RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
तलास्ते हुए जब आगे बढ़ रहा था, रास्ते पर उसे वासू का स्काफ मिली... स्काफ को देख कर अनु को और चिंता सताने लगी.... तेज़ी से उसी दिशा मे बढ़ा... और थोड़ी दूरी पर उसे वासू की हॅट पड़ी मिली... कुच्छ देर अनु खड़ा रहा ... फिर थोड़ा मुस्कुराया और उसी दिशा मे आगे बढ़ा...
थोड़ा नज़र घुमा कर देखा... कुच्छ दूर आगे वासू की टी-शर्ट मिली.... अब तो मामला सॉफ था... अनु ने भी अपना टी-शर्ट निकाल लिया....
कुच्छ दूर आगे गया तो उसे वशु की शॉर्ट्स भी मिल गयी... शॉर्ट्स उठा कर देखा और मुस्कुराता हुआ अपना जीन्स उसने उतार लिया.... उसी दिशा मे चलता गया.... और एक पेड़ पर वासू की ब्रा भी तंगी मिली.... अब तो तूफान जोरों पर था... अनु ने भी अपनी बनियान निकाल लिया....
अब बस उसे आखरी कपड़े की तलाश थी.... अनु थोड़ा आगे बढ़ा होगा ... तभी उसे खूबसूरत सी गोरी जाँघ और हाथ बाहर दिखा.... अनु की आँखें चमक गयी... और भागता हुआ वो उधर ही पहुँचा....
बाहर निकले हाथ की उंगलियों को अपने मुँह मे रखा... और जीभ पूरे हाथ पर फिराया... फिर नीचे बैठ कर अनु ने पाँव के निचले हिस्से पर अपने होठ रखे और जीभ के साथ होठ उसपर फिराता हुआ उपर जांघों को चूसने लगा ..... वासू का बाकी सरीर का हिस्सा अब भी छिपा था... और जो दिख रहा था.. अनु उसी को चूम रहा था....
थोड़ी देर बाद वासू ने अनु को फिर धक्का दिया... और दौड़ कर दूसरे पेड़ के पिछे चली गयी.... अनु दो कदम आगे बढ़ा ... तो वासू की गोरी नंगी पीठ और ... सेक्सी लेग्स दिख रहे थे.... अनु उसके पिछे पहुँच कर... गर्दन पर से खुले बालों को हटाया और उसके गर्दन पर अपना जीभ फिराने लगा...
गर्दन से चलता हुआ जीभ ... उसके पीठ पर अब रेंग रहा था... वासू के अंदर तो जैसे उत्तेजना का तूफान उमड़ रहा हो.... अनु पीठ को चूमते हुए .. अपने हाथ पिछे से आगे ले गया... और उसके दोनो बूब्स को हाथो मे थामा ... उसे ज़ोर मसलने लगा......
लंबी और गहरी ... "आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह" वासू के होठों से निकली और ... अनु को फिर से धक्का देकर दूसरे पेड़ के पिछे छिप गयी.....
अनु मस्ती मे आगे की कल्पना कर चलने लगा... पर वासू का कोई अंग नही दिख रहा था... अनु दो कदम आगे बढ़ा और एक पर के पास पहुँचा होगा कि वासू धीरे से उसके सामने खड़ी हो गयी....
सामने सिर को झुकाए वासू मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.... अनु ने उसका सिर उठाया ... दोनो की नज़रें मिली ... और एक दूसरे के होठ को चूसने लगे .... वासू का मादक रूप देख अनु उसपर पूरा टूट पड़ा....
"वासू ये पैंटी को क्यों छोड़ दी"
"कुच्छ तो चाहिए था ना... उतारने के लिए... वरना ये मिलन अधूरा सा लगता" अपने जीभ को होटो पर फिराती ... वासू कहने लगी...
"ओह्ह्ह्ह वासू" कहता हुआ अनु अपने घुटनों पर आ गया... वासू उल्टी घूम कर अपने कमर हल्का मोड़ ली और हिप को धीरे से हिलाने लगी... अनु ने पहले हिप को बारी बारी चूमा... उसे दोनो हाथों से ज़ोर से पकड़ा... और अपने दाँत से पैंटी को पकड़ते हुए धीरे धीरे... कमर से जाँघ... और जांघों से पाँव तक खिसकते हुए नीचे लाया....
