RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
रीति आगे चलती हुई ही गुस्से मे जबाव देने लगी..... अपना आइ'डी कार्ड देखो झूठे, तुम्हे सब समझ मे आ जाएगा....
अभी चिल्लाते हुए ... गुस्से मे मैं आप से तुम पर भी आ गया... देखने तो दो आइ'डी मे क्या हो गया ऐसा, जो मेडम का पारा चढ़ गया.... ओ' मेडम वैसे सुन लो एक बात ... मैं बस तुम्ही से मरा जाता हूँ बात करने के लिए ... पर तुम हो कि मेरी फीलिंग समझती ही नही.
अभी ने जब अपनी आइ'डी देखी तो सिर पर अपने एक हाथ मारा ... और तेज़ी से रीति के सामने हो गया... अपने दोनो कान पकड़े ... और कहने लगा ... "मैं इस सहर का एसपी... लोग मुझ से डरते हैं, और मैं तुम से ... प्लीज़ अब माफ़ भी कर दो. मानता हूँ थोड़े बहुत झूट बोले हैं, पर कोई बड़ा क्राइम नही किया"....
रीति.... मैं बात ही क्यों कर रही हूँ इस से, चलो वासू हम चलते हैं...
वासू ने फिर एक थप्पड़ जल्दी-जल्दी दोनो को खींच कर दी.... "दोनो जब साथ होते हो, तो मुझे आउट ही कर देते हो, और घंटो बाद मैं सिर्फ़ घर जाने के लिए याद आती हूँ. पागल रीति, खुद गुस्सा करके बाद मे रोती है... अब तो सब सच पता है, फिर अब ऐसा नाटक क्यों"....
अभी.... तुम्हे तो पोलीस मे होना था वासू, जब देखो तब चिपका देती हो... अच्छा है कोई है नही यहाँ, नही तो मीडीया की पहली खबर ये होती. मुझे मारी तो मारी, पर रीति को क्यों मारी....
रीति.... वासूउउउ .... इसने फिर झूट कहा ... इसका नाम नैन है...
अभी मुस्कुराते हुए.... यस आइ आम नैन, पर लोग मुझे प्यार से नेनू कहते है... मुझे प्लीज़ 15 मिनट दो मैं सब समझाता हूँ .....
फिर नेनू ने अपनी बीती जिंदगी के वो राज बताए जिस से उसका दिल टूट गया था. उसने बतया कि कैसे सैली अपने गुस्से और बदले मे अंधी होकर, दो दोस्तों को अलग कर दी, और ये भी कि उस वक़्त रीति और सैली दोनो साथ रहते थे, इसलिए उसने अपना सही नाम नही बताया.
सारी सच्चाई सुन'ने के बाद ... रीति को बड़ा अस्चर्य हुआ कि कोई लड़की अपना बदला लेने के लिए इतनी प्लॅनिंग भी कर सकती है. लेकिन वासू और रीति दोनो सैली का गुस्सा और बद-दिमाग़ सोच देख चुकी थी, इसलिए उसे यकीन हो चला था नेनू की बात सुन कर.
जब सारे गीले शिकवे दूर हुए, तो रह गयी थी इनके बीच सिर्फ़ खामोशी.... दोनो फिर से एक दूसरे मे खो गये .... नज़रे जैसे एक दूसरे पर जमी हुई .... और कहीं कोई नही तीसरा इस महॉल मे ......
कहीं आग लगने से पहले
उठता है ऐसा धुआँ
जैसा है इधर का नज़ारा
वैसा ही उधर का समा
दिल में कैसी कसक सी जगी
दोनो जानिब बराबर लगी
देखो तो इधर से
देखो तो इधर से उधर चुपके चुपके
दो दिल मिले रहे हैं
मगर चुपके चुपके
सबको हो रही है
हां सबको हो रही है
खबर चुपके चुपके
दो दिल मिले रहे हैं
मगर चुपके चुपके
वासू भी दोनो को देखती हुई... वहाँ से चुप-चाप निकल गयी. आज उसका भी मन ना हुआ कि दोनो को किसी भी तरह से डिस्ट्रब किया जाए... शांत खामोश अकेले छोड़ कर वो भी निकल आई.
