RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
वैसवी को ऐसा करते देख नीमा हँसने लगी और उसने भी अपना पेग पीकर दोनो पहुँच गयी डॅन्स फ्लोर पर. वैसवी ने पहली बार पी थी, डॅन्स करते करते उसे नशे का सुरूर भी छाने लगा. एक बार फिर दोनो वाइन काउंटर पर थी. नीमा को इस बार मेहनत नही करनी पड़ी, बिना कहे वैसवी ने दो वोड्का शॉट लिए...
नीमा.... यार तू क्या यहाँ मेरे साथ डॅन्स करने आई है
वैसवी.... तो बता ना किसके साथ करूँ, वैसे मज़ा आ गया आज.
नीमा... तो चल मज़ा दुगना करते है, यहाँ कयि लड़के खाली हैं चल-चलकर उनपर बिजलियाँ गिराते है.
वैसवी... ऐसा क्या ... तो चल ना, रुक एक शॉट और लेते हैं फिर चलते हैं
नीमा.... बस कर मेरी माँ, तेरी पहली बार थी, इतना काफ़ी है..
वैसवी.... चुप कर, अभी कुच्छ नही, अभी एक और शॉट लेते हैं और फिर चलते हैं .. लेट'स पार्टी टुनाइट.
नीमा.... हहे, डफर अभी दिन है रात नही, चल ठीक है तेरे लिए कुछ भी..
दोनो बे एक और जाम पिया और चल दी पार्टी एंजाय करने. नीमा भी थोड़ी लरखड़ाई और वैसवी पूरी मदहोश पहुँची अपने लिए पार्टनर देखने, दोनो ने एक-एक लड़के को सेलेक्ट किया और डॅन्स करने लगी.
अभी तो जैसे पूरा महॉल ही नाच रहा हो. वैसवी क्या कर रही थी और क्यों उसे अब होश कहाँ था. इतना पी चुकी थी कि उसे यदि सहारा ना दिया जाए तो कब वो नाचते नाचते गिर जाए उसे भी नही पता.
और इस बात का पूरा मज़ा उस लड़के को मिल रहा था जो उसके साथ डॅन्स कर रहा था. वैसवी को बाहों मे भरे वो तो मज़े से थिरक रहा था डॅन्स फ्लोर पर. दोनो के बदन बिल्कुल चिपके थे, उस लड़के का हाथ किसी साँप की तरह वैसवी के बदन पर रेंग रहा था, नशे मे वैसवी को उसने कयि बार चूमा जिसका कोई विरोध तक नही किया वैसवी ने, उल्टा वो भी मज़े से चूम रही थी उसे.
पार्टी का महॉल, म्यूज़िक बीट, बदन भींगा, सराब का नशा उपर से अपने अन्छुये बदन पर लड़के का स्पर्श ... नीमा ने आज वैसवी को उस ही-सोसाइटी का रंग दिखाया जो कभी उसके कल्पना मे भी नही होता.
वैसवी अपने डॅन्सिंग पार्टनर के साथ आज तो खुल कर नाची, उसे ये होश तक नही था कि वो किसी अंजाने के साथ है और उसे जानती तक नही. अगले कुछ घंटे उसके साथ कैसा गुज़रे उसे पता ही नही चला. आँख खुली तो खुद को होटेल के कमरे मे पाई, और खुमार सी भरी आँखों को धीरे से खोलती हुई अपना सिर पकड़ कर बैठ गयी.
वैसवी अभी अचेत अवस्था मे थी, कुछ देर लगी उसे होश आने मे, और जब पूरी तरह जागी तो उसके होश ही उड़ गये .. बौखला कर वो चिल्लाने लगी....
"नींाआआआ .... नींाआआआआअ" ....
बाथरूम का दरवाजा खोलती हुई नीमा बाहर आई, वैसवी अपने उपर चादर लपेटे नीमा को घूर रही थी ....
"नीमा ये सब क्या है, तुम मुझे यहाँ ये सब करवाने लाई थी"
बड़े ही गुस्से मे वैसवी, नीमा को देखती हुई अपनी बात पुछि, और जब नीमा ने वैसवी का रिक्षन देखा तो खिल-खिलाकर हँसने लगी.. उसे हंसता देख वैसवी अंदर से चिढ़ गयी और गुस्से मे चिल्लाती हुई बरस पड़ी...
