Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
12-26-2018, 11:04 PM,
#81
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
पापा ने चोद दिया--3

गतान्क से आगे...........
पापा बोले : अच्छा यहाँ भी दर्द हो रहा है…ठीक है सीमा, अगर तुम्हे यहाँ भी दर्द हो रहा है तो मैं तुम्हारा यह दर्द अभी दूर कर देता हू. पर इस औजार से तुम्हे कुछ दर्द होगा, लेकिन फिर बहुत मज़ा आएगा.

में : कोई बात नही पापा, में अपना दर्द दूर करने के लिए कुछ भी करूँगी..

पापा: ठीक है सीमा, तुम तैय्यार हो जाओ, मैं तुम्हारा इस औजार से यहाँ का
दर्द दूर करता हू. लेकिन पहले कुछ तैय्यारि करनी पड़ेगी.

वो क्या पापा: मैं बोली

पापा ने कहा: बताता हू, ज़रा रूको तो, यह जल्दबाज़ी का काम नही होता है.

यह कहकर पापा ने अपने लंड को अपने हाथों में ले लिया और मेरे मूह के
पास कर के बोले.. लो सीमा बेटी..पहले इससे कुछ देर चूसो… जब यह पूरी
तरह से सख़्त (टाइट) जो जाएगा तो में इस पर तेल लगा कर तुम्हारा वो दर्द
भी दूर कर दूँगा. जैसे तुम्हारी टांगो कर दर्द दूर कर दिया. है.में तुम्हारे
इस छेद (होल) को चूस्ता हू ताकि दर्द से पहले कुछ आराम मिल सके. मेरी
जीब का जो लार्वा होगा ना, वो तुम्हारी चूत में जाकर मलम का काम करेगा.
जब में तुम्हारी इस मोरी में अपना हथियार डालूँगा तो तुम्हे दर्द बहुत कम होता. सीमा… तुम्हे पता है तुम्हारी इस मोरी (छेद/होल) को और मेरे इस
हथियार को क्या कहते है..

मैं : नही पापा.. बताओ ना, प्लीज़, क्या कहते है:

पापा : सीमा, तुम्हारी जो यहाँ (पापा ने हाथ फेरते हुए कहा) होल है ना,
उसे चूत, फुददी, बुर कहते है और इंग्लीश में उससे पुसी कहते है.

मैं : (शरमाते हुए) अच्छा पापा , और, आपके, इस (मेने पापा के लंड को
हाथों में लेकर कर कहा) हथियार को क्या कहते हैं.

पापा : बेटे मेरे इस (पापा ने अपना लंड उँचा करते हुए कहा) हथियार को लंड,
लन, लॉडा, लॉरा कहते है.

मैं : और पापा इंग्लीश में इसे क्या कहते है?

पापा : सीमा – इंग्लीश में इसे पेनिस कहते है.

मैं : अच्छा पापा.

पापा : अच्छा बेटी, अब में तुम्हारी चूत चूस्ता हू और तुम मेरे लंड को
चूसो.

मैं : ठीक है पापा, अभी चूस्ति हू.

यह कहकर, मैने पापा के लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया. पापा का लंड
बहुत लंबा मोटा और एकदम काला था. मुझे फिर से गधे और घोरे का लंड
याद आ गया, जो कि तांगा-स्टॅंड पर खरे हुए घोरे को मैने कयी बार देखा
था जब वो पैशाब करते थे तो उनका पूरा लंड बाहर निकल आता था और
वो उपर नीचे करते थे और फिर पैशाब करते थे. उनके पैशाब की धार भी
बहुत मोटी होती थी.

मैं पापा से कहा…पापा यह तो बहुत मोटा और लंबा है, मेरे मूह मैं कैसे जाएगा.. पापा ने कहा …सीमा तुम कोशिश करो, यह फ्लेक्सिबल होता है, तुम प्यार से चूसोगी तो ये तुम्हारे मूह मैं जाकर फिट हो जाएगा… तुम्हारी यह जो
नीचे वाली जगह में डालना है उसमे भी तो यह देखना बिल्कुल फिट हो जाएगा.

