RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
हिमांशु, इंदु की बात पर केवल मुस्कुराया, और इंदु का सिर को दबाते हुए अपने पैंट से लगा दिया.... इंदु भी आगे समझती हुई... उसके पैंट को चड्डी साथ उतारती, नीचे घुटने मे आने दी, और उसके सोए लिंग को मुँह मे लेकर चूसने लगी....
"ओह.... मज़्ज़ाअ एयेए रहहाअ हाईईइ ..... चुस्स्ूओ ... और ज़ोर से"
इंदु भी उसके लिंग को लेकर मुँह मे चुस्ती रही.... हिमांशु ने इंदु का सिर पकड़ लिया और ... मस्ती मे ज़ोर-ज़ोर से अपने लिंग पर उसे आगे पिछे करने लगा.....
फिर बहन पकड़ कर इंदु को झटके से उठाया.... और उसे पिछे घुमा कर, उसे छत की बौंड्री से टिका दिया.... नीचे से उसके टॉप को उसकी कमर पर जाने दिया, और पैंटी को नीचे किंच कर टाँगों मे कर दिया.
लिंग को योनि मे टिकाया... और तेज से झटका मारा....... "आहह, मज़ा आया मॅच का"
"अहह, शुरुआत तूऊ जोर्र्र्दारररर हाीइ, इसस्शह काब्ब्ब टककक त्कोगीईए, आह्ह्ह्ह्ह्ह"
धक्के मारते हुए, उपर की जीप खोल कर हाथ को पिछे से आगे जाने दिया और दोनो बूब्स को ज़ोर से दबाते हुए... धक्का लगाने लगा....
कुच्छ देर पिछे से धक्का लगाने के बाद ... इंदु को सामने की ओर मोड़ दिया... इंदु ने जल्दी से अपनी पैंटी अपने टाँगों से निकाली, और अपने पाँव हिमांशु की कमर मे डाल उसकी गोद मे चढ़ गयी... हिमांशु भी धक्का लगाता हुए.. अपना मुँह उसके दोनो बूब्स के बीच मे डाल दिया....
अचानक ही इंदु नीचे गिरी, और उसके उपर हिमांशु.... और हिमांशु का भेजा बाहर. स्नीपर की एक गोली निकली और हिमांशु का काम तमाम. खून के साथ कुच्छ माँस के टुकड़े भी इंदु के चेहरे पर बिखर कर लग गये थे.
पहली बार ऐसा नज़ारा देखी थी..... इंदु को देख कर ही तुरंत उल्टी आ गयी, और उसे चक्कर सा आने लगा...
इंदु का मोबाइल बजा... बदहवास हालत मे मोबाइल उठाई....
किशोर.... यू फूल ... वहाँ बेहोश हुई तो दूसरी गोली तुम्हारे भेजे मे होगी, चलते हुए कपड़े ठीक करो और जल्दी से छत के लेफ्ट कॉर्नर मे पहुँचो.
इंदु किसी तरह खुद मे हिम्मत करती, वहाँ से उठी, नीचे छत से अपनी पैंटी समेत उसे पहनी, पिछे हाथ डाल कर अपनी जिप को उपर करती, रुमाल से चेहरा सॉफ की. भाग कर बल्डिंग के लेफ्ट कॉर्नर मे पहुँची....
वहाँ एक लिफ्ट बना था... किशोर ने उसे सीधा बेसमेंट मे पहुँचने के लिए कहा... बेसमेंट मे पहले से ही एक कार पार्क थी, जो किशोर के इशारे पर सीधा लिफ्ट के सामने खड़ी हो गयी...
अजीत और चिंटू, इंदु को थामते हुए कार के अंदर ले आए, और कार स्टार्ट होकर चल दी... इंदु जब से कार मे पहुँची, वो बस खून को याद कर के केवल उल्टियाँ कर रही थी....
चिंटू और अजीत ने उसे फिर से उसी घर मे छोड़ दिया, जहाँ इंदु तैयार हुई थी... और दोनो वहाँ से निकल गये.....
उसी दिन की एक कहानी ... वासू और रीति के साथ भी हो रही थी.... जब सैली के साथ एक दुखमय कांड ने उसे अंदर से झकझोर कर रख दिया, और इंदु जो दोस्ती तक को बेच आई थी, वो अब किसी के मडर प्लॅनिंग का भी हिस्सा थी......
एरपोर्ट पर हुए हादसे के बावजूद .. नैन ने परवानू घूमने का प्लान बनाया.... रीति बस इस बात से खुश थी कि नैन को कितना ख्याल है सबका, और इस घटना से हम कहीं घबराए ना हो इसलिए वो हमे परवानू घुमाने ले जा रहे हैं....
पर एसपी साहब तो हिमाचल की वादियों मे जान बुझ कर उस जगह पर आज ही जाना चाहते थे... परवानू एक इंडस्ट्रियल एरिया था जहाँ कयि दवा कोम्पनी के मॅन्यूफॅक्चरिंग यूनिट थे... और गूव्ट. की परमिशन से कई कोम्पनीएस को बल्क ड्रग्स सप्लाइ किया जाता था... दवा बनाने के लिए...
