RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
आगे की कहानी नायडू के शब्दों में----
क़रीब २ साल पहले तक में एक नोर्मल इंसान था और मेरी लाइफ़ बहुत मस्त चल रही थी , पर फिर मेरा एक कार ऐक्सिडेंट हो गया और उसने मैं मरते मरते बचा पर मेरे नर्वस सिस्टम में चोट के कारण मेरा पुरुषात्व समाप्त हो गया , और मैं नपुंसक हो गया । हम दोनो ये सुनकर स्तब्ध रह गए , मेरे मुँह से निकला ,ओह।।वो आगे बोले, मेरी तो ज़िन्दगी है जैसे ख़त्म हो गयी, तब ललिता ने मुझे दिलाया दिया , की आप चिंता मत करिए मैं बर्दाश्त कर लूँगी। पर मैं जानता था कि ये सब कहने की बातें थी, मैंने ललिता से कहा कि वो अपने लिए किसी को भी चुन सकती है और अपनी प्यास बुझा सकती है, उसने साफ़ मना कर दिया । पर कुछ दिनों के बाद ललिता के स्वभाव में परिवर्तन आने लगा वो चिड़चिड़ि हो गयी, और मूडी हो गयी । मेरे बार बार कहने पर भी वो किसी और से सेक्स सम्बंध बनाने के लिए राज़ी नहीं हुई। इस बीच मैं ललिता की संतुष्टि ऑरल सेक्स से करता था, पर वो पूरी तरह संतुष्ट नहीं होती थी। ( यह सुनकर ललिता का चेहरा लाल हो गया शर्म से )
मैं परेशान था ललिता के लिए , और एक रात मैं पानी पीने के लिए गया किचन में , तो मुझे वेंकि के कमरे से कुछ आवाज़ें आयीं, मैं सोचा शायद उसकी तबियत ठीक नहीं होगी, तो मैं उसके कमरे के सामने पहुँचा , कमरा बंद था, फिर मैंने एक खिड़की खुली देखी तो हल्के से पर्दा हटा कर झाँक तो देखा की वेंकि हस्त मैथुन कर रहा था , उसका लम्बा मोटा लिंग उसके हाथ में था जिसे वो ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था। पहली बार मेरे अंदर गे वाली यानी समलेंगीग वाली भावना आइ , शायद इसलिए कि मैं नपुंसक हो चुका था, मेरी इच्छा हो रही थी की मैं अपने बेटे का लंड अपने मुँह में लेकर चूसूँ । ( उनके मुँह से ये खुले शब्द सुनकर हम सब स्तब्ध रह गए , वो भी इसलिए की वो अपनी पत्नी के सामने ये सब कह रहे थे ) वो बोलते रहे, मैंने अपने आप को रोका और वापस आ गया उसका ज़बरदस्त स्खलन देखकर। फिर मैंने एक प्लान बनाया और ललिता और वेंकि से कहा की मैं बैंकाक जा रहा हूँ , फ़िल्म की मार्केटिंग के सिलसिले में , तुम लोग चलोगे? ललिता ने माना कर दिया की २ दिन के लिए क्या जाना , पर वेंकि बोला, पापा मैं चलूँगा। फिर हम बैंकाक पहुँचे , मैंने वेंकि को होटेल में छोड़कर अपना काम किया और शाम को ये पता किया की live sex show कहाँ होता है । फिर रात को खाना खाने के बाद मैंने वेंकि को आँख मारते हुआ कहा, मस्ती करनी है , नाइट लाइफ़ का मज़ा लेना है ? वो , शर्मा कर बोला , हाँ पर आपके साथ? फिर क्या हुआ चलो boys day out करते हैं। फिर हम उस शो में पहुँचे , मैंने जानबूझकर बीच की सीट ली थी ताकि हम दूसरों को भी ठीक तरह से देख सकें । शो शुरू हुआ , नंगी लड़कियाँ और नंगे लड़के देखकर सब उत्तेजित हो गए थे, वेंकि के पैंट में भी तंबू तन गया था , और वो उसे दबा भी रहा था , तभी मैंने उसे बग़लवाली सीट को देखने को बोला, वहाँ एक गे जोड़ा बैठा था , और दोनों एक दूसरे का लंड पैंट ऊपर से दबा रहे थे । सामने वाली सीट में बैठी लड़की की चूचियाँ उसके दोनों तरफ़ बैठे दबा रहे थे। स्टेज पर चुदाई शुरू हो गयी थी। तभी बग़लवाले लड़कों ने अपने लंड बाहर निकाल लिए और एक दूसरे का लंड दबाने लगे।