RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
पहली रात की धुआँधार कामक्रीड़ा के बाद उनकी वासना की धार थोड़ी कम हो गयी थी इसलिए आज उन्होने बड़े प्यार से और धीरे धीरे आपस मे प्रणय किया. खूब चुंबन लिए, एक दूसरे के कपड़े उतार कर नग्न शरीर को देखने और छूने का आनंद लिया और फिर आधे घन्टे तक प्रेम से सिक्सटी नाइन किया.
पहले स्खलन के बाद जब वे लिपट कर बिस्तर पर पड़ी थी तब शोभा अपनी दो उंगलियाँ प्राची की बुर मे डालकर उसे धीरे धीरे चोदने लगी. प्राची मचल कर बोली "शोभा, तीन उंगली डाल ना, दो से मेरा मन नही भरता"
"लगता है की पति के लंड की याद आ रही है, क्यों" शोभा ने चुटकि ली.
"हां दीदी, इनका लंड बहुत मस्त है, मोट और लंबा. जब भी चोदते हैं तो मज़ा आता है. पर पिछले दो साल मे इन्होने मुझे दस बार भी नही चोदा होगा, ये यहाँ रहते ही कहाँ है मुझे चोदने को, और रहते हैं तब मूड हो ना हो" प्राची ने शिकायत की.
"मेरे पास इसका भी नुस्ख़ा है. मैं डिल्डो लाती हूँ ठहर. वैसे इसका इस्तेमाल मैं कम ही करती हूँ. स्त्रियों को आपस मे संभोग के लिए मर्दों के इस नकली भाग की भी ज़रूरत नही पड़ना चाहिए ऐसा मुझे लगता है. हां कभी कभी ठीक है, मज़ा आता है" कहकर शोभा उठी और अपनी अलमारी से एक डिल्डो निकाल लाई. प्राची उसे देखती ही रह गयी. उसने एक दो
फोटो मे सादे डिल्डो देखे थे पर ऐसा कभी नही देखा था. वी शेप का डिल्डो था, करीब डेढ़ इंच मोटा. वी के दोनो ओर के भाग करीब करीब आठ इंच के थे. बीच मे बाँधने के लिए स्ट्रप्स थे.
प्राची के चहरे के भाव देखकर शोभा हँसने लगी. "अरे यह ख़ास औरतों के लिए है, याने लेस्बियनो के लिए. दोनो अपनी अपनी चूत मे एक एक हिस्सा डालकर चोद सकती हैं" शोभा टाँग फैलाकर उसके पास बैठ गयी और एक भाग उसने अपनी बुर मे घुसेड लिया. उसकी बुर मे वह आराम से समा गया. शोभा ने फिर स्ट्रप्स अपने चूतडो के चारों ओर बाँध लिए. प्राची की आँखों के प्रश्न को देखकर उसने समझाया. "अरी मेरी बुद्धू रानी, अगर औरत को मर्द की तरह चोदना है तो ऐसे बाँधना पड़ता है एक को. नही तो दोनो की बुर से बार बार बाहर आ जाता है. उसमे भी मज़ा आता है पर जमा के चुदाई नही होती. जो मर्द बनना चाहती है वह ये स्ट्रैप बाँध लेती है और उसकी बुर मे यह डिल्डो फँसा रहता है, इसलिए वह मन लगाकर अपनी साथिन को चोद सकती है. जैसे अब मैं तुझे चोदून्गि.
प्राची के मन मे एक प्रश्न था. "शोभा दीदी, एक बात पूछूँ, तुम्हे ऐसे डिल्डो की क्या ज़रूरत है?"
"मज़ा आता है प्राची. वैसे मुझे बिना डिल्डो के मस्ती करना ज़्यादा अच्छा लगता है दूसरी औरतों के साथ. पर इससे चुदवाने मे भी मज़ा आता है. और कभी कभी अपने प्रिय व्यक्ति के लिए ये सब करना पड़ता है"
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