जैसे ही पनटी बाहर आई... अनु ने वासू का कमर पकड़ी और आगे की ओर घुमा कर उसके पाँव के बीच जगह बना दिया.... वासू की साँसे खुद व खुद काफ़ी तेज हो गयी... उसके बूब्स तेज चलती साँसों पर बड़ी ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहे थे... और इसे देख कर अनु का दिल भी उत्तेजना से भर कर धड़क रहा था. वासू को पता था आगे क्या होने वाला है, इसलिए खुद को पेड़ से टिका कर ... आँखे मूंद ली....
अनु जाँघो पर अपना जीभ फिराते योनि के पास ले गया... और उसके चारो ऑर फिराने लगा...
"ओह्ह्ह्ह अनुउऊ... इस्शह.... उफफफ्फ़ मर जाउन्गी"
वासू पूरी मस्ती मे सिसकारियाँ लेने लगी ... और अनु के बाल पकड़ कर योनि पर दबाव बनाने लगी... कितने दिनो की प्यासी थी.. अनु का यूँ जीभ को योनि पर फिराना और योनि के अंदर बाहर करना... जल्दी ही मस्ती का फव्वारा उसकी योनि से निकल आया...
अब वासू की बारी थी... अपनी आँखें खोलती वासू, अनु को खड़ा की और ... खुद घुटनो के बल बैठ गयी..... अपने दोनो हाथों से अनु की चड्डी खींच कर निकाली... आँखों के सामने आधा सोया आधा जगा अनु का लिंग... वासू का सबसे प्यारा खिलौना....
वासू उसे मुट्ठी मे पकड़ते हुए... उसे हिलने लगी... फिर से वो मज़े के सागर मे थी... वासू बिल्कुल खो कर उसे हिला रही थी... और खुली वादियों की मस्ती लूट रही थी... थोड़ी देर मे ही अनु का जोश चार गुना हो गया... वासू को कंधे से पकड़ कर उठाया... उसकी दाएँ जाँघ को अपने हाथों मे लेकर हवा मे किया...
वासू ने भी अपनी पीठ पेड़ से टिका ली, और अपना हाथ नीचे ले जाते हुए.. लिंग को योनि का रास्ता दिखाया ...
अनु, वासू के एक बूब्स को अपने मुँह मे लेते हुए .. ज़ोर का धक्का लगाया.. अनु उपर की ओर ज़ोर से गयी .. और तेज से .... "आहह" की सिसकारी लेने लगी....
अनु... मुँह मे बूब्स को पकड़े धक्का लगा रहा था.... और वासू भी मस्ती मे नीचे अपनी कमर हिला रही थी.....
"ओह वासूउउ......... तड़प गया था मैं तूओ"
"आहह.... अनुउऊुुउउ.... प्लज़्ज़्ज़्ज़ बातटत्त नहिी.... आहह... मैंन्न्न् तूओ काब सीए तारप्प्प रहिी हुन्न्ं"
"आहह ओउुुुुउउ.... ओह बाबयययययी..... इस्शह.... आहह"
खुल के पूरा आनंद उठा रहे थे दोनो सेक्स का.... खुली वादियों मे मादक सिसकारियों की गूँज हो रही थी... और हर धक्के पर दोनो अपने भूख को शांत कर रहे थे.
वासू ने भी अब पर से पूरी टिक कर अपने दोनो पाँव अनु की कमर मे डाल दिए, ताकि पूरे ज़ोर के धक्के का मज़ा लिया जा सके... अनु भी वासू को खुश करता हुआ... पूरे जोश से तेज़ी .. से धक्का लगाता गया...
परम सुख आनंद अपने आखरी चरण पर था... धक्कों की रफ़्तार काफ़ी तेज हो गयी त्ीी ... और जितनी तेज धक्कों की रफ़्तार थी .... उतनी ही मादक वासू की ..... "ईस्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ... आअहह" थी...