कुच्छ गहरे राज ... इन वादियों मे भी छिपे थे, इन सब से परे... इधर तीनो रीति, वासू, और अनु बस घूमने के लिए तैयार होकर नैन का इंतज़ार कर रहे थे......
आइजी टू नैन.......
आइजी.... नैन क्या इस वक़्त तुम्हारा जाना सही होगा..
नैन... सर आप मुझ पर विस्वास रखिए..... यहाँ जो कुच्छ भी हो रहा है, उसके पिछे जो दिखता है वो नही... और जो है उसके लिए ही जा रहा हूँ...
आइजी... ठीक है... तुम्हे मैं अपने भरोसे पर जाने दे रहा हूँ... बेस्ट ऑफ लक माइ बॉय... ये एक पोलीस वाले पर हमला हुआ है... कोई बचना नही चाहिए....
नैन अपने ऑफीस का काम समेट कर वापस आया... इधर तबतक सब लोग तैयार हो चुके थे...
सब का बस यही कहना था... "एक दिन के लिए जा रहे हैं, वो भी इतना लेट... "कब जाएँगे, कब आएँगे"
नैन सबको शांत रहने और चुप-चाप बस चलने के लिए कहा... सब फिर से वापस देल्ही एरपोर्ट पर पहुँचे... सब हैरानी से बस देखते जा रहे थे...
मुँह तो तब खुला रह गया, जब सबको हालिकॉप्टोर् मे बैठने को कहा गया..... सब हेलिकॉप्टोर् मे सवार होकर परवानू की ओर निकल पड़े...
रीति..... मज़े हैं सरकारी अफसरों के ... गूव्ट. भी चोर और उसके पैसे पर मुफ़्त के हालिकॉप्टेर मे घूमने वाले नौकरशाह भी चोर... हहे
नैन.... जूते ही मारने थे तो, अपना सॅंडल उतार कर मार लेती, ऐसे शब्दों के तीर क्यों चला रही हो..
रीति... ओह्ह्ह्ह ! माइ बेबी बुला मान गये, वैसे सच बात होती ही कड़वी है....
एक के बाद सारे लोग बस नैन की खीचाई करते हुए सफ़र का लुफ्त उठाने लगे.... 3पीएम बजे तक सब एक होटेल मे थे... जगह देख कर वासू और रीति काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी घूमने के लिए, जल्दी तैयार होकर बाहर निकल कर पहुँची अनु और नैन के कमरे मे.... और कमरे की एक झलक देखने के बाद..
रीति गुस्से मे.... ये नेनू कहाँ हैं....
अनु.... वो तो कमरे तक आया ही नही, कहने लगा उसकी तबीयत कुच्छ ठीक नही लग रही, मैं डॉक्टर से चेक-अप के बाद सीधा साइट पर मिलता हूँ...
रीति.... हुहह ! झूठे कहीं के... जब नही घूमने का मन था तो ज़बरदस्ती लाए ही क्यों... आप दोनो जाओ मैं नही जाती कहीं भी...
वासू की आँखें दिखाने पर रीति भी घूमने चली गयी, पर अंदर ही अंदर काफ़ी चिढ़ती रही, जब भी वासू और अनु की नज़दीकियाँ देखती तो नैन को याद कर के खूब कोस्ती....
तकरीबन एक घंटा जब घूमते हो गया... तब नैन ने अनु को फोन लगाया..... "अनु मेडम के मिज़ाज कैसे हैं"
अनु.... उम्मीद से ज़्यादा रोमॅंटिक है, जल्दी आ जाओ नही तो आज तुम्हारी खैर नही...
नैन... एक काम करो, लोकेशन बताओ, और जब मैं नेक्स्ट मिस कॉल करूँ तो रीति के पास से हट जाना...
दस मिनिट बाद नैन ने मिस कॉल किया, और अनु, वासू को चुप-चाप लेकर वहाँ से निकल गया... नैन आहिस्ते पहुँचा और उसके कानो के पास फूँक मारते अपने उंगली को गर्दन पर फेरने लगा...
रीति अचानक से पिछे मूडी, एक झलक नैन को देखी, और गुस्से मे "हुहह" करती अपने कदम आगे बढ़ाने लगी....
नैन.... रीति बात तो सुनो, प्लीज़ गुस्सा होकर मत जाओ..
रीति चुप चाप चलती रही बिना कुच्छ कहे... इन दोनो के पिछे अनु और वासू भी चल रहे थे.... और इनकी नोक झोंक का इंतज़ार कर रहे थे...
नैन दौड़ कर आगे बढ़ा और रीति का रास्ता रोक लिया....
रीति.... हट जाइए मेरे रास्ते से, जब साथ घूमना ही नही था तो,ले कर ही क्यों आए... अब तबीयत ठीक हो गयी क्या आप की
नैन.... सूओ सॉली, अब माफ़ भी कर दो और मेरे साथ इंसाफ़ भी करो...
