RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
पापा ने चोद दिया--2
गतान्क से आगे...........
अच्छा सीमा बेटी , तुम ऐसे करो पैट के बल लेट जाओ मैं तुम्हारी पीठ पर भी
मालिश कर दूँगा तो आर्राम मिल जाएगा… (जब पापा ने ऐसे कहा तो, मैने
महसूस किया की उनकी आवाज़ मैं कंपन था)
मैने कहा, जी पापा में उल्टी लेट जाती हू, ताकि आपको मेरी पीठ पर भी
मालिश करने मैं कोई परेशानी ना हो.
यह कहकर मैं पेट के बल लेट गयी. पापा ने आराम से मेरी मेक्शी को मेरे
चूतरो (हिप्स) से थोरा सा उपर कर दिया. मेरे बेदाग चूतरो को देख कर पापा
का लंड बिल्कुल टाइट हो गया. मैने अपनी बाहों में अपने सिर को दे रखा था.
लेकिन चोर-नज़रों से में उनको हरकतों को ही देख रही थी, क्योंकि मेरे सामने
एक शीशा (मिर्रोरो) था जिस में मैं पापा की सारी हरकतें देख रही थी.
पापा मेरी दोनो टाँगें खोल कर मेरी टाँगों के बीच में बैठ गये और तेल
हथेली पर लगा कर मेरे चूतरो पर मालिश करने लगे और धीरे -2 से अपने
हाथों को मेरी कमर पर ले जाने लगे… पापा बोले… सीमा बेटी… कैसे लग रहा
है… कुच्छ आराम मिल रहा है…
मैं : हाअ पापाआ. बहुत आराअम [email protected][/url]$$$$ मिल रहा है, दिल करता है कि बस
आप ऐसे ही मालिश करते रहो, पापा आपके हाथों में तो जादू है, मुझे पता
ही नही था..
पापा : हाअ बेटी, मैं तुम्हारे पूरे बदन पर मालिश कर देता हू, ताकि तुम्हारा
दर्द बिल्कुल दूर कर दू.
जब पापा ने यह कहा तो उनका लंड ठुमका मारने लगा, जो कि मैं मिरर में
से देख रही थी. जब पापा मेरी कमर की मालिश कर रहे थे तो मैने अपने
चूतरो को और थोड़ा सा उभार दिया ताकि पापा का लंड महसूस कर सकू. पापा का
लंड का सुपरा धीरे से मेरे चूतरो से टच कर रहा था और पापा के लंड का
कंपॅन मुझे साफ महसूस हो रहा हा.. पापा ने फिर से पूछा… सीमा, अब कैसे लग रहा है.. (यह कहकर पापा ने अपने लंड थोरा सा ज़ोर से मेरे चूतरो पर दबा दिया)
मैं उनका मतलब समझ गयी और बोली : आआहह पापा बहुत मज़ा आ रहा है.. बस ऐसे ही करते रहे हो…
पापा ने थोरा सा तेल और लिया और मेरी कमर से थोरा और उपर की तरफ मालिश
करने लगे, जिस से उनके लंड का दबाव मेरे चूतरो पर ज़्यादा पड़ने लगा था..
उन्होने अपने दोनो पैर मेरे चूतरो के दोनो तरफ फैला रखे थे और अपने लंड
को मेरे चूतरो की दरार में फसा रखा था. उनका हाथ अब बिल्कुल मेरी पीठ
पर था, जहाँ किसी ब्रा की स्ट्रीप होती है. मुझे अपने अंदर आग जलती हुई
महसूस होने लगी थी.
पापा ने मालिश करते-2 अपने दोनो हाथों को मेरे मम्मे की साइड में भी टच करना शुरू कर दिया था. बीच बीच में वो हाथों को मेरी गर्देन पर भी ले जाते थे और , जो कि बहुत ही सेक्सी लगता था.. फिर थोरी देर बाद उनका हाथ
नीचे आता और मेरे मम्मे के साइड पर मालिश करने लगते थे. अब पापा मेरे मम्मो के साइड से हाथ डालकर मेरे उभरे हुए दोनो मम्मो को अपने हाथो में लेकर सक़ीज़े (दबाने) भी लगे थे, में जानबूझ कर अपने होंठो से
आआअहह…..ऊओह की आवाज़ें निकालने लगी, मुझे पता था ऐसी आवाज़ें से
सेक्स ज़्यादा बढ़ता है.
पापा ने कहा, बेटी इस मेक्शी (गाउन) को उतार दो, यह मालिश में अटक रहा है..
मैने आँखें बंद किए हुए ही कहा … ठीक है पापा, आप ही उतार दो. पापा ने
जल्दी से मेक्शी (गाउन) को उतार दिया. जब वो मेक्शी उतार रहे थी तो मेने
जानबूत कर ऐसे अपनी बाहों को फसाया कि पापा का ध्यान मेरे मम्मो (बूओबस) पर जाए …मेरे 32 साइज़ के मम्मे एकदम से टाइट हो रहे थे और छोटी छोटी सी निपल तन कर अंगूर जैसे टाइट हो चुके थे.
