RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
स्कूल में बार बार उसका लिंग हिलाना मुझे याद आ रहा था , मैं बेचैन हो रेही थी । ख़ैर जैसे ही स्कूल छूटा मैं बाहर आयी और राज मेरा इंतज़ार कर रहा था । हम घर की तरफ़ चल दिए , राज की आँखें बार बार मेरे उभारों पर पड़ रही थी और फिर जल्दी ही उसके पैंट के सामने वाला हिस्सा फिर फूल गया , मैंने बड़े मुश्किल से अपनी निगाहें वहाँ से हटायी। राज थोड़े देर यहाँ वहाँ की बातें की फिर धीरे से बोला , निलू तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो ,मैंने हँस कर कहा , सच? फिर मैंनेधीरे से पूछा कि तुमने मौसाजी के कमरे मैं क्या देखा? वो मुस्कुराया और बोला की वही जो सब आदमी औरत करते हैं, और आँख मार दी, मैं शर्मायी और बोली। तो तुमने उन्हें नंगा देखा? वो हँस दिया और बोला , बिलकुल नंगा अम्माँ और बाबूजी डोनो को । मैं बोली, तुम्हें शर्म नहीं आइ अपने माँ और बाप को ये सब करते देख कर, वो बोला, काया करते देखकर ? मैंने कहा , छी तुमने नहीं पता ? वो हँस कर बोला, तुम बताओ ना क्या करते देखा मैंने? मैं बोली , मुझे पता नहीं । वो बोला , मैं बताऊँ ? मैंने उसकीतरफ़ देखा , तो वो बोला , मैंने उन्हे चुदायी करते देखा । मैं सन्न रह गयी, मुझे राज से इस शब्द की उम्मीद नहीं थी ,मैने हैरान हो कर उसके तरफ़ देखा , वो बोला ,इसे चुदायी ही कहते हैं । तुम जानती हो ये कैसे की जाती है, मैंने नहीं, वो बोला तो आज मेरे साथ भी देख लेना, आज भी वो करेंगे क्यूँकि बाबूजी कल से ३ दिन के लिए बाहर जा रहें हैं, इसलिए आज ज़रूर माँ को चोदेन्गे। ओह मैं बोली , मुझे डर लगता है कहीं कोई देख ना ले । वो बोला मैं हूँ ना, बहुत मज़ा आएगा , मैंने भी हाँ में सिर हिला दिया । फिर हम घर पहुँच गए ।
रात को खाने के बाद मैं अपने कमरे में लेटीहुई सोच रही थी की कितनीगंदी बात है अपने मौसा मौसी को सेक्स करते हुए देखना वो भी अपने मौसेरे भाई के साथ ? पर दूसरी तरफ़ इक्सायटेड भी हो रही थी। पता नहीं कब आँख लग गयी, कि अचानक धीरे से राज ने पुकारा , निलू बाहर आओ , मैं बाहर आ गयी । राज ने मुँह पर ऊँगली रखकर चुप रहने का इशारा करता हैं, मैं उसके पीछे चल पड़ती हूँ , हम आँगन में आ जाते हैं , वहाँ पहले से एक मेज़ रखी थी , जो राज ने मौसाजी के बेडरूम के ठीक खिड़की के नीचे रख छोड़ी थी । फिर राज मेज़ पर चढ़ गया और धीरे से खिड़की स झाँका ।वो मुस्कुराया और मुझे ऊपर एंड के लिए इशारा किया और एक हाथ आगे बढ़ाया मैंने उसे पकड़ लिया और टेबल पर चढ़ गयी। अब मैंने भी अंदर झाँका और शर्म से लाल हो गयी। अंदर मौसाजी पूरे नंगे थे और उनका बहुत बड़ा लिंग ऊपर नीचे हो रहा था। और वो मौसीजी के कपड़े। उतर रहे थे, वो सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट थीं। उन्होंने मौसीजी का ब्लाउस उतार दिया और और उनके दूध दबाने लगे ।फिर उन्होंने उनकी ब्रा भी निकाल दी और उनके दूध मच में लेकर चूसने लगे । मेरी चड्डी गिली हो रही थी । मौसाजी का लिंग अब और भी कड़ा दिख रहा था । फिर मौसाजी ने पेटिकोटनिकल दिया और मौसीजी चड्डी भी खोल दी। उनकी मोटी जाँघें और उसके बीच की फूली हुई योनि देखकर मैं इक्सायटेड हो गयी । तभी मुझे लगा की राज के हाथ मेरे पीठ पर आ गए , वो मेरे पीछे खड़ा था। मैंने देखा कि मौसाजी ने मौसीजी के सिर को अपने लिंग तरफ़ खींचा, और मौसीजी ने उनका लिंग अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी ।मौसाजी आह्ह्ह्ह्ह करने लगे। तभी लगा की राज का कड़ा लिंग मेरे नितम्बों पर ठोकर मार रहा था , मैं सिहर उठी। उधर मौसाजी ने मौसीजी को लिटा दिया और उनके योनि पर अपना मुँह रख दिया और उसे चाटने लगे , अब मौसी चिल्लायीं , आआआआहह। मार्र्र्र्र गएएएएएएए । थोड़े देर बाद उन्होने अपने लिंग को मौसी के योनि मैं डाल दिया । तभी राज ने अपने हाथ मेरे उभारों पर रख दिया और उन्हें हल्के से दबाने लगा , मैं काँपने लगी । राज मेरे कान में कहा ,देखो बाबूजी कैसे माँ को छोड़ रहे हैं। मैने देखा मौसीजी बड़े मज़े से कमर उछाल कर छुड़वा रही थीं । और मौसाजी ज़ोर ज़ोर से अपने कमर को ऊपेर नीचे कर रहे थे । तभी राज ने मेरे स्कर्ट को ऊपर किया और मेरी चड्डी मई अपना लिंग दबाया ।