक मे भी तूने काट काट कर मुझे बहुत तंग किया था"
दर्शन अब रोने को आ गया था, उसकी अवस्था स्वर्ग जाकर भी वहाँ का सुख ना पा सकने वाले त्रिशंकु जैसी हो गयी थी. उसका लंड लोहे के राड जैसा तन कर खड़ा था.
शोभा दो उंगलियाँ प्राची की चूत मे घुसेडकर उसे हस्तमैंतुन करा रही थी. बीच मे ही वह उठि और दर्शन के पास आई. उसके मूह के सामने अपनी उंगलियाँ नचाती हुई बोली "देख तेरी मा की चूत का रस. कितना चिपचिपा और गाढ़ा है, है ना? शहद से ज़्यादा! सूंघ कर देख इसकी खुशबू. मुझे तो अब चस्का लग गया है इसका."
सफेद गाढ़े चिपचिपे रस से सनी उन उंगलियों को देखकर दर्शन कराह उठ. "चाटेगा बेटे?" शोभा ने उसे पूछा. दर्शन ने मूंडी हिलाई तो शोभा उंगलियों को उसके मूह के पास ले गयी. दर्शन ने जब मूह खोल कर जीभ से उन्हे चाटने की कोशिश की तो शोभा ने हँसते हुए हाथ पीछे खींच लिया. कुछ देर उसे वह इसी तरह सताती रही. दर्शन की हरकत देखकर नेहा मस्ती मे मुस्कराने लगी.
कुछ देर सता कर शोभा का दिल पसीज गया जब उसने दर्शन की आँखों मे देखा कि उसे कितनी तकलीफ़ हो रही है. उसने दर्शन के मूह मे उंगलियाँ डाल दी. आँखे बंद करके दर्शन उन्हे चाटने लगा. उसका शरीर अब वासना से ऐसा तन गया था जैसे खींच कर रखा धनुष हो.
उंगलियाँ चटाकर शोभा वापस पलंग पर चली गयी. नेहा प्राची के मूह पर बैठकर अपनी चूत उसके होंठों पर घिस रही थी. शोभा प्राची की बुर चूसने मे जुट गयी. फिर सिर ऊपर करके शैतानी से मुस्कराते हुए दर्शन को बोली "बेटे, लगता नही कि आज तेरे लिए कुछ बचेगा. आज तेरी ये मा इतना मीठ रस छोड़ रही है कि लगता है कि हम मा बेटि को ही कम पड़ेगा.
वैसे समझ मे नही आता आज ऐसा क्या हो गया कि इसकी चूत इतना पानी छोड़ रही है, जैसे चूत नही अमृत का नल हो. अरे हां, मैं भूल ही गयी, अपने लाड़ले के तने हुए खूबसूरत शिश्न को देख कर इसकी यह हालत हुई है. ठीक भी है, किस मा की नही होगी! नेहा, चल अब तू भी चख ले नही तो कहेगी की मम्मी, तुमने मौसी की बुर निचोड़ ली और मेरे लिए कुछ नही छोड़ा"
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