दोनो ही मस्ती का फव्वारा छोड़ हान्फते हुए अलग हो गये..... अपने अपने कपड़े पहने और जंगल घूमते हुए ... वापस होटेल लौट आए.....
इधर रीति ने वापस चलने के लिए सब की पॅकिंग पहले से कर के, वासू और अनु के आने का इंतज़ार कर रही थी....
वासू होटेल पहुँच कर जब सारी पॅकिंग देखी तो पुच्छने लगी....... "हम तो सम को जाने वाले थे ना, फिर ये पॅकिंग अभी से क्यों"...
रीति.... वासू, सैली ने कल शूज़ाइड अटेंप्ट की थी....
वासू.... क्या ????
नैन.... हां सच है... क्या हुआ और कैसे हुआ, और उसकी हालत कैसी है अब ये वहीं चल कर पता चलेगा...
इतना बड़ा शॉकिंग न्यूज़ था ये वासू के लिए कि वो अपना सिर पकड़ कर बैठ गयी... सभी वहाँ से तुरंत रवाना हुए देल्ही के लिए... देल्ही पहुँचते ही ... चारो हॉस्पिटल पहुँचे... सैली अब भी बेहोश पड़ी थी, और आइसीयू मे थी...
रीति को आश्चर्य हुआ गौरव को वहाँ ना देख कर... वो सोची "ज़रूर गौरव और सैली के बीच कुच्छ हुआ होगा, और सैली ने आत्महत्या की कोशिस करी होगी... और शायद गौरव को अब तक पता भी ना हो कि सैली ऐसा कुच्छ कर चुकी है"... रीति ने गौरव को फोन कर के सैली के बारे मे सूचना दी ... और इंतज़ार करने लगी सैली के होश मे आने का....
गौरव को जैसे ही सैली की हालत का पता चला वो भागता हुआ आया... रीति और वासू ने जब गौरव को देखी, तो उसे देख कर काफ़ी हैरत मे पड़ गयी. गौरव की हालत तो सैली से ज़्यादा खराब लग रही थी.
बाल अजीब तरह से बिखरे हुए थे, एक इंच की दाढ़ी बढ़ी हुई.... वासू तो गौरव को देखते हे डॉक्टर-डॉक्टर चिल्लाने लगी....
रीति.... डॉक्टर-डॉक्टर क्यों चिल्ला रही हो वासू
वासू.... क्योंकि इसे भी इलाज़ की ज़रूरत है. ये क्या हाल बना रखा है गौरव...
गौरव..... मैं ठीक हूँ, कुछ नही हुआ मुझे... सैली कहाँ है..
वासू.... सैली को अभी वॉर्ड मे ले जाया गया है, थोड़ी देर मे होश मे आते ही मिल सकते हैं...
इधर नैन ने जब रीति को गौरव से बात करते सुना तभी वापस आ गया... और सीधा अपने ऑफीस पहुँचा....
एसपी ऑफीस ... नैन और अमित...
नैन.... अमित कल की तुम्हारी रिपोर्ट ने इस केस मे नये रास्ते खोल दिए. और थॅंक्स उस लड़की को बचाने के लिए.
अमित.... सर, लोगों की जान बचना हमारा पहला काम है इसमे थॅंक्स कैसा. वैसे पहले मुझे लगा कि ये भी उनके साथ मिली होगी, और मेरे खबरी इसका पिछा करने लगे, पर ये अचानक से कूद जाएगी, किसी ने सोचा भी नही था. वैसे सर अभी हम चाहे तो उस लड़की इंदु को इनटेरगेशन के लिए बुला सकते हैं.
नैन.... नही, अभी उड़ने दो, आपस मे ही तो लड़ रहे हैं, लड़ने दो. कोई अच्छे आदमी का मर्डर थोड़े ना हुआ था, कमीना था साला मर गया.... अभी शांत रहते हैं और अपने टारगेट पर ध्यान देते हैं. यदि इस लड़की को इनटेरोजरप्षन के लिए बुलाया तो सब चौकन्ने हो जाएँगे.
