Raj sharma stories चूतो का मेला
12-29-2018, 02:51 PM,
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
मैंने चाय का गिलास वापिस टेबल पर रखा और उठ खड़ा हुआ और बाहर चलने को हुआ तो पिस्ता ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली-नहीं मत जाओ 

मैं-तू कबसे डरने लगी 

वो-आज मेरा जी घबरा रहा है 

मैं- हैंडल तो करना होगा ना 

भाई हम आपको गिरफ्तार नहीं करने देंगे उनमे से एक लड़का बोला

मैं-मैं संभाल लूंगा 

सीढिया उतर के मैं नीचे आया बस्ती का हर इंसान ही जैसे जमा हो गया था लोग अड़े खड़े थे पुलिस के आगे जबर्दस्त भीड़ हो रही थी 

चाहे कुछ हो जाये भाई को नहीं ले जाने देंगे 

मैं-शांत हो जाओ ऐसी कोई बात नहीं है देखने तो दो 

मेरे कहते ही भीड़ साइड होने लगी और पुलिस आगे बढ़ने लगी एक पुलिस वाला बोला-चल मैडम बुला रही है 

मैं-मैडम को ही बुला ले 
वो-चल ना यार , नयी dsp आयी है हमारी क्यों मारने पे तुले हो

मुझे हंसी आ गयी 

मैं-चल ले चल मैडम के पास

हम लोग गए मोहतरमा की पीठ मेरी तरफ थी वो साथ वालो को कुछ हिदायते दे रही थी

मैडम दिलवाला उनमे से एक सिपाही ने कहा तो वो मेरी तरफ पलटी और जैसे ही मेरी नजरो ने उसे ठीक से देखा मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गयी

वाह रे ऊपरवाले तेरी महिमा न्यारी, ये कैसे खेल खिलाता है तू उसने चश्मा उतारा आँखों से, कुछ पल के लिए सब कुछ रुक सा गया वर्दी में क्या कहूँ फब रही थी वो 

तुम्म। बड़ी मुश्किल से उसके होंठो से निकला 

अब मैं क्या कहता उस से , देखो तक़दीर ने मिलाया भी तो किस हाल में किस मोड़ पे उसकी वर्दी पे लगी नाम की प्लेट में जो लिखा था अब कोई गुंजाईश ही नहीं थी

मुझे देख पर एक पल के लिए जो रौनक सी आयी थी वो तुरंत ही द्वेष और घृणा में बदल गयी और वो गुस्से से साथी से बोली

तो क्या, कोई महात्मा आया है क्या , हत्कड़ी डाल इसके हाथो में और ले चल 

पता नहीं क्यों मुझे ऐसे लगा की शब्द उसके गले में जैसे अटक से गए हो

खैर, जैसे ही गिरफ्तारी की बात हुई बस्ती वाले अड़ गए कुछ लोग हाथो में डंडे जेली ले आये कुछ ने पत्थर उठा लिए चारो तरफ बस एक ही आवाज़ भाई को गिरफ्तार नहीं करने देंगे

dsp - एक मुजरिम का साथ दे रहे हो तुम सब भी नपोगे रही बात गिरफ्तारी की तो इसको ले ही जाउंगी जो बीच में पड़ेगा जान से जायेगा ,बाकी कोशिश करके देख लो 

माहौल गर्म होने लगा था , दोनों तरफ तनाव बढ़ गया था बात संभालनी जरूरी थी और वैसे भी इस समय खून खच्चर ठीक नहीं था 

मैं-अरे कुछ नहीं, मुझे जाने दो जल्दी ही लौट आऊंगा 

बस्ती वालो को बड़ा समझाया और फिर बैठ लिए पुलिस की गाडी में सायरन बजाते गाडी दौड़ पड़ी कोतवाली की तरफ 
साथ ही यादो की बारात भी चल पड़ी थी

जिस दुनिया को मैं छोड़ आया था वो अचानक से पिछले कुछ दिनों में फिर से मेरे सामने आके खड़ी हो गयी थी पहले इस अजनबी शहर में पिस्ता का यु मिल जाना और अब इसका 

वक़्त ने एक बार फिर से ऐसी करवट ली थी की कुछ समझ ना आया ज़िन्दगी से पहले ही जूझ रहे थे अब तो ज़िन्दगी गांड मारने पे ही उतर आई थी

तबी गाडी के शीशे पे जो ड्राइवर के पास लगा होता है उसपर नजर पड़ी तो उसका चेहरा दिखाई दिया आँखों पे काला चश्मा लगा लिया था 

पर आँखों से गिरी कुछ पानी की बूंदे उसके गालो पे निशान छोड़ ही गयी थी, बरसो से तम्मन्ना थी की उस से मिल पाउ ढूंढ लु उसको दुनिया की भीड़ में 


और देखो दुआ कबूल हुई तो किस तरह से गाड़ी अपनी रफ्तार से चली जा रही थी बरसात की दिवार को चीरते हुए पर उन यादो का क्या जो बरसात की तरह ही इस दिल पर बरस रही थी

समझ नहीं आ रहा था कि ये सावन खुशि लाया था या गम पर चलो जो भी था अपना ही था दिल में दर्द सा होने लगा था पर हमने इतना जहर पिया था 

की इस दर्द की क्या बिसात थी कोतवाली आते ही हमको बिठा दिया गया एक कुर्सी पे बिठा दिया गया 5 मिनट 10 करीब आधा घण्टा गुजर गया बैठे बैठे 