"कमीनी तू ऐसे क्यों हंस रही है, बता तुझे क्या मिला ये सब कर के"
नीमा.... चिल बेबी .....
इतना बोल कर वो फिर से हँसने लगी, उसकी हँसी बर्दास्त ही नही हो रही थी, नीमा को हंसते देख वैसवी गुर्राती हुई नज़रों से उसे देखने लगी मानो अभी खा जाए. अपने हँसी पर काबू पाती हुई नीमा, वैसवी से कहने लगी....
"जानेमन मैं तो ये सोच रही हूँ कि तुंझे क्या कहूँ, अभी कुछ घंटे पहले तूने पुछा था ना कि, "किसे मज़ा आएगा, मुझे या उस लड़के को" तो मैं तय नही कर पा रही कि किसे ज़्यादा मज़ा आया".
इतना बोल नीमा फिर से हँसने लगी, उसकी बात सुनकर वैसवी का भी गुस्सा थोड़ा शांत होता दिखा... वैसवी कुछ देर चुप बैठी फिर नीमा से सवाल करने लगी...
वैसवी.... नीमा, अभी तूने कहा जज नही कर पाई कि मज़ा किसको ज़्यादा आया, तो क्या तू भी यहाँ थी. सबकुछ होता देख रही थी ????
नीमा..... सॉरी वासू, थोड़ी सी बेशरम हो गयी, मैं खुद को रोक नही पाई देखने से, वैसे भी तुम दोनो आपस मे ऐसे लगे थे कि मैं तो होकर भी नही थी.
वैसवी.... तो क्या मैने अपनी मर्ज़ी से .....
नीमा.... मत पुछ जानेमन ... हाय्यी ! तू तो बिल्कुल मस्ती मे थी. यू आर रॉकिंग बेबी
वैसवी.... चुप कर, तू सब होता देख रही थी, कुछ कर नही सकती थी.
नीमा.... नाना, ऐसा पॉर्न मूवीस मे होता है, दो लड़की एक लड़का, या एक लड़की दो लड़का, रियल्टी मे मैं कैसे ये सब कर सकती थी.
वैसवी... पागल, डफर, तुझे तो हर बात पर मज़ाक ही सूझता है. इतनी बड़ी बात हो गयी, और मैं उसे जानती तक नही, ना कोई अता ना कोई पता... कोइन बॉक्स की तरह यूज़ कर के चला गया.
नीमा.... अच्छा है ना वासू, सेक्स एंजाय भी करी और कोई सेंटिमेंट्स नही. नही तो पहले तो ये लड़के हमारे पिछे घूमते हैं, इमोशनली ब्लॅकमेल करते हैं, और जब सेंटिमेंट्स जुड़ जाते है तो इनको हम याद केवल तभी आते हैं जब वो खाली रहते हैं, ओन्ली फॉर सेक्स, बाकी तो ऐसे इग्नोर करते हैं जैसे जानते तक नही. अच्छा हैं ना फालतू के सेंटिमेंट्स से बच गयी.
वैसवी..... ये कैईसीईइ बातें कर रही है नीमा. अभी ये सब नही सुन'ना मुझे, हुआ क्या था ये बता. मुझे समझ मे नही आ रहा कि मैं जिसे जानती तक नही उसके साथ....
नीमा.... ओह्ह्ह्ह हूऊ तो तुझे जान'ना है कि हुआ क्या था... तो सुन....
तुम दोनो बिल्कुल नशे की हालत मे झूम रहे थे, डॅन्स फ्लोर पर तुम दोनो ने ऐसी आग लगाई कि हमने दो बार पानी भी चलवाया, पर इतनी गर्मी, उफफफ्फ़ ! मुझे तो लगा तुम दोनो कहीं वहीं ना शुरू हो जाओ .... हम सब वहाँ से तो हट गये फिर भी तुम दोनो नाचते रहे.
तू तो इतनी मदहोश थी कि तू ढंग से खड़ी भी नही हो पा रही थी, वो तो तुझे सीने से चिपकाए नाच रहा था. तेरे होंठों को चूम रहा था, चेहरे पर बाइट दे रहा था और तेरे पूरे बदन पर हाथ फेर रहा था.
वैसवी.... च्चीी .. वो अंजान लड़का इतना कुछ कर रहा था और तू बस देख रही थी.
नीमा.... मैं क्या, वहाँ पर सारे लोग देख रहे थे, एंजाय कर रहे थे और तुम दोनो को इनकोवरेज कर रहे थे तालियाँ बजा कर.