दोनो की चर्चाएँ हो ही रही थी, तभी अमित के पास हॉस्पिटल से फोन आ गया.... "सैली को होश आ गया है"
अमित के साथ नैन भी निकल गया.... आज कई सालों बाद पे बॅक टाइम था.... उन लोगों से मिलने का जिन लोगों ने कभी नैन के दिल पर वॉर किया था. पोलीस की टुकड़ी के साथ नैन जैसे ही वॉर्ड के पास पहुँचा, गौरव उसे देख कर हैरान रह गया.
गौरव किसी भी तरह से बस सैली से मिलना चाहता था, लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन को सख़्त हिदायत थी कि बिना पोलीस के बयान लिए किसी को नही मिलने देने का...
यूँ तो गौरव कभी सपने मे भी नैन से बात करने की कोशिस नही करता, लेकिन बात अभी उसकी नही सैली की थी, इसलिए गौरव मिन्नत करते हुए नैन से कहा.... "क्या मैं भी साथ अंदर चल सकता हूँ"
नैन ने अपने साथ अमित को और बाकी सब को अंदर आने के लिए कहा.... सैली आँखें खोले बस चुप-चाप वहाँ के महॉल को देख रही थी, और सोच रही थी उसे बचाया किसने...
जैसे ही सैली की नज़र उसके दोस्तों पर गयी, वो फुट-फुट जर रोने लगी... गौरव भागता हुआ सैली के पास गया और उस से उसकी हालत का कारण पुछ्ने लगा.... पर सैली सिवाय रोने के और कुच्छ नही कर रही थी...
किसी तरह शांत होती हुई सैली, नैन को अपने पास बुलाई और उस के सामने हाथ जोड़ ली.... सैली के ऐसा करते ही गौरव हैरानी से बस सैली को देख रहा था, उसके तो पल्ले कुच्छ पड़ ही नही रहा था.
सैली..... क्रेज़ी बॉय मुझे माफ़ कर दो, उस दिन नैन सही बोल रहा था, मैं ही अपने बदले मे अंधी हो गयी थी और तुम दोनो की दोस्ती के बीच दरार ले आई .... मुझे मालूम है गौरव, ये जान ने के बाद तुम मुझ से नफ़रत ही करोगे, पर मुझे सब मंजूर है, क्योंकि अब खोने के लिए मेरे पास कुछ नही बचा.
एक अरसा बीत गया था इस बात को, और जब सच सामने आया तो गौरव के पाँव तले से ज़मीन खिसक गयी... गुस्से से पागल होता गौरव उसे खींच कर दो तमाचा लगाया.... अमित और नैन ने आँखें दिखाते हुए उसे साइड किया....
रीति.... गौरव माना कि सैली ने ग़लती की थी, उसकी ग़लती का हम सब को पहले से पता था, तो हम क्या करें... कोई ग़लत राह पर चला गया है तो उसे वैसे ही चलने दिया जाए. या वो वापस आने का मौका ढूंड रहा है तो उसे वापस आने दिया जाए".
"एक बात और ... कोई तबतक हमे नही भटका सकता जबतक हमारे मन के अंदर किसी के लिए ग़लत विचार ना आए... ज़रा इस पर भी सोचो"....
गौरव, रीति की बात सुन कर बस मायूस एक कोने मे खड़ा हो गया.... चुप-चाप. नैन से माफी माँगने के बाद सैली ने रीति और वासू के सामने भी हाथ जोड़ लिए... और हाथ जोड़े कहने लगी.....
"रीति, वासू ... अपने अहंकार मे मैने तुम दोनो से भी बहुत बुरा बर्ताव किया... मुझे पता नही क्या हो गया, मैं बस गुस्से वाली थी पर बुरी नही. लेकिन अपने ही काम को सही मानते-मानते मैं कब बुरी हो गयी मुझे पता ही नही चला"....
और सबसे आखरी मे गौरव के सामने हाथ जोड़ती फुट-फुट कर रोती हुई कहने लगे.... मेरा क्रेज़ी बॉय, मैं तो बस बदला लेना चाहती थी अपमान का और उसी चक्कर मे तुमसे प्यार का नाटक की, पर साथ रहते-रहते कब मुझे तुम से प्यार हो गया मुझे पता ही नही चला... लेकिन अब सब ख़तम हो गया... हो सके तो मुझे माफ़ कर देना....
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