RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
सैली तेज़ी से अपने कमरे से बाहर आई. हॉल की लाइट ऑन होते ही सामने से सैली के मोम-डॅड भी अपने कमरे से बाहर आते दिखाई दिए.
मोम.... ये कुत्ते क्यों भौंक रहे हैं.
डॅड.... लगता है कोई चोर घुस आया है, रूको पोलीस को कॉल करता हूँ.
सैली..... नही पापा, वो मुझे नींद नही आ रही थी, तो मैं रिमोट वाली प्लेन उड़ा रही थी, और उसे ही देख कर दोनो भौंक रहे हैं.
सैली के मोम-डॅड गुर्राए हुए, सैली को डाँटने लगे और अपने कमरे मे चले आए. उनके जाने के बाद सैली की बढ़ी ढकान को थोड़ा राहत मिली. तेज़ी से वो पहुँची, कुत्ते अब भी भौंक रहे थे.
सैली के आते ही दोनो उसके पाँव के पास दौड़ कर आए, कूऊ-कूऊ कर के सूंघने लगे और वापस फिर से अपनी जगह पकड़ कर भूकने लगे. सैली ने दोनो को बुलाया, शांत की और उसे उसकी जगह पर बाँध दी.
गौरव अब भी छज्जे पर सुकुडा बैठा था. हालत खराब लग रही थी उसकी. डर के मारे धड़कने भी बढ़ी थी, और कांप रहा था बेचारा.
सैली.... क्रेज़ीबॉय पागलपन उतर गया हो तो, तुम भी उतर आओ नीचे.
गौरव धीरे से उतरा, सैली के पास पहुँच कर, अपना सिर नीचे कर के सिर्फ़ "सॉरी" कह कर शांत हो गया.
सैली.... ये सब करने की क्या ज़रूरत थी तुम्हे, बताओगे. इस से क्या प्रूफ कर रहे थे कि तुम बहुत बहादुर हो.
गौरव.... मुझे लगा तुम्हे भी देखना था कि मैं आ सकता हूँ कि नही. इसलिए चला आया. इतनी मेहनत की हॉस्टिल से यहाँ तक आने मे और तुम हो कि डाँट रही हो.
बात करते हुए गौरव की नज़रें क्लीवेज़ पर चली गयी, और कुछ पल के लिए नज़रें वहीं रुक गयी. सैली को जब ये फील हुआ तो अपनी नाइट ड्रेस की बूंदी को समेट'ती हुई ...... "बेशरम कहीं के, नज़रें उपर करो. सब लड़के एक जैसे होते हो"
गौरव.... सैली एक बात कहूँ, तुम इस ड्रेस मे तुम काफ़ी हॉट लग रही हो, और वैसे भी रात ही बेशरम होती है इसमे मेरा क्या कसूर.
इतना बोलते ही गौरव ने सैली को बाहों मे ले लिया. सैली ने प्यार भरा विरोध दिखाती उसकी बाहों मे गयी. बालों की लटो को माथे से हटा'ते उसके होठों को चूम लिया. होंठ चूमते हुए गौरव के हाथ सैली के पीठ पर फिर रहे थे, और पीठ से फिरते फिरते उसके हिप तक जा पहुँचे, और अपने हाथो से उसे एक बार हल्का प्रेस कर दिया.
सैली धक्के देती गौरव को खुद से दूर की और आँखें दिखाते गौरव को.... कुछ ज़्यादा ही आज बेशरम हो रहे हो क्रेज़ीबॉय, चलो दूर हटो, बहुत मेहनताना वसूल कर लिए. अब जाओ यहाँ से.
गौरव मायूस भरी निगाहों से ..... साची चला जाउ
सैली.... जाते हो या मैं अपने डॉग्गी को बुलाऊ.
