RE: Hindi Chudai Kahaniya पड़ोसी किरायेदार की ख्...
चारु ने मेरी तरफ देखा, मैंने उसे कमरे में आने का इशारा किया। मैं कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद वो काम खत्म करके आई। मैं कपड़े बदल कर बेड पर लेटा हुआ था।
वो मेरे पास आकर बैठ गयी। मैंने उसे अपनी बाहों में लेकर अपने ऊपर झुका लिया, और उसके होंठ चुसने लगा। करीब पांच मिनट तक में उसके होंठ चूसता रहा।
तभी नीचे से भाभी ने उसे आवाज दी। वो उठकर चली गयी, मैं वहीं लेटा रहा। कुछ देर बाद भाभी ने मुझे भी आवाज दी। मैं नीचे पहुँचा, तो आँगन में नीरा भाभी, अशोक भाई साहब और दो लोग और बैठे थे।
मैं जाकर सोफे पर बैठ गया। तो भाई साहब ने मुझे उनसे मिलाया।
अशोक ने कहा- राहुल जी, ये मेरे छोटे भाई हैं। काजल के पापा और ये उनका बेटा है सोनू।
मैंने उन्हें नमस्ते कहा। फिर काजल सभी के लिए चाय लेकर आई। वो नहा चुकी थी, इस वक़्त उसने एक गुलाबी सूट पहना हुआ था।
भाभी ने बताया की वो लोग काजल को लेने आये हैं। अगले महीने की शादी तय हुई है। इसलिए इन्विटेशन भी देने आये हैं। यहां शहर में, चूंकि शादी हमारे गांव में होगी।
सोनू ने कहा- भैया, आँटी कह रही थी कि आप फॅमिली की तरह ही हैं। तो आपको जरूर आना होगा।
मैंने कहा- जी ठीक है। अब आप लोग कह रहे हैं तो आ जाएंगे।
भाभी ने चारु को भी इन्विटेशन दिया था। उस वक़्त कोमल वहां नहीं थी, तो भाभी ने उसका इन्विटेशन कार्ड ले लिया था। वर्ना उन लोगों को देर हो जाती। कुछ देर बातें करने के बाद वो लोग चले गए। भाई साहब भी उन्हें छोड़ने गए थे।
मैं और भाभी बैठ कर बातें कर रहे थे। तभी कोमल आ गयी, उस दिन के बाद मेरी उस से ज्यादा बात नहीं हुई थी। जिस दिन भाभी ने संतरे वाला मज़ाक किया था।
मेरे और कोमल के बीच नमस्ते होती रही लेकिन कभी ज्यादा बात नहीं हुई।
रात को रोज का नियम सा बन गया था। रोज़ रात को 10-11 बजे चारु मेरे कमरे में आ जाती और पूरी नंगी होकर मेरी गोद में बैठ जाती। मुझसे अपनी चूत में क्रीम लगवाती और जाने से पहले मेरा लोड़ा कम से कम एक बार जरूर चूसती।
मेरी रातें चारु के साथ मजेदार कट रही थीं। 10 दिन में उसकी खुजली गायब हो गई थी। इस बीच मैंने उसकी चूत में लोड़ा एक भी दिन नहीं डाला था। चारु ने मुझसे बहुत कहा था कि मैं उसकी चूत चोदूँ, उसके पति तो हर दूसरे दिन उसे चोद ही रहे थे लेकिन मैंने एसा नहीं किया।
शनिवार को मैंने वादा किया कि सोमवार को उसकी चूत चोदूंगा।
सोमवार से उसके पति की रात की 10-6 शिफ्ट आ गई थी। रात की शिफ्ट में 8 बजे वो जाते थे और सुबह 8 बजे आते थे।
सोमवार रात को 10 बजे खाना खाने के बाद मैं आराम करने लगा। चारु और दिन की तरह 11 बजे आकर मेरी गोद में नंगी बैठ गई।
मुझसे चिपकते हुए बोली- आज तो चोदोगे न? आज मना मत करना, तुम्हारे साथ अगर सेक्स करती हूँ तो लगता है कि ये कभी खत्म न हो।
मैंने निप्पल उमेठते हुए कहा- क्यों नहीं।
चारु से मैंने पूछा- तुम्हारी गांड में भी डाल दूँ? तुम बता रही थीं कि आकाश जब ज्यादा नशे में होते हैं तब वो तुम्हारी गांड भी चोद देते हैं।
चारु बोली- आप का मन है तो मेरी गांड में भी डाल दो ! आकाश तो गांड ज्यादा चोदते हैं चूत कम।
चारु की चूत गीली हो रही थी, मैंने उसे तकिये के ऊपर लेटाया और उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया।
उसकी दोनों चूचियाँ अपने हाथों में दबा लीं और चोदने लगा।
उह आह की आवाज़ों से कमरा गूँज रहा था, चारु की चूत में लंड सरपट दौड़ रहा था। चारु को चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मैंने लंड बाहर निकाल लिया और चारु के चूतड़ों को सहलाते हुए बोला- रानी, ऐसे ही लेटी रहो।
उसके बाद मैंने कंडोम लंड पर चढ़ा लिया, चारु की गांड में उंगली घुमाते हुए बोला- रानी, जरा अच्छी तरह टांगें फ़ैला कर चूतड़ ऊपर उठाओ।
चारु समझ गई कि मैं उसकी गांड चोदना चाहता हूँ, उसने अच्छी तरह से अपनी टांगें फ़ैला लीं। मैंने चारु की गांड पर लंड छुला दिया। उह उइ की एक सिसकारी सी उसने भरी, थोड़ी देर में लंड उसकी गांड में घुसने लगा।
“ऊ ओइ ऊ ओऊ मर गई !” की आवाज़ों से चारु मचलने लगी। थोड़ी देर में ही 7 इंची लोड़ा उसकी गांड में था।
चारु की गांड चुदनी शुरू हो गई, कभी धीरे, कभी तेज झटकों से उसकी गांड चुद रही थी। 10 मिनट बाद मेरे लंड ने जवाब दे दिया।
चारु उठ गई, उसकी गांड फट चुकी थी और वो मुझसे चिपक कर सो गई। सुबह 6 बजे मेरी नींद खुली तो चारु मेरे बिस्तर पर नहीं थी।
बाहर से नहाने की आवाज़ सी आ रही थी। मैंने छुपकर देखना शुरू कर दिया।
चारु अपनी जांघें धो रही थी, उसके स्तन मस्त हिल रहे थे, मैं उसके नग्न स्नान दर्शन का आनंद लेने लगा।
चारु नहाकर अंदर चली गयी, मैं फिर से बिस्तर पर लेट गया।
मैं जब ऑफिस के लिए निकलने वाला था तभी नीरा भाभी का फ़ोन मेरे पास आया।
वो बोली- कोमल को होटल में धंधा करने के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया है। तुम्हारे पास कोई जुगाड़ हो तो उसे बचा लो।
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