RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
नैन.... चिंता मत करो सर जी मैं यहाँ कुछ करने नही आया था, लेकिन आप ने बात को बढ़ा दिया तो करना पड़ा... अब मेरे दोस्तों को जाने दो ज़रा हम बैठ कर कुछ बातें कर ले.
सेंट्रल मिनिस्टर के इशारे पर सब को छोड़ दिया गया. नैन ने अनु और गौरव को सब को लेकर उसके फ्लॅट पर पहुँच कर इंतज़ार करने के लिए कहा.
नैन.... तोशिब तुम कैसे किडनॅप हो गये...
तोशिब.... यार इसने इतने लोगों को गन पॉइंट पर रखा था कि मैं बेबस हो गया, पर मुझे क्या पता था इन सब को तुम जानते हो.
सेंट्रल मिनिस्टर..... बंद करो अपनी कहानी, और क्या बात करनी थी वो बताओ.
नैन.... आप को शोभा नही देता सर यूँ किसी की फॅमिली को उठवा लेना. हम अपने काम को और फॅमिली को दूर रखते हैं किसी ने बताया नही. और उठाया भी तो किसे एक पोलीस वाले की फॅमिली को, पूरा डिपार्टमेंट दौड़ा-दौड़ा कर मारता.
सेंट्रल मिनिस्टर..... पहले तुम लोगों ने जाल बिछा कर मेरे बेटे को ग़लत केस मे फसाया.... केस झूठा था तुम्हारा एसपी. यदि तुम सही तरीके से आते तो मैं सही तरीके से आता, अब बताओ मेरे बेटे पर लगाए चार्जस हटा रहे हो या नही.
नैन.... देखो सर ग़लती तो उसने की है, मैं चाहता तो रेप केस उस पर लगाता, इस से तो आप की कुर्सी भी चली जाती.
सेंट्रल मिनिस्टर.... तब क़ानूनी दाँव-पेंच होता एसपी, मैं आराम से प्रूफ कर देता मेरा बेटा उस रात इस सहर मे तो क्या, इस देश मे भी नही था. लेकिन तुम ने झूठे केस मे उसे अंदर किया, वो भी इतने स्ट्रॉंग एविडेन्स के साथ कि मैं छटपटा कर रह गया.... तुम सही तरीके से आते तो मैं भी सही तरीके से आता.
नैन..... आप ने मुझे एरपोर्ट पर मारने की कोशिस भी की थी..
सेंट्रल मिनिस्टर.... हां वो हमला मैने ही करवाया था, पर वो तुम्हारे लिए नही, उस लड़की के लिए था जिसे तुम्हारे घर से उठाया था....
नैन..... पर उसे क्यों टारगेट किया... इन्वेस्टिगेशन और एविडेन्स तो मेरे थे...
सेंट्रल मिनिस्टर.... पर उस रात वो लड़की और उसके साथ उसकी वो सहेली भी थी जो यहाँ उस कुर्सी पर बैठी थी, (वासू जहाँ बँधी थी, उस कुर्सी को इशारा करते कहा) जिनकी वजह से मेरा बेटा फसा उनको क्या मैं यूँ ही जिंदा छोड़ देता....
"पर उस रात तो सैली थी इसके बेटे के साथ फिर ये रीति और वासू पर क्यों हमला करवा रहा था"......... सर कुछ तो कन्फ्यूषन है, आप को ग़लत इन्फर्मेशन है, वो दोनो लड़कियाँ तो आज तक वो डिस्को गयी ही नही जहाँ से आप का बेटा किसी लड़की को ले गया था.
सेंट्रल मिनिस्टर..... क्या ? उस हरामी अमोल ने मुझे ग़लत इन्फर्मेशन दी. एसपी बात कुछ भी हो, पर तुम्हारे झूठे केस मे मेरी फॅमिली फसि, अब तो मेरी भी नज़र रहेगी तुम्हारी फॅमिली पर...
नैन..... ठीक है सर, आप क्या चाहते हो वो बताओ...
