RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
हाँफटे हुए नेहा बोली "मम्मी, तेरे जैसी बदमाश औरत को ऐसे ही चोदना चाहिए. कितनी शैतान है, तब से बतिया रही थी, प्राची के आगे भी ऐसे बैठी थी जैसे कीर्तन चल रहा हो. और वह प्राची मौसी, वो भी कम नही है, कैसे छुपा गयी कि तेरे साथ चार दिन क्या किया. अब देखो क्या हालत बनाती हूँ उसकी नासिक मे, सब नखरा भूल जाएगी"
शोभा को चोद कर नेहा थक गयी थी पर अब भी शांत नही हुई थी. शोभा को जाकड़कर फिर धक्के मारने लगी, पर थके होने की वजह से बेचारी को जम नही रहा था. आख़िर शोभा ने उसे प्यार से अपने नीचे लिया, स्ट्रैप उसकी कमर से खोल कर अपनी कमर मे बाँधे और आधे घंटे तक अपनी बेटी को सधी लय मे ढंग से मन लगाकर चोदा तब जाकर वह लड़की शांत हुई.
कुछ देर से शोभा ने उसके उरोजो की मालिश करते हुए उन्हे चूमते हुए कहा "हो गयी तेरी आग ठंडी? ऐसी कुश्ती और धरपकड़ प्राची मौसी के साथ नही करना नही तो बेचारी घबरा कर भाग लेगी. ज़रा प्यार से, बहुत गरम है वो पर थोड़ा शरमाती है. नयी नयी है ना अभी"
प्राची से रति का सपना देखती नेहा बोली "हां हां मम्मी, मालूम है, मैं कोई इतनी अनाड़ी नही हूँ. ये डिल्डो ले जाऊं क्या साथ मे? उसे भी अच्छा लगता है ना? आख़िर बेचारी को अब तक सिर्फ़ लंड से ही चुदने की आदत थी, अब नकली लंड ही सही"
शोभा अपनी बुर से डिल्डो निकालते हुई बोली "नही मेरी रानी, उसके साथ शुद्ध औरत औरत वाला प्यार करो, तू उसमे भी बहुत माहिर है, तुझ पर मर मिटेगी देखना. लंड का बाद मे देखेंगे. नकली क्यों, मैं उसे एक सच का अच्छा जवान लंड दिला दूँगी"
नेहा हँसने लगी. शोभा की चून्चि दबाकर बोली "मम्मी सच मे बड़ी हरामन हो तुम, मुझे पता चल गया किस लंड की बात कर रही हो. ऐसा दिमाग़ सिर्फ़ तेरा ही चल सकता है. पर यह बता, वो छोकरा दर्शन यहाँ रहेगा दो रात. उसके साथ क्या करने वाली हो तुम? मुझे लगता है कि कच्चा ही चबा जाओगी उसे. मुझे बेचारे पर तरस आता है. उसे पता नही है कि किस शेरनी के चंगुल मे फँस गया है वह बेचारा लड़का"
शोभा मुस्कराती हुए बोली "चल, कुछ अनाप शनाप मत बोल. वह सच मे बड़ा प्यारा चिकना लड़का है. मैं मन लगाकर उसे चखना चाहती हूँ, स्वाद ले ले कर"
"हां जैसे शेरनी खाती है हिरण के बच्चे को तड़पा तड़पा कर" नेहा फिर हँसने लगी.
"चल बदमाश, कुछ भी बोलती है. कोई इतना सीधा सादा हिरण का बच्चा भी नही है वो. मालूम है कि मैने परसों जब अपने मम्मे उसे अनजाने मे आधे खोल कर दिखाए तो क्या हालत हो गयी थी उसकी. इन लड़कों को औरतों की चून्चियो मे इतना इंटरेस्ट क्यों होता है भगवान जाने. पर मेरे लिए अच्छा है, मेरे मम्मों का इतना दीवाना है वो कि मेरे एक इशारे पर
मेरे कदमों मे लोट जाएगा वह बच्चा."
नेहा डिल्डो चाट रही थी. यह उसका प्रिय कार्यक्रम था. उसे बाहों मे लेकर शोभा बोली "नेहा बेटी, तू जानती है कि मुझे तो बस तेरे जैसी लड़किया और प्राची जैसी औरते ही पसंद है. मेरी मर्दों मे ज़्यादा दिलचस्पी नही है. कभी कभी स्वाद बदलने को ठीक है, पर दर्शन की बात और है. कितना प्यारा है, लगता नही है कि इंजिनियरिंग कर रह है, लगता है स्कूल मे है.
उसके उस मीठे कमसिन लंड का स्वाद मैं ज़रूर लूँगी. बहुत दिन हो गये किसी लंड को अपनी बुर मे लिए. जैसे तू प्राची आंटी के बारे मे कह रही थी, वैसे ही मैं उस छोकरे को पूरा निचोड़ कर हजम कर जाऊंगी. दो दिन मे देखना क्या हालत करती हूँ उसकी. पर प्यार से करूँगी जो भी करूँगी."
"मम्मी, उसके बाद? जब हम वापस आएँगे तब? हम सब साथ साथ है ... पिक्चर बनाने का इरादा है क्या? याने प्राची मौसी और दर्शन भी हमारे साथ? लंड की प्यासी उस भारतीय नारी की प्यासी चूत की प्यास शांत करेगा उसके प्यारे बेटे का लंड? मज़ा आ जाएगा मम्मी" बड़े उत्साह से उठ कर नेहा बोली.
शोभा ने उसे ज़बरदस्ती खींच कर सुला दिया "बहुत पाटर पाटर हो गयी तेरी, अब सो जा. एक बज गया. कल तुझे नासिक जाना है और कल रात भी जगाना है. ज़रा आराम कर, नही तो एन्जाय नही कर पाएगी" मा बेटी आने वाले रंगी कल के सपने देखते हुए एक दूसरी की बाहों मे सो गयी.
कंटिन्यूड…
भाग
2 समाप्त
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