RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
दर्शन चुप था पर अनजाने मे वह अपना लंड पकड़कर हिलाने लगा था. उसे अपनी मा का कपड़े बदलते समय का वह अर्धनग्न रूप याद आ रहा था जो उसने कल चुपचाप देख लिया था. उसने चुपचाप शोभा की ओर देख कर आँखों आँखों मे हाँ कहा.
शोभा खुश होकर बोली "तो बस, तू भी शामिल हो जाना हम औरतों की मस्ती मे. तेरी मा को भी बहुत अच्छ लगेगा. तू नही जानता वह कितनी गरम तबीयत की है, बेचारी कब से तरस रही है किसी मस्त जवान लंड के लिए, और उसे तुझसे अच्छ लंड कहाँ मिलेगा? जब मेरे जैसी पक्की लेस्बियन को तेरा लंड इतना भा गया तो वह तो पागल हो जाएगी तेरे सोंटे पर."
दर्शन अब भी थोड़ा सकुचा रहा था यह देख कर शोभा ने एक और तीर चलाया. "दर्शन राजा, तू मेरे इन नितंबों के बारे मे पूछ रहा था ना? इन्हें प्यार करने के लिए, इनके बीच मे अपना लंड घुसाने के लिए मेरी कुछ भी सेवा करेगा यह तू कह रहा था ना?" दर्शन ने मूंडी हिला कर हां कहा "तो समझ ले कि मैं अब चाहती हूँ कि तू अपनी मा को खुश करे, उसे पूरा तृप्त करे. अगर वह खुश हुई तो मैं भी खुश हो जाऊंगी और तुझे तेरा इनाम मिल जाएगा."
शोभा की गांद मारने को मिलेगी इस विचार से ही दर्शन मस्त हो कर झूम उठा. शोभा से चिपट कर बोला "जैसे आप कहती है मौसी वैसा ही करूँगा. पर एक बात और मौसी. नेहा ... याने वह भी क्या ...."
शोभा थोड़ी गंभीर हो गयी "वैसे वह तेरी मा पर इतनी मर मिटी है कि उसे छोड़ने को सहसा तैयार नही होगी पर उसे भी मज़ा आएगा मा बेटे का प्यार देख कर. पर बेटे, तुझे वह शायद हाथ भी नही लगाने देगी अपने बदन पर. वह पक्की लेस्बियन है, हॅंड्र्ड परसेंट. पर तू परेशान ना हो, आख़िर तेरी मा और मैं हूँ ना तेरे सुख की चिंता करने को. नेहा आगे
शायद बदल भी जाए!"
दर्शन अब तक शोभा की जांघों के बीच घुस कर उसकी बुर चाटने मे लग गया था. "अरे रुक ना, धो तो लेने दे, तेरा ही पानी टपक रहा है उसमे से, तेरे को स्वाद पसंद नही आएगा" पर दर्शन ने अनसुनी कर दी. शोभा की चूत से टपकते रस को चाटने मे वह इतना टल्ली हो गया था कि उसे कोई फिकर नही थी कि शोभा की चूत के रस मे उसका वीर्य भी मिला हुआ है.
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