RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
नैन ने सबको अपने फ्लॅट की चाबी दिया... और कुच्छ कॉन्स्टेबल के साथ, उन तीनो को भेज दिया अपने घर.
इधर फाइरिंग की खबर मीडीया मे भी आ गयी थी, जब इंदु न्यूज़ मे नैन का चेहरा देखी तो दंग रह गयी, उसके पसीने छूट गये....
चुकी इंदु, नैन को कई बार देख चुकी थी रीति के साथ, और यदि नैन एसपी है तो उसे सैली का सच पता लगते देर नही लगेगी.... वो तुरंत मिनिस्टर से कॉंप्रमाइज़ कर के सारी सच्चाई बयान कर देगा... और अंत मे फसेगि वो, और सैली....
इंदु, घबराई सी हालत मे विक्की को कॉल लगाई... विक्की इस वक़्त अमोल से मिलने के लिए ही निकल रहा था, इंदु का कॉल पिक-अप कर के काम पुच्छने लगा...
इंदु.... न्यूज़ देखा ... देल्ही के एसपी पर हमला
विक्की.... हां साला बच गया, अब ये और इसका पूरा डिपार्टमेंट हमारे पिच्छवाड़े मे डंडा करेगा...
इंदु.... एक खबर और है सुनते जाओ, शायद काम आ जाए....
विक्की.... क्या...
इंदु.... नैन जो है वो रीति का बाय्फ्रेंड है, ये वही लड़की है जिसने उस मिनिस्टर के लड़के को फसाया...
विक्की.... क्या ... ओह्ह माइ गॉड.. फोन रखो, और ये बात किसी को बताना मत...
इंदु मुस्कुराती कॉल को रख दी... तभी उसके मोबाइल पर गौरव का कॉल आया.... "ओह्ह्ह, अब इसको क्या हो गया... ज़रूर ये सैली के बारे मे पुच्छ कर पकाएगा... बजने दो फोन, मैं नही उठा'ती....
इंदु, गौरव के किसी कॉल को रेस्पॉंड नही की, इधर गौरव, इंदु की इस हरकत पर ... जल भुन कर सीक कबाब हो गया था....
इंदु अपने आगे का सोचने लगी, कि किस किरदार को कहाँ फिट करे ताकि उसके उपर जाने की राह खुलती चली जाए... लड़कियों का पता बता कर, और एसपी के गर्लफ्रेंड का खुलासा कर के उसने एक विस्वास तो हासिल किया, पर उसे किसी चम्चे के नीचे काम करना पसंद नही आ रहा था, इसलिए वो जल्द से जल्द बॉस से मिलने की प्लॅनिंग कर रही थी....
इंदु के एक झूठ और मन के लालच से सबकी कहानी और भी उलझती ही जा रही थी, और इंदु अपने उपर बढ़ने की लालच मे अपने ही दोस्तों को फसाए जा रही थी.... ये इंदु की अंजान राहें ... कितनो को ... अलग अलग राह पर चलाएंगी ... ये तो आने वाला वक़्त ही तय करता.
इधर... रीति, वासू, और अनु तीनो नैन के घर पहुँचे... देल्ही के एरिया के हिसाब से काफ़ी बड़ा फ्लॅट था उसका ... ऐसा लग रहा था, दो फ्लॅट के बीच का दीवाल गिरा कर एक सिंगल फ्लॅट मे तब्दील कर दिया गया हो....
वासू, फ्लॅट मे घुसते ही कहने लगी...... हाय्यी, आज क्या सोचा था, हम रोमॅंटिक जर्नी पर होंगे, पर तेरे पोलीस वाले ने तो ऐक्शन जर्नी बना दिया रीति....
रीति.... मुझे उनकी चिंता हो रही है.... मैं उनको कॉल करती हूँ....
रीति कॉल लगाने ही वाली थी कि घर का बेल बजा... जब दरवाजा खुला तो सामने नैन था... रीति जैसे ही नैन को देखी उस से बस लिपट कर पुच्छने लगी.... "कैसे हैं आप, कुच्छ पता चला गोली किसने चलाई"
नैन.... रीति कहानी काफ़ी उलझी है, हम भी सुलझा नही पा रहे इस कहानी को...