गौरव.... ना ना, रहने दो कुछ देर पहले जो हुआ वो काफ़ी था, पर गेट तो खोल दो, इधर से चढ़ने का कोई रास्ता भी नही, और उपर काँटेदार तारों की फेन्सिंग है.
सैली ने सॉफ मना कर दिया, "नहियीईई जैसे आए थे वैसे जाओ. अब जल्दी जाओ नही तो मोम-डॅड बाहर आ जाएँगे, हॉल की लाइट जाली हुई ही है"
गौरव, सैली को निष्ठुर और ज़ालिम कहता फिर उसी छज्जे पर चढ़ गया, किसी तरह से जैसे तैसे बौंड्री कूड़ा, और बिके लेकर हॉस्टिल वापस आ गया. रूम मे पहुँचा तो उसे बस सैली ही सैली दिख रही थी. और आज जो उसके घर के लॉन मे हुआ उसे सोच-सोच मुस्कुरा रहा था.
कुछ देर बाद ही सैली का एक मेसेज आया.... "नींद नही आ रही, सो गये क्या"
गौरव..... ख्यालों मे जिसके तुम हो वो भला सो कैसे सकता है.
सैली.... रहने दो मुझे ना समझाओ कि किन ख्यालों से जागे हो.
गौरव..... अच्छा जी, और ज़रा बताएँगी किन ख़यालों से जगा हूँ अब तक.
सैली.... मुझे नही इस पर बात करनी, तुमने अब तक स्मार्टफ़ोन क्यों नही लिया. इसमे मेसेज आने का इंतज़ार करना पड़ता है.
गौरव.... फिर से वही बात, इंतज़ार नही कर सकती तो कॉल करता हूँ ना.
सैली.... घर मे मोम-डॅड हैं और मैं रात मे बात करूँ. एक काम करती हूँ बात ही नही करती. बाइ
गौरव ने कयि मेसेज किए पर कोई जबाव नही आया. आखरी मेसेज किया, "ओके बाबा करता हूँ कुछ उपाय. गुडनाइट सो जाओ अब.
गौरव मसेज करने के बाद कुछ देर जागा रहा, कोई मेसेज नही आया, इंतज़ार करते करते सो गया, सुबह जब जगा तब मोबाइल पर सैली का एसएमएस था...
"शाम 6 बजे, ट्रेषर आइलॅंड, विदाउट फैल"
गौरव मसेज पढ़ कर "ओके" का रिप्लाइ किया और अपनी पढ़ाई पर कॉन्सेंट्रेट किया. शाम के 6 बजे दोनो मिले शॉपिंग माल के पास. गौरव समझ गया सैली रात की बात से थोड़ी खफा है..........
गौरव प्यार से पुछ्ता हुआ.... कैसी हो बेबी.
सैली.... मैं पहले ही कही थी, जबतक स्मार्ट फोन नही तबतक कोई बात नही.
गौरव.... अजीब सी डिमॅंड है सैली, प्यार मे तो लोग कबूतरों से खत भेजा करते हैं, "मैने प्यार किया" मूवी नही देखी क्या ?
सैली.... मुझे कुछ नही सुन'ना जिस समय की जो फेसिलिटी अवेलबल थी लोग उसे यूज़ करते थे. मुझे रात मे बात करते नही बनता, अभी खरीद रहे हो कि नही.
गौरव.... भड़कती क्यों हो. चलो अपनी पसंद का कोई चूज कर लो.
सैली खुश होती उसके गले लग गयी, दोनो चल दिए नया मोबाइल खरीदने, बजेट को देखते हुए सैली ने ₹12000 का एक फोन सेलेक्ट किया, गौरव उसे खरीद'ते हुए कहने लगा .... एक-एक पैसा घर के आए पैसे से बचाया था, लुटवा दिया इस लड़की ने, अब तो खुश हो ना तुम.
सैली.... जी हां बहुत खुश.