वैसवी ने जब इतना सुना तो तकिया फेंक कर उसे मारने लगी. नीमा हँसती हुई हिली तक ना वहाँ से, और तकिये को वापस वैसवी की ओर फेंकती हुई....
"वासू, तूने आज ऐसा शो दिखाया है, कि आज तो तू खून भी कर दे तो वो भी माफ़, हॅट्स ऑफ वासू, अगली पार्टी का अरेंज्मेंट जल्दी ही करना होगा"
नीमा की बातों से वैसवी काफ़ी हद तक नॉर्मल हो गयी थी, यहाँ तक कि अब उसकी बातें सुन'ने मे उसे कोई हैरानी नही हो रही थी. खुद मे मान ली थी कि अब तो ग़लती हो गयी... इसलिए बात को बदलती हुई वैसवी, नीमा से कहने लगी....
"यार, कुछ भी सही नही हो रहा है, ये मेरा सिर क्यों फटा जा रहा है"
नीमा.... इसे हॅंगओवर कहते हैं, तुझे मना की थी इतना मत पी पर तुझे तो पता नही एक ही दिन मे सारा नशा करना था. झल्ली दो बार तो वहीं डॅन्स फ्लोर पर उल्टी कर चुकी है.
वैसवी.... यक्ककक ! मॅन भटक गया सुन के, मत बोल नही तो अभी मॅन इतना भारी है कि लगता है यही फिर ना उल्टी हो जाए, इसका कुछ इलाज़ भी है या मैं ऐसे ही पड़ी रहूंगी.
नीमा ने नींबू पानी ऑर्डर करी, थोड़ी देर मे नीबू पानी भी आ गया, गेट से नीमा नीबू पानी लेकर वैसवी को दे दी, वैसवी उसे पीने के बाद सीधे बाथरूम मे चली गयी, फ्रेश होकर घर से लाए कपड़े पहन कर वो वापस आई, आते ही घड़ी की ओर देखी और समय देख कर चिंता की लकीरें उसके माथे पर आ गयी ....
वैसवी... नीमा चल घर जल्दी, बहुत लेट हो गया देख 6:00 पीएम बज गये. और हां ये जो हुआ प्लीज़ वो बाहर मत आने देना.
नीमा.... कितना डरती है, यररर चिल कर. पहले तो ये सुन की किसी के बोलने से कुछ फ़र्क नही पड़ता. थे ब्लॉडी मॅन डोमिनटिंग सोसाइटी. लड़के प्री-मेयरिशियल सेक्स करते हैं और जब उनका नाम किसी लड़की के साथ जोड़ा जाता है... तो भी यही कहा जाएगा कि "लड़के तो छुट्टा सांड होते है, बच कर तो लड़कियों को चलना चाहिए". कंडीशन कैसी भी हो बदनाम हमे ही होना पड़ता है.
मार डालूंगी जो कभी इस बात को बदनामी से जोड़ा, जैसे उनकी सेक्स फॅंटेसी होती है वैसी हमारी. ईवन हम तो सेंटिमेंट्स भी अडीशनल देते हैं उनकी चिंता करना, ख्याल रखना, अगैरा वायग्रा....
बी र्सिलीयेंट, कोई कुछ भी कहे आक्सेप्ट नही करने का, बंद कमरे की बात कोई जानता भी है तो उसे जान'ना नही कहते.
वैसवी.... हमम्म ! ठीक है, पर घर का क्या करें.... अभी तो छोड़ दे मुझे घर तक, या तुझे काम हो तो बता दे, मैं ज़्यादा लेट हुई तो मम्मा मेरी जान खा जाएगी. फिर हर मिनट और सेकेंड का हिसाब दो...
नीमा... नही पुछेन्गि, क्योंकि जब तू ओवर ड्रिंक की, तभी फोन कर दी थी तुम्हारे घर, "क्लास के बाद तुम मेरे साथ मार्केट जा रही हो आने मे लेट हो जाएगी". अब तू बैठ आराम से बहुत वक़्त है अपने पास. थोड़ी नॉर्मल हो जा नही तो घर पर पकड़ी जाएगी.
वैसवी... ठीक है, पर फोन तो दे एक बार घर बात कर लूँ...