दोनो खामोश बस एक दूसरे को निहारे हे जा रहे थे, तभी अचानक मौसम ने ऐसी पलटी मारी कि बारिश की फुहारें दोनो के उपर पड़ने लगी.... दोनो का ध्यान टूटा और ... दोनो किसी जगह छिपने के लिए भागे .....
इधर वासू जब रीति और नैन को देखी तो उसकी धड़कने भी अपने प्यार अनु से बात करने के लिए बेकरार हो गयी... वासू, अनु को कॉल करने जैसे ही फोन लगाने वाली थी, उधर से ही अनु का कॉल आ गया......
वासू..... मुआअहह, मुआहह, मुआअहह
अनु..... क्या बात है, आज तो लगता है बरसात सी हो गयी है, इतना हम पर प्यार बरसाने का कारण तो बताइए मेडम....
वासू.... अभी मैं कॉल ही लगा रही थी, कि तुम्हारा कॉल आ गया अनु...
अनु.... ओह्ह्ह्ह हूऊ ऐसी बात है क्या, तो बताइए कॉल क्यों लगा रही थी...
वासू.... हुहह ! अब क्या किसी कारण से ही बात करना रह गया है तुम से, वैसे तो मैं कॉल करती ही नही ना....
और इतना कह कर वासू ने कॉल डिसकनेक्ट कर दी.... अनु ने तुरंत वापस से कॉल बॅक किया, वासू का ने फिर फोन कट कर दी... ऐसा ही तीन चार बार हुआ... वासू, मुस्कुराती हर कॉल को डिसकनेक्ट करती चली गयी.... कुच्छ देर वासू का फोन शांत रहा ... और फिर आया अनु का मसेज.....
"रूठने की अदा इतनी प्यारी है, कि आप की मुस्कान यहाँ तक महसूस करता हूँ...
अज़ी रूठना तो हक़ हुआ आप का, दिन रात आप को ही मनाने की तैयारी करता हूँ"...
मेसेज देख कर वासू का चेहरा खिल गया... फिर भी गुस्से को बरकरार रखती हुई ... मसेज रिप्लाइ की.... मैं आज तुम्हारी किसी भी बातों से पिघलने वाली नही ....
अनु का फिर से रिप्लाइ आया......
"पिघल जाएँगी आप, जब हमारे गिरते आंशु होंगे
अश्कों मे मेरी हर कहानी क्या खूब बयान होगी
मुख्तलिफ इश्क़ तो अधूरा है आप के रूठने की अदा से
उमर भर मना ना लूँ, तब तक ये इश्क़ पूरी कहाँ होगी"
वासू से अब रहा नही गया... और उसने कॉल लगा दी .... अनु बस कॉल उठा कर मुस्कुराने लगा, वासू भी इधर फोन पर मुस्कुरा रही थी.....
वासू.... फिर दोबारा कारण ना पुच्छना कॉल का, नही तो अगली बार मैं मोबाइल ही बंद कर दूँगी... फिर ना मेसेज आएगा, और ना मैं वो मेसेज पढ़ कर पिघल जाउन्गी...
अनु..... जी इस गुस्ताख़ी के लिए बंदा खुद से खुद को 100 कोडे मारने की सज़ा सुनाता है...
वासू.... अर्ररीए.. खबरदार जो उल्टी सीधी हरकत के बारे मे सोचे भी तो.. वरना मुझ से बुरा कोई ना होगा......
अनु.... हा हा हा... अब जैसी भी रहो... बुरी या अच्छी... तुम्हे ही जीवन भर ढोना है...
वासू.... हुहह ! आओ यहाँ फिर मैं बताती हूँ .... मैं बोझ हो गयी जो ढोना पड़ेगा... लगता है बहुत डिनो से तुम्हे डोज नही मिली, इसलिए तुम्हारे पंख निकल आए हैं....
अनु.. बड़ी ही म्यूसी से कहने लगा..... "हां सच ही कही, बहुत दिनो से डोज ही तो नही मिला.... लगता है सब छोड़ कर भाग आउ ... बहुत याद आती है.... और आज का ये मूवी देखने के बाद... मैं खुद को रोक नही पा रहा हूँ... मन करता है, सारी दीवारें तोड़ कर आ जाउ...
वासू.... ये क्या है सोना, अब तुम ऐसे हिम्मत हारोगे, फिर मैं रो दूँगी. अब बच्चे ही कितने दिन हैं.. बस कुच्छ महीनो की तो बात है, फिर हम सदा साथ होंगे... वैसे माना की थी ना.. रोमॅंटिक मूवी मत देखना फिर क्यों देखने बैठ गये....
अनु.... नही बेबी, तुम्हारी याद आई तो गम बुलाने के लिए मूवी ही लगाया, पर तुम्हारी कसम रोमटिक नही लगाया....
वासू.... ओह्ह्ह सोना, वैसे भी कोई भी मूवी हो बिना रोमॅंटिक के नही होती... वैसे अच्छी मूवी थी क्या.....
अनु.... हां बेबी... एक दम मस्त मूवी थी.... मुझे तो हर सीन मे तुम्हारी याद आई...
वासू.... वॉवववववव... नाम बताओ मैं भी देखूँगी...
अनु..... Xक्ष्क्ष टीनेजर....
वासू...... अनुउऊुुुुुुुुउउ, तुम पॉर्न देख रहे थे...
अनु.... हां बेबी, और देखते-देखते तुम्हारी याद सताने लगी.... आह्ह्ह्ह काज़ इस वक़्त हम साथ होते......
वासू.... छ्ह्हि ... गंदे.... मतलब मैं तुम्हे उस काम के लिए याद आ रही हुन्न्ं...
अनु.... अब क्या झूट कहूँ... जब रोमॅंटिक देख कर रोया और याद किया था... तब भी तो फोन किया था ना..... अभी पॉर्न देख कर ... एग्ज़ाइटेड हुआ और याद किया... तो भी फोन कर रहा हूँ ना....
वासू.... हॅट.. मुझे कोई बात नही करनी तुमसे .... तुम देखो पॉर्न ... और एंजाय करो .. मैं चली..
अनु.... अच्छा ... जब तुम राजशर्मास्टोरीडॉटकॉम पर स्टोरी पढ़ने बैठ'ती हो, और एरॉटिक एंजाय करती हो, तब तो मैं कुच्छ नही कहता, और मैने पॉर्न देख लिया तो गंदा हो गया....
वासू... ओह्ह्ह हूओ, तो उलाहना दिए जा रहे हैं ... अच्छा बताओ तो ज़रा ... क्या सब देखा ...
अनु.... मतलब .....
वासू.... मतलब सीन नारेशन करो, मुझे भी सुन'ना है...
अनु..... क्या नरेशन करूँ ..... पूरे मूवी मे तो ..... "ओह्ह्ह बेबी... कम ऑन ... यसस्स ... यसस्स ... फक हार्ड.. ओह माइ गोड्ड़.... ओह माइ गोदडड़... आहह ... ओह.... यासस्सस्स .... आअहह" यही सब डाइलॉग थे ... और बस सेक्स सीन .....
वासू.... हुहह ... शुरू से सूनाओ.... कैसे कपड़े उतारे, किस कैसे हुए, सेडक्षन पार्ट्स... पूरा.... शब्दो मे वर्णन
अनु.... तुम पागल हो गयी हो....
वासू.... हहे, अब बोलती बंद क्यों हो गयी. अच्छा चलो एक ऑफर देती हूँ...
अनु.... कैसा ऑफर ....
वासू.... तुम सीन सूनाओ, यदि आक्ट पसंद आया तूओ.... टूऊ .... टूऊ... समझ गये ... दो फुल-फिल और लस्टी डिज़ाइर वित सेम पॅशन...
अनु.... वॉवववववववववववव ! सुनाना क्या ... मैं लिंक भेज देता हूँ... देख ही लेना...
वासू.... नो, नो, नो मिस्टर.... जो बोली वो करो, वरना ... आज जिस ख्याल से याद किए हो.. वो ख्यालात उम्र भर तक कभी पूरी नही होगी... सोच लो ...
अनु.... आररी बाप रे ... आजीवन शादी के बाद ब्रह्म्चर्य का पालन ... मेरी मति ही मारी गयी थी, जो मैने मज़ाक कर लिया तुम से ... सॉरी बेबी .. साची... मैं पॉर्न नही देख रहा था, बस मज़ाक कर रहा था ......
वासू.... मैं कुच्छ नही जानती, वो तुम्हारी प्राब्लम है तुम देख रहे थे कि नही, मुझे तो बस सुन'ना है ... और नही सुना पाए तो मेरा फ़ैसला तो समझ ही गये होगे...