गौरव.... मैं वैसे तो लेता ही फोन लेकिन एग्ज़ॅम बाद, अभी लेने से कोई फ़ायदा भी नही, क्योंकि मैं आज से एग्ज़ॅम की तैयारियों मे बिज़ी हो जाउन्गा.
सैली.... कोई बात नही, आधे घंटे बस रोज पढ़ाई से बोर होकर, उतना तो टाइम होगा ही.
गौरव.... अर्रे तुम समझी नही, मैं और नेनू कम्बाइंड स्टडी करेंगे.
सैली.... अच्छा तो ये बात है, अब तुम उसके साथ रहोगे तो मुझ से बात नही करोगे. फाइन मिस्टर. गौरव मैं समझ गयी.
गौरव सिर पीट'ते हुए .... कभी तो अकल से काम लो, ये क्या सोच लेती हो.
सैली.... हां हां, अब तो मैं ही ग़लत सोच'ती हूँ. दोनो मिल गये तो मुझे ही साइड कर दो.
गौरव.... शांत हो जाओ ज़रा, पूरी बात तो समझ लिया करो.
सैली... कहो, मैं सुन रही हूँ.
गौरव.... तुम जैसा सोच रही हो वैसा कुछ भी नही है, हम तो बस साथ स्टडी करेंगे, और पढ़ाई के बीच मे उसे अकेला छोड़ कर कैसे मैं चॅट मे लग जाउ. समझा करो बाबा, प्राब्लम नेनू को लेकर नही है, प्राब्लम बीच मे चॅट की है.
सैली.... ज़्यादा सफाई मत दो. मैं भी पढ़ती हूँ. हर स्टूडेंट बीच मे आधे घंटे का ब्रेक लेता है. यदि नेनू से कोई प्राब्लम नही तो वो टाइम मेरा हुआ, नही तो मैं सही सोच रही हूँ.
गौरव अपने दोनो हाथ जोड़ता हुआ..... ठीक है बाबा ले लेना तुम एक घंटा रोज रात को, आधे घंटे से क्या होता है, मैं ऑनलाइन आने से आधा घंटा पहले तुम्हे मेसेज कर दूँगा. अब तो हंस दो माइ हार्ट बीट, ऐसे गुस्सा हो जाती हो तो लगता है साँसों का चलना ही बंद हो गया.
सैली मुस्कुराती हुई कहने लगी ... दट'स माइ क्रेज़ीबॉय, अब चलो भी भूख लगी है जोरों की.
दोनो पिज़्ज़ा, बर्गर का लुफ्त उठा'ते हुए अलग हो गये. सैली ने आख़िर अपनी ज़िद पूरी करवा ही ली, और गौरव खुद के लूटने के बाद भी काफ़ी खुश था, क्योंकि सैली जो खुश थी.
वक़्त का मंज़र और प्यार का कारवाँ थमता कहाँ है, भले चाहे प्यार की राह मे कोई इम्तिहान ही क्यों ना आए. रात को एग्ज़ॅम तैयारी करते-करते बीच का ब्रेक गौरव लिए तूफ़ानी होता था.
आलम ये था कि चलते हुए एक मेसेज रिप्लाइ हो रहा है तो खाते समय भी, जब भी वक़्त मिले, जितना भी वक़्त मिले बस नेनू की नज़रों से छिप्तते मेसेज का आदान-परदान चल रहा था. दोनो प्रेमी प्यार का लुफ्त मेसेज के आदान-प्रदान से उठा रहे थे.
एग्ज़ॅम्स से कुछ रात पहले की बात होगी, जब गौरव का पेट खराब हो गया और वो अपने वॉशरूम मे गया हुआ था. मोबाइल की स्क्रीन की लाइट जली, नेनू ने मोबाइल उठाया और नोटिफिकेशन देख कर नेनू मसेज पढ़ने लगा..... "कैसा है बेबी और खाड़ुस नेनू कहाँ है"
नेनू ने रिप्लाइ किया .... "फाइन, आज खाड़ुस सो गया है"
सैली.... क्यों, अब क्या एग्ज़ॅम का भूत नही है उसके सिर पर ?
