Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
12-27-2018, 01:36 AM,
#16
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
मेरा लंड तो अब डंडे की तरह सख़्त हो गया था।अब इतने टाइट लंड से पेशाब तो नहीं कर सकता था सो वापस जिम में पहुँचा और डॉली को पैर फैलाकर आराम करते देखा । पैर फैलने के कारण उसकी स्कर्ट ऊपर चढ़ गयी थी और उसकी गुलाबी पैंटी साफ़ दिख रही थी।मुझे एक विचार सूझा और मैंने उससे कहा , डॉली तुमने कभी शीर्षासन किया है? वो बोली ये क्या होता है? मैंने कहा चलो करके दिखाता हूँ । फिर मैंने एक तकिया लिया और उसे दीवाल के पास रखा और अपना सिर उसपर रख कर मैंने अपने पैर ऊपर कर दिए यानी मैं सिर के बल उलटा खड़ा हुआ। वो बोली, अंकल मुझे भी सिखाइए। मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, मैंने कहा चलो आओ, वो मेरे पास आयीऔर मैंने उसको सिर तकिए अपर रखकर डॉगी पोज़ में आने को बोला, वो घुटनों के बल हो गयी , अब उसकी गोल गोल चूतर मेरे सामने थे जो चड्डी में से साफ़ दिख रहे थे क्यूँकि उसकी स्कर्ट ऊपर सिमट गयी थी । मैंने उसकी जाँघों को पकड़कर ऊपर की तरफ़ खिंचा और अब उसका पैर ऊपर हो गया और वो सिर के बल खड़ी हो गयी । उसकी स्कर्ट पूरी नीचे हो गयी थी और उसकी पैंटी के सिवा अब नीचे कुछ नहीं था । फूली हुई चूत पैंटी से साफ़ दिख रही थी और साइड से चूत के भी दर्शन हो रहे थे । मैंने उसे बैलेन्स करने के बहाने उसकी जाँघें को ख़ूब दबाया और पैंटी के ऊपर से चूत भी छुआ । फिर उसे खड़े करने के समय उसकी बग़लों में हाथ डालकर उसको सहारा देने के बहाने उसके मस्त उरोजों को भी दबाया । जब वो सीधी खड़ी हुई तो बोली , अंकल मुझे चक्कर आ रहा है तो मैंने उसे सहारा देने के बहाने अपने से सटा लिया , वो भी मुझसे चिपकी खड़ी रही । फिर मैंने उसको पूछा अब ठीक हो? वो बोली , जी अब ठीक हूँ। फिर मैंने उसे कुर्सी पर बैठा दिया और ख़ुद घुटनो के बल उसके सामने बैठ गया और उसकी जाँघों पर हाथ रख कर बोला , बेटी पानी लोगी? वो बोली , नहीं । फिर मैंने उसके जाँघों को सहलाते पूछा , डॉक्टर बुलाऊँ क्या, वो बोली नहीं , फिर मैंने उसको कहा चलो तुम्हें बिस्तर पर लिटा देता हूँ , उसने हाँ में सिर हिलाया । तब मैं खड़ा होकर उसको अपने गोद में उठा लिया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया , उसका टॉप ऊपर चढ़ गया था और उसका पेट नंगा था और उसकी ब्रा नीचे से दिख रही थी , उसकी पैंटी में छिपी चूत भी साफ़ दिख रही थी । अब मैं उसके बग़ल में बैठ गया और उसके चेहरे को सहलाने लगा फिर प्यार से उसके गाल चूमने लगा और बोला बेटी ठीक ना , वो मुझसे लिपट गयी और बोली जी अंकल। मैंने अब अपना हाथ उसके जाँघों ओर फेरना शुरू किया और उसके गाल से अब हटकर उसके नाक और माथा और फिर उसके होंठ चूमने शुरू किया। मैंने नोटिस किया की उसे अच्छा लग रहा था सो मैंने अब एक हाथ पैंटी के साइड में और दूसरा हाथ उसकी चुचि के पास ले आया। उसने आँखें बंद कर ली और कुछ नहीं बोली तो मैंने उसे खींच कर अपने से चिपका लिया और वो आधी अब मेरे गोद में थी और आधी बिस्तर पर। फिर मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया और वो मुझसे और ज़ोर से लिपट गयी। अब मैंने उसकी चुचि दबानी शुरू की और पैंटी के ऊपर उसकी चूत भी मुट्ठी में भर कर हल्के से मसलने लगा। वो सी सी आह आह करने लगी । फिर मैंने उसको प्यार से पूछा , बेटी मज़ा आ रहा है? वो शर्माकर मेरी छाती में मुँह छुपाकर बोली, जी अंकल। बस मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया । अब मैंने उसे बैठाया और उसका टॉप उतार दिया , उसने भी दोनों हाथ उठाकर मुझे सहयोग किया। फिर मैंने ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को चूमा और उसकी ब्रा खोल दिया। अब उसके अर्ध विकसित उरोज मेरे सामने थे , जिनके ऊपर अभी घुन्डी भी अभी पूरी नहीं बनी थी।मेरे लिए इतनी छोटी लड़की के साथ सेक्स एक नया अनुभव था । फिर मैं उसकी चूचियों को बहुत देर तक दबाया और उसकी निपल्ज़ को भी उँगलियो मैं लेकर मसला , अब वो बहुत गरमा गयी थी । मैंने अब उसकी पैंटी उतरी तो उसने अपनी कमर उठाकर मेरा साथ दिया । उसकी चूत देखकर मेरे होश उड़ गए। मख़मल सी गद्दीदार फुली हुई , बीच में एक फाँक , मुझे लगा मेरा लंड अगर बाहर नहीं आया तो टूट जाएगा। मैंने उसकी चूत में हाथ फेरते हुए पूछा, बेटी तुम्हारी चूत में बाल नहीं आए क्या ? वो बोली, जी थोड़े से आए थे मैंने हेयर रेमूवर से साफ़ कर लिए। मैं फिर झुककर उसकी चूत चूम लिया, छी अंकल ये क्या कर रहै हैं आप, वो गंदी जगह है। मैं बोला, बेटी ये तो सबसे प्यारी जगह है तुम्हारी इसे चूमने और चाटने में बहुत मज़ा आएगा मुझे भी और तुम्हें भी । ऐसा बोलकर मैंने उसकी चूत चूमनी और चाटनी शुरू की , वो जल्दी ही मज़े से पागल होने लगी और आह आह करने लगी । फिर मैं बिस्तर से उतारा और उसको भी उतार दिया और बोला , बेटी अब मेरे कपड़े उतारो , वो हाँफ रही थी उसने मेरी टी शर्ट उतरी , फिर मेरा बेल्ट खोलने लगी , मैं चारों तरफ़ छत पर देख रहा था और उसके पापा द्वारा लगाए केमरे को खोज रहा था , पर मुझे वो नहीं दिखा! तबतकडॉली ने मेरी पैंट खोल दी वो नीचे गिर गयी , फिर उसकी आँखें बड़ी बड़ी हो गयी जब उसने मेरी चड्डी में फँसे मेरे लंड को देखा , बड़ा सा गोल सुपारा चड्डी के इलास्टिक से बाहर झाँक रहा था और उसने दो बंद सफ़ेद रस भी लगा था । वो बोली, अंकल आपका कितना बड़ा है, मैं इसे कैसे अंदर ले पाऊँगी । मैंने उसकी चूत में एक ऊँगली अंदर डाली वो आराम से चली गयी क्यूँकि उसकी चूत पूरी गिली हो चुकी थी , मैं बोला, बेटी तुम तो पहले भी लंड के चुकी हो, देखो तुम्हारी छेद तो खुली हुई है, फिर क्यूँ डर रही हो , वो बोली, अंकल वो तो बहुत पतले और छोटे थे पर आपका तो बहुत बड़ा लग रहा है, मेरी तो फट जाएगी! मैं बोला, चलो चड्डी तो निकलो , कुछ नहीं होगा , तुम्हें बहुत मज़ा आएगा । वो धीरे से चड्डी नीचे करी पर लंड उसने फँस गया फिर उसने अंदर हाथ डालकर लंड को अपने हाथ मई लेकर ऊपर की तरफ़ किया तब जाके चड्डी नीचे आयी और लंड झटके मारने लगा। वो फटी आँखों से मेरे ७ इंचि मोटे लंड को देख रही थी और तभी मैंने उसे अपनी बाहों में भींच लिया जिससे मेरा लंड उसके पेट पर दब गया और वो सिहर उठी ।