RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
रहमान अंकल के साथ जब बॉबी के यहाँ से निकले तो उन्होंने ख़ुद ही बॉबी की गाँड़ मारने की बात मुझे बता दी। फिर हम वहाँ से ऐक्टिंग क्लास में गये और वहाँ मेरी काफ़ी देर ट्रेनिंग हुई, उस दिन वहाँ और कुछ नहीं हुआ , फिर हम डान्स ट्रेनिंग में गए वहाँ भी ख़ूब रिहर्सल हुई ओर कुछ नहीं हुआ। आख़िर में शाम को हम घर पहुँचे मैं बहुत थक गए थी, सो गयीं। अब यही रूटीन हो गया, कभी कभी मेरी चुदायी। भी कर देते थे वो लोग और रहमान अंकल भी रात को मज़ा करते थे।फिर ek दिन हम शिवा ke यहाँ गए, उन्होंने विडीओ और फ़ोटो अल्बम दिखायी, कितनीहॉट और सेक्सी लग रही थी मैं, सच में शिवा ने बहुत मेहनत की थी मेरी प्रोफ़ायल पर। मैंने उनका मुँह चूम लिया, अंगों भी गरम होकर मेरे ko अपनीं गोद में खिंच लिए , और uncle के सामने मेरी चूचियाँ दबोच लिए। अंकल मुस्कार्ये और बोले, बेबी शिवा ने तुम्हारी इतनी मदद की है ,तुम्हें भी उसे ख़ुश करना होगा । मैं बोली, मैंने कब मना किया है,और उनका लंड मैंने पैंट के ऊपर से सहलाना शुरू किया , शिवा ने मुझे गोदी मैं उठाकर पास रखे सोफ़े पर लिटा दिया और चूमना शुरू किया मेरे बदन को। फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतारकर मेरे पूरे शरीर को चूमा और चाटा फिर अपना लंड मेरे मुँह मैं डाल दिया और main चूसने लगी ,फिर मैंने जीभ से उनका लंड चाटा , फिर शिवा ने मेरी गिली चूत मैं लंड डाल दिया और भरपूर चूदाँयी में लग गए। मैं भी अपनी कमर उछाल कर मज़ा ले रही थी,रहमान अंकल बग़ल में सोफ़े पर बैठकर हमको देख रहे थे, और पैंट के ऊपर से अपने तंबू को सहला रहे थे, मैंने उनको कहा की आप मेरे मुँह में इसको डाल दो, वो बोले रहने दो, बाद में देखेंगे। फिर थोड़ी देर में शिवा और मैं झरने लगे। बाद में हम विडीओ और अल्बम लेकर घर को चल दिए। अगला दिन हमारे लिए बड़ा khas था ,क्यूँकि मैं नायडू अंकल से मिलने जाने वाली थी और मेरी तीन सेक्सी ड्रेस भी आ गयी थी। नायडू अंकल फ़िल्म प्रडूसर थे ,जिनको नंदजी ने फ़ोन किया था, वही फ़ार्म हाउस वाले।
अगले दिन बाद महत्व पूर्ण था, क्यूँकि प्रडूसर नायडू से मिलना था, सुबह ही नंदजी का फ़ोन आया , बेटी कैसे हो? मैं समझ गयी कि वो अभी भी सेक्सी मूड में हैं,क्यूँकि पिछली बार जब उन्होंने मेरी चूदाँयी की थी, फ़ार्म हाउस में ,तब भी मुझे अपनी बेटी बनाया था , और मैं उन्हें पापा बोली थी। आज वो फिर उसी मूड में लग रहे थे ।सो मैंने भी उनका साथ दिया और बोली , पापा मैं ठीक हूँ पर आपको बहुत मिस कर रही हूँ, वो बोले, बेटी आज अभी तुम होटेल शलिमार में आजाओ अपने अंकल के साथ, फिर वहाँ थोड़ी देर पापा बेटी प्यार करेंगे फिर हम नायडू के पास जाएँगे, ठीक है? मैं बोली, जी पापा हम अभी आते हैं। रहमान अंकल सब सुन रहे थे, बोले, नंदजी नायडू से मिलवाने की फ़ीस लेंगे, कहते हुए मेरी चुचि दबा दिए, मैं हंस दी, बोली, सही है, पर वो चोदते अच्छा हैं, बहुत मज़ा आता है, बिलकुल आपकी तरह।अंकल ने मेरी गाँड़ दबाते हुए बोले, तो मज़ा लो , कौन रोक रहा है। हम दोनो हंस दिए।
