RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
अनु की बात सुनकर सभी हँसने लगे... उतने मे वासू भी बोल पड़ी.... "एसपी साब आप सबने तो काम बाँट लिए और हमारा क्या होगा"
नैन.... तुम्हे पता नही वासू, अनु यहाँ एक फ्लॅट भी ले चुका है... द्वारिका सेक्टर 1 के पास. अफ़सोस है कि ये तुम्हे कोई बात बताता नही.... और रीति अब अकेली हॉस्टिल मे रह कर क्या करेगी.... मेरा फ्लॅट खाली ही रहता है, यहीं रहेगी... मुझे भी बाहर के खाने से मुक्ति मिलेगी...
रीति.... चालू नैनु... कोई कहीं नही जाएगा.... मैं नैनु की सारी बातों पर स्टे लगाती हूँ... सैली हम दोनो के साथ ही रहेगी और हमारा काम होगा इसे उन सब चीज़ों से दूर रखना... हां बाकी नशा मुक्ति केंद्र ले जाना और लाने का काम गौरव का होगा.
वासू.... सच कही रीति. इन लड़कों को तो बस मौका चाहिए.... भूखे भेड़िए कहीं के ... हमेशा शिकार की तलाश मे रहते हैं... और इस अनु को तो मैं बताती हूँ... थॅंक्स नैनु एक और इन्फर्मेशन के लिए.
अनु.... स्वीटीयियैयी.. सच मे मैं तुम्हे सर्प्राइज़ देने वाला था, लेकिन पता नही नैन हर बात पहले से कैसे जानता है... मेरी बहुत खबर ले ली, अब प्ल्ज़ और खबर मत लेना...
गौरव.... तुम लोगों को शायद पता नही, लेकिन नैनु की बातों को यकीन मत करना.... ये झगड़ा लगा कर मज़े लेने वालों मे से है....
नैन.... ओई क्राज़्यबॉय केर्लेस कहीं के, हम सब के बीच से सैली गायब हो गयी किसी ने ध्यान भी दिया. महफ़िल लगती है तो जो बात ना करे उसे लोग इग्नोर ही कर देते है. वैसे सुनो इस वक़्त सैली को तुम सब की ज़्यादा ज़रूरत है.... ज़्यादा से ज़्यादा साथ रहो.... ऐसा मैं क्यों कह रहा हूँ .. वो जब अभी तुम लोग देखोगे उसे तो खुद समझ जाओगे.
सब लोग सैली को देखने निकले... सैली दूसरे कमरे मे बैठी मिली. सब को नैन की बातें समझ मे आ गयी कि वो क्या कहना चाह रहा था. सैली अपने बाल नोच रही थी ... किसी पागल की तरह इधर उधर कर रही थी... उसकी तलब इतनी बढ़ी हुई थी, कि उसकी बेचैनी देख कर सब के होश उड़ गये.
डॉक्टर को तुरंत बुलाया गया... सैली को नींद का इंजेक्षन देकर सुला दिया गया... और डॉक्टर ने भी वही सलाह दी... जल्द से जल्द नशे से इज़ाद पाने की ट्रीटमेंट करवाने... और सैली को मोरल सपोर्ट देने....
सैली की बिगड़ी ऐसी हालत सब अपनी आँखों से देख कर सकते मे थे.... उसकी बेचैनी ने तो सबके दिलों मे घबराहट ही पैदा कर दी थी.
इधर इंदु अपने कारनामे अंजाम देने के बाद ऐसी बेहोश हुई कि उसे होश सीधा अगले दिन आया. जब उठी तो खुद को उसी घर मे पाई जहाँ से वो तैयार हो कर निकली थी.....
किशोर.... जाग गयी तुम, कमिनि तुम्हारे कारण हम फँसते-फँसते बचे हैं.
इंदु.... फँसे तो नही ना, मेरे चेहरे पर खून लगा और माँस के छितरे भी, मेरा सिर घूम गया मैं क्या करती...
किशोर..... ह्म्म्म ! समझ गया... पर पहली बार ऐसा करने जा रही हो ये बता तो देती. बच गयी वरना उसके साथ-साथ तुम्हारा भी आखरी दिन होता.
इंदु..... मैं कितनी देर से यहाँ हूँ...
किशोर...... काफ़ी देर से हो एक पूरा दिन ही बीत गया... अब तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना...
इंदु..... हां तबीयत तो ठीक है, पर मुझे जल्द से जल्द अब वापस बूटिक जाना होगा.. वहाँ मैं सैली को छोड़ आई हूँ.
किशोर..... कौन वो हॉट आइटम जिसका दीवाना अमोल हो गया है. वो लड़की कल शाम को ही वहाँ से कहीं चली गयी. अमोल बता रहा था... "आज तक उस जैसी लड़की नही देखा... जो मज़ा उसने दिए वैसा मज़ा दोबारा लेने के लिए तो मैं मरना भी पसंद करूँगा".