वैसवी ने फिर अपने घर कॉल लगाई, मम्मा को, अब किए अपने सारे काम, यानी सारे झूठे काम के बारे मे बता कर फोन कट कर दी, आराम से बैठ'ती हुई बिस्तेर पर नीमा से एक बार फिर अपने साथ हुई हादसे पर चर्चा करने लगी....
वैसवी.... नीमा तूने ऐसी पार्टी मे मुझे क्यों बुलाया, पहले बता देती तो मैं नही आती.
नीमा..... मैं क्या बताती, मुझे क्या पता था कि तू ओवर ड्रंक होगी, और वैसे भी जितनी मस्ती तुम ने की, शायद ही कोई किया हो.
वैसवी.... अच्छा ! लेकिन मुझे कुछ याद क्यों नही, मुझे बस इतना ध्यान है आखरी का कि मैं पानी के फव्वारे मे भींग रही थी, बाकी कुछ याद भी नही. और मेरे साथ इतना बड़ा कांड हो गया, मैं क्या रिएक्ट करूँ कुछ साँझ मे नही आ रहा.
नीमा.... ह्म्म्म ! पहली बार पिया था ना, रोज पिएगी तो नही होगा ऐसा, तुझे सब याद रहेगा सोने तक का हर सीन. हा हा हा हा हा
वैसवी.... वेरी फन्नी ... अच्छा जोक था. मतलब तुम मुझे रोज पीने का सजेस्ट कर रही हो. और टल्ली होकर फिर से वही ..... यक्कक ! तू ना पागल हो गयी है.
नीमा.... अच्छा पागल मैं हो गयी हूँ, पागल तो तू हो गयी थी अब से कुछ देर पहले, और जानती है क्या सब की ......
वैसवी.... मुझे कुछ नही सुन'ना चुप कर तू अभी.
नीमा... सुन तो ले ....
नीमा इतना ही बोली कि वैसवी उसे मारने के लिए अपनी जगह से उठी, लेकिन नीमा ने उसका हाथ पकड़ लिया और आराम से बिस्तेर पर बैठने का इशारा की ...
नीमा.... अर्रे जाहिल शांत बैठ ना जो होना था हो गया क्यों अब भी उसी बात को सोच रही है ... वैसे ये बता तुम ने कभी कोई पॉर्न मूवी या अडल्ट स्टोरी पढ़ी है.
वैसवी... मैं ये गंदे काम नही करती.....
नीमा... ओह्ह्ह्ह ! बड़ी सरीफ़ बनती है, वैसे मैं ना कुछ बोलूँगी नही तो तुझे फिर पागलपन के दौड़े चढ़ेंगे....
इतना कह कर नीमा ने अपना छोटा सा मुँह बना लिया और वैसवी के पास चुप-चाप बैठ गयी....
वैसवी..... अब मुँह क्यों लटका लिया, आज सुबह से तू एमोशनल ड्रामा कर रही है, अच्छा चल बोल क्या बोल'ना चाह रही है.
नीमा.... ना ना रहने दे, नही तो कहीं फिर मुझे मारने दौड़ेगी....
वैसवी.... अब बोल भी दो, क्यों ड्रामा कर रही है...
नीमा.... जाने दे बहुत छेड़ दिया तुझे, सुन तेरे साथ कुछ भी नही हुआ, मैं बस कहानी कह रही थी और तेरा रियेक्शन देख रही थी.
वैसवी.... क्या, सच ! तूने तो फालतू मे मेरे होश उड़ा दिए, वैसे तूने बड़ा सीरीयस सा मज़ाक किया, तुझे पता नही मैं अंदर से कैसा फील कर रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे कोई पाप हो गया हो एक घुटन सी हो रही थी. सच कहूँ तो अंदर ही अंदर घुट रही थी.
लेकिन जब कुछ हुआ नही था फिर मेरी ये हालत, मैं बिना कपड़ों के बिस्तर मे कैसे ?
नीमा.... क्यों, तेरे साथ कुछ होना चाहिए जब भी तू बिना कपड़े की होगी. खैर, तू भींगी थी इसलिए मैने तेरे कपड़े उतार दिए.
वैसवी.... थॅंक्स गॉड, वैसे सॉरी यार मैने तुम्हे बहुत सुनाया.
नीमा.... चल चल फॉरमॅलिटी बंद कर. मैं रहूं और तेरी हालत का कोई नाजायज़ फ़ायदा उठा ले, जान ना निकाल लूँ. हां तू होश मे अपनी मर्ज़ी से मज़े करे फिर ऐतराज़ नही.
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