मैंने फिर उसके होंठ चूसे और फिर चुचि भी चूसा , वो फिर से मस्त हो गयी और उसका डर निकल गया । अब मैंने उसको बिस्तर पर लिटाकर उसके चूतरों के नीचे तकिया रखा और फिर झुक कर उसकी चूत में जीभ फिराने लगा , जब वो आह आह करने लगी तब मैंने उसकी टाँगें उसकी छाती पर मोड़कर दबा दी और पूरा टांगों को फैला दिया , अब उसकी छोटी सी छेद मेरे आँखों के सामने था , मैंने अपने लंड मैं थूक लगाया और मोटे सुपारे को उसकी छेद में फंसा दिया और लंड को वहाँ रगड़ने लगा। वो मस्ती से भरकर अपने कमर को उठायी और तभी मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रखकर ज़ोर से धक्का लगाया । उसकी चीख़ मेरे होंठों के बीच दबी रहने के कारण बाहर नहीं पायी पर उसकी आँखों से आँसू आ गए। आधा लंड अंदर कर मैं रुका फिर उसकी चूचियाँदबामैं समझ गया की लौंडिया मस्त गयी है, फिर मैंने उसकी चुचि चूसते हुए उसकी ज़बरदस्त चूदाँयी शुरू की , वो भी ऐन मस्ती से फड़वा रही थी । मैंने पूछा बेटी कैसा लग रहा है, वो बोली , अंकल बहुत मज़ा आ रहा है, और ज़ोर से करिए , मैं झड़ने वाली हूँ। मैंने और स्पीड बढ़ा दी और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने अपने आप को उसके ऊपर से हटाया और साइड में लेट गया , वो मेरी तरफ़ आकर मुझसे लिपट गयी और बोली, अंकल पहले तो बहुत दुखा पर बाद में मज़ा आया । पर अब फिर वहाँ नीचे जलन हो रही है। मैं बोला, बेटी कोई बात नहीं , असल में तुम आज पहली बार मर्द के लंड से चूदी हो ना इसलिए थोड़ी देर दुखेगा फिर सब ठीक हो जाएगा । अब तुम किसी भी मर्द का लंड ले सकती हो , वो मेरे लंड को पकड़ ली और बोली, मुझे तो बस यही चाहिए। मैं बोला , बेटी मुझे ऐसा लगता है की तुम्हें एक और मर्द चोदना चाहता है, वो भी मेरी तरह तुम्हें बहुत प्यार करेगा और मज़े से चोदेगा । वो हैरान होकर बोली, कौन ? मैं बोला, पहले ये बताओ तुम्हें उन लौंडो से करवाने में ज्यादाँ मज़ा आया या मेरे साथ? वो मुझे चूमते हुए बोली, अंकल वो तो बिलकुल अनाड़ी थे , आपने मुझे बहुत मज़ा दिया। मैं बोला, फिर मेरे जैसा ही एक आदमी तुम्हें पाना चाहता है, बोलो उसे भी ऐसा ही प्यार दोगी? वो बोली, आप बताओ तो कौन है ? मैं उसके चूतरों पर हाथ फेरते हुए बोला, कल बताऊँगा। और उसे चूम लिया। फिर मैं उसको बोला , चलो अब तय्यार हो जाओ , माँ आने वाली होगी और खाना खाकर स्कूल जाओ। फिर मैं बाथरूम में फ़्रेश होकर बाहर आया और थोड़ी देर में स्कूल ड्रेस में वो भी बाहर आती हाल में। वो इतनी मासूम दिख रही थी की मेरा लंड गिर अकड़ने लगा । मैंने देखा वो थोड़ा लँगड़ा रही थी। मैंने पूछा , बेटी क्या नीचे दर्द हो रहा है, वो बोली , जी अंकल अभी भी जलन हो रही है। मैंने उसे कहा ३/४ घंटे में आराम आ जाएगा । फिर मैंने उसे अपने गोद में बिठाकर प्यार किया , उसके गाल चूमे। तभी उसके माँ की आने की आवाज़ आयी और वो अंदर आयी और धाम से सोफ़े पर गिर गयी । फिर डॉली सर्वंट क्वार्टर में जाकर एक नौकरानी को बुला लायी और उसने अपनी थाली में खाना लगाया और जल्दी जल्दी खाकर स्कूल चली गयी। लाली ने पूछा की पैर में क्या हुआ , मैंने कहा जियादा एक्सर्सायज़ करने से थोड़ी मोच है जल्दी ठीक हो जाएगी। उसने भी ध्यान नहीं दिया। डॉली जाने बाद लाली एक अँगड़ायी ली और बोली , मुझे बिलकुल मज़ा नहीं आया पार्टी में और मैंने वहाँ खाया भी नहीं , चलो अब साथ ही खाते हैं। नौकरानी ने खाना लगाया हम खाने लगे।