RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
नैन दोनो को हॉस्टिल तक छोड़ने चला गया... गेट पर भी दोनो का रोमॅंटिक फीवर जारी था, जिसे वासू दौड़ती हुई रीति को अंदर ले गयी.... नैन वहीं सड़क पर एक एक कदम रखते हुए मुस्कुराता चल रहा था, तभी अचानक ही सैली ठीक उसके सामने आ गयी.......
सैली को सामने देख नैन को बहुत आश्चर्य हुआ, वो उसके पास गया, सोचा अब ये मुँह खोल कर क्या कहने वाली है ज़रा सुन लिया जाए, लेकिन जैसे ही नैन उसके पास पहुँचा, सैली हड़बड़ा कर उसके उपर गिर गयी....
"उन्न्ञणन्, ये अंधेरा क्यों है.... ये रात हो गयी क्या.... उूओहूऊ इट'स पार्टी टाइम".......
"सॉरी, मेरी दोस्त की तबीयत ठीक नही है, हम यहाँ से अपने फ्लॅट शिफ्ट कर रहे थे... इसे गाड़ी मे बिठाई ही थी, कि ये उतर कर भाग आई"
सैली, बिल्कुल होश-हवास खोए... बस नैन के उपर गिर कर बड-बड़ा रही थी, और उसके पीछे इंदु दौड़ते-दौड़ते आई थी, जो नैन से सैली की हालत पर सफाई दे रही थी...
नैन.... कोई बात नही है, ऐसे बारे सहरों मे अक्सर लड़कियाँ भाग जाया करती है, वैसे आप की सहेली को हुआ क्या है...
इंदु.... कुच्छ नही, बस कुच्छ दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था, उसी का सदमा लगा हुआ है...
नैन... ह्म्म्म ! ज़रा ख़याल से .. चलिए मैं इसे आप के गाड़ी तक छोड़ देता हूँ, वरना पता चला कहीं फिर भाग गयी, तो आप जैसी खूबसूरत हसीना .. देल्ही के सड़कों पर रात भर भटक रही है... वैसे सच कहूँ तो आप जैसी हसिनाओ के लिए, रात मे भटकना सेफ नही.. किसी का भी ईमान डगमगा सकता है...
इंदु.... हीएीए... थॅंक्स आ लॉट, इतनी तारीफ के लिए, वैसे एक सच और है.. ईमान डगमगाने के लिए हम रात मे यूँ बाहर निकलते हैं... पर हम वो नही जो किसी के डगमगाए ईमान की शान बन जाए, देख कर ही हाथ मलना उनकी किस्मत है...
दोनो बात करते हुए कार तक पहुँच गये, इंदु हाथ हिलाती वहाँ से निकल गयी.. कार के कुच्छ दूर जाते ही, नैन ने एक ऑफीसर को फोन लगाया....
नैन... अमित एक नंबर नोट करो ... डीएल 80 4789... ये गाड़ी कुच्छ ही देर मे ... तुम्हारी चौकी के पास से गुज़रेगी ... बस फॉलो करो और डीटेल निकालो सबकी ...
अमित... ओके सर, करता हूँ ....
अमित ने कार का नंबर नोट कर के, अपने खबरियों को इत्तला कर दिया, इधर इंदु, सैली को लेकर अपने नये फ्लॅट पहुँच गयी....
सैली को ड्रग का एक और हल्का डोस देकर उसे लिटा दी ... और बाथरूम मे जाकर बात तब मे नहाने लगी ... बाथरूम के अंदर लगे फोन की रिंग हुई ...
इंदु.... कौन..
विक्की .... अभी मिलो... तुम्हारे फ्लॅट के सामने वाले पार्क मे...
इंदु... 10 मिनट मे आई ...
इंदु जल्दी से बाथरूम से बाहर आकर, फ्लॅट लॉक की और विक्की से मिलने चली गयी...
विक्की.... सो माइ डार्लिंग... कैसा लग रहा है....
इंदु... थॅंक यू सो मच विक्की.. मैं आज से पहले इतना कभी खुश नही हुई...
विक्की... चलो अच्छा है, अब थोड़ा ध्यान से सुनो, ये बहुत ज़रूरी है...
इंदु .. हां क्या हुआ सो..
विक्की... याद है तुम्हे, जो मैने सेंट्रल मिनिस्टर के लड़कों के बारे मे बताया था..
इंदु... हां याद है... मिली क्या वो लड़की ...
विक्की... हां भी और ना भी..
इंदु... मतलब..
विक्की ... मतलब ये कि, डिस्को की सीसी टीवी फुटेज चेक किया, और जो सामने आया वो आश्चर्य से परे था..