अनु.... हेलो, नैन सर... मैं हूँ अनु... सोचा आप कहानी बताए उस से पहले मैं अपना परिचय दे दूं....
नैन.... नाम वमिश शुक्ला, पर लोग अनु के नाम से जानते हैं... वाराणसी और आस पास के इलाक़े मे फैले अपने पापा के बिज़्नेस की चैन को नॅशनल लेवेल तक ले जाने की ख्वाहिश है आप की. ऑक्स्फर्ड मे बिज़्नेस मॅनेज्मेंट तीन दिन पहले ही पूरा किया है... और अपने बिज़्नेस का पहला यूनिट लॉंच करने के इरादे से आप देल्ही के हार्ट, यानी कनाट प्लेस मे एक ऑफीस का जुगाड़ लगा रहे हैं... इसके अलावा और भी डीटेल हैं.. कहो तो अभी बता दूं या वासू के जाने के बाद....
वासू, अनु को घुरती हुई नैन की ओर देखते हुए पुच्छने लगी...... नेनू, अभी इसकी करतूत बताओ मैं इसका सारा हिसाब अभी ही कर दूँगी... मुझे तो बताया दो महीने बाद फ्री होगा... लेकिन ये तो दो दिन पहले ही फ्री हुआ.... आज सारे राज खोल दो, मैं एक साथ सारा हिसाब कर दूँगी...
रीति.. नैन से.... ये आप भी क्या लगा रखे हैं, चुप नही रहा जाता क्या....
नैन.... मुझे क्यों गुस्से मे आँख दिखा रही हो बेबी... मैने तो सच ही कहा था....
वासू, रीति को घुरती हुई.... रीति की बच्ची चुप कर, नही तो गला घोंट दूँगी तुम्हारा भी... नाइनुऊऊ.. चुप क्यों हो बोलूऊ
नैन.... अरे बाप रे, इसे थानेदार्नी बना दो, सारे चोर इसका चिल्लाना सुन कर ही सरेंडर कर देंगे.... सुनो ये तुम्हारे काम की बात है.... अनु एक समझदार लड़का है.... और जिसने भी मुझे इसकी इन्फर्मेशन दिया उसने तारीफ के अलावा कुच्छ नही किया... सो चिल वासू... और बहुत दिनो बाद मिले हो... थोड़ा घुमो-फ़िरो... लाइफ एंजाय करो... अब बेलन अनु के सिर पर चलना तो उम्र भर लगा रहेगा....
रीति... हद है..... हम यहाँ आप के लिए परेशान हैं, और आप हैं कि बात को गोल-गोल घुमा रहे हैं.... अब बताइए भी क्या हुआ....
नैन, पानी के दो घूँट पीते हुए कहने लगा......
"आज से कुच्छ दिन पहले, मैने दो लड़कों को पकड़वाया था, वो मेरा ही केस था... और आज मुझ से वो केस लेकर, किसी दूसरे ऑफीसर को सौंप दिया गया... और ठीक आज ही मेरे उपर हमला हुआ"
अनु... ह्म्म्मम ! मतलब उस लड़के का कोई चाहने वाला आप पर हमला करवा रहा है....
नैन.... नही ये तो जो सामने की सोच है, और जो तत्कालिक स्थिति है उस से यही समझ मे आता है... लेकिन.....
"किसी को भी पता नही था, कि ये केस किस ऑफीसर के अंडर है, यदि आइजी ऑफीस से भी ये बात लीक होती भी है, तो भी कोई मुझ पर उस केस के लिए हमला नही करता... क्योंकि पूरे शक़ का सुई उनपर ही घूम जाता.... एक केस और है, जो मेरे हाथ मे है... और देखा जाए तो हमारे बीच चूहे-बिल्ली का खेल चलता रहता है... पर कोई गॅंग वालों मे इतनी हिम्मत नही कि पोलीस पर यूँ दिन के समय हमला करवाए"
रीति.... ह्म्म्म्म फिर ये कौन है नेनू.....
