Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
12-26-2018, 11:02 PM,
#72
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
कब तक चोदोगे मेरी माँ ?
अरे यार, ये भोषड़ी का मेरा बॉस पिछले दो साल से मेरी माँ चोद रहा है . मैं बार बार इससे रेकुएस्ट करती हूँ लेकिन यह हर बार कोई न कोई बहाना बना देता है . कितनी बार यह मुझसे कह चूका है की कुछ दिन और रुक जाओ रेणुका, मैं जल्दी ही तेरा ट्रांसफर करवा दूंगा . मैंने कहा तुम कब तक चोदोगे मेरी माँ ? उसने कहा यार थोडा और सब्र करो काम जल्दी ही हो जायेगा .
मैं इसी उम्मीद में अपनी माँ चुदवाये जा रही हूँ . और वह साला, बहन चोद, चोदो चला जा रहा है . इसको साले को बिना मेरा काम किये हुए मेरी माँ चोदने का शौक लग गया है . रोज़ रोज़ कोई न कोई नया काम पकड़ा देता है मुझे ? . मुझको तो लगता है कहीं साला किसी दिन अपना लौड़ा न पकड़ा दे मुझे ? अभी तो वह मेरी माँ चोद रहा है . कहीं किसी दिन वह मेरी भी न चोदना शुरू कर दे ? कितना मादर चोद है मेरा बॉस ? बड़ा हरामी है . मेरी सहेली स्तुति कह रही थी तेरा बॉस लड़कियां चोदने में बड़ा एक्सपर्ट है . मैंने उससे कहा देखो डियर मैं कोई कम नहीं हूँ . मुझसे अगर उसने ज्यादा तीन पांच किया तो उसके लिए यह अच्छा नहीं होगा ? अभी तो वो मेरी माँ चोद रहा है कल मैं उसकी माँ चोदूंगी .
एक दिन मैंने ऑफिस में ही हंगामा कर दिया . मुझे किसी काम से बुलाया बॉस ने . मैं उसके कैबिन में चली गयी . मैंने वहीँ पर उसका हाथ पकड़ लिया और कहा देखिये सर, आज आप मेरे काम के लिए बात कीजिये नहीं तो मैं अभी शोर मचाती हूँ . लोगों से कहूँगी इसने मेरे साथ बलात्कार करने की कोशिश की . विक्रम नाम है मेरे बॉस का मैंने कहा देखो विक्रम जी मैं अभी चुप हूँ अगर आपने अब मेरा काम नहीं किया तो कल से मैं तेरी गांड मारना शुरू कर दूँगी . वह थोडा घबरा गया . मैं कैबिन से बाहर चली आयी . 

शाम को मैं उसके घर भी चली गयी . मैंने कहा सर मैं पहली बात तो माफ़ी मांगने आयी हूँ . आज जो भी ऑफिस में हुआ वह गुस्से के कारन था . मैं जानती हूँ की आप मेरा काम जरुर करेंगें लेकिन इंतज़ार करने की भी एक लिमिट होती है .
उसने कहा :- देखो रेणुका घबडाने की कोई जरुरत नहीं है . दरअसल मैं इस बात से परेशान हूँ की तुम्हारे जाने के बाद मैं बिलकुल अपंग हो जाऊंगा . जो काम तुम करती हो वह कोई और नहीं कर सकता . मेरा सारा फ्यूचर बर्बाद हो जायेगा . मैं तुम्हे अभी ६ महीने तक नहीं छोड़ सकता ?
मैंने कहा :- सर, मैं आपके साथ ६ महीने तक रुक जाऊंगी लेकिन मेरा आर्डर तो जाये न . मुझे तसल्ली तो हो जाये की मेरा ट्रांसफर हो गया है .
बॉस बोला :- क्या तुम समझती हो की मैं आपके लिए कोशिश नहीं कर रहा हूँ ?
मैंने कहा :- सर, मैं कैसे समझू जब कुछ हो नहीं रहा है .
बॉस ने कहा अच्छा रेणुका तुम बैठो मैं अभी आता हूँ . वह अन्दर गया और एक फाईल लेकर आ गया . उसने वह फाईल मुझे दिखाता हुआ बोला देखो रेणुका इसमें क्या लिखा हुआ है . मैंने जब फाईल देखा तो मेरे पैरों के तले से ज़मीन निकल गयी . वह मेरा ही ट्रांसफर आर्डर था वो भी प्रमोसन के साथ . मुझे सीनिअर मेनेजर बना कर भेजा जा रहा था . मैं पानी पानी हो गयी . मैं बॉस के आगे हाथ जोड़ कर खड़ी हो गयी . मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे . मैंने कहा सर मुझे माफ़ कर दीजिये , मैंने आपको बहुत गन्दा कह दिया . मैं उसके लिए शर्मिंदा हूँ . बॉस बोला नहीं तुम्हे शर्मिंदा होने की कोई जरुरत नहीं है . तुम्हारी जगह कोई भी होता तो यही करता जो तुमने किया .
