RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
रीना मान गई "अब तुझसे क्या छुपाना, मैं तो शेरु से १० - १२ बार गांड चुदवा चुकी हूं अपने घर में, पहली २ - ३ बार तो जरूर दर्द हुआ था लेकिन अब तो मजा आता है, तू भी आज चुदवा ले, शेरु का दिल रख ले मेरी जान."
"अच्छा तू मुझ से छुप कर चुदती रही मेरे भांजे से और शेरु, तुमने भी मुझसे छुपाया, बहुत हरामी हो साले गांडू, क्या तुझे रीना की चूत और गांड ज़्यादा पसन्द है, बोलो?" कमल मामी चिढ़ कर बोली.
मैंने उसे समझाते हुए उसका चुम्मा लिया और कहा "नहीं मेरी कमल मामी डार्लिंग, आप तो मेरा पहला प्यार हो, आप की ही वजह से मुझे रीना की चुदाई का मौका मिला, जो बात तुम्हारी चूत में है वोह किसी में नहीं, लेकिन क्यों कि रीना की भी मैं बार बार चोद रहा हूं इस लिये इसकी भी चूत और गांड से मुझे प्यार है".
रीना नाराज़ होकर अपनी गांड में से मेरा लंड निकालने की कोशिश करने लगी. "अच्छा साले गांड मेरी चोद रहे हो और तारीफ़ कमल की कर रहे हो, निकालो मेरी गांड से लंड और कमल की ही चोदो, मैं अब कभी भी अपनी गांड का मजा तुम्हें नहीं दूंगी".
मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसाये रखा और कहा "तुम दोनों से मुझे बराबर प्यार है, लेकिन क्योंकि कमल मेरे मामीजी है. इस लिये उनका हक़ ज़्यादा है, बोलो ठीक है? बस अब रीना मेरी जान प्यार से गांड का मजा दे दो, कुछ ही देर में मैं झड़ जाऊंगा"
रीना मेरे साथ साथ झड़ने को जोर जोर से मुट्ठ मारने लगी. कमल मामी ने कहा "शेरु, तुम अपना लौड़ा गांड से निकाल कर रीना की चूत में डाल दो तो उसकी भी आग बुझ जायेगी, देखो बिचारी खुद ही उंगली डाल कर कर रही है" कहते कहते कमल भी खुद अपनी बुर से खेल रही थी और उंगली अन्दर बाहर कर रही थी. उसकी बुर से पानी बह रहा था.
मैं मामी के उरोजों के निपलों से खेल रहा था जो खड़े होकर एकदम कड़े हो गये थे. मैं साथ साथ रीना की गांड में भी अपना लंड अन्दर बाहर कर रहा था और वह उसे अपने गुदाद्वार से जकड़ कर पकड़े हुई थी.
मैंने कमल से कहा "नहीं, आज तो मैं अपना माल इसकी गांड में ही निकालूंगा, चूत को एक बार फिर चोदूंगा, आज रीना ने मुझे बहुत मजा दिया है, आज मैं इसे खुश कर दूंगा, बहुत प्यारी है इसकी कसी गांड, मेरा लंड मस्त हो गया है, कमल मामी आज तुम भी गांड चुदवा लो, बहुत प्यार से डालूंगा अपना लंड, तुम्हें कुछ भी नहीं होगा, रीना तुम्हें मदद करेगी"
रीना की चूत अब बुरी तरह से चू रही थी, रस अब टपकने लगा था और अपने चूतड़ अब खुद ही मेरे लंड पर पटक पटक कर वह गांड मरा रही थी. चुदासी से मादक सिसकारियां भरती हुई वह बोली "हां कमल, तुम डरो नहीं, मैं तुम्हारी पूरी मदद करूंगी, तुम्हारी गांड को तैयार करूंगी, लंड पर तेल लगाऊंगी, तुम्हारी गांड को चिकना करूंगी, शेरु तुम्हारी गांड को प्यार करेगा, उसे चाटेगा, चूमेगा, चूसेगा, अन्दर जीभ डालेगा, तुम्हारी गांड खुद लंड मांगने लगेगी"
कमल भी अब तक गांड मराने के लिये आतुर हो चुकी थी. "ठीक है, अगर तुम लोग इतना ही चाहते हो कि मेरी गांड फट जाये, शेरु का मोटा लंड खा कर, तो मैं भी तैयार हूं, शेरु को हर ढंग से खुश रखना है, बोलो मेरे चोदू भांजे, ठीक है ना?" कमल ने मुझे चूमते हुए कहा.
मैं बोला "थैंक्स मेरी प्यारी मामी".
रीना की गांड में जोर जोर से चलते हुए मेरे लंड को मामी ने जड़ पर पकड़ा और जबरदस्ती खींच कर रीना की मस्त हुई गांड के बाहर निकाल लिया. मैं बस झड़ने ही वाला था इसलिये रीना गुस्से से चिल्लायी "कमल, साली, लंड क्यों निकाल लिया, क्या तू अपनी गांड मे लेगी, सच बहुत मज़ा आ रहा है, तू बाद में चुदा लेना, मेरी गांड की प्यास बुझ जाने दे, शेरु, हाय डालो ना, मेरी चूत तो झड़ चुकी है"
कमल मेरा तन्नाया लंड रीना की गांड में घुसता देखने के लिये बेचैन थी. उसने अपने हाथों से उसके चूतड़ कस कर फैलाये जिससे उसका गुदाद्वार पूरा खुल गया. मेरा लंड पकड़कर सुपाड़ा रीना के गांड के छेद पर रखा और बोली "चल शेरु, एक ही धक्के में पूरा डाल दो इसकी गांड में, बड़ी चुदक्कड़ बन रही है साली, फाड़ दो इसकी गांड का छेद मादरचोद की गांड मार मार कर".
मैंने उसका कहा मान कर एक जोरदार झटके में अपना पूरा ९ इंच का लौड़ा रीना की कसी हुई गांड में उतार दिया. रीना चिल्ला उठी "मर गयी रे, कमल तुमने मेरी गांड फड़वा डी, मैं भी तुम्हारी आज फड़वा कर रहूंगी" मैं इतना अधीर हो गया था कि दस बारा धक्कों में झड़ गया और मेरा वीर्य रीना की गांड मे स्खलित हो गया. उसकी गांड मेरे लंड को मानों गाय के थनों जैसा दुह रही थी.
पूरा झड़ने के बाद मैनें रीना की गांड में से लंड बाहर खींच लिया. उस टाइट गांड में से निकलते हुए लंड ने पुक्क की आवाज की. मामी अपनी सहेली की गांड की चुदाई देख कर एकदम कामातुर हो गयी थी. उसने मेरा झड़ा हुआ लंड हाथ में लेकर मुठियाना चालू कर दिया जिससे वह जल्दी खड़ा हो जाये. रीना आंखें बन्द कर के अपनी चुदाई और गांड मरवाई का आनन्द लेती हुई आराम से पड़ी हुई थी. उसके दोनों गुप्तांग तृप्त हो गये थे.
|