फिर एक लड़का झुका और दूसरे के लंड को चूसने लगा । वेंकि की आँखें जैसे फटने लगी और ज़ोर से अपने लंड को हिलाने लगा । मैं समझ गया कि यही समय है आगे बढ़ने का , मैंने हाथ बढ़ाकर उसका हाथ लंड से हटाकर अपना हाथ उसके लंड पर रख दीया और दबाने लगा , वेंकि हैरान होकर अपने पैंट पर रखे मेरे हाथ को देख रहा था , तभी वो बग़ल वाला लड़का आह करने लगा और उसके लंड ने पिचकारी छोड़ दी अपने साथी के मुँह में ।वेंकि हैरानी से उसे ही देख रहा था। मैंने मौक़े का फ़ायदा उठाया और उसके पैंट की ज़िपर खोल दी और उसका लंड पैंट के अंदर चड्डी मैं हाथ डालकर उसका मस्त लम्बा लंड बाहर निकाल लिया , क्या मस्त लंड था मेरे बेटे का , थोड़ी देर उसको सहलाया , फिर मैं भी सर झुकाकर उसके लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगा , वेंकि आह आह पापा करने लगा , और सिर्फ़ ४/५ मिनट में ही मेरे मुँह में झड़ गया , मैंने उसका रस पी लिया। फिर वो बोला, पापा होटेल चलें , उसने अपना लंड अंदर किया और हम होटेल आ गए होटेल आकर वो बोला, पापा आज आपको क्या हो गया था? मैं बोला की जब से मेरा खड़ा नहीं होता , मुझे किसी का लंड छूने की इच्छा होती थी, सो आज मैंने तुम्हारे लंड को पकड़कर और चूसकर वो इच्छा पूरी कर ली वेंकि बोला, पापा मुझे बहुत मज़ा आया , जब आपने मेरा चूसा , मैं बोला, आओ एक बार और चूस दें, वो बोला, सच पापा? मैंने कहा लेटो बिस्तर पर , वो लेट गया और मैंने उसकी पैंट उतार दी, चड्डी में उसका लंड फिर तन गया था ,मैंने चड्डी भी उतारी और उसके गोरे लंड का सुपारा बाहर निकालकर चूसने लगा , वो आह कर उठा और अपने लंड को मेरे मुँह में धक्का मारना शुरू किया ,और थोड़ी देर में मेरे मुँह में झड़ गया । मैंने उसका पूरा रस पी गया , और उसके लंड को चाटकर साफ़ कर दिया। खाना खा कर रात में डबल बेड पर हम दोनों सो गए , मेरी पीठ उसकी तरफ़ थी, थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि उसका लंड मेरी गाँड़ पर ठोकर मार रहा है, मेरी गाँड़ के छेद में सरसरी हुई और मैंने भी अपनी चूतरों को पीछे उसके लंड पर दबाया , वो अब समझ गया की मैं भी वही चाहता हूँ जो वो चाहता था । उसने कहा, पापा बहुत मन कर रहा है , छेद में डालने का, मैं बोला, कभी किसी से ये सब किया है? वो बोला, नहीं पापा। मेरे स्कूल के लड़के बोलते हैं की गाँड़ मारने में मज़ा आता है । मैं बोला , बेटा मैंने में कभी गाँड़ नहीं मरवायी है । फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और वो भी नंगा हो गया । फिर मैं एक क्रीम लाया और उसके खड़े लंड पर लगाया और फिर २ ऊँगली में लेकर अपनी गाँड़ में डाला , फिर मैं चौपाया बन गया और गाँड़ ऊपर कर दी । वो मेरे पीछे आ गया और अपना लंड धीरे से मेरी गाँड़ मैं डालने लगा , मुझे बहुत दर्द हुआ पर जल्द ही उसके धक्कों से मज़ा आने लगा। उसने लगातार १५ मिनट मेरी गाँड़ मारी और मेरी गाँड़ में ही झर गया। मैं उसके साथ बाथरूम गया और उसके लंड को साफ़ किया फिर अपनी गाँड़ भी साफ़ की जिसने से थोड़ा sa ख़ून भी निकल था। वो बोला पापा मैंने आपकी सील तोड़ दी , मैंने उसे बाहों में ले लिया और हमने ख़ूब प्यार किया । दूसरे दिन हमारी वापिस की फ़्लाइट ३ बजे दिन की थी , उसने सुबह उठने से लेकर दोपहर तक मुझसे कई बार लंड चूसवाया और २ बार मेरी गाँड़ मारी। फिर जब हम बिस्तर पर लेते हुए थे तो मैंने कहा बेटा मुझे तो तुमने ख़ुश कर दिया पर तुम्हारी माँ का क्या? वो तो बेचारी बहुतदुखी है , क्यूँकि उसकी चूदाऽऽइ तो बिलकुल बंद है और वो लंड के लिए तरसती है। फिर मैंने उसके लंड को पकड़कर बोला, बेटा क्या तुम इसका सुख उसे भी दे सकते हो , उसका लंड एकदम टाइट हो गया और वो बोला, पापा क्या ये सम्भव होगा? मैं बोला, क्यूँ नहीं, वैसे तुम्हारी माँ तुम्हें सेक्सी लगती है कि नहीं ? वो बोला, पापा तो बहुत सेक्सी हैं पर वो मानेगी नहीं! ये मेरा काम है उसे मनवाना । चलो मैं तुम्हें तुम्हारी माँ का नंगा बदन दिखाता हूँ। फिर मैंने लैप्टॉप पर उसको ललिता की नंगी फ़ोटो दिखायीं , वो मदमस्त हो गया और बोला, पापा , माँ तो मस्त माल है आह उनको चोदने में बहुत मज़ा आएगा फिर इसने मेरा मुँह आपने लंड पर दबा दिया और मैं उसका चूसने लगा और वो अपनी माँ की नंगी फ़ोटो देख रहा था। फिर वो मेरे मुँह में झर गया । फिर हम airport पहुँचे मुंबई वापसी के लिए।
(रहमान अंकल का लंड पूरा खड़ा था और वो उसे हिला रहे थे, मेरी चूत भी गिली हो गयी थी , और ललिता तो खुले आम अपनी चूत सहला रही थी और उसकी नज़रें अंकल के लंड पर थीं, और अंकल भी ललिता को घूर रहे थे )
अगले पोस्ट में वेंकि अपनी माँ के साथ सम्बंध बनाता है -----
नायडू ने कहना जारी रखा-- जब हम घर पहुँचे ललिता हमें देखकर बहुत ख़ुश हुई , मैंने रात को सोने से पहले ललिता को कहा , देखो मैं तो तुम्हें अब संतुष्ट नहीं कर सकता और अभी तुम किसी और के साथ भी सम्बंध बनाना बही चाहती बदनामी के डर से, तो मुझे एक लड़का मिला है जो तुम्हें पूरा संतुष्ट कर सकता है, ऐसा कहते हुए मैंने उसकी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी, और उसको चूम भी रहा था। वो बोली , आप जो मुझे मुँह से मज़ा दे देतो हो मेरे लिए काफ़ी है। मैं उसके चूत पर हाथ फेरते हुए बोला, देखो ऐसे मन को मार कर कब तक जियोगी , एक लड़का है जो तुमको बहुत पसंद करता है और वो तुम्हें बहुत मज़ा देगा ,और तुम्हें पूरा संतुष्ट कर देगा, और तुम्हारी बदनामी भी नहीं होगी , ऐसा कहते हुए मैंने उसकी नाइटी ऊपर उठा दी और उसकी चूत में दो ऊँगली डाल दी और उसके क्लिट के दाने को मसलने लगा । वो गरम हो रही थी और अपनी कमर हिलाने लगी, फिर सोचते हुए बोली , कौन है वो और वो किसी को नहीं बताएगा , आप इतने sure कैसे हैं ? मैं समझ गया की अब वो थोड़ा मेरे प्रस्ताव से सहमत हो रही है, और उसकी चूत भी गिली हो गयी थी। मैं बोला, तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं है, क्या मैं तुम्हारी बदनामी चाहूँगा? तुम्हारी बदनामी मेरी भी तो बदनामी होगी । वो बोली, फिर भी बताओ तो कौन है, मैंने कहा , पहले ये बोलो की तुम उस लड़के से चुदवाने के लिए तय्यार हो। तो वो शर्माकर बोली , हाँ अगर आप चाहते हो तो ठीक है। मैंने कहा, मैं तो चाहता ही हूँ तुम अपना बोलो। वो शर्माकर अपनी आँखें हाथों में छुपाकर बोली, हाँ । मुझे एक विचार सूझा , मैं बोला, देखो तुम्हें शर्म आ रही है ना, तो एक काम करते हैं , मैं तुम्हारी आँख में पट्टी बाँध देता हूँ , तो तुम्हें शर्म नहीं आएगी , वो बोली ठीक है वो जब आएगा तो बाँध देना, अभी तो तुम जीभ से ही मुझे चोद दो , उसकी छूट बहुत गरम हो गयी थी। मैंने देखा की मौक़ा अच्छा है, सो मैं बोला, अरे उसे मैंने बुलाया हुआ है और वो अभी तुमको चोदेगा । वो चौंक उठी, फिर बोली , ठीक है, पट्टी बाँध दो । फिर मैं बोला, डार्लिंग याद है मैंने कई बार तुम्हारी हाथ बाँधकर भी चोदाँ है , वो शर्मायी और बोली हाँ। आज भी मेरी इच्छा है की मैं तुम्हारे हाथ भी बाँध दूँ और उस लड़के का लंड ख़ुद अपने हाथ से तुम्हारे चूत में डालूँ। वो बोली, अगर आपको इससे ख़ुशी मिलेगी तो मैं इसके लिए भी तय्यार हूँ, और उसकी चूत में मेरी अब तीन उँगलियाँ पूरी गिली हो गयी थीं। मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसे हाथ मैंने पलंग के headrest से बाँध दिए और फिर उसे चूमते हुए उसकी आँख पर पट्टी भी बाँध दी ।