मैंने कहा :- सर अब आप बताईये मैं आपके लिए क्या कर सकती हूँ .
बॉस मजाक करते हुए बोला :- बस मुझे वही प्यारी प्यारी गालियाँ सुना दो . लेकिन ऐसे नहीं पहले कुछ खा लो . पी लो . खुश हो जाओ . मूड बदल लो फिर गालियाँ सुनाओ . बोलो क्या पियोगी ?
मैंने कहा :- सर वैसे तो मैंआपका बहुत कुछ पियूंगी लेकिन अभी मुझे व्हिस्की पिला दो प्लीज .
मैं बॉस के साथ बैठ कर व्हिस्की पीने लगी
.थोडा नशा चढ़ा तो मैं गालियाँ सुनाने :- तू साला मादर चोद बहन के लौड़े भोषड़ी वाले कब तक मेरी माँ चोदेगा ? कब तक तू मेरी गांड मारेगा साले हरामजादे ? तेरी माँ का भोषडा ? तेरी माँ की चूत ? गांडू, तेरा लण्ड काट के कुत्तों को खिला दूँगी . साले मैं तेरी इतनी धज्जियाँ उड़ा दूँगी की कोई भी अपना लण्ड तेरी गांड में नहीं पेलेगा भोषड़ी .के . मैं तेरी गांड में घुसा दूँगी गधे का लण्ड . तेरी भी फटेगी गांड और तेरी माँ की भी . तू मेरी एक झांट भी टेढ़ी नहीं कर पायेगा . तेरे लण्ड का छिलका निकाल कर उसके टुकड़े टुकड़े कर दूँगी . अब अगर तूने किसी की माँ चोदी तो उससे पहले मैं तेरी माँ चोद दूँगी .
बॉस ने तालियाँ बजाई और मेरा हौसला बढाया .गाली सुनाते सुनाते मैं अन्दर से गरम हो गयी .
मैंने पूंछा :_ सर मुझे मालूम हुआ की आप लड़कियों के शौक़ीन है . आप लड़कियां चोदते है .
उसने कहा :- तुम्हे किसने बताया यह बात ?
तब मैंने खुल करके कहा :- मेरी दोस्त स्तुति ने .
बॉस बोला :- हां मैं स्तुति को चोदना चाहता हूँ लेकिन वह मेरे हाथ नहीं आ रही है .?
मैंने कहा :- क्या मैं बुरी लगती हूँ आपको ? क्या मुझ में कोई कमी है ? क्या स्तुति मुझे से ज्यादा सुन्दर है ? उसने कहा :- नहीं ऐसी बात नहीं है ? लेकिन तुमसे डर लगता है .तेरे नाम से मेरी गांड फट जाती है . 
मैंने कहा :- क्यों मजाक करते हो . गांड तो मेरी फट रही है यह कहने में की मैं तुम्हे चाहने लगी हूँ . जानते हो सर मैंने व्हिस्की क्यों मांगी आपसे ? मैंने इसलिए मांगी की मैं हिम्मत कर सकू यह कहने के लिए की मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ और तेरा लण्ड पकड़ना चाहती हूँ . तुमसे चुदवाना चाहती हूँ सर, प्लीज मेरी इच्छा पूरी कर दो सर ?
बॉस बोला :- वाओ, आज मैं वाकई बहुत खुश हूँ . मुझे तो सब कुछ बिना मांगे ही मिल रहा है ?
मैंने कहा :- सर, आपने मुझे मेरा ट्रांसफर आर्डर दिया है, मेरा प्रमोसन दिया है . अब मैं तुम्हे अपनी "बुर" दूँगी ?