नेनू..... पता नही, थका था शायद.
सैली..... वो तो वैसे भी थाकेला था
नेनू.... क्या कर रही हो अभी ?
सैली..... उम्ााअहह ! अपनी जान को किस्सी, रिटर्न क़िस्सी दो अब चलो
नेनू.... वूऊओ, आए चोरी ये मैं ही हूँ खाड़ुस, थाकेला, इस गौरव की तो मैं आज खबर लेता हूँ.
सैली.... व्हाट ?
नेनू.... जी हां
सैली..... नेनू, गंदे इंसान. किसी दूसरे का मेसेज पढ़ते शरम नही आती, और उपर से रिप्लाइ भी करते हो.
नेनू.... अच्छा, वो कोई दूसरा नही मेरा दोस्त है. वैसे भी डफर तुम हो इतने दिन बात करने के बाद भी तुम्हे फ़र्क समझ मे नही आया.
सैली.... हाउ डेर यू टू कॉल मी डफर. मुझे क्या सपना आया था कि उस तरफ से कौन रिप्लाइ कर रहा है.
नेनू.... बाप रे इतनी इंग्लीश, मैं मैं तो सरकारी. स्कूल मे पढ़ा हूँ. वैसे डफर वाली ही तो बात है, राइटिंग स्टाइल भी नही समझ मे आई क्या ?
सैली..... अब चार लाइन तो लिखे थे वो भी फॉर्मल उसमे क्या समझती.
नेनू..... ओके आइ आम सॉरी. अब खुश
सैली..... वॉवववववववव ! नेनू ने सॉरी कहा. वैसे मी टू सॉरी.
नेनू.... अब तुम क्यों सॉरी बोली.
सैली..... मैने भी तो खाड़ुस और थाकेला कही था. वैसे एक बात कहूँ.....
नेनू.... क्या ?
सैली..... क्या हम एक नयी शुरुआत कर सकते हैं, अपने बीच के कोल्ड वॉर को ख़तम कर के....
नेनू..... अच्छा, हमारे बीच कोल्ड वॉर भी था, मुझे तो नही लगता.
सैली..... अच्छा, तो फिर तुम इतने चिढ़ते क्यों थे मुझ से, और मुझ पर बार-बार इल्ज़ाम लगाना....
नेनू..... मैने कब इल्ज़ाम लगाया और कैसा इल्ज़ाम लगाया ? क्या आज इल्ज़ाम मूवी देख रही हो ?
सैली..... वेरी फन्नी ! क्या तुमने नही कहा था गौरव को "इतनी जल्दी वो लड़की खुद तुम्हे प्रपोज की है, वो बस टाइम पास कर रही है तुम्हारे साथ. तुमसे प्यार नही करती"
नेनू खुद मे कहता हुआ... "क्रेज़ीबॉय, फटा ढोल मेरी सारी बातें उसको बता दिया" ... फिर रिप्लाइ दिया.... नो, मैने कभी ऐसा नही कहा, वो गौरव की मंघाड़ंत कहानी थी. शायद तुम से कुछ फेवर चाहिए होगा. मैं तो बस पहली मुलाकात के लिए चिढ़ा था.
सैली.... नही तुम झूट बोल रहे हो नेनू, गौरव को कहानी बनानी नही आती. कहानी तो तुम बना रहे हो.
नेनू.... अच्छा, इतनी जल्दी इतना भरोसा......
सैली.... य्स्स, मुझे पूरा यकीन है उसकी बातों पर.
नेनू.... और कौन-कौन सी बातों पर यकीन है उसके....
सैली.... बहुत सारी बातें हैं उसमे, बताने बैठी तो रात कम पड़ जाएगी. रूको-रूको.....