इंदु.... क्या, कल शाम को कहीं चली गयी..... किशोर उसे ड्रग नही मिला होगा और वो उसी की तलाश मे निकल गयी होगी. मुझे अभी जाना होगा उसे ढूँढने...
किशोर भी इंदु के साथ ढूँढने निकला. पहले बूटिक सेंटर फिर अपने फ्लॅट बाद मे डोस्को मे भी पता करवाई लेकिन वो कहीं नही थी. इंदु को थोड़ी परेशानी सताने लगी आख़िर सैली जा कहाँ सकती है.
इंदु, किशोर के साथ पूरा दिन सैली को ढूंड ली लेकिन उसकी कोई खबर नही मिली. इधर सैली की हालत देख सबको रोना आ गया. नशे ने कैसे पागल किया था... अगली सुबह भी जब जागी तब भी यही हाल था, रो रही थी चीख रही थी... सबके पाँव पड़ रही थी, कोई उसे ड्रग्स ला कर दे दे.
काफ़ी तनाव भरा समय था ये, सब ऐसे जुड़े थे कि बस सैली की तड़प को देख कर सबकी आँखे बाहर आ रही थी. सैली की हालत देख कर कोई खुश नही था, क्या से क्या बना कर रख दिया उस इंदु ने.
कहते हैं कुछ भी अस्थाई नही होता, और यदि आप के पास आप के चाहने वाले हैं तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. रीति, वासू, अनु, गौरव, नैन.... सब ने सैली के इस बुरे वक़्त मे उसका काफ़ी साथ दिया.
हर बीत'ते दिन के साथ सैली के स्वाभाव मे परिवर्तन आता गया. दिन-दिन कर के सबने 6 महीने गुज़ार दिए सैली के दर्द और तड़प के साथ. इन 6 महीनो मे तो जैसे कोई खुल कर हंसा भी नही हो. सब बस सैली के पिछे ही लगे रहते थे.....
अब वो सब के साथ हँसना भी सीख गयी थी, नॉर्मल अवस्था मे धीरे-धीरे आ रही थी. सुधार का असर एक लंबे अरसे बाद दिखना शुरू हुआ. हां 6 महीने तक तो ऐसा लग रहा था जैसे ये नशा ला-इलाज़ है, और इसका बस एक ही इलाज़ है नशा करते रहो.
कुछ का धैर्य टूटा... कुछ हौसलों के साथ रहे, लेकिन मिल-जुल कर सबने उबार दिया सैली को. हर बीत'ते दिनो मे जहाँ सारे दोस्तों का प्यार गहरा हो रहा था, वहीं हर दिन इंदु के लिए नया हो रहा था.
उसे भी पता चल गया था, कि सैली अब अपने दोस्तों के साथ है, लेकिन किसी ने भी इंदु से इस बारे मे कुछ कहा नही. नैन की सख़्त हिदायत थी "चाहे कुछ भी हो जाए, इंदु से किसी बात की चर्चा नही करेगा कोई, और जब भी मिलो, दोस्तों की तरह मिलो"
इंदु एकाध दो बार मिली भी सब को, पर सबने अंजान बनते सैली को ही दोष दिया. इंदु भी बेफ़िक्र अपने बढ़ते काम को अंजाम देती रही और खूब तरक्की करती गयी.
लगभग 7/8 महीने बीतने के बाद सैली लगभग नॉर्मल और पहले से बेहतर थी. महॉल चेंज करने के हिसाब से सबने बाहर घूमने जाने की एक मीटिंग रखी....
सैली.... शायद मेरे जीने की वजह ना होती यदि आप सब नही होते, मैं दिल से माफी चाहती हूँ, अपने किए हर उस व्यवहार के लिए जो भी मैने आप सब के साथ किया...
नेनू..... सैली, हम यहाँ इसके लिए इकट्ठा नही हुए हैं, जो हो गया उसे जाने दो. अब बीती बातों पर कोई चर्चा नही... अभी आगे की बातें होगी.
गौरव... सही कहा नेनू, और मैं क्या कहता हूँ, यहाँ देल्ही से बोर हो गया हूँ, चलते हैं शिमला, वहाँ की हसीन वादियों मे काफ़ी मज़ा आएगा.... क्या कहते हो तुम सब
वासू.... हमे कहीं भी ले चलो हम कहीं भी जाने को तैयार हैं, क्यों अनु..
अनु.... यस लव, हम कहीं भी जाने को तैयार हैं, बस रीति और नैन का रह गया...
नैन..... नही मेरा आना संभव नही. मुझ पर यहाँ के आड्मिनिस्ट्रेशन की ज़िम्मेदारी है, इसे छोड़ कर मैं यूँ ही घूमने नही जा सकता. तुम सब रीति को ले जाओ.