"कोई तो तीसरा है रीति... जिसकी नज़रें काफ़ी दूर तक है... कोई तीसरा तो है... जो इस खेल का पूरा फ़ायदा उठा रहा है.... कोई बड़ी साज़ीस है, जो चाहती है पोलीस का ध्यान उन्ही केस पर रहे जो वो सॉल्व कर रही है... और जल्द से जल्द सॉल्व करे उसे.... कोई तो है... जो चाहता है... मेरा केस जल्दी सॉल्व हो, ताकि वो कोई बड़ा फ़ायदा उठा सके... पर ऐसा कौन हो सकता है... कौन"
साजिस की बू तो आ रही थी, पर वो कौन हो सकता था. नैन गंभीरता से अपनी बात कहते हुए जब सब के चेहरे देखा तो हँसने लगा.....
"ओह माइ गॉड, इतने सीरीयस क्यों हो गये सब, ये सब तो चलते रहता है, चिल यार ... अभी तो हमें एक दिन की छुट्टी मिली है... चलो कहीं पार्टी किया जाए"
अनु... इतना बड़ा हादसा हुआ है अभी-अभी, और तुम पार्टी करने का सोच रहे हो...
नैन अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए.... दोस्त मरना और जीना वो हमारे हाथ मे नही, यदि अगले ही पल मरना है, तो क्यों ना अपने लव की बाहों मे मरूं, बजाय इसके सोच-सोच कर घुट'ता रहूं... "बाहर निकला तो मर जाउन्गा"....
रीति.... हद है, आप सब बंद करेंगे ये सब बातें, या मैं यहाँ से चली जाउ....
वासू... हां रीति सही कह रही है... और नेनू का प्रस्ताव भी पारित ... तो बताइए एसपी साब कहाँ घूमने चला जाए....
नैन... परवानो चलते हैं, वहीं घुमा जाए....
रीति.... वाहह ! मेरी भी इक्छा थी इस जगह पर जाने की, माँ मनसा देवी के मदिर हो आउन्गि..
वासू... ये जगह कहाँ है....
नैन..... हिल स्टेशन है छोटा सा... हिमाचल परदेश मे पड़ता है.. तकरीबन देल्ही से 250 किमी दूर
रीति.... इतना दूर, जाते आते ही पूरा दिन निकल जाएगा, घूमेंगे खाक वहाँ पर .. कोई नज़दीक की जगह चलो..
अनु.... हां.. हां रीति सही कह रही है... कोई नज़दीक की जगह चलो...
नैन.... जाने आने की चिंता क्यों करते हो.... मैं हूँ ना... सब तैयारियाँ करो बस ... मैं एक घंटे मे वापस आता हूँ.... रीति मेरे जाने की भी तैयारी कर लेना प्लीज़...
नैन सबके घूमने का प्लान बना कर वहाँ से निकल गया.....
इधर, इंदु भी अपने पहली बड़ी डील की तैयारियों मे जुटी हुई थी... 12:00 बजे के करीब वो भी सैली के साथ बुटीक पहुँच गयी.
इंदु खाली बैठी बैठी बस आज के डील की लिस्ट चेक कर रही थी, सैली कॅबिन मे नशे मे धुत सोफे पर लेटी नशे के आगोश मे थी, यही कोई एक घंटा बिता होगा बुटीक मे, तभी वहाँ अमोल पहुचा.
अमोल, देखा जाय तो विक्की का बॉस ही था, जो विक्की को बड़े-बड़े काम देता था. लेकिन ये जगह ही कुच्छ ऐसी थी कि यहाँ उपर वाले को हटा खुद उसकी जगह लिया जाता है. अमोल ये भली-भाती समझता था विक्की की नज़र कहाँ है, लेकिन पर्दे के पिछे से ही विक्की का खेल चल रहा था, इसलिए अमोल भी पर्दे के पिछे से उस के सारे दाँव बेकार करता चला जाता.