इंदु... विक्की, सीरियल की तरह बात को क्यों खींच रहे हो, सीधा-सीधा बताओ ना, क्या हुआ है...
विक्की... वो दोनो लड़के, जिस लड़की के साथ थे उस रात, वो लड़की हमारे डिस्को से ही गयी थी, और उस लड़की को तुम ही लेकर आई थी...
इंदु, बिल्कुल शॉक्ड हो गयी, कुच्छ देर अपने सोच मे डूबी रही, फिर एक के बाद कड़ियाँ जोड़ती चली गयी.... सैली का डिस्को से गायब होना... सैली का हॉस्पिटल पहुचना ... सारी बातें...
विक्की.... क्या हुआ, कहीं ये पूरा खेल तुम्हारा तो नही...
इंदु... कैसी फालतू बातें करते हो, मैं तो उस दिन ड्रग की डेलिवरी देने आई थी, और याद नही मैं उस दिन तो खुद परेशान थी, "कि मेरी दोस्त गयी कहाँ'.... और तुम ये वाहयात इल्ज़ाम मुझ पर ही लगा रहे हो...
विक्की.... तो कौन थी वो लड़की, और क्यों फसा दी उन दोनो को...
इंदु.... पहले ये बताओ, नाम बता दिया तो क्या होगा, कहीं तुम लोग उनको कुच्छ करोगे तो नही...
विक्की.... नाम ना बताई तो उनको कुच्छ हो कि नही, पर तुम जान से ज़रूर जाओगी, अब बोलो जल्दी...
इंदु... मैं क्यों भला किसी और के लिए अपने जान की कुर्बानी दूं... और यदि ऐसा है तो वो एक नही दो लड़कियाँ थी... एक का नाम है रीति, और दूसरी है वासू...
विक्की... ये दोनो तो तुम्हारे साथ पढ़ती है ना .. तुम्हारे साथ वाले कमरे की लड़कियाँ...
इंदु... हां ये दोनो वही हैं... दरअसल वासू उस रात मेरे साथ डिस्को आई थी, और रीति बाहर ही रुक गयी... फिर दोनो गयी होंगी मज़े लेने के लिए... अब वहाँ उस घर मे क्या हुआ, और ये दोनो उनको क्यों फसाई ... ये बात तो वही दोनो बता सकती है...
विक्की.... ह्म्म्म ! चलो एक परेसानी दूर तो हुई... अब उस मिनिस्टर से जान छूट जाएगा.... सुनो ... कल बुटिक शाम मे पहुँच जाना ... एक कन्साइनमेंट की डेलिवेरी तुमको करनी है ... काम ठीक से ख़तम कर लेना .....
इंदु.... ठीक है, वैसे कल तुम नही आओगे क्या...
विक्की... नही, कल मुझे अमोल के पास जाना है, उस से मिलकर एक थर्ड पार्टी की डील करनी है.... होगा तो कल वहीं हम सब के बॉस भी मिलेंगे... तुम इधर सम्भालो, और मैं उधर... जब से ये बुटीक खुला है ... सब शुभ ही शुभ हो रहा है ....
विक्की, इंदु को सारी बातें बता कर चला गया..... विक्की के जाते ही इंदु भी अपने फ्लॅट मे पहुँच गयी... और जा कर सीधा बिस्तर पर लेट गयी....
अमित, जो नैन के कहने पर, इंदु का पिच्छा कर रहा था, वो भी यहाँ माजूद था, और दोनो को बातें करते देख रहा था.....
अगली सुबह देल्ही आइजी ऑफीस...
नैन.... सर आप ने मुझे बुलाया ....
आइजी.... हां, नैन ... मामला थोड़ा सीरीयस है, और उपर से काफ़ी प्रेशर आ रहा है... तुम्हे रोहन और भावेश के केस से हटना होगा...
नैन.... ह्म्म्म ! तो मेरे लिए क्या ऑर्डर है सर...
आइजी..... मैं चाहता हूँ तुम ये केस छोड़ दो...
नैन..... एसस्सस्स सर... वैसे एक बात और करनी थी सर....
आइजी.... हां कहो ना...
नैन..... सर मैं अबोधि पूरी का भी केस छोड़ रहा हूँ, आप ये केस भी किसी और को दे दीजिए.
आइ जी.... नैन ये क्या मज़ाक है... तुम ने दिन-रात अपना इस केस पर लगाया है, और तुम इसे बीच मे ही छोड़ देना चाहते हो.
नैन.... क्यों नही सर, कल को इस केस के लिए भी उपर से प्रेशर आ जाएगा और मुझे ये केस छोड़ना होगा ... इस से अच्छा है मैं भी घर मे लेटा रहूं ... और अपनी गोरी-काली कमाई खाट पर बैठा कमाता रहूं ....
