RE: XXX Chudai Kahani माया ने लगाया चस्का
अब मुझे थोडा डर सा लगा तो मेने माया को अलग इया और अपने कमरे में ले गया और उसको पानी पिलाया. उसकी आँखों अभीभी नम थी. मैंने उसकी आँखों में एक आसू के आरपार के गजब का नशा देखा. वो कम्पन, वो बदन की दहैकती गरमी, वो मादक खुश्बू. फिर भी अपनी सेफ्टी के लिए रुका. और कहा.
में: बुआ शायद यह हम गलत कर रहै है, कोई देख लेता तो हम बदनाम हो जाते. मेरे दिल में आपके लिए बहूँ त प्यार और भावना है, परन्तु हमें ऐसा नहीं करना है. पर आप चिंता न करो सब ठीक हो जायेगा, में आपके साथ हूँ , आज से आपके सारे दुःख मेरे और मेरे सरे सुख आपके. मेने महसूस किया की में उनसे आंख नहीं मिला पा रहा था क्यों की मेरी बरमूडा में से मेरे खड़े लंड से बना तम्बू उसे साफ़ दिखाई दे रहा था और में तोलिया ले के उसे छुपा ने की कोशिश कर रहा था. उसने तोलिया छिनते हूँ ए–
माया: अरे मुना तू है तो अब मुझे कोई चिंता नहीं है. पर अबसे तू मुझे अकेले में बुआ मत कहना क्योंकि आज से हम एक अच्छे दोस्त है.
हलाकि मेरा तना हूँ आ लंड फिर से उसके सामने था. जिसे वो एकदम घुर के देख रही थी. मैंने थोडा संकोच करते हूँ ए उसके कंधे पकड कर उसे अपने पलंग पे बिठाया और बाथरम की जा ही रहा था की उसने मुझे हाथ पकड़ कर अपने पास बिठा दिया. मेरे बालो को अपने हाथोसे सहलाते हूँ ए बोली-
माया: जिस का इतना प्यारा दोस्त हो उसे क्या चिंता? लेकिन तू मेरा शाथ देगा न? फिर तू मुझे छोड़ तो नहीं देगा ना? तुजे पता ये मेरी ये जिंदगी बिलकुल वीरान है.
में: हा बुआ में आपके लिए कुछ भी करूँगा. आप कह के देखना.
माया: विकी में तुज पे कितना भरोसा कर सकती हूँ ये बता? मुझे तुमे कुछ कहना है.
में: बेसुमार आप मुज पे भरोसा करके देख लेना… विकी भरोसे का दूसरा नाम है बुआ.
माया: बुआ के बच्चे, मुझे माया बुला. उसने मुझे फिर से खीचकर मेरे गालो को अपने दांतों के बिच दबाकर उसे कiट लिया.
में: माया यह हम गलत कर रहै है. तुम मुझे पे खूब भरोसा करो और कहो जो कहना है – हलाकि में ये जानबुज कर उसे टटोल रहा था.
माया: न मुना अब अपने बिच जो भी होगा वो सही होगा. तुमे में एक बात कहू, तू आज से मेरा दोस्त और मेरे कलेजे का टुकड़ा होगा.
उसकी आवाज़ में कम्पन थी, उसकी आंख में वासना साफ़ दिखाई दे रही थी. पर में उसे तडपाना चाहता था.
माया: विकी मुझे ३० साल ख़तम होने को है. माँ तो में १० साल की थी तब चल बसी थी, बादमें इतने सालो के बाद तेरे गले मिली हूँ . मुझे जो प्यार चाहिए वो किसीने नही दिया, क्या कोई औरत अपनी एक कमी होने से प्यार के काबिल नहीं होती? जब १० साल की थी तब भैया शादी करके भाभी को लाये. वो दोनों को प्यार करते में छुप छुप के देखती तो तब भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते. रात को भैया के कमरे से भाभी के प्यारभारी चीख मेरे कमरे में मुझे सुनाई देती तो में एक आग में जलने लगती. मुझे भी प्यार चाहिए, में चाहती हूँ मुझे भी कोई अपनी बाहों में कस कर मेरे होंठो का रसपान करे. मुझे अपनी बाहों में कस ले, मेरा खयाल रखे, मुझसे प्यारभरी बाते करे. मेरी सहैली सरोज अपने भतीजे से सेक्स करती है. कभी कभी रात को ऐसे विचार आते है तो में प्यार की आग में जलने लगती हूँ . मेरी छाती फट ने लगती है. में क्या करू आखिर भैया की इज्ज़त का सवाल होता है. तू जब आया तो मेरा यकीन मान मुझे तेरी आश हूँ ई की तू सायद मेरे लिए ही आया है और भगवान ने शायद् तुजे मेरी प्यास बुजाने ही भेजा है. बोल में तेरा भरोसा करू? तू चिंता मत कर में मर जाउंगी पर तुज पर आच नहीं आने दूंगी. में उसकी बात बड़े ध्यान से सुनता गया और उनकी तड़प को महसूस करता गया. हलाकि मेने कभी कुछ नहीं किया था. फिर भी उसे टटोल ने कहा.
में: माया अगर कुछ होगा तो मुझे तो कुछ नहीं आता. में अपने कोलेज में एक तम्मना नाम की लड़की जो की मेरी दोस्त है, उससे भी दूर से बात करता हूँ . पता नहीं मुझे डर लगता है कही पकडे गए तो मर जायेगे.
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