RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
"मा, मैं डरता था कि तुम बुरा मान जाओगी" दर्शन धीरे स्वर मे बोला. मा के होंठों का स्वाद उसे मदहोश करने लगा था.
प्राची ने अपने होंठों से उसके होंठ अलग किए और अपनी जीभ उसके मूह मे डाल दी. दर्शन उसे चूसता हुआ प्राची के पूरे शरीर को बेतहाशा टटोलने लगा जैसे मा के पूरे बदन को एक क्षण मे भोग लेना चाहता हो. उसे अब भी विश्वास नही हो रहा था कि उसकी प्यारी मा उसको ऐसे लाड कर रही है, मा की तरह नही बल्कि एक प्रेमिका की तरह. उसका लंड अब प्राची की जांघों पर रगड़ रहा था. ब्रेसियर के ऊपर से उसने अपनी मा के स्तनों के त्रिकोण को हौले हौले सहलाया तो उसे ऐसा लगा कि वहाँ निपल ना होकर लंबी लंबी मूगफलियाँ हों. उन्हे मूह मे लेने की तीव्र इच्छा उसे हुई और प्राची की पीठ के पीछे हाथ बढ़ाकर वह उसके हुक निकालने की कोशिश करने लगा.
शोभा ने यह देखकर नेहा को आँख मारी. नेहा उठि और सप से डिल्डो को शोभा की चूत मे से निकाल लिया. शोभा ने उठकर दर्शन को पकड़ा और खींच कर अपनी मा से अलग कर दिया. फिर उसे उठाकर ढकेलति हुई एक कुर्सी तक ले गयी और उसे वहाँ ज़बरदस्ती बिठा दिया. नेहा तैयार खड़ी थी. उसने झट से दर्शन के हाथ कुर्सी के हत्थो से बाँध दिए, इसके लिए उसने अपनी और शोभा की ब्रेसियर का रस्सी जैसा उपयोग किया. शोभा ने झुक कर उसके तन्नाकर खड़े शिश्न का चुंबन लिया और फिर से बिस्तर पर आ गयी.
"अरी नेहा, ऐसे क्यों बाँध दिया मेरे लाल को? मुझे भी तूने ऐसा ही किया था नासिक मे, मेरी हालत खराब कर दी थी. देख बेचारे की कैसी हालत हो गयी है! चल, छोड़ से उसे" कहकर वह उठने की कोशिश करने लगी कि अपने बेटे के बंधन खोल दे, दर्शन की आँखों मे झलकती असहाय कामुकता उससे देखी नही जा रही थी.
शोभा ने प्राची के सामने बैठ कर उसका सिर दोनो हाथों मे पकड़ा और चूमने लगी. नेहा ने उसे पीछे से जाकड़ लिया और उसकी चूंचियाँ दबाते हुए बोली "हां मौसी, मैने तेरी हालत ज़रूर खराब की पर कितनी मस्ती मे तू सिसक रही थी और सी सी कर रही थी यह भूल गयी? ऐसा ही सुख तेरे बेटे को मिले यही तो मैं और मम्मी चाहते है
शोभा ने प्यार से प्राची को चूमते हुए कहा "अब हम दोनो मा बेटियाँ मिलकर तुझे प्यार करेंगे प्राची, तेरे बेटे के सामने तेरे इस रसीले बदन को हौले हौले मज़े ले लेकर भोगेंगे. दर्शन को धीरे धीरे अपनी मा का यह मतवाला बदन दिखेगा, येमुलायम मम्मे और ये मूँगफलियाँ दिखेंगी, तेरी रसीली गीली गुलाबी चूत उसके सामने नंगी होगी पर रस पिएँगे हम. वह तो सिर्फ़ देखेगा कि उसकी मा क्या चीज़ है, चबा चबा कर खा जाने लायक एक मिठाई है. हमारे पेट भर जाने पर दर्शन की दावत
होगी. दावत का मज़ा लेने के लिए उसे खूब भूख लगाना चाहिए. फिर देखना अपनी अम्मा के शरीर का छप्पन भोग वह कैसे लगाएगा!"
प्राची झूठ मूठ का गुस्सा दिखाती हुई "नही, छोड़ो मुझे, खबरदार मुझे या मेरे बच्चे को ऐसा सताया तो, सुन नेहा ... मैने कहा ना ...." कहती रह गयी पर शोभा ने उसका मूह अपनी चूत पर दबा कर उसका सिर अपनी मोटि जांघों मे जाकड़ कर उसकी बोलती बंद कर दी. एक दो बार हाथ पैर पटककर प्राची शांत हो गयी और चटखारे ले लेकर शोभा की बुर का रस
पीने लगी. नेहा एक हाथ से बड़ी कुशलता से उसके स्तन दबा रही थी और दूसरा हाथ प्राची की पैंटी मे डालकर उसकी बुर रगड़ रही थी.
एक घन्टे मे दर्शन पागल होने को आ गया. उसके सामने उसकी जननी, उसकी मा को दोनो औरतों ने मिलकर पूरा भोगा. धीरे धीरे उन्होने प्राची की ब्रा और पैंटी निकाली और दर्शन को अपनी मा का नग्न रूप दिखाया. उसकी चूत चूसी, बारी बारी से उसके सिर पर बैठकर अपनी बुर चटवायि और उसके स्तनाग्र मूह मे लेकर चूस. चून्चिया मसल मसल कर लाल कर दी.
शोभा ने प्राची के टांगे चौड़ी की और उसकी चूत उंगलियों से फैलाकर दर्शन को दिखाई. "देखो दर्शन बेटे, देखा कितनी प्यारी जगह है जहाँ से तू इस संसार मे आया था! अब हम जब तुझे छोड़ेंगे तो तेरा फ़र्ज़ बनता है कि फिर से उसी स्वर्ग मे जाने की कोशिश कर. अगर स्वर्ग मे घुस नही पाया फिर भी स्वर्ग जाने की इस गुफा से निकलता अमृत तू ज़रूर चख सकता है. वैसे तेरे लिए कितना रस बचेगा कह नही सकती, हम दोनो का अभी पेट नही भरा"
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