आइजी.... किसने कहा कि तुम्हे इस केस से हटाया जाएगा..
नैन.... सर, हटना तो मुझे उन-दोनो के केस से भी नही चाहिए था, पर आज ये हो रहा है ना ...
आइजी.... पागल हो गये हो, यू नीड रेस्ट .. आज की अपने ऑफीस की मीटिंग लेकर थोड़ा घुमो-फ़िरो.. काम की चिंता ने तुम्हारा दिमाग़ खराब कर दिया है ... बाइ-दा-वे तुम्हारा केस मैने तोशिब को दे दिया है... अब तो खुश है ना.... और ये भी कह दिया है.. मैं बार बार ऑफीसर चेंज नही करूँगा..
नैन... ओके सर, थॅंक यू सर... आप की इज़ाज़त हो तो मैं जाउ ....
आइजी.... रुके क्यों हो .. जाओ ना ....
नैन आइजी ऑफीस से सीधा .... अपने ऑफीस पहुँचा... जहाँ सुबह 10 बजे की मीटिंग थी. रास्ते मे ट्रॅफिक की वजह से थोड़ा लेट हो गया......
जब वो अपने ऑफीस के अंदर आया, तो सारे वहाँ के ऑफीसर और हलवदार ... अपने दाँत दिखा कर नैन को सलामी दे रहे थे... और गुड मॉर्निंग कह रहे थे....
"ये इन लोगों को, हो क्या गया है.... नैन बीच मे ही रुका ... और तेज आवाज़ मे पुच्छने लगा.... "तुम सब यहाँ ड्यूटी कर रहे हो, या सुबह-सुबह कॉमेडी मूवी देख कर आए हो, सब 10मिनट मे मीटिंग हॉल मे पहुँचो"
विष्णु सिंग (एसआई).... सर, कॉमेडी मूवी नही कॉमेडी सीरियल देख कर आए हैं.... भाभी जी ऑफीस मे हैं ....
नैन.... ये क्या मज़ाक है विष्णु, वो सेक्टर 9 के चोरी का केस सॉल्व हुआ या उसमे यही लिखोगे .. भाभी जी ऑफीस मे हैं .. और चोर घर मे, केस डिसमिस...
"पता नही आज इन सब को क्या हो गया है, ऐसा तो पहले कभी नही किया"... नैन मॅन मे सोचते हुए अपने कॅबिन मे घुसा... जैसे ही अंदर घुसा .. पीछे से रीति ने कस कर पकड़ लिया....
नैन आगे से हाथ छुड़ाया, और पलट कर एक थप्पड़...... और जब ठीक से देखा तो रीति थी ....
नैन.... सॉरी, सॉरी ... मैं वो देख नही पाया... ड्यूटी पर था, और कोई ऐसे पिछे से पकड़ा तो मुझे गुस्सा आ गया ... सॉरी .. बेबी....
रीति मुस्कुराती हुई.... एक बार सामने से गले लग जाउ ... दूसरा गाल भी रेडी है जी..
नैन.... आज सब बावले हो गये हैं.... रीति... ऑफीस है ये बेबी... तुम जाओ अभी मैं यहाँ का काम ख़तम कर के फोन करता हूँ...
रीति.... हुहह ! निष्ठुर.. इंतज़ार कारवाओगे ... अच्छा ठीक है इंतज़ार कर लूँगी... बस कल का रिटर्न गिफ्ट तो दे दो...
नैन.... रिटर्न गिफ्ट... पर पहले कोई गिफ्ट तो दो...
रीति.... दी तो थी, याद नही क्या....
नैन.... क्या....
रीति... तुम्हारे होंठों पर मेरा होंठ ... अब चलो जल्दी से रिटर्न गिफ्ट करो...
इतना कह कर रीति आँख मूंद कर अपना सिर उपर कर ली.... नैन उसकी ये हरकत देख मुस्कुराए बिना नही रहा सका ... मॅन मे बॅस इतना कहा .. "पागल" और .. हाथ पकड़ कर बाहर ले जाने लगा...
रीति अपना हाथ छुड़ाकर ... ज़ोर-ज़ोर.. चीखने लगी .... "हे राम ! किस निष्ठुर से पाला पड़ा है"...
नैन हड़बड़ा कर उसके पास हुआ, और उसका मुँह बंद कर के कहने लगा.... "आररीए क्यों मरवाने पर तुली हो ... कहा तो काम ख़तम कर के आता हूँ"....
रीति.... उन्न्ञणणन् उन्न्ञणणन् उन्न्ञणन् उन्न्ञनणणन्
नैन..... "ओह" ... और अपना हाथ रीति के मुँह से हटा लिया...