फिर मैंने वेंकि को योजना के मुताबिक़ समस किया कि वो पूरा नंगा होकर आए और बिलकुल कोई आवाज़ ना करे । दो मिनट में वो पूरा नंगा आ गया और उसका लंड बुरी तरह से अकड़ा हुआ था और जोश से ऊपर नीचे हो रहा था। कमरे के अंदर आते ही अपनी माँ को पूरी नंगी देखकर वो हैरान रह गया । मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया । फिर मैंने उसे चूचियाँ दबाने का इशारा किया । मैंने ललिता से कहा की अब ये लड़का आ गया है और वो तुम्हारी चूचियाँ दबाएगा , ठीक हैं ना? वो सर हिलाई हाँ में, और वेंकि अपनी माँ की चूचियों अपर टूट पड़ा , उसने मज़े से उनको दबाया और बहुत देर तक मुँह में लेकर चूसा । अब ललिता आह आह कर रही थी । फिर मैंने ललिता से कहा , उसका लंड सहलाओगी? उसने हाँ में सर हिला दिया।तब वेंकि ने अपना लंड अपनी माँ के बांधे हुए हाथ के पास ले गया । उसने अपनी मुट्ठी में लंड को भर लिया और सिसकारियाँ भरने लगी, बोली, जी आप सच कह रहे हो इसका तो आपसे भी बड़ा है और ज़्यादा मस्त है, वो उसे सहलाए जा रही थी, फिर मैंने वेंकि को इशारा किया की वो लंड उसके मुँह मैं डाल दे, और जैसे ही वो लंड उसके मुँह पर लगाया , उसने अपना मुँह खोल दिया और जीभ और होंठों से उसके सुपारे को चाटने और चूसने लगी। आह क्या दृश्य था , मैंने भी वेंकि के बॉल्ज़ यानी गोतियाँ दबाने शुरू कर दिए । वेंकि का मज़ा दुगुना हो गया था । fir मैंने उसे नीचे आने का इशारा किया। वो खुली और पनियायी चूत के पास आ गया और अपने जन्मस्थली को बड़े ध्यान से देख रहा था । फिर वी झुका और चूत चाटने लगा । ललिता सी सी करने लगी और बोली, जी मुझे लंड चाहिए । मैंने कहा चलो अब लंड लो , और मैंने वेंकि का लंड अपने हाथ में लेकर उसको चूसा और फिर चूत के मुँह पर रख दिया और बोला , लो डार्लिंग अब चूत का मज़ा लो, ऐसा कहते हुए मैंने उसे धक्का लगाने का इशारा किया । वेंकि ने अपना फाँफनाया हुआ लंड अपनी माँ की चूत में पेल दिया और ललिता कराह उठी , बोले धीरे आह मैं बहुत दिनों के बाद चूद रही हूँ। फिर वेंकि ने धीरे धीरे चोदना शुरू किया , ललिता की चीख़ें और मस्ती से भरी आहें कमरे में गूँज रही थी और वो कमर उछालकर चूदवाँ रही थी। मैं भी उसकी चूचियाँ दबा रहा था, फिर मैंने कहा, डार्लिंग मज़ा आ रहा है, वो बोली, जी आप बहुत अच्छे हो जो मुझे इस लड़के से chudwa रहे हो, हाँ जी बहुत मज़ा आ रहा है । मैं बोला, तो बताओ , वो बोली, अब मुझे खोल दो , मुझे इस लड़के को देखना है। मैंने वेंकि को जाने का इशारा किया वो चुपचाप चला गया और मैंने पट्टियाँ खोल दी । वो बोली लड़का कहाँ है । मैं बोला, वो तो गया । वो नाराज़ होकर बोली, मैं उसे देखना चाहती थी , तुमने उसे जाने क्यूँ दिया ? मैं बोला, वो कल फिर आएगा । वो फिर उठाकर बाथरूम गयी और वापस आकर मुझे प्यार से थैंक्स बोलकर सो गयी। पर मेरी तो अजीब सी उत्तेजना हो रही थी माँ बेटा की चुदायी से ,
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