नेनू.... क्या हुआ गौरव के बारे मे कुछ याद आ गया क्या ?
सैली... टू स्मार्ट नेनू, टॉपिक से भटकाओ नही, तुमने मुझ पर इल्ज़ाम लगाया था और मेरे बारे मे अपने अंदर ग़लत धारणा कायम कर चुके हो, इस बारे मे बात हो रही थी.
नेनू.... ऊप्स ! मुझे लगा तुम्हारे पास दिमाग़ नही है, पर दिमाग़ भी है
सैली.... वेरी फन्नी, अब सीधे-सीधे बताओगे जो मैं पुच्छ रही थी ?
नेनू... हां मैं ऐसा सोचता था. पर अब एक फ्रेश स्टार्ट. डील डन पर एक शर्त पर....
सैली.... क्या ?
नेनू..... गौरव को रोज पप्पी देती हो, मुझे कम से कम झप्पी ही दे दिया करना
सैली.... छ्हि, गंदे नेनू. तुम्हारी सोच ही गंदी है मुझे पक्का यकीन हो गया. देखना ये पूरी चॅट मैं गौरव को दिखा दूँगी.
नेनू.... दिखा देना, मुझे क्या फ़र्क पड़ता है. झप्पी का प्रपोज़ल आक्सेप्ट हो तो बात करो...
सैली..... मज़ाक बंद करो प्लीज़, क्या हम एक फ्रेश स्टार्ट नही कर सकते ?
नेनू.... ओके बाबा, पर एक शर्त है कहा तो था तुम्हे अभी
सैली..... अनन्नह ! तुम नही सुधरोगे
नेनू.... पहले बिगड़ने तो दो. वैसे देखो बीती बातों को मैने कब का भुला दिया है. तुम दोनो एक दूसरे के साथ खुश हो, बाकी मुझे कोई प्राब्लम नही. मैने उस दिन के बाद से कोई चर्चा भी नही किया.
सैली.... थॅंक्स आ लॉट.
नेनू.... अब सो जाओ, और हां हमारे एग्ज़ॅम के चन्द ही दिन बचे हैं तो क्या तुम प्लीज़ अब गौरव को एक आखरी मेसेज कर दोगि. एग्ज़ॅम के बाद बात करने और मिलने की.
सैली.... पर गौरव है कहाँ ?
नेनू.... वो वॉशरूम की सैर पर है, जुलाब लग गये हैं
सैली.... एग्ज़ॅम का इतना प्रेशर आ गया
नेनू... अब वो तो गौरव ही बता सकता है
सैली.... ठीक है मैं जा रही हूँ सोने. सुनो मैं तुम्हारे मेसेज डेलीट कर रही हूँ, मन हो तो वहाँ तुम भी कर देना. नही तो गौरव को लगेगा तुम्हारे कहने पर मैं उसे मना कर रही हूँ.
नेनू.... ऑश हूओ ! मतलब अब तुम दिखाना चाहती हो तुम्हे उसकी कितनी फिकर है और पूरा क्रेडिट खुद ले जाना चाहती हो.
सैली.... बेचारे उस सीधे को क्रेज़ीबॉय का नाम दे दिया, वरना पूरा पागल तो तुम हो. बाइ गुडनाइट मैं चली सोने.
नेनू.... गुडनाइट, जाओ सो जाओ. आज सपने मे ही मिल लेना. लेकिन सिर्फ़ मिलना.
फिर कोई मेसेज नही आया. आज की हुई चॅट के बाद नानू ने भी अपने विचारों पर पूनर-विचार करते हुए सैली के लिए अपने मन के विकारों (ग़लत भावना) को ख़तम कर दिया. नेनू सारी बात-चीत को डेलीट कर के मोबाइल को अपनी जगह रख दिया और पढ़ाई करने लगा.