क्योंकि मेरी पीठ पापा की तरफ थी पापा ने अपने दोनो हाथों को मेरे मम्मे पर दबा कर फिर मेरी मेक्शी (गाउन) को उतार दिया, उनका लंड बिल्कुल पत्थर जैसे टाइट हो चुक्का था. जो कि मेरी हिप्स में फिक्स हो चुक्का था. में मेक्शी उतरवा कर फिर से लेट गयी. पापा बोले बेटी अब इस तरफ से (पीठ के बल)
लेट जाओ. .. मैने कहा …पापा मुझे शरम आती है… पापा बोले… बेटी शरम
कैसी… मैं तुम्हारा पापा हू. … मुझसे कैसी शरम .. मैने तुम्हे तो कई बार अपनी गोद में उठाया है और.. कई कई बार तुमने अपने साथ नंगे नहलाया है… तुम हो कि शर्मा रही हू… छोड़ो शरम… लाओ तुम्हारी मालिश थोरी सी रह गयी है, वो भी कर देता हू.
मैने भी हिम्मत करके कहा.. ठीक है पापा, जैसे आप कहते हो.. मैं बिल्कुल
वैसे ही करूँगी.. फिर यहाँ पर देखने वाला भी कौन है? पापा खुश हो कर
बोले हाअ बेटी यह ठीक कहा तुमने, यहाँ हम दोनो के इलावा कौन है?
पापा ने थोरा सा तेल दोनो हाथो में लिया और मेरे दोनो 36 साइज़ मम्मो को अपने हाथों में भर लिया और प्यार से दबाने लगे.. मैने शरमाते हुए कहा पापा यह आप क्या कर रहे हू..पापा बोले बेटे मैं तुम्हारी मालिश कर रहा हू…. अगर पूरी तरह से मालिश नही करेंगे तो थोरा सा दर्द रह जाएगा ..जो की तुम्हे रात को परेशान करेगा… मैं तुम्हारी पूरी मालिश ऐसे करूँगा की फिर से चोट या मोच का दर्द नही होगा…
मैने शरमाते हुए कहा.. ठीक है पापा, आप कर दो मेरी मालिश. मैं आँख
बंद कर के लेटी रही.. पापा ने मेरे दोनो बूब्स को फिर से अपने हाथों में
लिया और प्यार से दबाने लगे और दबा दबा कर ऐसे मालिश करने लगे जैसे
किसी आम से रस निकाल रहे हो. मेरे मूह से आअहह ….ओह की आवाज़ निकल
गयी.. पापा ने पूछा, क्या बात है बेटे.. दर्द हो रहा है… मेने कहा.. नही
पापा …आराम मिल रहा है.. दिल करता है बस आप ऐसे ही करते रहो…
पापा : हा बेटी , तभी तो मैं ऐसी मालिश कर रहा हू कि तुम्हे दर्द ना हो
और आराम के साथ मज़ा भी मिले… क्यों ठीक है ना?
मैं : हा पापा ठीक है… ऐसे ही करते रहो…
पापा ने कहा… बेटी तूमे बुरा ना लगे तो में एक और तरीके से तुम्हारा दर्द
ठीक कर दू… हाअ..हाअ पापा (मैने कहा) अगर मेरा दर्द ऐसे ठीक होता
है तो उस तरीके से भी कर दो..
पापा ने कहा बेटी अपनी आँख मत खोलना.. मैने कहा ठीक है पापा मैं अपनी
आँख नही खोलूँगी.
पापा ने अपने हाथों मैं मेरे मम्मे को भर कर एक दम से दबा कर मेरे एक मम्मे (बूब)_ को अपने मूह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे… मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.. मैने कहा पापा यह आप क्या कर रहे हो.. यह तो छ्होटे बच्चे (चाइल्ड) ऐसे चूस्ते है… पापा ने कहाँ… हाअ बेटे… ऐसा करने से तुम्हारा पूरा दर्द इस रास्ते से भाग जाएगा…
में : ठीक है पापा, जैसे आपका दिल करे… ऐसे भी ठीक लग रहा है.
पापा ने ज़ोर ज़ोर से मेरी चूंचियाँ अपने मूह में डालकर चूसना शुरू कर
दिया, कभी एक चूंची को चूस्ते तो कभी एक को निकाल कर दूसरी चूंची को
अपने मूह में डाल कर चूस्ते.. उनका लंड एक दम से पूरी तरह से टाइट हो
चुक्का था जो की पत्थर जैसे लग रहा था. मेरी दोनो लेग्स फैली हुई थी,
पापा मेरी फैली हुई लेग्स के बीच में बैठे हुए थे. उनका लंड मेरी चूत
को ज़ोर ज़ोर से टच कर रहा था.
मैने पापा का लंड अपने हाथ में ले लिया और पापा को कहा पापा ये क्या है,
मुझे ज़ोर से चुभ रहा हा.. पापा बोले बेटी.. यह … आदमी का हथियार होता
है, जिस_से यह दूसरा दर्द भी दूर कर देते है..
मैं अंजान बनते हुए और हैरान होते हुए कहा: पापा दूसरा दर्द कौन सा होता
है जो यह आपका हथियार दूर कर देता है?
पापा ने मेरी चूत ओपर हाथ फेरते हुए कहा… बेटी जब इसमे दर्द होता है तो
यह हथियार उस दर्द को दूर करता है…
मैने अपने चेहरे पर दर्द लाते हुए कहा… पापा मुझे यहाँ भी दर्द महसूस हो रहा है.. आप अपने इस औजार से मेरा यहाँ का दर्द भी दूर कर दो ना…प्ल्ज़ पापा… कुछ करो नाअ.
क्रमशः..............
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