मैने कहा: ठीक है पापा, कोशिश करती हू. मैं पापा के लंबे मोटे लंड
को अपने दोनो हाथो में ले कर पापा के लंड का सुपरा अपने मूह में डालने की
कोशिश करने लगी.पहले तो वो अंदर ही नही गया. फिर मैने अपने मूह को
ज़ोर लगा कर चौड़ा किया और लंड का लाल-लाल सुपरा मेरे मूह में जाकर फस
गया.. मेरी साँस रुकने लगी..मैने इशारे से पापा को कहा कि यह मेरे मूह
में फस रहा है… पापा बोले

सीमा बेटी..डॉन'ट वरी, अभी थोरी देर में ठीक हो जाएगा तुम, मूह थोरा
और खोल कर कोशिश करो, कोशिश करो बेटी…तभी तो तुम्हारा दर्द ठीक होगा.

मैने इशारे से कहा… ओके पापा मैं कोशिश करती हू.

मैं अपना मूह अपना पूरा ज़ोर लगा कर चौड़ा किया. अब तक जो पापा का
लंबा-चौड़ा लंड मेरे मूह में फसा हुया था, कुछ ढीला हो गया..पापा बोले > बेटी थोड़ा हाथ से और तोड़ा मूह से इसे आगे पीच्छे करो… तभी यह टाइट होगा ना..

मैं पापा के लंड को मूह में आगे-पीछे करना चालू किया.. सचमुच पापा का लंड बहुत ही टाइट होने लगा था. मेरे हाथो को महसूस हो रहा था कि उनके लंड की नस्से टाइट होने लगी थी.

पापा ने भी मेरी दोनो टाँगों को और खोल कर मेरी चूत के मूह को फैला दिया और
पहले मेरी चूत की फांको को मूह में भर कर चूसने लगे जैसे कोई बच्चा
दूध चूस्ता है. फिर पापा दोनो फांको को खोल कर अपनी जीब अंदर डालकर
अंदर-बाहर करने लगे.. मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी. मुझे ऐसे लग रहा
था, जैसे कोई बिजली का कॅरेंट मेरी चूत से शुरू हो कर पूरे बदन मैं फैल
रहा हो. मुझे पापा के चूत चूसने मैं बहुत मज़ा मिल रहा था.

ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही मिला था. पापा ने कुछ देर चूत को चूसने के
बाद, अपनी एक बड़ी उंगली मेरी चूत में डाल दी… आआहह आआअहह. … मेरे मूह से एक प्यारी सी आअहह निकल गयी जो की दर्द के कारण नही मज़े के कारण थी.

पापा: क्या हुया, सीमा, दर्द हुया.. मैं : नही पापा दर्द नही, बहुत मज़ा आया, आप तेज तेज उंगली अंदर कीजिए बहुत मज़ा आ रहा है.

पापा ने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने लंड के नीच लटकते हुए गोल गोल बड़े
बड़े बाअल्स पर फैरने के लिए कहा. मैं उनके बॉल्स पर अपने दोनो हाथों को
फेरने लगी. मुझे भी मज़ा आ रहा था और मेरी चूत नीचे से गीली हो रही
थी.

थोरी देर बाद पापा ने अपने लंड मेरे मूह से निकाल दिया. और बोले सीमा… अब
तुम ऐसे करो.. बिस्तर पर लेट जाओ. और अपनी दोनो टाँगों को अच्छी तरह से
फैला दो.

मैं: ठीक है पापा (यह कहकर मैं अपनी दोनो टाँगों को फैला दिया और मेरी
चूत का मूह खुल कर पापा के सामने आ गया)

पापा ने अपनने टाइट लंबे-चौरे लंड पर अच्छी तरह से तेल लगा कर मेरी
चूत पर फिट कर दिया और धीरे -2 से रगड़ने लगे.. मुझे उस रॅगडन से
बहुत मज़ा मिल रहा था. मैने कहा पापा .जल्दी करो ना … कुछ कुछ हो रहा
है…प्ल्लीईईज अंदर डाअल कर इस खुजली को शांत करो दो नाअ… हइई… आआआहह…पल्ल्ल्लीईएससस्स पपपाआ…. अंदर करूऊ नाआआअ…आआहह$$$ $$$$.

पापा ने कहा… मैं डालने जा रहा हू, सीमा बेटी… ज़रा संभाल कर…
थोडा-बहुत दर्द होगा… अगर तुम इससे सहन कर गयी तो सारी जिंदगी किसी भी
तरह का कोई भी दर्द नही होगा… और मज़ा जब भी लेना चाहो तभी ले सकती हो.