सेंट्रल मिनिस्टर.... मेरे बेटे पर लगाए चार्जेज से वो बरी होना चाहिए बस.
नैन..... हो जाएगा, पर उसकी भी एक कीमत है, जिसे आप को पूरा करना होगा...
तोशिब.... नैन, तूने भी काली कमाई शुरू कर दी, घटिया कहीं का....
सेंट्रल मिनिस्टर..... क्या कीमत है...
नैन.... अबोध पूरी के केस मे आप साइड मे रहोगे, बदले मे मैं आप के बेटे पर लगाए चार्जेज को हटा दूँगा....
सेंट्रल मिनिस्टर..... तुम जानते भी हो किसका नाम ले रहे हो, मैं नही सपोर्ट करूँगा तो कोई और कर देगा.... तुम ग़लत जगह हाथ डाल रहे हो एसपी.
नैन..... आप कब काम आओगे, केवल होम मिन्सटर साहब को आप संभाल लो, इस केस के पूरा होने तक मेरा और मेरी टीम का ना तो ट्रान्स्फर हो और ना ही ये केस किसी और को मिले.
सेंट्रल मिनिस्टर..... एसपी मैं अपने बेटे को किसी तरह तो बचा ही लूँगा, पर पूरी को पता चला कि मैने तुम्हारा साथ दिया है तो मेरा बेटा बचेगा हे नही. अर्रे तुम्हारे पास बस उसका नाम और पता हो सकता है, पर उस शक्स की सिनाख्त तुम कभी नही कर सकते. वो कभी अरेस्ट नही होगा इसलिए मैं ये रिस्क नही ले सकता....
नैन.... फिर मेरा वादा है कि आप के बेटे को मैं अगली सुनवाई मे सज़ा दिलवा कर रहूँगा, और साथ मे आप भी फसोगे क्योंकि भले आप का बेटा आप के खिलाफ गवाही ना दे लेकिन उसका दोस्त यही कहेगा... "वो ये ड्रग्स का काम आप के कहने पर करता था"....
सेंट्रल मिनिस्टर.... मुझे धमकाने का अंजाम जानते हो...
तोशिब.... पोलीस वालों से भिड़ने का अंजाम जानते हो, ठोक देंगे कहीं भी और उसके लिए हमे कोई चार्ज भी नही लगाना परेगा...
नैन.... मिनिस्टर साब मेरे प्रपोज़ल पर आप पॉलिटिक्स खेल जाओ .... ध्यान से सुनो आप को करना क्या है.....
नैन ने सारी प्लॅनिंग सेंट्रल मिनिस्टर को बता दिया.... सेंट्रल मिनिस्टर अंत मे राज़ी हो गया नैन की बात मान'ने के लिए. वहाँ से तोशिब और नैन साथ मे निकले...
तोशिब..... नैन बड़ी मुश्किल से तो उस हरामी मिनिस्टर का बेटा फसा था, मादरचोद के खिलाफ बहुत कंप्लेन थे, उसे ऐसे यूँ ही नही जाने दे सकते....
नैन.... कम डाउन तोशिब, उसकी कमज़ोरी पता है, उसे कभी भी लपेट सकते हैं, पर अबोध पूरी नही बचना चाहिए. पिच्छले 5 सालों से सबको घुमा कर रखा है....
तोशिब, नैन की बातों का समर्थन करता अपने-अपने राह को चल दिया. नैन के वापस फ्लॅट मे आए सारे लोग थोड़ा डरे हुए थे. नैन के आते ही रीति उस से लिपट कर गले लग गयी और गले लग कर रोने लगी....
नैन..... ए माज़ी भोली, रोती क्यों हो, मेरे रहते किसी को कुछ नही हो सकता.... हां एक खुश-खबरी और .... बस कुछ दिन और फिर तुम लोगों के दिल की हसरत भी जल्दी ही पूरी हो जाएगी..... तब तक तुम सब देल्ही घुमो-फ़िरो, अपना ख्याल रखो.... वैसे तुम सब शिमला से यहाँ कब आए और इनके हाथ कैसे लग गये....
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