RE: Incest Porn Kahani दीवानगी (इन्सेस्ट)
अंकुर के जाने के बाद मैं उसके पीसी पर उसके घर के खिचे हुए फोटो देखने लगा, पर फोटो देखते देखते
अंकुर की मोम को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, अंकुर की मोम छोटे कद की लेकिन हेल्थि औरत थी यही
कोई 43 की उमर थी, पर उसके मोटे मोटे दूध और उभरा हुआ पेट गहरी नाभि और फैले हुए भारी चुतडो
ने मेरा लंड खड़ा कर दिया था उसमे कुछ फोटो तो बड़े ही सेक्सी थे जिसमे अंकुर की मोम केवल पेटिकोट और
वाइट कलर की ब्रा ही पहने थी, लेकिन मेरा लंड तब झटके मारने लगा जब मैने अंकुर की मोम को चुस्त
जीन्स और एक पतली सी टी-शर्ट मे देखा, क्या मस्त रंडी नज़र आ रही थी उसके मोटे मोटे दूध लग रहा
था कि टी-शर्ट फाड़ कर बाहर आ जाएगे अंदर उसने ब्रा भी नही पहनी हुई थी और उसके मोटे मोटे चौड़े
चूतड़ उसकी जीन्स मे खूब कसे हुए भरे भरे नज़र आ रहे थे,
पिक्स मे कही कही ही अंकुर और उसके
पापा के फोटो थे बाकी अधिकतर पिक्स उसकी मोम गीता के ही पिक्स थे, मुझसे कुर्सी पर आराम नही मिल रहा
था सो मैने पिक्स देखते हुए बेड पर रखे तकिये को जैसे ही उठाया उसके नीचे रखी गुलाबी कलर की
नेट वाली पैंटी देख कर मैं सोच मे पड़ गया, मैने उस पैंटी को उठा कर उसे फैला कर देखा और सोचने
लगा कि अंकुर के घर मे उसकी मा के अलावा और कोई औरत तो है नही तो फिर यह उसकी मम्मी गीता की ही
पैंटी होगी,
मेरा लंड खड़ा हो गया था और मैं अंकुर की मोम की पैंटी को सुघने लगा और उसे चूमते हुए
अंकुर की मोम की फूली हुई चूत की कल्पना करने लगा, फिर मैने उसकी मोम की पैंटी को फैला कर देखा और
उसकी मोम की गुदाज मोटी गान्ड का अंदाज़ा लगाने लगा, कुछ देर बाद मैने उस पैंटी को वापस तकिये के नीचे
रख दिया और सोचने लगा कि यहाँ अंकुर सोता है तो उसकी मोम की पैंटी उसके तकिये के नीचे क्या कर रही है,
कही अंकुर अपनी मोम की पैंटी को सूँघता तो नही है, इसका मतलब यह हुआ कि अंकुर अपनी मोम को चोदना चाहता
है, नही नही ऐसा कैसे हो सकता है वह उसकी मोम है, मुझे इस बात का पता करना होगा लेकिन कैसे,
मैं बैठा बैठा सोच रहा था तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया क्यो ना मैं फेक आइडी बना कर अंकुर से चॅट
करू, हाँ यह आइडिया मस्त रहेगा इससे पता चल जाएगा कि उसके अंदर इन्सेस्ट वाली फीलिंग है या नही, तभी
अंकुर आ गया और
अंकुर : तू बोर तो नही हुआ
रवि : नही बस तेरे फॅमिली पिक्स के साथ टाइम पास कर रहा था, अंकुर ने ग्लास मे ड्रिंक सर्व किया और हम
दोनो पीने लगे एक एक ग्लास अंदर जाते ही मस्ती आने लगी,
अंकुर : अभी यह बता जतिन के साथ पार्टी मे जाएगा या उसे अवाय्ड कर देगा
रवि : सवाल ही नही उठता उसकी अम्मा को चोदु, साले के उपर गुस्सा तो ऐसा आ रहा था कि साले का गला दबा दू