तकरीबन इस चॅट के आधे घंटे बाद गौरव आया भागता हुआ, गेट पर खड़ा होकर अंदर का महॉल देखने लगा, नेनू पढ़ रहा था और उसका मोबाइल बिस्तेर पर रखा था.
नेनू.... क्या हुआ, कहाँ रह गया था ?
गौरव.... मेरी तबीयत ठीक नही थी, इसलिए कब आँख लगी पता हे नही चला.
नेनू.... ठीक है जाओ आज रेस्ट कर लो. दवा लिया कि नही ?
गौरव ने "हां" बोलता अपना मोबाइल उठाया और आराम से गेट से बाहर निकल कर जल्दी मे मेसेज चेक करने लगा. मोबाइल पर कोई मेसेज ना देख कर राहत का सांस लिया और अपने कमरे मे जाकर सैली को मेसेज करने लगा.
बहुत सारे मेसेज किए पर कोई रेस्पॉंड नही आया. गौरव को चिंता होने लगी, कि आख़िर हुआ क्या है ? रोज मेसेज आते थे आज नही आया, आख़िर बात क्या हो गयी ?
अंत मे गौरव ने कॉल लगा दिया. दो रिंग होते ही सैली ने फोन पिक-अप की......
गौरव... तुम ठीक तो हो लव, आज कोई मेसेज नही की ?
सैली.... मैं मेसेज इसलिए नही की, क्योंकि एग्ज़ॅम मे अब कुछ ही दिन बचे हैं, तैयारी करो. और परेशान होने की ज़रूरत नही है मैं अच्छी हूँ.
गौरव.... पर ये तो पढ़ाई से ब्रेक-टाइम है ना
सैली.... मेरे क्रेज़ीबॉय, ब्रेक-टाइम नही. अब पढ़ कर रेस्ट कीजिए और अच्छे से एग्ज़ॅम की तैयारी, जब बर्दास्त ना हो तो कॉल कर लेना. आज से एग्ज़ॅम तक नो मेसेज, नो कॉल सिर्फ़ एग्ज़ॅम की तैयारी. हां बस 2मिनट की बात इतना ही. समझे
गौरव... हां समझ गया.
सैली.... तो फोन रखो अच्छे बेबी की तरह और सो जाओ.
गौरव ने भी गुडनाइट बोल कर सो गया. एग्ज़ॅम्स की तैयारियों मे गौरव के दिन कैसे बीत रहे थे चॅट और मिलना लगभग बंद. सैली भी इधर अपने दोस्तों और इधर उधर के काम मे बिज़ी हो गयी. अब तो बस दोनो को एग्ज़ॅम ख़तम होने का इंतज़ार था.
एग्ज़ॅम भी आख़िर ख़तम ही हो गया. छुट्टी मनाने का दिन था, मस्तियों का दिन था सभी लड़के अपने घर निकल गये सिवाए कुछ लड़कों के. ऑफ-कोर्स उनमे से दोनो, नेनू और गौरव भी था.
एग्ज़ॅम हॉल से निकलते ही गौरव ने सबसे पहले सैली को कॉल किया और उस से अपने हाल-ए-दिल बयान करने लगा. सैली भी अपनी सूरत-ए-हाल बयान करने लगी. दोनो इतना बात मे खोए थे कि गौरव भूल ही गया कि एग्ज़ॅम हॉल से निकलने के बाद नेनू भी साथ मे है.
तकरीबन आधे घंटे की बात के बाद नेनू ने आख़िर टोक ही दिया. गौरव अपनी बात-चीत को ख़तम करता हुआ, नेनू से सॉरी कहा और दोनो हॉस्टिल की ओर चल दिए. नेनू अपने काम से निकल गया और गौरव लग गया मेसेज करने मे.
दोनो की बातें लगातार चलती रही, रात भर दोनो डूबे रहे अपनी बातों मे. प्यार का दौड़ थामे नही थमा और बात चीत का सिलसिला लगातार जारी रहा.
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