RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
प्राची धीरे धीरे . और शोभा ने भूखी नज़रों से उसके मादक रूप को चारों ओर से देखा. जब प्राची की पीठ शोभा की ओर थी तब उसकी वह चिकनी पीठ, उसपर टाइट बँधे ब्रा के काले स्ट्रैप और हुक, नाज़ुक कमर और उनके नीचे काली तंग पैंटी मे से बाहर आने की कोशिश करते हुए उसके बड़े बड़े नितंब देखकर शोभा ने दो उंगलियाँ अपने मूह मे डाली और
मजनुओ जैसी एक सीटि बजाने की कोशिश की.
सीटी तो नही बजी पर प्राची का मन प्रसन्न हो उठा कि उसकी सुंदरता शोभा को इतनी भा गयी है. पर सामने के आईने मे अपने चौड़े कूल्हे और मोटे तरबूज जैसे नितंब देखकर उसने निराशा भरे स्वर मे कह "वो तो ठीक है शोभा दीदी पर इन कूल्हों का क्या करूँ, देखा कितने चौड़े हैं और इतने भारी भरकम हिप्स. बाकी बदन ठीक है पर मेरे इन फूले हुए हिप्स की
मुझे बहुत शरम आती है"
"अरी पगली, ये तो तेरे ट्रंप कार्ड्स हैं. किसी भी मर्द का इन्हें देख कर कैसा तन्ना कर खड़ा हो जाएगा देखना. मुझे भी बहुत अच्छे लगे. लगता है इनमे मूह छुपा दूं. अब तू यहाँ बैठ सोफे पर और मुझे देख. मैं खुद अपने कपड़े निकालती हूँ. ज़रा आराम से देख कि तुझे अपनी यह सहेली, अपनी दीदी कैसी लगती है. अब तक तो तूने सिर्फ़ एक झलक देखी है" शोभा ने गर्व से कहा. उसकी आवाज़ मे एक सेक्सी औरत का कॉन्फिडेन्स था, जिसे मालूम है कि वह कितनी सेक्सी है.
धड़कते दिल से प्राची शोभा का यह स्ट्रीप टीज़ देखने लगी. आज उसे शोभा के उस ऊँचे पूरे मासल शरीर के पूरे दर्शन होने वाले थे. उसे बहुत देर रुकना पड़ा, शोभा इस मामले मे उस्ताद थी. उसने इतने धीरे धीरे और प्राची को तरसा तरसा कर अपने कपड़े निकाले कि कोई प्रोफेशनल स्ट्रीप टीज़ डाँसर भी क्या निकालती.
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