मैं उसके चेहरे को देखते हुए बोला, एक बात बोलूँ, वो बोली , हैं बोलिए, मैंने कहा , आज आपकी सहेलियाँ तो आपके रूप और सुंदरता से जल भून गयी होंगी । वो हँसी और बोली, ऐसा कुछ नहीं हुआ, बल्कि मुझे तो लगता है की मैं अब बुढ़िया दिखती हूँ तभी तो नंदजी अब मुझमें इंट्रेस्ट माही लेते । मैंने कहा, ऐसे कैसे हो सकता है , आप जैसी सुन्दर और सेक्सी महिला को कोई कैसे बुढ़िया कह सकता है, आप तो डॉली की दीदी लगती हो माँ नहीं! मैंने जाल बिछाया । वो बोली, बस आप भी कुछ भी कह रहे हो , ऐसा कहते हुए मैंने साइड से देखा की उसने अपनी ओढ़नी एक तरफ़ कर दी और अपनी एक बड़ी चुचि मेरे दर्शनों के लिए उभार दी। मैं समझ गया की नदजी द्वारा ध्यान ना दिए जाने के कारण ये मेरी जाल में आसानी से फँसेगी ये महिला। फिर मैंने खाना ख़त्म करते हुए, उसकी चुचि को घूरते हुए कहा, भाभी आपका फ़िग्यर किसी नपुंसक को भी पागल कर देगा , और खड़े होते हुए बिलकुल खुलकर अपने लंड को पैंट में उसकी आँखों के सामने adjust किया। उसकी आँखें मेरे पैंट पर ही थी और आँखों में प्यास साफ़ दीख रही थी, उसका सीना भी अब वासना से ऊपर नीचे हो रहा था। खाना समाप्त कर हम सोफ़े में बैठ गए और नौकरानी सफ़ाई करके अपने क्वार्टर में चली गयी। फिर मैंने उनको बोला, भाभीजी क्या आपको ऐसा लगता है कि आपके पति जवान लौंडियों के पीछे लगे रहते हैं ? वो बोली, हाँ मुझे शक है पर कोई प्रूफ़ नहीं , कभी कभी उनके मोबाइल पर लड़कियों फ़ोन आते हैं। मैं फिर बोला, की आप जैसी भरी पूरी मदमस्त सेक्सी लेडी को छोड़कर कोई पागल ही दूसरी लड़कियों पीछे भागेगा। उनकी आँख में आँसू गए , बोली, पता नहीं वो ऐसा क्यूँ करते हैं। मैंने अवसर का फ़ायदा उठाया और उठकर उनकी बग़ल में जाकर बैठ गया और उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना देने लगा। उनके गोरे कंधों गले को हुए मैंने नीचे कुर्ते में झाँका और उनकी बड़ी चूचियों के आधे दर्शन गए। अब मेरा लंड पूरा तन गया था। मेरी सहानुभूति पाकर और भावुक गयी , तो मैंने उनको अपनी ओर खींच लिया और चुपचाप मेरी बाहों में आ गयी , फिर मैंने उनके आँसू पोंछने के साथ ही मैंने उनके गालों चूम लिया। वो हैरानी से मुझे देखने लगी, मैंने कहा सॉरी मैं अपने आप को रोक नहीं पाया क्यूँकि आप इतनी सुंदर और प्यारी हो, पता नहीं उसे क्या सूझा वो भी मुझसे लिपट गयी और मेरे गाल चूम लिए। मैं समझ गया की लाइन क्लीयर है, मैंने उसे अपने लिपटाते हुए उसके होंठ चूमना शुरू कर दिया।ने लगा और होंठों में अपनी जीभ डाल दी . वो उसे चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने फिर धक्का लगाया और पूरा लंड उसके अंदर कर दिया। वो एक बार फिर चीख़ी पर मैंने उसके मुँह अपने मुँह बन्द कर दिया । फिर उसको प्यार करते हुए मैंने धीरे धक्के लगाने शुरू किए , अब उसको मज़ा आने लगा और वो मेरे पीठ को जकड़ने लगी फिर मेरे चूतरों पर हाथ रखकर उनको नीचे दबाने लगी।
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