थोड़ी देर बाद मैंने नयी ड्रेस पहनी, और मेकप किया, जब मैं तय्यार होकर आही, तो अंकल ख़ुश हो गए, और बोले, बेबी क्या पटाखा लग रही हो, तुम्हारी आधी नंगी चूचियाँ जो टॉप से बाहर झाँक रहें हैं, और तुम्हारी नंगी मांसल जाँघें जो स्कर्ट से बाहर हैं, किसी नपुंसक का भी लंड खड़ा कर देंगे, और ये तुम्हारी मस्त ग़दरयी गाँड़ देखो ये मेरा लंड भी खड़ा हो गया , कहकर वो अपने लंड को पैंट के ऊपर से दबाए। फिर वो विडीओ और फ़ोटो अल्बम लेकर मुझे एक जैकेट दिया पहन्ने को, बोले,रास्ते के लिए ये पहन लो, नहीं तो लोग रास्ते में बेहोश हो जाएँगे। मैंने जैकेट में अपनी मस्त जवानी छुपा ली और हम होटेल की ओर जाने के लिए टैक्सी पकडे।
जब हम नंदजी के होटेल के कमरे में पहुँचे तो वो हमारा इंतज़ार ही कर रहे थे, वो हमसे। गले लगे और मेरा गाल चूम लिया, फिर बोले, ये क्या जैकेट पहना हुआ है, ज़रा जलवे तो दिखाओ, ऐसा कहते उन्होंने मेरी जैकेट उतार दी, फिर मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देखे और बोले, बेबी क्या माल हो, बोलते हुए अपना लंड पैंट के ऊपर से ही मसलने लगे। रहमान बोले, साहब इसको बहुत जल्दी हेरोयन बना दीजिए , ज़िन्दगी भर आपकी सेवा करेगी। मैं भी नदजी से लिपट गयी और बोली,प्लीज़ सर मुझे मदद करो, मुझे एक ब्रेक दिला दो, वो मेरी बाहों को सहलाते हुए बोले, मैं पूरा ज़ोर लगा दूँगा बेबी, पर बाद में मुझे भूल तो नहीं जाओगी? मैं बोली, ऐसा क्यूँ कह रहें हैं, मैं हमेशा आपकी वफ़ादार ग़ुलाम रहूँगी, बस नायडू जी को बोलिए, मुझे ब्रेक दे दें। उन्होंने मेरी नंगी कमर सहलाया और मेरे नितम्बों को सहलाते हुए बोले, बस एक घंटे के बाद मैं तुम्हें उनसे मिलवाता हूँ, पर एक घंटे तो मुझे तुम्हारे साथ मज़े करना है, है ना? मैं बोली, क्यूँ नहीं सर। तभी रहमान बोले। सर। अगर आप नाराज़ ना हो तो मैं कुछ पूँछु ? वो बोले, हाँ हाँ बोलो? रहमान बोले, ये बेबी मुझे बतायी है की आप इसके साथ बाप। बेटी की कल्पना करके चूदाँयी करते हैं? वो बोले, ये तुम्हें बेबी ने बता दिया? वो बोले, बेबी मुझसे कुछ नहीं छिपाती। नंदजी बोले, हाँ ये सच है। रहमाने बोले, क्या सच में आप अपनी बेटी को चोदना चाहते हैं, मैं इसमें आपकी मदद कर सकता हूँ। नदजी बोले, वो कैसे, तुम तो उसे जानते भी नहीं हो। रहमान बोले, वो सब मुझपर छोड़ दीजिए, अगर आप चाहें तो मैं ऐसे हालात पैदा कर दूँगा की वो ख़ुद आपकी गोद में आकर बोलेगी पापा प्लीज़ मुझे चोदीये । नंदजी का मुँह