ऐसा कह कर मैं बॉस से लिपट गयी . वह मेरे बदन पर हाथ फेरने लगा . उसका हाथ सबसे पहले मेरी गांड पर गया . मेरे चूतड सहलाने लगा . फिर धीरे धीरे मेरी चूंचियों पर चलने लगा . मेरी चुम्मी लेने लगा . मेरी गाल चूमने लगा बॉस और अपनी ओर खींच कर दबाने लगा मुझे .फिर मुझे उठाकर बेड रूम ले गया . मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ बैठा . उसके बाद उसने मेरे कपडे उतारने शुरू इए , मैंने कोई ऐतराज़ नहीं जताया . उसने मेरी साड़ी खोल दी . मेरा ब्लाउज निकाल फेंका फिर मेरी ब्रा खींच कर उतार दिया . मेरी चूंचियां उसके सामने बिलकुल नंगी हो गयी ,. मैं उससे नंगी होती रही . मुझे नंगी होना अच्छा लग रहा था . आखिर में उसने मेरे पेटीकोट का नाडा भी खोल डाला . जैसे ही पेटीकोट बाहर हुआ मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी . उसने मेरी चूंचियां पर हमला बोल दिया . चूंचियां चूमने लगा . चूसने लगा . फिर मुझे भी काफी जोश आ गया ,. मैं उठी और उसके कपडे उतारने लगी . कमीज उसकी बनियायिन सब खोल डाला . उसकी पैंट खोल दी और अंत में चड्ढी भी . उसका लण्ड खड़ा था . मेरी नज़र जैसे ही लण्ड पर पड़ी मेरा मन खुश हो गया . लण्ड मेरे मन का निकला . मैंने उसे पकड़ कर हिलाया तो वह पूरी तरह खड़ा हो गया .
मैंने कहा :- सर, लण्ड तो आपका बड़ा मस्त है, लम्बा चौड़ा है और सख्त है . अब मुझे मालूम हुआ की तुम लड़कियों की बुर क्यों चोदते हो ?
उसने कहा :- अच्छा बताओ मैं क्यों चोदता हूँ लड़कियों की बुर ? 
मैंने कहा :- अपने लण्ड को खुश करने के लिए . तेरा लण्ड इतना बढ़िया है इसे बुर की बहुत जरुरत है . इतना सख्त लण्ड खड़ा होने पर बुर में नहीं घुसेगा तो कहाँ जायेगा ? 
वह बोला :- तू भोषड़ी की बातें बड़ी सेक्सी करती है . तुझसे बात करने में लण्ड अपने आप खड़ा हो जाता है .
मेरी नज़र लण्ड पर टिक गयी . मैं उसे घुमा घुमा कर चारों तरफ से देख रही थी . बड़ा प्यारा लग रहा था उसका लण्ड . मेरी चूत तो अब भट्टी हो चुकी थी . लण्ड मैंने चूत में नहीं मुह में पेल लिया और चूसने लगी लण्ड . मैंने सोचा की ऐसा लण्ड बार बार नहीं मिलता ? मुझे तो लण्ड के साथ पेल्हड़ भी चाटने में मज़ा आने लगा . मैंने धीरे से अपनी गांड बॉस की तरफ कर दी . वह समझ गया और मेरी चूत चाटने लगा . मुझे अपने बॉस को चूत चटाते हुए बड़ा गर्व महसूस हो रहा था .
मैंने आज सवेरे ही झाटें बनाई थी .मेरी चिकनी चूत ने माहौल गरम कर दिया था . बॉस की छोटो छोटी झांटें भी बहुत खूबसूरत लग रही थी . इतने में विक्रम (बॉस) ने करवट ली तो मेरा सर उसकी दोनों टांगो के बीच घुस गया लेकिन मैंने लण्ड चूसना बंद नहीं किया . लण्ड छोड़ने का मेरा मन ही नहीं हो रहा था . मैंने उसकी जांघें अपने दोनों हाथों से पकड़ रखी थी . उधर मैं अपनी चूत उसके मुह में घुसेड़े दे रही थी . विक्रम समझ गया और चूत फिर से चाटने लगा . जब चूत खूब गरमा गयी मैं घूम गयी और लण्ड के आगे चूत फैला दी . उसने लण्ड भक्क से घुसेड दिया और चोदने लगा . मैं मस्ती से चुदवाने लगी .उसका बहन छोड़ लण्ड बेपनाह मज़ा दे रहा था मुझे . मैंने कई मर्दों से चुदवाया है लेकिन आज का मर्द सही माने में मर्द है . मैं सोचने लगी .
वे लड़कियां बड़ी खुश नसीब है जिनकी बुर इसका लण्ड चोदता है . 
