RE: XXX Chudai Kahani माया ने लगाया चस्का
सरोज उसकी चुचियो को अपने दांतों से काट ने लगी थी. माया अब एक हाथ से कभी मेरे बालो को तो कभी लौव्ड़े को सहला रही थी और एक हाथ से सरोज के मांसल कुलहो को अपनी हथेलियों से थोक रही थी. ठाप ठाप ठाप ठाप ठाप….. एक तरफ चूसने की आवाज़ पुच पुच पुच पचाक चप चप स्लर्प स्लर्प पच …..उधर सरोज सरोज की गर्म सांसे उसकी चूची से टकरा रही थी… वो पागलो की तरह माया को चूसे ही नहीं खाये जा रही थी…
पुच चप स्लर्प स्लर्प चिट चु चप चप चप उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सी सीस सी. कमरा दोनो की मीठी आहटो से गूंज रहा था. क्या नशीला माहोल था!!!!!. मेरी पहली चुदाई और वो भी दो दो लडकियों से… आज मुझे स्वर्ग का आनंद मिल रहा था. मुझे सीमा याद आ रही थी…
माया: आआह्ह्ह्ह उईई ओह्ह्ह आआअ माआआ ऐसे ही जोर से खाजा स्स्स्सूउर…. ललाआआ खीच के चूस आह हाआअ ओह्ह्ह्ह
सरोज ने उसे धका देकर बिस्तर पे सुलाया और मर्दों की तरह उसपे चढ़ कर उसकी दोनों भारी चुचिया रगड़ते रगड़ते मुझे कहा….
सरोज: (हाफ्ते हूँ ए, कम्पते स्वरों में) आजा मेरे छोटे दुल्हे तुजे अब चूत चुसना सिखादु.. उसका चेहरा लाल हो गया था. वो काप रही थी, बड़े ही नशे में थी. उससके कुल्हे लाल चटक हो गए थे. उसने माया के कुलहो को उठाया और निचे तकिया रखा ताकि उसकी चूत का छेद ठीक से ऊपर आये और खुल के फूल की तरह खिल जाये.. मैंने पहैली बार इतनी नजदीक से चूत के लाल चटकक फाको को देखा… ओह्ह्ह्हह्ह क्या मस्त चूत थी माया की…. उसकी गुलाबी कसी हूँ ई चूत के ऊपर की लाल पंखुड़िया एकदम बन्ध थी उसे सरोज ने खोला. वो शिलपैक माल थी यारो. अब मुझे ग्यात हूँ आ लड़के चूत के पीछे इतना पागल क्यों है..!!!!?? उसकी चूत को देख मेरे मुह में पानी आ गया , मेरे लंड का तो हाल बहूँ त बुरा ही था. उसपे जटके आया रहै थे और वो तन के निक्कर पे अपना सर याने सुपाडा थोक रहा था. उधर माया और सरोज की चूते चीकना पानी छोड़ रही थी, उसकी कसी हूँ ई चूत मुलायम जाट से ढकी और भी मस्त लग रही थी जिसे देखकर मेरा लंड जटके देता हूँ आ ऐसा तन गया की मुझे लगा इसके अन्दर का खून लंड की नसों को फाड़ कर बहार आ जायेगा. उसके मखमली जाटे भी चूत के पानी से गिले थे. सरोज ने उसकी उभरी गुलाबी चूत की पंखुड़ी को लपक के अपने मुह में ली तो वो चीलाई. इस्स्स्स, उईईईए……. सरोज उसपे अपनी जबान बड़े प्यार से घुमा कर रगड़ रही और उसे तडपा रही थी. वो अपने दातो को उसपे दबाते हूँ ए…
सरोज: स्स्सल्ल्ली आज तुजे काट के खाउंगी ले साली मादरचोद… मुझे तूने बहूँ त ललचाया पर…. ले साली रंडी.
सरोज ने अपनी जबान को नोकिली कर माया की चूत के फाको को चोदने लगी, और…. में उसको बड़ी बेताबी से उसे देखकर चूत चाटना शिख रहा था. सरोज बड़ी बेदर्दी से माया की चूत काट काट के चूस रही थी और अन्दर अपनी जबान घुसेड रही थी. बड़ी हैवान हो कर उसे काट रही और खुद भी तड़प रही थी. एक भूखी शेरनी जैसे हिरन को काट काट के खा रही हो…
सरोज: आआह्ह साली माया तेरी चूत का रस काफी मीठी है. उम्म्म्म ला इसे खा खा के चिर दू….
लपक लपक चप चप चप गपक गपक गपाक…. चप चप सी सी स स स स स.
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