अंकुर : अबे तू बेकार मे उसकी बातो को माइंड करता है, जैसी बाते वह कर रहा था वैसे बाते ना जाने कितने लोग
करते होंगे, अब आज कल का पहनावा ही ऐसा है कि लड़किया जब जीन्स पहनती है तो उनके मोटे मोटे चूतड़ अलग
ही नज़र आते है,
रवि : बात तो तू सही कह रहा है, हम भी तो कॉलेज की मस्त लोन्डियो के भारी चुतडो पर कॉमेंट्स करते है
अंकुर : सच पूछ तो मुझे तो लोन्डियो के जीन्स मे कसे भारी चूतड़ बहुत ही अच्छे लगते है
रवि : हाँ तू सही कह रहा है लेकिन लड़कियो से भी ज़्यादा मस्त तो उन औरतो के चूतड़ अच्छे लगते है जो 40 50
की होने के बाद भी अपनी मोटी मोटी गान्ड पर जीन्स फसाए घूमती है
अंकुर : हाँ यार यह तो तूने मेरे मन की बात बोल दी, मुझे भी बड़ी उमर की भारी चूतड़ वाली लेडी बहुत पसंद
आती है खास कर जब उन्होने अपने भारी चुतडो पर जीन्स फसा रखी हो
रवि : साला जब तक पूरी एक क्वाटर अंदर नही जाती तब तक मज़ा ही नही आता है
अंकुर : लगता है तुझको चढ़ गई है
रवि : अबे तेरी नशीली बातो ने और भी असर कर दिया है, मैने अपने लंड को अड्जस्ट करते हुए कहा क्यो कि
मुझे तो अंकुर की मोम की जीन्स मे फसे हुए भारी भरकम चूतड़ याद आ रहे थे
रवि : पर यार ऐसी भारी गान्ड वाली औरते ज़्यादा देखने को नही मिलती है
अभी हम बाते करते हुए जाम पर जाम लगा रहे थे तभी मेरा मोबाइल बजा और उस पर रिया दी लिखा हुआ था
मैने अंकुर की ओर देखा और वह मुस्कुराते हुए कहने लगा यार ये तेरी रिया दी को भी तेरे बिना चैन नही
रहता ना जाने तूने क्या जादू किया हुआ है अपनी दीदी पर, मैने अंकुर की बात सुन कर मुस्कुराते हुए फोन
रिसीव किया
रिया : क्या कर रहा है भैया ?
रवि : कुछ नही दी बस तुम्हारी ही बाते कर रहा था
रिया : अंकुर भी वही है
रवि : हाँ सामने बैठा है
रिया : मूह फुलाते हुए, क्या बाते कर रहा था तू मेरे बारे मे
रवि : यही कि मेरी दी बहुत अच्छी है
रिया :गुस्सा दिखाते हुए, रवि झूठ मत बोल सच सच बता
रवि : ओफ्फ दी कुछ नही मैं मज़ाक कर रहा हू
रिया : तू सुबह कॉलेज मे मिल मैं तुझे वही बताती हू, और अच्छा एक बात तो सुन संजू आया था तुझे पूछने
रवि : अच्छा वो गाँव से आ गया मतलब
रिया : चल मैं फोन रखती हू
रवि : ओके
अंकुर : क्या हुआ दीदी गुस्सा थी क्या
रवि : नही यार हम दोनो के बीच ऐसी ही नोक झोंक चलती है
अंकुर : यार तुम दोनो को देख कर कई बार मुझे भी ऐसा लगता है कि काश मेरी भी कोई बहन होती
रवि : अबे इसमे सॅंटी होने की क्या बात है क्या रिया दी तेरी दीदी नही है
अंकुर : हाँ वो बात तो है
उस रात हम पी कर फिर बाहर खाना खाने के लिए होटेल मे गये और फिर देर रात अंकुर के घर पर आ कर सो
गये
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