फिर वो आयी बोली-क्या लोगे 

मैं-पानी,

पानी पिलाया गया 

मैं-नाश्ता अधूरा रह गया तो भूख लग आयी है व्यवस्था करवाओ

वो गुस्से से अपने हाथ को टेबल पे मारते हुए-शादी में आये हो क्या चुप करके बैठो

मैं-तुम्हे देख लिया दावत हो गयी वैसे ही 

वो मैंने कहा न चुप रहो

मैं-चलो ये ही बता दो किस जुर्म की सजा देने लायी हो

वो- जुर्म बड़ा नादाँ है ये दिलवाला या याददास्त की प्रॉब्लम है ये लो स्टेटमेंट लिखो की कैसे तुमने पुलिस के अधिकारी और गाज़ी खान के पोते दोनों को दिन दिहाड़े क़त्ल किया 

मैं-और ना लिखू तो 

वो- ना सुनने की आदत नहीं मुझे जितनी जल्दी अपना जुर्म कबूल कर लोगे फायदे में राहोगे वार्ना पुलिस के पास और भी तरीके है 

मैं-आज़मा लो हम भी देखे सौदाई का गुरूर कितना है 

वो- जब दो डंडे पड़ेंगे न तो ये जो attitude है ना सब निकल जायेगा

मैं- हम तो तैयार है वक़्त ने तो आजमाँ लिया तुम भी अपनी कर लो हम तो इन्तजार में ही थे कब तुम मिलो कब जान जाए

वो- मेरा दिमाग खराब मत करो मैं बोल रही हु चुपचाप अपना जुर्म कबूल करलो 


मैं- जुर्म तो उसी दिन कबूल लिया था जब इश्क़ का इज़हार किया था किसी से 

वो- मुझे नहीं सुननी तुम्हारी बकवास 

हम बात ही कर रहे थे की वकील आ पहुंचा था ना कोई fir थी ना कोई चार्जशीट हुई थी और वो सलाखें भी कहाँ बनी थी जो दिलवले को कैद कर सके

कोतवाली से तो निकल आये थे पर दिल वही रह गया था बस्ती आते ही पिस्ता मुझसे लिपट गई आज पहली बार उसके अंदर एक डर देखा था 

उसकी आँखों में आंसू देखे थे पर उसे नहीं पता था कि मेरे सीने में एक आग जल रही थी कुछ समय पिस्ता के साथ बिता के मैं किसी काम से शहर से बाहर की तरफ आ गया 


ये एक पुराना मंदिर था इतने लोग आते जाते नहीं थे पर फिर भी थे कुछ लोग हमारी तरह के करीब एक घंटे तक इंतजार करता रहा फिर एक गाडी आके रुकी

गाड़ी का दरवाजा खुला और नजरे उतरने वाले पे ठहर सी गयी हाथो में पूजा की थाली लिए वो उतरी हल्का नीले रंग का सूट क्या कहूँ। जँच रहा था मैं सीढियो पर ही बैठा था पर वो ऐसे निकल गयी 

जैसे की पहचाना ही नहीं ,मैं वैसे ही बैठा रहा करीब आधे घंटे बाद उसकी आवाज सुनी-प्रसाद लो 

मैंने प्रसाद लिया वो भी मेरे पास ही बैठ गई कुछ देर एक ख़ामोशी सी छाई रही ऐसा लग रहा था कि हम दोनों ही उस ख़ामोशी को तोड़ नहीं पा रहे थे 

पर किसी को तो पहल करनी ही थी 

मैं-कैसी हो

वो-जी रही हु 

मैं-सभी जीते ही तो है 

वो-हाँ पर मर मर के भी कोई जीना है

मैं-किसके लिए मरती हो

वो-था कोई अपना जो साथ छोड़ गया 

मैं-ये चश्मा क्यों नहीं उतरती आँखों में कोई दिक्कत है क्या 

वो-अच्छा लगता है ये

मैं-बहाना अछा है अपने दर्द को छुपाने का

वो-कैसा दर्द, भला मुझे कोई दर्द क्यों होगा देखो भली चंगी तो हु

मैं- खाओ मेरी कसम

वो-कसम क्या खानी

मैं- तो dsp हो गयी हो

वो-कुछ न कुछ काम तो करना ही था ना

मैं-चलो अच्छा हुआ ,तुम्हारा सपना था पुलिसवाली बनना बधाई हो

वो-सपना तो पूरा हो गया पर अपना छूट गया 

मैं-तो फिर क्यों गयी थी छोड़के

वो-मैं थप्पड़ मार दूंगी,कौन गया था छोड़के

कितना परेशां थी मैं जानते हो कहाँ कहाँ नही ढूंढा तुम्हे फ़ोन करती थी कोई जवाब नहीं मिलता था फिर मैं गाँव आयी तो तुम्हारे घर गयी

तो फिर पता चला की क्या हुआ मुझे पता था कि उस समय तुम्हे मेरी बहुत जरूरत थी मैंने अपनी और से बहुत तलाश की पर तुम्हे कहीं नहीं पाया 
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला - by sexstories - 12-29-2018, 02:51 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,242 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,250,486 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 945,387 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,678,936 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,101,769 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,986,799 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,174,404 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,075,995 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,034 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ sexstories 231 6,385,827 10-14-2023, 03:46 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 18 Guest(s)