खुल गया था और उनका सख़्त लंड मेरे पेट पर चुभ रहा था। वो बोले अगर ऐसा हो गया तो मैं तुम्हें ख़ुश कर दूँगा, तुम्हें जो चाहिए माँग लेना। रहमान बोले, मुझे तो बस बेबी को हेरोयन बनाना है, इसमें आप मदद कर दीजिए। वो बोले, ये तो मैं कर ही रहा हूँ। फिर रहमान बोले, आपका इंट्रेस्ट अपनी बेटी में कब और क्यूँ पैदा हुआ? नंदजी सोफ़े पर बैठ गए,और मुझे अपनी गोद में खींच लिया और बोलना शुरू किया ----
नंदजी के शब्दों में----
हमारी एक ही बेटी है , हम उसे प्यार से डाली बुलाते हैं, मैं क्यूँकि काम में बहुत व्यस्त रहता था, इसलिए मुझे पता ही नहीं चला और डाली आठवीं में पहुँच गयी। इधर मैं अपनी रूटीन सेक्स लाइफ़ से बोर हो चुका था, और मैंने और डाली की मोम आशा ने सभी सेक्स आसन ट्राई कर लिए थे, और अब हम कुछ नया करना चाहते थे। इसी बीच मुझे लगा जी हमारे बीच सेक्स की frequency कुछ कम हो गयी है, मैं अब बाहर की औरतों में भी इंट्रेस्ट लेने लगा और घर ke बाहर भी mere सेक्स सम्बंध बन गए। पर कई बार मैं सोचता की आशा क्या करती होगी। मैंने सोचा ज़रूर वो ऊँगली से सैटिस्फ़ाई करती होगी? ये सोच कर hi मैं उत्तेजित ho गया और मेरी इच्छा हुई कि उसको हस्त मैथुन करते देखूँ । मैंने अपने बेडरूम में एक कैमरा फ़िट किया, और फिर जब फ़ुर्सत मिलती मैं उसकी रिकॉर्डिंग चेक करता , लेकिन मैं हैरान हो गया की वो कभी भी हस्त मैथुन करती नहीं दिखी। फिर मुझे शक हुआ की शायद वो बाथरूम में ऐसा करती होगी, तो मैंने एक कैमरा बाथरूम में भी फ़िट कर दिया। इसबार मुझे सफलता मिली, आशा हर ३/४ दिन में एक बार हस्त मैथुन करती थी, बाथरूम में। वो नहाने के लिए नंगी होकर बाथ टब में लेट जाती और अपनीचूचियों को दबाती और निपल्ज़ को मसलती और एक साथ तीन उँगलियाँ अपनी चूत में डालकर क़रीब १०/१५ मिनट तक अपनी चूत रगड़ती और फिर आह करके पूरे शरीर ko अकड़कर झड़ जाती। मेरे लिए ये एक मस्त कर देने वाला सीन हुआ करता और मैं रिकॉर्डिंग देखकर गरम हो जाता और फिर उस पर चढ़ कर उसकी ज़बरदस्त चूदाँयी करता। इस तरह जीवन कट रहा था।
डॉली आठवीं में पहुँच गयी थी और जवान हो रही थी, उसकी चूचियाँ अब संतरें जितनी हो गयी थीं और स्कर्ट से उसकी जाँघें भी गदरायी हुई दिखती थी, मुझे कुछ अच्छा लगता था, पर उसके आगे मैंने अपनी बेटी के बारे मैं कुछ सोचा नहीं था। फिर एक दिन सब बदल गया। हुआ ये कि मैं उस दिन देर से घर आया और डिनर के बाद लैप्टॉप खोला,और बाथरूम की रिकॉर्डिंग चेक किया, और मेरे सामने आशा कपड़े उतारी और टॉलेट सीट पर बैठकर शायद पेशाब की फिर वो नहाने लगी।उसने चूत और गाँड़ की जब सफ़ाई की , मेरा लंड खड़ा हो गया ।