मैं : ठीक है पापा..जैसे करना हो कर लो, पर ज़रा जल्दी करो ना… अब तो
सहन नही हो रहा है….

पापा ने पहले अपने सुपरे को थोड़ा सा धक्का मारा जो मेरी चूत मैं जाकर फिट
हो गया. मुझे ऐसे लगा जैसे किसी गरम लोहे की छड़ (हॉट आइरन रोड) मेरी
चूत में घुस्सा दी हो.. पापा ने थोड़ा सा रुक कर, अपने लंड पर ज़ोर डाला और
अंदर करने की कोशिश की. लेकिन उनका लंड था कि अंदर जाने का नाम नही ले
रहा था और चूत के मूह पर फस चुक्का था.

पापा ने उतना लंड ही अंदर रहने दिया और थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर धीरे
-2 से अंदर डाला लेकिन सुपरे से आगे लंड जा ही नही रहा था. पापा ने मेरे
दोनो मम्मे अपने हाथों में लिए और प्यार से सहलाने लगे. और अपने होंठो को मेरे होंठो से ज़ोर दिया. मुझे मज़ा आने लगा. और मेरी चूत को कुच्छ
रिलॅक्सेशन मिला. जिस)से चूत कुच्छ ढीली हो गयी. पापा ने यही एक अच्छा
मोका समझ कर एक अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक जोरदार शॉट मारा…
आआहह मॅर गइईए…हाययए…पपपाआअ… में मरररर गइई….. बहुत दर्द्दद्ड हो रहाा है… प्लीईएसए निकाआअल लो नाआ… यह दर्द मुझहह से सहन नहीए हो रहा है… आआआः… ओह…

और सचमुच मुझे बहुत दर्द हो रहा था… जो कि मेरी सहन-शक्ति से बाहर
था… मैं पापा का फसा हुया लंड अपनी चूत से निकालने की बहुत कोशिश की.
लेकिन पापा को पता था कि अब अगर मैने लंड को निकाल लिया तो फिर नही
डालवौनगी.

पापा ने जल्दी से थोरा सा लंड निकाल कर दूसरा शॉट मारा की पापा का आधा लंड
मेरी चूत मैं चला गया. पापा ने फिर रुकना ठीक नही समझा और मेरे दर्द
की परवाह किया बिना ही तबार-तोड़ धक्के पे धक्के मारना शुरू किया. पहले तो
मुझे ऐसा दर्द हुया कि ऐसे लगा कोई मेरी चूत मैं सुईयँ (नीडल्स) चुबा
रहा हो, लेकिन 10-12 धक्कों के बाद ऐसा लगने लगा जैसे मेरी चूत ने
लंड महाराज के स्वागत के लिए लार टपकाना शुरू कर दिया हो और लंड मेरी
चूत के अंदर बाहर आराम से फिसलने लगा.

अब मुझे दर्द नही स्वर्ग के झूले मिल रहे थे. ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही
मिल सका था. पापा ने पहले बिल्कुल सही कहा था की … इस दर्द के बाद बहुत
मज़ा होता है… मैं नीचे से चूतर उच्छलने लगी.. ताकि पापा का लंबा-चौड़ा और मोटा लंड अपनी चूत में पूरी तरह से ले सकूँ.

पापा भी बिना रुके… धक्के-पे-धक्का मार रहे थे और कमरे मैं
ढ़च्छ…ढ़च..ढपर. .ढपर…फुच्च…फुच… की आवाज़ें आ रही थी….

मैं: (मज़े लेते हुए बोली) : आआहह पपपा पूरा डालो अपना लंड… आआहह
पपप… मेरे राजा…. अपना पूरा लंबा लंड डाल दो मेरी चूत मैं… फ़ाआद डालो मेरी चूत को …आअहह …मेरे राअज़ा… डालो और डालो… हाअययएए… ऐसा मज्जा तो मुझे आआज तक नही मिला था. मेरे राआज्जा…. प्प्पाअपोपपाआ आपने बिलिकुल ठीक कहा था की दर्द के बाद बहुत मज़ा आता है… पाआप्पा आप सही थे…

डालो मेरी चूत में अपनी घोड़े और गधे जैसे लंड को आआहह …. मारो अपनी
बेटी को चूत,… फाड़ डालो..आआहह… ऊऊहह्ी..