रीति... कोई माँफी नही मिलने वाली, वैसे भी मेरे पाँव दुखने लगे हैं... मैं थक गयी हूँ और वापस जा रही हूँ...
रीति का इतना कहना था कि तुरंत एसपी साब एक्शन मे आ गये और उसे गोद मे उठा कर चलने लगे... "अब तो तुम्हारे पाँव तो नही थकेंगे ना"
वासू.... वॉवव ! हाउ रोमॅंटिक अनु... तुम कब मुझे गोद मे उठाओगे...
अनु.... रीति की तरह हल्की हो जाओ वासू तब... तुम्हे उठाने के चक्कर मे कहीं मैं ही ना उठ जाउ..
वासू आँख दिखाती... तुमने मुझे मोटी कहा अनु... हाउ मीन.. जाओ अब मैं तुमसे बात नही करती...
अनु... ससिईईईई... चलो चुप-चाप...
अनु और वासू.. फिर चुप-चाप हो गये दोनो के पिछे-पिछे...
रीति... क्या कर रहे हैं... अब प्लीज़ नीचे भी उतारो...
नैन.... तुम ही तो कही मैं थकि हूँ... इसलिए गोद मे उठा लिया... अब तो घुमोगी ना साथ मे
रीति... उफ़फ्फ़ ओ' ये क्या बच्पना है, अब नीचे भी उतारो...
नैन.... सुनो कुच्छ दिल मे आया है अभी...
रीति.... ह्म्म्मच सुनाइये जी...
नैन..... दिल कह रहा है ...
रीति... पर बोल तो मुँह से रहे हैं... दिल को ही कहने दिनिए...
नैन.... हां दिल की ही ज़ुबान है.. जो लबों तक आई है...
रीति.... ओके जी .. सुनाइये जी
नैन...... दिल कह रहा है तुम से कहने ... तुम गुस्से मे काफ़ी प्यारी लगती हो... पर साथ मे ये भी कह रहा है कि ... तुम्हारी नाराज़गी इस दिल से बर्दास्त नही होती... इसलिए क्या आप गुस्सा छोड़ कर थोड़ा प्यार से पेश आएँगी... मैं नही ये दिल की आवाज़ है...
रीति.... दिल को बोलो मुझे मनाए... फिर मैं सोचूँगी.....
नैन.... पर मुझे मनाना नही आता...
रीति.... अभी बात कौन कर रहा है... आप या आप का दिल...
नैन... ओह्ह्ह सोरररी .... हां ... मसेजिंग टू हार्ट .... हार्ट जी रिप्लाइ दीजिए .....
रीति... लगता है आज नही रिप्लाइ आएगा ... मुझे नीचे उतारिये... मैं चली ही जाउ...
नैन.... आरीए अभी तो ठीक से आई भी नही, और अभी से जाने की बातें... प्लीज़ बेबी ये जाने की बात बोल कर मुझे डराया मत करो.... तुम्हारे जाने का नाम सुनकर ही बेचैनी से दिल धड़कने लगता है.... क्या तुम्हे कभी ये फील नही होता....
रीति.... एमोशनल ब्लॅकमेलिंग मुझे पसंद नही ....
नैन.... लो सच कह रहा हूँ तो एमोशनल बलॅकमलिंग हो गया... ठीक है बाबा... अब थोड़ा मुस्कुराओ तो... मुस्कुराती हुई बहुत ही प्यारी लगती हो....
रीति मुस्कुराती हुई .... सच..
नैन... हां बाबा सच...
रीति.... और...
नैन..... तुम इस दुनिया की सबसे खूबसूरत और प्यारी लड़की हो...
रीति... नही, ये आप झूट कह रहे हो... मैं सुन्दर नही...
नैन.... पागल, मेरी नज़रों से देखो... तुम कितनी प्यारी सुन्दर हो... मेरे लिए तो.... सिर्फ़ तुम .. और कोई दूसरा नही...
रीति.... और..
नैन.... तुम तो मेरी स्मीली हो, तुम्हारा पास होना ही मेरे लिए पूरी दुनिया है... मैं बस अंदर से नाचने और झूमने लगता हूँ.... आइ लव यू बेबी ... आइ लव यू सो मच...
रीति, नैन के होठों को चूमती हुई.... आइ लाइक उउउ वेरी मच ... और कहिए ना..
नैन.... और जब भी तुम नही होती हो बस मैं तुम्हे ही पूरा दिन याद करता हूँ... ठीक से कुच्छ कर भी नही पता....
रीति.... पर ये तो ग़लत है, आप काम पर ध्यान क्यों नही देते...
नैन.... क्योंकि जिंदगी पर ध्यान ज़्यादा ज़रूरी है मेडम. जब तुम मेरी जिंदगी मे होगी तो मुस्कुराते हुए सारा काम कर लूँगा... अभी तो डरा सा रहता हूँ, कहीं कोई और तुम्हे ले गया फिर मेरा क्या होगा.....
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