रीति.... ठीक है तो तय रहा, हम सब शिमला चलेंगे.... नेनू यदि आना हो तो आप बता देना.
नेनू काफ़ी मायूसी से रीति को देखने लगा. वो तो बस ऐसे ही कह दिया था रीति भी उनके साथ चली जाए. नैन को लगा "मैं नही जाउन्गा तो रीति भी मना कर देगी जाने से", पर ये तो जा रही है.
सुबह 9 बजे की फ्लाइट थी. नैन सबको खुद छोड़ने आया था, लटका सा मुँह लेकर बिल्कुल मायूस.... आख़िर रीति जो जा रही थी.
पर ये क्या, दोनो कपल थे पर रीति नही थी. नैन, सैली और वासू से पुच्छने लगा.... "रीति कहाँ है"
सैली.... उसे कुछ शॉपिंग करनी थी इसलिए वो शाम की फ्लाइट से आएगी.
सैली जैसे ही इतना बोली, सभी वहाँ पर हँसने लगे. नैन समझ गया, उसके साथ मज़ाक किया जा रहा था, वो सबको वहीं से बाइ बोला और सीधा पहुँचा हॉस्टिल, लेकिन हॉस्टिल के गेट पर ही दरवान ने नैन रोक लिया..... "सर, हॉस्टिल मे रीति मेडम नही मिलेगी"
नैन के तेज़ी से बढ़ते कदम खुद-व-खुद रुक गये.... "क्या कहा तुमने"
नैन की भाषा सुन कर ही वो डर गया...... "सर मैने कहा रीति मेडम अपने घर चली गयी हैं, और आप के लिए एक लेटर छोड़ गयी"...
नैन ने दरवान से लेटर लिया. लेटर मे नैन के लिए बस इतना लिखा था... "मम्मा-पापा की याद आ रही थी, घर जा रही हूँ, एक-दो दिन मे लौट आउन्गि"
नैन को कुछ भी समझ मे नही आया... शिमला जाने का प्लान था वो कॅन्सल हो गया. रीति को तो मेरे साथ होना चाहिए था, फिर ये घर क्यों चली गयी. "हुहह ! इसको तो सभी प्यारे हैं सिवाय मेरे"... रीति पर गुस्सा होते नैन ने उसे 10 बार कोसा..... "झल्ली, उल्लूउ, पागल... इसे तो ज़रा भी ख्याल नही मेरा"
कितने सपने सजाए थे नैन ने पर यहाँ आकर तो सब चूर हो गये. मायूस हॉस्टिल से वापस अपने घर वापस आ गया. घर मे जैसे ही घुसा तो देखा, रीति वहीं थी और घर को व्यवस्थित कर रही थी.
आह खुशी की जो लहर दौड़ी नैन के अंदर, भागता हुआ गया और उसे कमर से पकड़ कर उठा लिया और नाचने लगा...... "ओह्ह्ह्ह ! कूटी तुमने तो डरा ही दिया था मुझ से ऐसे सीरीयस मज़ाक क्यों करती हो"
नैन का माथा चूमती हुई रीति कहने लगी.... "सूओ सॉली जान, ये सब गौरव का प्लान था, मैं तो कब से बता देती पर उन लोगों ने मना किया था"
नैन.... कितनी बार कहा है लव, तुम्हारे जाने के बारे मे सुन कर ही मेरी हालत मरने जैसी हो जाती है. कलेजे पर पत्थर रख कर कहा था अकेली शिमला चली जाओ. मुझे लगा मना करोगी पर तुमने भी हां कह दी.
रीति.... बुकुल बुद्धू हो आप. ज़रा भी दिमाग़ नही लगाते. भला मैं उन कपल्स के साथ जा कर क्या करती.
नैन.... दिल लगाया है ना रीति इसलिए दिमाग़ ईस्तमाल नही करता....
नैन अपनी बात कह कर रीति की आँखों मे देखने लगा.... और धीरे से होठ आगे करते उसे किस करने की कोशिस करने लगा... रीति, नैन को धक्का देती खुद से दूर की, और कहने लगी..... "क्यों एसपी साब बारे रोमॅंटिक हो रहे हैं... काम पर नही जाना क्या"
नैन...... उफफफ्फ़ ओ' मेरी होम मिनिस्ट्री अरमानो पर पानी फेरने का शुक्रिया... दो मिनट रुक कर भी जाउन्गा तो कोई ज़्यादा फ़र्क नही पड़ेगा....
रीति.... जी नही, जा कर तैयार हो जाइए, मैं तब तक नाश्ता बना देती हूँ... और मुझे भी बहुत काम है यहाँ. पूरा घर कबाड़ खाना बना रखा है.
नैन.... घर मे घर वाली नही थी ना इसलिए ऐसे कबाड़ खाना बन गया था, अब तुम आ गयी हो तो अपने हिसाब से सज़ा देना.
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