पापा : (मेरे मम्मो को दोनो हाथो से ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए) ले मेरी रानी… मेरी
रंडी बेटी…. अपने पापाआ का लंबा मोटा लंड ले अपनी छूत मैं… ऐसा मज्जा
आजतक नही मिला होगा …तुम्हे… और मुझे भी ऐसा मज्जा नही मिल सका है… तुम्हारी चूत तो बिल्कुल कोरी है… मेरी रानी बेटी… आआअहह…हाअययएए… अब तो मैं रोज़ ही तुम्हारी चूत को चोदुन्गा… ऐसा माज्जा तो तुम्हारी माआ से भी नही मिला था…

यह कह कर पापा ज़ोर ज़ोर से धक्के-पे-धक्का मारने लगे और पूरा का पूरा लंड
ही बाहर निकाल कर अंदर कर देते थे… मैं अपना मूह नीचे कर के देख
रही थी. उनका लंबा मोटा लंड मेरी चूत मैं ऐसे जा रहा था जैसे
वो मम्मी को चोद्ते थे.. शायद मम्मी को भी इतनी बुरी तरह से नही चोद्ते
होंगे.

पापा ने मेरे मम्मो को ज़ोर ज़ोर से दबा दबा कर लाल कर दिया था बीच बीच
में उन्होने मेरी चूंचियों की निपल्स को भी अपने मूह में भर लिया और दांतो से काटने लगे… मुझे इस_से और भी मज़ा मिल रहा था. मैं चाहती थी कि पापा मेरे पूरे बदन पर नाख़ून मार मार कर लाल कर दे, मुझे उनके दर्द में भी मज़ा मिल रहा था…

में नीचे से चूतर उच्छाल कर और पापा उपर से धक्के मार रहे थे ….
मुझे लगा कि हमारी चुदाई लगभग 30 मिनिट तक चली होगी… मेरी टाँगे थक
कर चूर हो गई थी.

थोरी देर बाद पापा ने स्पीड से धक्के मार कर झटके से अपना लंड बाहर निकाल
कर मेरी चूंचियों पर अपना वीर्य निकाल दिया और अपने वीर्य का शवर मेरे
दोनो मम्मो (चुन्चिओ) पर फैला दिया… मेरे दोनो चूंचियाँ पापा के वीर्य से भर गयी.. .. पापा ने उंगलियों से अपना वीर्य उठाकर मेरे मूह में डाल दिया मैं पूरे मज़े ले ले कर उनका वीर्य पी गयी. फिर पापा का लंड भी अपने मूह मैं डाल कर चूसने लगी.

सचमुच मेरा प्लान आज कामयाब हो गया था.

पापा ने पूछा.. क्यों सीमा …मज़ा आआया…

मैं : हाअ पापा.. बहुत मज़ा आया…

पापा : तुम चाहती हो कि तुम्हे ऐसा मज़ा रोज़ मिले

मैं : हा पापा, मैं तो चाहती हू कि ऐसा मज़ा रोज़ मिले

पापा : ठीक है तुम अपनी मम्मी को कुछ मत बताना

मैं : ठीक है पापा, मैं मम्मी को कुछ नही बताउन्गि

पापा : अगर मम्मी पूच्छे कि तुम्हारी यह हालत कैसे है तो

मैं : पापा में कह दूँगी कि, फिसल कर गिर गयी थी, चोट लग गयी है

पापा : (मेरे मम्मे दबा कर और किस करते हुए) वाआह मेरी बेटी तो बहुत
समझदार हो गयी है.

मैं : सब आप की सोहबत का असर है पापा… मेरे ग्रेट पापा…आइ लव यू पापा.

पापा : अच्छा बेटी, अब तुम कपड़े पहन लो, कल फिर मैं तुम्हे और किसी तरह
से (और आसन में) चोदुन्गा, फिर देखना कैसे मज़ा मिलता है.

मैं : ठीक है माइ डियर पापा.

अब में अगली चुदाई का इंतेज़ार कर रही थी, कि पापा कैसे और किस स्टाइल में
मेरी चुदाई करेंगे जैसे वो मम्मी को हुमच-हुमच कर चोद्ते हैं…. या किसी और तरह
समाप्त
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