RE: Chodan Kahani रिक्शेवाले सब कमीने
. तुम ज्यादा बोलने लगते हो इसलिये.......तुमको नहीं पता एक लड़की से कैसे बात करते हैं?"
"अब बेवी जी हम ठहरे अनपढ़ लोग....कभी स्कूल-कॉलेज का मुँह तो देखे नहीं.......अब हम लोगों को क्या पता कि क्या बोलना चाहिये क्या नहीं......."-रिक्शेवाले ने दाना डाला।
"अच्छा ठीक है......तुम्हें जैसे बताना है बताओ......"-लड़की का पूरा शरीर भी रिक्शेवाले की बातें सुनकर गुदगुदाने लगा था।
अब रिक्शे वाले को मानों हरी झंडी मिल गई। क्या झूठ, क्या सच। एक बार फिर वो मस्ती में गोते खाने लगा।
"अरे बेवी जी वो बहुत बड़ा कमीना है.......बोल रहा था कि आप लोगों के वहाँ पर अभी हल्की-हल्की भूरी-भूरी झाँट आई होगी...."-रिक्शेवाले का लौड़ा कच्छे में हिनहिना पड़ा।
रिक्शेवाले की बात सुनकर लड़की की भी योनि धुकुर-धुकुर करने लगी। दिमाग तो कह रहा था कि इस तरह की बातें न सुने लेकिन दिल कि मस्ती दिमाग पर हावी होने लगी।
"ये क्या होता है?"-लड़की नें अंजान बन कर पूछा।
"ओहो.....बेवी जी आपको झाँट का मतलब भी नहीं पता है.....बताना बड़ा मुश्किल है हाँ....अगर आप कहे तो मैं आपको दिखा सकता हूँ......"
लड़की का दिल जोरों से धड़क उठा।
न चाहते हुये भी हकला पड़ी-
"क....क...कैसे?"
इस वक्त रिक्शा एक ऐसी जगह से गुजर रहा था जहाँ चारों ओर खेत ही खेत था।
रिक्शे वाले को मानों मौका मिल गया।
"बस एक मिनट रुकिए......"
. उसने ब्रेक मारकर रिक्शा एक आम के पेड़ के नीचे खड़ा कर दिया।
ये मुख्य सड़क से कटी हुई एक सड़क थी जो मिश्रा कालोनी की तरफ जा रही थी।
सड़क के दोनों छोर पे घुमावदार मोड़ था।
अधिकतर ये सड़क सूनसान ही पड़ी रहती थी।
रिक्शेवाला नीचे उतरा और अपना पैजामा खोलकर थोड़ा दूर जाकर मूतने लगा।
लड़की चुपचाप चेहरा नीचे किये उसे मूतता हुआ देख रही थी।
उस वक्त उसका दिल बहुत जोर-जोर से धड़कने लगा था।
पता नहीं रिक्शावाला अब क्या करें?
ये सोचकर कक्षी के नीचे उसकी योनि भी धुकुर-धुकुर करने लगी थी।
मूत चुकने के बाद वह खड़ा हुआ और नाड़ा बांधने का बहाना करता हुआ लड़की के पास आया।
उस वक्त उसकी निगाहें दोनों छोर का बार-बार मुआयना कर रहीं थीं। कहीं कोई आ तो नहीं रहा।
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