RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
प्राची ने शरम कर कहा कि स्त्री स्त्री संभोग का यह उसका पहला मौका है.
"अच्छ लगा? या मुझे खुश करने को चूस रही थी?" अपनी बाहों मे प्राची को लेकर बिस्तर पर लेटते हुए शोभा ने पूछा.
"बहुत अच्छ लगा दीदी. कैसा स्वाद है, अजीब सा पर मन को भा जाता है. ऐसा लगता है कि चूसति रहूं. और खूब सारा रस था, मुझे लगा कि औरते इतना रस नही ...." प्राची ने शोभा की बाहों मे अपने आप को समर्पित करते हुए कहा.
"हां, अधिकतर औरते कम रस छोड़ती हैं, बस आधा एक चम्मच पर कई औरते बहुत सारा इज़ाकुलेशन करती हैं. उनमे से मैं भी एक हूँ. अच्छा है ना? मेरे चाहने वालों को मन भर के रस पिला सकती हूँ" और शोभा ने प्राची को कस के भींचा और उसके होंठ चूमने लगी. उसके विशाल भरे पूरे साँवले शरीर पर पड़ी हुई उससे कम कद और आकार की प्राची ऐसी
लगती थी जैसे किसी मा ने अपनी बेटि को आगोश मे लिया हुआ हो.
प्राची झुक कर शोभा का एक निपल मुँह मे लेने की कोशिश करने लगी. उसने अपने दोनो हाथों मे एक चून्चि पकड़ ली थी जैसे कि किसी बड़े नारियल का पानी पीने की कोशिश कर रही हो.
शोभा ने मुस्कराकर कहा "मेरा स्तन पान करने का मूड है तेरा प्राची? ले मैं कराती हूँ तुझे स्तनपान" उसने पलटकर प्राची को नीचे सुलाया और खुद उसपर सो गयी. प्राची का मूह खोल कर उसने उसमे एक घून्डि घुसेड दी और प्राची का सिर अपनी छाती पर भींच कर उसपर वजन देते हुए सो गयी. प्राची की एक टाँग को अपनी जांघों मे क़ैद करके उसपर अपनी बुर रगड़ते हुए वह धक्के मारने लगी जैसे चोद रही हो. उसके वजन से उसके स्तन का अगला भाग प्राची के मूह मे घुस गया. उसका दम सा घुटने लगा पर उसपर ध्यान ना देकर शोभा ने उसे और भींचा और अपना उरोज और उसके मूह मे ठूँसने की कोशिश करते हुए उसने धक्के मारना चालू रखा प्राची को अपना दम घुटता सा लगा पर मूह मे खचाखच भरा स्तन का मुलायम मास भी उसे मदहोश कर रह था. शोभा का यह ज़बरदस्ती का अंदाज भी उसे बहुत प्यारा लगा. आख़िर शोभा बड़ी थी, उसकी दीदी थी, उसे इतना सुख दिया था, और उसको पूरा हक था कि वो जो चाहे जो करे. चुपचाप पड़े
पड़े वह शोभा की चून्चि चूसति रही और उसके धक्के सहन करती रही.
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