अनु, अपना सिर पीट'ता हुआ.... "हेययय भगवान मैं कहाँ फस गया .... रूको मैं 10 मिनट मे वापस कॉल करता हूँ"
तकरीबन 5 मिनट बाद ही अनु का कॉल वापस आ गया.... और वो कहने लगा .... "रेडी" ....
वासू.... हां रेडी ... अब चलो शुरू करो ....
अनु...... हां बाबा सुनाता हूँ.........
"एक जवान लड़का"
"उफफफफफफफफफफ्फ़, कैसा है, गबरू जवान है कि नही"
"हुहह ! चिढ़ाना बंद करो नही तो मैं नही कहूँ'गा"
"नो बकवास ... आगे ... हम लिस्तनेर हैं, हमारे सींट ऐसे ही होंगे, तुम भटको मत, चुप-चाप, सूनाओ"
"ह्म्म्म्म ! एक हॉट सी सेक्सी मस्त लड़की, बिल्कुल दूध सी गोरी लड़की, बिस्तर मे लेटी"
"पॉज़ क्यों लेते हो ... आगे सूनाओ ना"
"कमरे मे लड़का आया, लड़की खुमारी से कही ....."ओह्ह जॅक यू आर हियर"
"फिर........."
"जॅक ने कहा.... "हियर टू फुलफिल माइ एग्ज़ोटिक डिज़ाइर".... लड़की ने उंगलियों के इशारे से बुलाई"........ आह क्या सेक्सी अड्डा है"
"ओह ! आ गई "
"जॅक बिस्तर पर कुदा, लड़की के बूस को पकड़ा... अपना मुँह डाला कपड़ों के उपर, उफफफ्फ़ अब तो सर ही टी-शर्ट के अंदर डाल दिया. अबे हट बे कुच्छ नज़र नही आ रहा ... उपर का कपड़ा हटा तब ना देखूं अंदर क्या कर रहा है"
"बॅस... बासस्स ... लिंक भेज देना" ..... और इतना कह कर वासू ने कॉल डिसकनेक्ट कर दी. अनु ने कॉल लगाया ... तो वासू, कॉल डिसकनेक्ट करती, उसे मेसेज की, "10 मिनट वेट, मैं कॉल बॅक करती हूँ"
अनु, इंतज़ार करने लगा.... तकरीबन आधे घंटे बाद वासू ने कॉल लगाया.....
अनु.... तुम्हारे 10 मिनट क्या आधे घंटे के होते हैं, क्या हो गया था, जानती हो कितनी फ़िक्र हो जाती है ऐसे. तुम अचानक से कॉल क्यों डिसकनेक्ट कर दी, और इतने देर बाद फोन कर रही हो... जानती हो कितना बेचैन हो गया था मैं....
वासू... सो सॉरी.... पर तुम्हारे वजह से ही सब हुआ...
अनु.... मेरे वजह से कैसे....
वासू..... आररीई ... अब क्या करूँ ... सुनते सुनते मुझे भी कुच्छ-कुच्छ होने लगा, और कमरे मे होती तो बात अलग थी, यहाँ सड़क पर हूँ ना... इसलिए खुद को थोड़ा नॉर्मल कर रही थी...
अनु.... क्यों क्या हुआ सो, तुम सड़क पर, वो भी रात मे, कहीं घूमने निकली हो क्या...
वासू.... हां कुच्छ ऐसा हे... आज शायद ... रीति और नैन का लव प्रपोज़ल हो जाए, इसलिए दोनो को अकेला छोड़ दिया..... खुद ही फोन आ जाएगा उनका, तो वापस चली जाउन्गी....
अनु.... पर रीति तो अभी के साथ थी ना, फिर ये नैन कहाँ से बीच मे आ गया....
वासू.... वही तो शुरू से था, और ये अभी तो कभी था ही नही....
अनु... मतलब.....
फिर वासू ने अनु को विस्तार पूर्वक, सारी कहानी बताई, अनु नैन की कहानी सुनकर बस इतना ही कहा... काफ़ी इंटरेस्टिंग है, मिलना पड़ेगा.... दोनो की बात ख़तम हो गयी. अनु ने वासू को घर पहुँच कर फोन करने के लिए कहा, और फोन रख कर अपने कामो मे लग गया.....
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