RE: Hindi Chudai Kahaniya पड़ोसी किरायेदार की ख्...
अब मुझे भी गुस्सा आ गया। रात को मैंने तो सब अनजाने में किया, लेकिन इसे तो सब पता था। फिर भी मुझ पर रौब दिखा रही है।
गुस्से में मैंने उसे पकड़ा और खींचकर कमरे में बेड पर डाल दिया। उसको बेड पर डालकर, मैं कमरे का दरवाज़ा बन्द करने लगा।
काजल बोली- ये क्या कर रहे हो तुम। दरवाजा क्यों बन्द कर रहे हो।
मैंने उसकी कोई बात नहीं सुनी, मैं मुड़कर फिर से उसकी तरफ बढ़ने लगा इस पर वो और ज्यादा घबरा गयी।
काजल- मेरे पास मत आयो वरना मैं चिल्ला दूंगी। फिर तुम्हारा क्या हाल होगा सोचलो।
मैं बोला- चिल्लाओ जितना चिल्लाना है। मैं भी देखता हूँ। किसकी शादी टूटेगी, किसकी बदनामी होगी।
ये सुनकर वो शांत हो गयी। मैं जाकर उसके ऊपर लेट गया, लेकिन वो अब भी नाटक कर रही थी। मैंने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और उसे दिखाने लगा।
फोटो देख कर वो एक दम रोने को हो गयी। मैंने उसका और उस लड़के का फोटो खींच लिया था, जिसमें वो किस कर रहे थे। जब वो जा रहा था।
वो बोलने लगी- प्लीज ये फोटो किसीको मत दिखाना। मेरी शादी टूट जायेगी। मैं उस लड़के से आज के बाद कभी भी नहीं मिलूंगी। आप भी तो चारु दीदी के साथ ऐसा करते हैं।
मैं बोला- तुम से सीधा आप, चारु के साथ करता हूँ। तो इससे तुम्हे क्या, अगर तुमने किसीको भी ये बताया तो तुम्हारे पति को मैं सब बता दूंगा।
मैं उस से बात करते हुए उसकी जांघो पर हाथ फिरा रहा था। मैं धीरे धीरे हाथ को चूत की तरफ ले गया। सलवार के ऊपर से ही मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा। अब उसके मुह से भी सिसकारी फुट रही थी।
उसके ऐसे लाजवाब जिस्म को देखकर मेरा मन उसे चोदने का कर रहा था। और इस वक़्त काजल भी गरम थी। लेकिन मुझे भाभी के आने का डर था।
मैंने उससे पूछा- भाभी कहाँ गयी हैं, कब तक आएंगी।
वो सिसकारी लेते हुए बोली- दीदी तो शाम तक आएंगी। वो अपनी बुआ की लड़की से मिलने गयी हैं।
मैंने कहा- अभी तो तुम उस लड़के को कह रही थी कि दीदी आती होगीं, अब तुम जाओ।
तो वो बोली- वो सब छोड़ो ना। आप प्लीज ये करते रहो, बहुत मज़ा आ रहा है। रात भी आप जब ऐसे कर रहे थे, तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। लेकिन चारु दीदी ने सब खेल बिगाड़ दिया।
मैंने उसकी बात सुनी तो दंग रह गया, कहाँ तो अभी ये इतने नाटक कर रही थी। और अब इतनी उतावली हो रही है। खैर मुझे क्या करना, मेरे लिए तो अच्छा ही था।
मैं उसके कपड़े उतारने लगा। उसकी मदद से उसकी सलवार और कुर्ती मैंने उतार दी। और साथ ही ब्रा भी। अब वो बस पैंटी मैं थी।
उसका नंगा बदन एक दम कहर ढ़ा रहा था। मैंने उसके होंठो से अपने होंठ लगा दिए, और चूसने लगा। फिर नीचे आकर उसका एक निप्पल मुंह में भर लिया। और दूसरे पर उंगलिया फिराने लगा।
कुछ देर के बाद जगह बदली। अब दूसरा निप्पल मुंह में आ गया। पेट से होते हुए में चूत तक जा पहुँचा। काजल इतनी जोर से सिसकियाँ भर रही थी।
मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी, और दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं। मैं उंगलियां आगे पीछे करने लगा। और काजल की सिसकियाँ भी और तेज हो गयीं। मुझे लगा की अब ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए वरना सब मेहनत पर पानी फिर जायेगा।
मैंने अपने कपड़े उतारे और उसकी टांगों के बीच आ गया। अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके मैं उसे फिर से चूमने लगा। लेकिन शायद काजल अब इंतेज़ार नहीं कर सकती थी।
वो खुद कमर उठाने लगी। मैंने भी देर न करते हुए एक स्ट्रोक लगाया, एक बार में ही आधा लंड उसकी चूत में चला गया। काजल के मुंह से एक बहुत तेज सिसकी निकली। अगले स्ट्रोक में पूरा लंड चूत के अंदर पेल दिया।
काजल पहले भी सेक्स कर चुकी थी, लेकिन फिर भी उसकी चूत टाइट थी। उसकी भी हल्की सी चीख निकली जब मैने पूरा लंड अंदर डाल दिया।
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं स्ट्रोक लगाने लगा। काजल आह आह की आवाजें निकाल रही थी। कमरे में चप चप और आह....आह...सी....सी की आवाजें गूंज रही थीं।
कुछ देर की चुदाई के बाद काजल झड़ने लगी। उसकी चूत एक दम कस गयी। उसके रस छोड़ने के साथ ही चूत की गर्मी से मैं भी झड़ गया।
मैं उसी के ऊपर लेटा हुआ था। उसने मुझे बाहों में जकड़ रखा था। कुछ देर तक मैं ऐसे ही लेटा रहा। फिर उठकर बाथरूम चला गया। मैं बाथरूम से आया और कपड़े पहनने लगा। अपने कपड़े लेकर काजल बाथरूम में चली गयी। थोड़ी देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई।
काजल बोली- मैंने कई बार सेक्स किया है, लेकिन मुझे ऐसा मज़ा कभी नहीं आया। आज आप अगर मुझसे कुछ भी मांग लो, मैं आपको खुशी खुशी दे दूंगी।
मैंने कहा- अच्छा ऐसी बात है अगर तो हमने सुना है लड़कियां अपनी गांड मरवाने में बहुत डरती हैं। गांड मारने दोगी अपनी, मुझे तुम्हारी गांड बहुत पसंद है।
काजल ये सुनकर मुस्कुराने लगी, और मुझसे वादा किया लेकिन फिर कभी के लिए। अब काफी वक़्त हो गया था तो मैं ऊपर चला गया।
ऊपर चारु बाहर ही थी।
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