मेरी दोनों टांगें उसके हाथ में थी और उसका लण्ड मेरी चूत में . मेरी चूंचियां हर धक्के में उछल जाती है . उसे उछलती हुई चूंचियां देखने में मज़ा आ रहा है ? मेरी चुद रही है उसे मज़ा आ रहा है . अचानक विक्रम घूम गया और लण्ड मेरे मुह में दाल दिया . अब मैं फिर से लण्ड चाटने लगी . इस समय लण्ड मुझे ज्यादा मज़ा दे रहा था . फिर मैं कुतिया बन गयी और पीछे से चुदवाने लगी भकाभक . विक्रम ने दो / एक बार मेरी गांड में लण्ड पेलने की कोशिश की लेकिन मैंने कहा नहीं सर अभी गांड मत मारो . पहले बुर चोद लो अच्छी तरह गांड फिर मारना . लण्ड मेरी बुर में ही आने जाने लगा . थोड़ी में मैं लण्ड पर बैठ गयी और अपनी गांड उठा उठा कर लण्ड चोदने लगी . विक्रम को भी मज़ा आने लगा . थोड़ी देर में उसके कहा यार अब मैं झड़ने वाला हूँ . मैं फ़ौरन घूम गयी, लण्ड हाथ में लिया और मुठ्ठ मारने लगी . मैंने बड़ी मस्ती से झड़ता हुआ लण्ड चाटा . लण्ड का स्वाद मुझे भा गया . मैं मस्त हो गयी बुरचुदा कर .
उसके बाद मैं जब एक बार और चुद रही थी तो बॉस ने कहा यार रेणुका, मुझे स्तुति की बुर दिलाओ न प्लीज .
मैंने हां कर दी . कुछ दिन बाद मैं स्तुति से मिली तो उसको सारा किस्सा सुना दिया . मैंने विक्रम के लण्ड के बारे में बताया . उसके लण्ड की बड़ी तारीफ की . उसके चोदने की स्टाइल की तारीफ की और उसके स्वाभाव की तारीफ की . मैंने देखा की स्तुति टूटती जा रही है . उसका मन होने लगा विक्रम का लण्ड देखने का .? मैंने कहा यार स्तुति वह तुम्हे बहुत चाहता है . तुमसे बहुत प्यार करता है . तुम्हारी तारीफ करता है . देखो यार मेरी बुर में उसका लण्ड था . वह मुझे चोद रहा था लेकिन तुम्हे याद कर रहा था . उसने कहा रेणुका एक दिन स्तुति की बुर दिलाओ प्लीज .तुम्ही बताओ इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है ? अब तुम हां कर दो और मेरे कहने पर एक बार चुदवा कर देखलो . अगर तुम्हे पसंद आये तो आगे भी चुदवाती रहना नहीं तो छोड़ देना . स्तुति बुरी तरह फंस चुकी थी . उसके इतवार के दिन चुदवाना स्वीकार कर लिया

.मैं इतवार को स्तुति को लेकर विक्रम के घर पहुँच गयी . हम तीनो शराब पीने लगे . मैं धीरे धीरे अपने कपडे उतारने लगी और थोड़ी देर में एक दम नंगी होकर शराब पीने लगी . मैंने आँख मारी और स्तुति को भी नंगी करने लगी . विक्रम की आँखे जम गयी स्तुति पर . जब उसकी चूंचियां खुली तो उसकी आँखे दुगुनी खुल गयी . स्तुति की चूंचियां मेरी चूंचियों से बड़ी थी . मैंने जब उसकी चूत खोल कर दिखाया तो विक्रम का जोश सातवें आसमान पर जा पहुंचा . उसने लपक कर स्तुति को अपनी बाहों में भर लिया और चूंचियों पर टूट पड़ा . खुदा कसम उस समय विक्रम भूल गया की मैं भी नंगी बैठी हूँ . उसने जब लण्ड पेला स्तुति की चूत में और भकाभक चोदना शुरू किया तब मेरा ख्याल आया उसे और उसने हाथ बढाकर मेरी चूत सहलाना शुरू किया . मैं बहुत खुश हुई यह देख कर की स्तुति जम कर धकाधक चुदवाये चली जा रही थी . मैं उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगी . हम दोनों ने उस दिन जम कर चुदवाया 
. उसके बाद स्तुति मेरे साथ आ आ कर चुदवाती रही . 
मेरा जब ट्रांसफर हो गया और मैं चली गयी उसके बाद भी मैं विक्रम के पास बुर चुदवाने अक्सर चली आती हूँ .
मुझे उसके लण्ड की बहुत याद आती है .
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