अमोल के पास यदि विक्की से अच्छा कोई विकल्प होता तो वो कबका विक्की को उपर पहुँचा चुका होता पर विक्की उसका सबसे मुनाफ़ा देने वाला आदमी था, इसलिए बस सही वक़्त की राह देख रहा था.
अमोल को अपने बुटीक मे देख इंदु को काफ़ी आश्चर्य हुआ... वो एक अच्छे मेजबान की तरह, दो पेग बना कर एक अमोल को बढ़ा दिया, और एक खुद पीने लगी....
"अमोल सर, आप को देख कर काफ़ी खुशी हुई, मुझ जैसे छोटे लोगो के पास आप आए ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है"
अमोल.... ह्म्म्मे ! काफ़ी समझदार हो, ये लड़की कौन है जो यहाँ है...
इंदु... फ़िक्र की कोई बात नही है अमोल सर, ये लड़की अपनी कठपुतली है... कल को कुच्छ यहाँ हुआ तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी यही तो उठाने वाली है...
अमोल... ओह्ह्ह, काफ़ी स्मार्ट हो.... और काफ़ी दूर की भी सोचती हो, तो बताओ तुम्हारे सपने क्या है...
इंदु आगे की ओर थोड़ा झुक कर... अमोल की जांघों पर अपना हाथ रखती कहने लगी...... "ख्वाब तो उँचे हैं सर, और लगता है सही राहों पर चल रही हूँ".
अमोल.... हां, सही राहों पर चल भी रही हो, और सही इरादों के साथ, बॉस बहुत खुश हैं तुमसे... आज तुमने जो इन्फर्मेशन दी है, उसके बिना पर हम आगे का खेल, खेल सकते हैं...
इंदु.... कौन सी इन्फर्मेशन अमोल सर
अमोल... उस ऑफीसर और उसकी गर्लफ्रेंड की इन्फर्मेशन.... बॉस काफ़ी खुश हैं तुम से और आज से तुम्हारा बिज़्नेस सेपरेट होगा... विक्की को दूसरा काम दिया जाएगा... और वो तुम से अलग हो रहा है. क्या ये सब तुम अकेले संभालने के लिए तैयार हो..
इंदु खुशी से उछलती हुई.... आप मुझ पर विस्वास कीजिए, मैं हर मामलो मे सबसे आगे रहूंगी.
अमोल... देखेंगे, फिलहाल आज की जो यहाँ डील होनी थी वो कॅन्सल हो गयी है... अभी तुम्हे एक काम पूरा करने जाना है...
इंदु... कौन सा काम
अमोल.... तुम बाहर जाओ, और गेट पर तुम्हे दो आदमी मिलेंगे.. वो बाकी सब कुच्छ बता देंगे.. तबतक मैं भी थोड़ा यहाँ एंजाय कर लेता हूँ...
एंजाय के शब्द बोलते हुए अमोल ने बड़ी हवस भरी नज़रों से सैली को देखा, और इंदु की ओर इशारा किया..
इंदु मुस्कुराती अपना बॅग उताई, और चलते-चलते कहने लगी.... "सर, मेरी दोस्त का थोड़ा ख्याल रखना"... और कहती हुई बाहर चली गयी.....
इंदु चली गयी, अमोल ने उठकर विश्की का एक पेग बनाया... और उसे एक बार मे ही पूरा पी गया... दो तीन पेग पीने के बाद, हवस भरी नज़रों से देखते हुए सैली के पास आया.
सैली ड्रग के नशे मे चूर, बिल्कुल मदहोश अपने जिस्म पर हाथ फेरती अलग ही दुनिय मे मदहोश थी. जब से अमोल आया था, सैली को देख-देख बस पागल हुआ जा रहा था....
भूकि नज़रें सैली के जिस्म पर... और अपना हाथ ले जाकर सीधा सैली के स्कर्ट के अंदर डाल दिया... उसकी पैंटी के उपर से योनि पर हाथ रगड़ते हुए, दूसरे हाथ से उसके होंठो मसलने लगा...
नशे मे मदहोश सैली अपने हाथों से अपने बूब्स को दबाती हुई.... "उफफफफफफफफफ्फ़, आहह, अहह" करने लगी .....
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