रीति.... नही जाउन्गी, नही जाउन्गी, नही जाउन्गी... ज़रूरत पड़ी तो यहीं तुम्हारे खिलाफ कंप्लेन दर्ज करूँगी.... एसपी साब ने किसी ले लिए और वापस नही कर रहीईईई...
रीति जबतक बात पूरी करती, नैन ने कमर मे हाथ डाल कर.. उसे अपने ओर खींच लिया... दोनो की नज़रों से नज़रें मिली, नैन रीति के चेहरे पर आई दो लटो को... उपर कर के ... अपने होठ धीरे से उसके होठ की ओर बढ़ा दिए....
दोनो के चेहरे इतने पास थे कि, साँसों का टकराव दोनो के चेहरे पर महसूस हो रहा था, रीति की आँखें धीरे-धीरे.. खुद-व-खुद बंद होती चली गयी.....
जब मुलायम से होठों पर पहला स्पर्श हुआ, नैन के होठों का ... तब दोनो की साँसे तेज हो गयी, प्यार की गहराई मे खोते... दोनो एक दूसरे के होठ चूम रहे थे.... दोनो का ये पहला अहसास... होठ जैसे जुड़ गये हो दोनो के.... आँखें नशे के आगोश मे डूब गयी हो... और दोनो प्यार की गहराई मे खोते, बिकुल बे-खबर से... एक दूसरे को चूम रहे थे....
"ओह्ह्ह्ह ... ओह्ह्ह्ह ... सॉरी.... मैं बाद मे आता हूँ".... अमित भी मीटिंग के लिए आया था... जब नैन को आने मे देर हुई तो सारे स्टाफ ने उसे सर के ऑफीस मे ही भेज दिया... और आगे जो हुआ.. उस से, रीति नज़रें झुकाए .. किसी कोने मे खड़ी हो गयी... और नैन बस अमित को जाता हुआ देख रहा था...
रीति... जाओ मैं अब नही बात करती, तमाशा बना दिया मेरा....
नैन.... मैने तमाशा बनाया है... खैर .... छोड़ो ... करो खुद और इल्ज़ाम मुझ पर..
रीति.... जी नही सब आप की ग़लती है... मैं कुच्छ भी करूँ .. पर मुझे रोकना आप का काम .. वैसे एक बात और बता दूं... मुझे रोक टोक पसंद नही....
नैन... जी हुजूर... और कुच्छ जो मुझे जान'ना है..
रीति.... हां .. आप को अभी एरपोर्ट चलना है... वासू का होने वाला हब्बी आ रहा है... उसको पिक-अप करने ..
नैन... पर मेरी तो मीटिंग है यहाँ....
रीति... मुझे कुच्छ नही सुन'ना .. वैसे भी आइजी सर ने आप को छुट्टी दे दी है, अब कोई बहाना नही...
नैन खुद मे सोचा.... "तभी आइजी साब ऐसी बातें कर रहे थे, पता नही इसने क्या कहा होगा... अच्छा चलो उनसे बाद मे निपट'ता हूँ, पहले होम मिनिस्ट्री संभाली जाए...
नैन ने मीटिंग को .. 2 बजे के बाद शिफ्ट किया और रीति के साथ एरपोर्ट की ओर निकल गया... इधर अनु की फ्लाइट आ चुकी थी, और दोनो बाहर आ गये थे .. चारो की मूलककत गेट पर ही हो गयी... सब ने एक दूसरे को देखा .. और पास आ गये .... अभी परिचय शुरू ही होने वाला था.. कि एरपोर्ट के बाहर अचानक से गन फाइयर हुआ ... और गोली की आवाज़ सुन कर, चारो ओर भगदड़ मच गयी.....
निशाना नैन ही था, पर बाहर 8 फिट उँचा एक लगेज ट्रौली ठीक उसी वक़्त सामने आई, जब गोली चली... और गोली जाकर उस लागेज ट्रौली को लगी.... रीति, वासू और अनु तीनो सहम गये... 2मिनट मे ही एरपोर्ट के अंदर के सुरक्षा कर्मी बाहर आ गये.... सारे मुसाफिरों को हिफ़ाज़त से अंदर ले जाने लगे...
नैन, गोली चलने के दिशा की ओर भागा.... काफ़ी छान-बीन किया, पर कोई नही मिला... खबर पोलीस कंट्रोल रूम तक भी पहुँची थी. जब से सारे पोलीस वालों ने सुना था, कि पोलीस पर गोली चली है, सब बौखलाए हर आवारा, हर गुंन्डे की खबर लेने के लिए फैल गये....
|