, मैंने महसूस किया कि उसने अपने लिंग को पैंट से बाहर निकाल लिया था ।तभी वो अपने नंगे लिंग को मेरे हाथ में पकड़ा दिया , और मेरे हाथ में उसका गरम खड़ा लिंग था । उधर अन्दर चुदाई अपनी चरम सीमा पर थी ।पूरा कमरा आह ऊओह की आवाज़ से गूँज रहा था । राज ने मेरे चड्डी को नीचे किया और अपने लिंग को मेरी योनि मई रगड़ने लगा, मेरे मुँह आह निकल गयी, उफ़्फ़ क्या मज़ा आ रहा था , राज ने कहा , निलू, मेरा लंड कैसा लगा ? मैंने लंड शब्द पहली बार राज के मुँह से सुना । मुझे अच्छा लगा , और इसके पहले कि मैं कुछ कहती, राज ने मुझे बाहों में लेकर मेरे होंठ चूसने लगा । अब मैं भी गरम हो गयी थी , और राज का साथ देने लगी , उसने मुझे कमरे में चलने को कहा और मैं समझ गयी की आज मेरी सील टूटेगी वो भी अपने मौसेरे भाई के लंड से । अब उसकी दो उँगलियाँ मेरी योनि में धमाल मचा रही थीं। उसने कहा, निलू तुम्हारी चूत मस्त है बेबी , और मेरे शरीर में मस्ती दौड़ गयी । राज टेबल से उतरा और मुझे गोद मई पकड़कर उतार लिया , फिर गोद मई उठाकर मुझे अपने कमरे में ले चला, और उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे।
कमरे में पहुँच कर मुझे राज ने बिस्तर पर लिटा दिया और दरवाज़ा बैंड कर दिया , फिर वो मेरे ऊपर आ कर लेट गया और मेरे होंठचूसने लगा , मैं भी गरम हो गयी थी और उसका साथ देने लगी । उसने मेरा टॉप उतर दिया और बिलकुल मौसाजी जैसे ही मेरे उभारों को चूमने लगा। फिर ब्रा खोलकर वो उनपर टूट पड़ा , मैं आह आह कर रही थी। मज़े से, वो पगलोंकी तरह मेरे उभारों को चूस रहा था और निपल्ज़ को दबा रहा था । फिर उसने मेरे स्कर्ट उतार दी और चड्डी भी नीचे खींच ली। अब मैं पूरी नंगी बिस्तर पर पड़ी थी और वो दिवानो की तरह मेरा बदन चूम रहा था, उसने मेरी जाँघों पर चूमा और मेरीजाँघों को फैलाकर मेरी चूत को ग़ौर से देखने लगा, उसका लंड जो लोअर से बाहर था पूरा खंडा था फिर वो पूरा नंगा होकर मेरे जाँघों के बीच आ गया और उसने मेरी चूत वैसे ही चाटी जैसे मौसाजी ने मौसीजी की चाटी थी,मैं तो जैसे पागल ही मोह गयी थी, इतना आनंद आ रहा था की मैं सी सी कर उठी। फिर वो मेरी चूत में अपना लंड धीरे से डालने लगा , मैंने दर्द से कराहना शुरू कर दिया । उसने मेरे होंठों पर अपना होंठ रख दिया और चूसने लगा । फिर जब मुझे दर्द कम हुआ तो मैंने मौसी की तरह नीचे से कमर उछाली , वो ऊपर से ज़ोर से धक्का मारा और पूरा लंड अंदर समा गया , मई फिर से दर्द से चीख़ उठी, और अब जल्दी जल्दी धक्के लगाने शुरू किया । मुझे अब मज़ा आने लगा था और मैं भी आह आह चिल्लाकर उसका साथ देने लगी। वो भी मज़े से पागल हो रहा था । थोड़ी देर में मैं झरने लगी और वो भी क्लाइमैक्स के पास आकर आह आह कर झड़ने लगा। फिर वो मेरे ऊपर गिर गया और बाद में करवट बदल कर मेरे बग़ल में लेट गया ।अब उसके हाथ मेरे शरीर पर सहलाने लगे , फिर उसने मुझे अपना लंड दिखाया जिसमें लाल ख़ून लगा था, मैने उठकर अपनी चूत को देखा तो वहाँ भी लाल ख़ून लगा था , मैं समझ गयी की मेरी चूत की सील टूट गयी हैं,और अब मैं चुद चुकी हूँ । उसने मुझे बाथरूम तक ले जाने में सहायता की , और बाथरूम में वो खड़े हो कर पिशाब करने लगा, उसके लंड से पेशाब की धार निकल रही थी और मैं उसे बड़े ध्यान से देख रही थी । उसने मेरा हाथ पकड़ अपने लंड पर रख दिया , और बाद मेरे हाथ को पकड़ कर अपना लंड हिलाने लगा, जिससे उसके पिशाब की आख़िरी बूँदें भी गिरने लगी। फिर उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे बिठाया और मैं भी पेशाब करने लगी, वो उसे ध्यान से देख रहा था , मुझे शर्म आ रही थी , उसका लंड फिर से खड़ा था मेरे पिशाब की सु सु की आवाज़ आ रही थी ,और वो उत्तेजित हो रहा था। उसने मुझे उठाया और मेरी चूत धोने लगा , फिर अपना लंड धोकर हम वापस बिस्तर पर आ गए, और एक दूसरे को चूमने लगे और थोड़े देर में हम फिर गरम हो गए और फिर वो मुझ पर चढ़ गया, और फिर से मुझे चोदने लगा, और २० मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों शांत हो गए ।
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