RE: Hindi Chudai Kahaniya पड़ोसी किरायेदार की ख्...
लेकिन जब मैने उसे अपने ट्रांसफर के बारे में बताया तो, उसका चेहरा उतर गया। हमने शेम्पेन ओर्डर की थी, उसने आते ही दो ग्लास बनाये और चीयर्स करते हुए पूरा पेक पी गयी।
उसने एक और पेक बनाया ओर वो भी पी गयी। वो लगातार 4 पेक पी गयी। उसने शायद पहले कभी पी नहीं थी। तो उसे ज्यादा चढ़ गयी। मैं उसे लेकर घर जाने लगा, लेकिन अब बाइक पर तो नहीं जा सकते थे। मैंने एक टैक्सी बुक की और चारु को लेकर घर पहुंच गया।
मैं चारु को अंदर लेकर जा रहा था। तभी भाभी बाहर आ गयी।
भाभी बोली- इसे क्या हुआ है।
मैं बोला- भाभी आज मुझे प्रमोशन मिला था तो हम पार्टी कर रहे थे, तो इसे कुछ ज्यादा ही चढ़ गयी है।
भाभी बोली- अभी इसे ले जाओ। मैं इससे कल बात करूंगी।
मैं चारु को लेकर ऊपर आ गया। उसे उसके रूम में बेड पर लिटा दिया, फिर जैसे ही मैं बाहर को चला उसने मुझे बाहों में भर लिया। वो नशे मे थी लेकिन उसे हालात का एहसास था।
वो बोली- नहीं तुम मुझे छोड़ कर नहीं जा सकते। मेरी एक गलती की इतनी बड़ी सज़ा मत दो मुझे। अब सिर्फ तुम ही इस दिल में हो, सिर्फ तुम।
वो धीरे धीरे सब बड़बड़ा रही थी। और धीरे धीरे शांत हो गयी। शायद सो गयी। मैंने चारु के चेहरे की तरफ देखा, इतना मासूम ओर प्यारा चेहरा। हालात ने आज उसे कहाँ लाकर खड़ा कर दिया था।
मैं उससे अपने आपको छुड़ाकर अपने कमरे में आया। कपड़े बदले और सो गया। अगले दिन मेरी छुट्टी थी। दो दिन बाद मुझे जोइन करना था पूना में।
नीरा और चारु दोनों दुखी थे। चारु तो रो रही थी। लेकिन मुझे जाना था।
मैं पूना आ गया कम्पनी ने फ्लैट दे दिया था लेकिन मेरा मन नहीं लग रहा था। रोज़ रात को लगता कि चारु अभी आएगी और नंगी होकर मेरी गोद में बैठ जाएगी, सुबह 5 बजे ही आँख खुल जाती और मन चारु को नंगी नहाते देखने के लिए मचलने लगता।
इसके अलावा दो बातें और मेरे मन में घूम रही थीं, पहली यह कि चारु ने इतने आराम से मुझसे सम्बन्ध कैसे बना लिए जबकि भाभी ने बताया था कि थोड़ा सा छेड़ने पर ही पिछले किराएदार की उसने पिटाई कर दी थी, दूसरी यह कि मेरी 4 साल पुरानी फोटो उसके पास कहाँ से आई।
और जो उसने मुझसे उस रात कहा, कौनसी गलती की बात कर रही थी वो।
खैर अगले दिन मैं ऑफिस पहुँचा, ऑफिस का माहौल अच्छा था सभी ने बड़ी गर्मजोशी के साथ मेरा स्वागत किया। लेकिन एक बात थी यहां के स्टाफ में लड़कियां ज्यादा थी।
और मेरे डिपार्टमेंट में कुछ ज्यादा ही थीं, ज्यादा क्या 5 लड़कियों के बीच मैं ही एक अकेला लडका था। आखिर मेरा डिपार्टमेंट ही ऐसा था। आने वाले लोगों का ख्याल रखना, और इसके लिए आजकल लड़कियों का ही सहारा लिया जाता है।
मेरे ग्रुप की एक को छोड़कर सभी लड़कियां कुंवारी थी। तो सब बड़ी मस्तीबाज़ भी थीं। थोड़ी बोल्ड भी थीं, जोकि उनके जॉब की जरूरत थी। उनमें से एक लड़की जिसका नाम सीमा था, कुछ ज्यादा ही बोल्ड थी।
उसके नाम के बिल्कुल उलट उसका व्यहवार था। उसे अपनी कोई सीमा नहीं थी। वो सबसे मस्ती करती थी, ऑफिस में ज्यादातर से उसके सम्बन्ध रह चुके थे। ऑफिस के बॉस को भी हमेशा खुश रखती थी। इसीलिए उसे उसका भी पूरा सहयोग था।
ऑफिस में पहला दिन ठीक ठाक चारु की यादों के बीच गुज़र गया। रात को आकर फिर से वही चारु की चूत की याद आती। मेरा मन पूरी तरह से वहां पर नहीं लग रहा था।
आज मुझे पूरे 5 दिन ऑफिस जोइन किये हो गए थे। लन्च होने ही वाला था, और मेरा काम पूरा हो चुका था। तभी सीमा मेरे पास आकर बेठ गयी।
मैंने उसे हाय बोला। और उसने भी मुझे हाय किया। वो मेरे पास आकर बोली।
सीमा- क्या बात है...लगता है आपको आपकी किसी गर्लफ्रेंड की याद आ रही है।
मैं बोला- नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं है। आपको ऐसा क्यूँ लग रहा है।
वो बोली- इस ऑफिस में मैं करीब 7 साल से हूँ। यहां रहते रहते सब सीख चुकी हूँ कि कौनसा चेहरा क्या बता रहा है।
मैं बोला- वो जरा...मैं..
वो बोली- घबराये नहीं, आप अपनी बातें मेरे साथ शेयर कर सकते हैं। चलिए लन्च होने वाला है, बाहर चलते हैं।
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