मैं अपने लंड को लोअर के ऊपर से मसलने लगा और आशा की चूदाँयी के बारे में सोचा, तभी मैं हेरान हो गया क्यूँकि अभी भी कुछ और रिकॉर्डिंग भी हो रखी थी। मैंने थोड़ा forwad करके जो विडीओ देखा तो मेरे होश ही उड़ गए। बाथरूम में अब हमारी बेटी घुस रही थी। (बाद मैं पत्नी ने बताया था कि उसके बाथरूम का गीज़र ख़राब हो गया था और वो उसदिन हमारे बाथरूम में नहाने आयी थी, उसे क्या पता था की वहाँ उसके बाप ने कैमरा लगा रखा था।)अब डॉली ने बाथरूम में प्रवेश किया और अपना तौलिया और कपड़े हैंगर में टाँगे, फिर वो शीशे के सामने खड़े होकर अपने चेहरे को सब ऐंगल से देखने लगी, फिर उसने अपने आगे का पोसे चेक किया, फिर पलटकर अपना बैक चेक करने लगी, अपनी चूतरों पर हाथ फेरा ,जैसे देख रही हो कि कितने बड़े हो गए हैं।फिर उसने अपनी फ़्रॉक के ऊपर से अपनी छोटी सी संतरें जैसे चूचियों पर हाथ फेरा और थोड़ा दबाकर मुस्कारायी। मेरा तो लंड एसे टाइट हो गया जैसे फट जाएगा गरमी से ।फिर उसने धीरे से अपनी फ़्रॉक उतारी और ब्रा में कसे उसके उरों बहुत ही मदमस्त लग रहे थे।उसने एक गुलाबी सी चड्डी पहनीं थी, जो उसके सिर्फ़ चूत और चूतरों के आधे भाग को ही छिपा रहे थे।उसने फिर आगे पीछे होकर अपने बदन को देखा और ख़ुद पर ही मुग्ध हो गयी।फिर उसने चूत को चड्डी के ऊपर से दबाया।मेरे मुँह से आह निकल गयी और मैंने लंड लोअर से बाहर निकाल लिया और उसे मूठियाने लगा।उधर वो अब अपनी ब्रा भी खोल चुकी थी और उसके मस्त संतरें मेरी नज़रों के सामने थे ।आह क्या चूचियाँ थीं, उनके ऊपर अभी निपल्ज़ पूरे बने भी नहीं थे। फिर उसने अपनी चड्डी भी उतार दी और कपड़े वहीं आशा के गंदे कपड़ों पर फेंक दिया।फिर मैंने उसकी चूत बड़े ध्यान से देखी, पूरी गोरी चूत जिसमें बाल के नाम पर सिर्फ़ थोड़े से रोएँ जैसे थे,और उसकी मस्त चूतरों का उभार किसी को भी पागल बना सकता था ,मेरी आँखों के सामने था, और मैं अपनी बेटी की उभरती जवानी को देखकर मस्त हो चुका था ।फिर वो शॉवर के नीचे खड़े हो कर नहाने लगी और साबुन लगाते हुए अपनी चुचिया मसलने लगी फिर जब उसने साबुन से अपनी चूत साफ़ की तो अपनी माँ की तरह वो भी वहाँ ज़्यादा ही देर रगड़ायी की।और उत्तेजना उसके चेहरे पर साफ़ नज़र आ रही मैं अपना लंड ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा। फिर वो तौलिए से अपने को सुखायी और चूत में ज़रा ज़्यादा देर तक रगड़ी फिर अपनी ब्रा और पैंटी पहनी और nighty पहनी और बाथरूम से बाहर निकल गयी। मुझे याद आया की उसने अपने गंदे कपड़े वहीं रखे थे,मैं तुरंत बाथरूम मैं गया और उसकी ब्रा और पैंटी लेकर सूँघने लगा, आह उसकी चूत की ख़ुशबू सूंघ कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया और उसकी पैंटी पर अपना लंड रगड़कर झड़ गया, इस तरह मैं अपनी ही बेटी की तरफ़ आकर्षित हुआ और उसे चोदने के जुगाड़ में रहने लगा।।
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