RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
दर्शन मूह से निपल को निकाल कर बोला "हां मौसी, मन तो यही करता है. आपके स्तनों मे दूध होता तो क्या मज़ा आ जाता!"
शोभा मुस्काराकर बोली "क्यों रे, मा का दूध पीकर मन नही भरा तेरा? प्राची बता रही थी कि तूने तीन साल का होने तक उसका दूध पिया था. मानता ही नही था, रो रो कर आसमान सिर पर उठा लेता था. तभी तो उसके निपल लंबे लंबे हो गये है"
दर्शन का चेहरा शरम से लाल हो गया "माँ ने बताया तूम्हे मौसी! ये लंबे निपल वाली बात भी?"
"नही उसने लंबे निपल होने की बात नही बताई मुझे, मैने जब देखे तब पूछा था"
दर्शन की आँखे फैल गयी "तुमने देखे है मा के निपल? पर कैसे ..."
शोभा नटखट अंदाज मे मुस्कराती हुई बोली "सिर्फ़ देखे ही नही, चूसे भी है, बहुत मज़ा आता है उन्हें चूसने मे. कुछ भी कह दर्शन बेटे, तेरी मा बहुत ही सेक्सी है. तुझे नही लगता ऐसा?"
दर्शन भोंचक्का होकर उसका मूह ताकता रहा गया. मौसी ने मा के निपल चूसे? याने मा ने कपड़े निकाले होंगे? पर क्यों? और क्या क्या किया होगा उन्होने? उसके मन मे कैसे कैसे ख़याल आने लगे.
शोभा ने उसे सताना चालू रखा. आगे बोली "अरे उसकी चूत का रस तो मेरी चूत से भी ज़्यादा जायकेदार है. मैने तो खूब चखा है. अब नेहा से पूछून्गि जब वह वापस आएगी तो, कि बता, किसकी चूत ज़्यादा रसीली है, मेरी या दर्शन की मा की?"
सुनकर दर्शन का सिर चकराने लगा. उसे विश्वास नही हो रहा था. ये क्या लफडे चल रहे है उसकी मा, शोभा मौसी और नेहा के बीच! उसके लंड ने ऐसी उछाल मारी कि वह अपना संयम भूल कर हचक हचक कर शोभा को चोदने लगा. शोभा ने हँसते हुए उसे काबू मे करने की कोशिश की पर दर्शन ने उसे घचाघाच चोद कर ही दम लिया. जब वह झड्ने के बाद हान्फता हुआ शोभा की बाहों मे पड़ा आराम कर रहा था तब शोभा ने प्यार से उसे धीरे धीरे सब बताया. सुनकर दर्शन
का चेहरा देखने लायक हो गया. मा और शोभा आंटी के बीच हुई रति का वर्णन सुनने के बाद वह पूरा बहक गया. बेचारा बड़े अनिश्चय मे भी पड गया. अब जब मा वापस आएगी तो? उसने काँपते स्वर मे शोभा से पूछा "मौसी, अब जब नेहा और मा वापस आएँगी तब? तब क्या करेंगे?"
" वो मैं तेरे ऊपर छोड़ती हूँ बेटे. मेरी तो यही इच्छा है कि हमारे परिवारों मे खूब मेल जोल बढ़े. सब आपस मे मिल कर खूब रति सुख लें"
"पर मौसी, मैं क्या करूँ? मा के सामने कैसे तुमसे चुदाई ... मेरा मतलब है यह सब करूँ?" दर्शन ने व्याकुल होकर पूछा.
"माँ के सामने ना सही, पर मा के साथ तो कर सकता है ना?" शोभा ने मुस्कराते हुए उसे पास खींच कर उसकी आँखों मे झाँकते हुए पूछा.
दर्शन का चेहरा गुलाबी हो गया. पर लंड भी धीरे धीरे फिर से उठने की तैयारी करने लगा. उसकी हालत देख कर शोभा ने उससे सीधे पूछा. "इस चतुर्कोण के तीन कोने तो पूरे हो गये है, याने मैं और तेरी मा, नेहा और तेरी मा और मैं और तू. अब बचा है तो सिर्फ़ तेरा और तेरी मा का मिलन, वो तू सोच कि तुझे अच्छ लगेगा या नही. सच बता दर्शन, मा तुझे अच्छि लगती है ना? याने मा की तरह नही, जैसे मैं अच्छि लगती हूँ, वैसी अच्छि लगती है कि नही? तेरी मा से चुदाई करने मे तुझे मज़ा आएगा या नही?" शोभा ने उसे उकसाते हुए कहा.
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