RE: Hindi Chudai Kahaniya पड़ोसी किरायेदार की ख्...
मैं कुछ सोचता कि तभी किसीके हिलने का आभास हुआ मैंने अपना हाथ हटा लिया। और उसने अपनी मैक्सी नीचे करके करवट बदल ली।
कुछ देर की शांति रही, की कुछ दूरी से कोई उठकर आया और मेरे पास आकर लेट गयी। उसका हाथ सीधे मेरे लंड पर पहुंच गया। इस स्पर्श को तो मैं पहचानता हूँ।
ये तो चारु है।
चारु ने मेरा लंड सहलाना चालू रखा, लेकिन मैं सिर्फ यही सोच रहा था कि ये कहीं काजल तो नहीं थी।
क्यूँकि चारु के जैसा तो बस उसका ही फिगर है। भाभी तो काफी मोटी हैं। अगर वो काजल थी तो उसने कुछ कहा क्यों नहीं।
मैं ये सब सोच रहा था जिस से मेरा ध्यान चारु की तरफ नहीं था, और न ही इस समय मैं उत्तेजित हो पा रहा था।
चारु को भी शायद ये समझ में आ गया कि मेरा मन नहीं है। वो एक दम से वहां से गुस्से में उठकर चली गयी। और वापस अपने बिस्तर पर जाकर सो गयी।
उसके जाते ही काजल ने करवट बदली, लेकिन मैं उससे नज़रें नहीं मिला पा रहा था। मैं आँखें बंद करके लेटा रहा।
लेकिन अब ये दिक्कत थी कि उसे मेरे और चारु के बारे में शायद सब कुछ पता चल गया था। मैं बस यही सोचते सोचते सो गया कि कहीं वो किसीको बता ना दे।
मुझे अपनी फिकर नहीं थी, लेकिन मैं चारु को तकलीफ नहीं देना चाहता था।
सुबह मैं उठा, ऊपर कोई नहीं था। सब उठकर नीचे जा चुके थे। मैं भी नीचे आ गया, नीचे आकर मैंने देखा कि चारु किचन में है।
मैं सीधे अपने रूम में चला गया। ऑफिस के लिए तैयार होकर मैं बाथरूम से बाहर आया तो कमरे में नाश्ता रखा हुआ था।
नाश्ता करने के बाद मैं चारु का वेट करने लगा। लेकिन काफी देर तक वो नहीं आई। तो मैं ऑफिस के लिए निकल गया। लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ की चारु मुझसे मिली न हो सुबह। कभी नाश्ते के बहाने तो कभी किसी ओर बहाने से, लेकिन आज वो नहीं आई।
मैं नीचे आया तो मेरी नज़र काजल पर पड़ी वो झुककर झाड़ू लगा रही थी। उसकी गांड देखकर मैं दंग रह गया, कितनी बड़ी गांड थी उसकी।
सूट में मैने कभी उस पर गौर नहीं किया। मैक्सी में उसकी गांड एक दम मस्त लग रही थी। मन कर रहा था की अभी बस चढ़ जाऊं इसके ऊपर।
तभी भाभी और भाई साहब बाहर आये। मैंने उन्हें नमस्ते कहा और ऑफिस के लिए चल दिया।
ऑफिस पहुँचकर मैंने अपना काम जल्दी खत्म कर लिया। आज काम भी कुछ ज्यादा नहीं था। काम खत्म करने के बाद मैने सोचा की क्यूँ ना घर चलूँ।
आज चारु भी नाराज है। अब मुझे चारु की आदत सी होने लगी थी। अगर उसे खुश ना देखूं तो अच्छा नहीं लगता था। वही आज मेरे साथ हो रहा था।
बॉस से छुट्टी लेकर मैं घर आ गया। मैं जब ऊपर जाने लगा तो सोचा भाभी से मिलता चलूँ। कहीं चारु यहीं न हो, और काजल को भी देखता चलता हूँ।
मैं जैसे ही भाभी के कमरे की तरफ बढ़ा, मेरे कदम अपने आप रुक गए। उनके कमरे से सेक्स करने की आवाजें आ रहीं थी।
मैंने सोचा की भाभी और भाई साहब अभी सेक्स कर रहे हैं, तो उन्हें डिस्टर्ब नहीं करता। मैं फिर से ऊपर चल दिया, लेकिन ये क्या एक आवाज सुनकर मेरे कदम रुक गए।
"दीदी आने वाली होंगी, अब तुम जाओ।"...अंदर से काजल की आवाज आई।
आवाज से मुझे ये तो पता चल गया की अंदर काजल है। और उसकी बातों से ये भी पता चल गया कि भाभी घर पर नहीं हैं।
तभी किसीके बाहर आने की आहट हुई, मैं जल्दी से एक कोने की तरफ छुप गया। काजल बाहर आई उसके साथ ही एक लड़का भी था। मैं उसका चेहरा नहीं देख पाया। वो लोग बाहर की तरफ चले गए।
उस लड़के को छोड़कर जब काजल अंदर आई, तब तक मैं बाहर आ गया था। मुझे वहां देखकर काजल एक दम चौंक गयी। इस वक़्त उसके बाल खुले हुए थे और कपड़े भी लग रहा था जैसे जल्दबाज़ी में पहने थे।
मुझे देखकर वो अपने बालों को बांधते हुए बोली- तुम...तुम कब आये। और तुम यहां क्या कर रहे हो।
उसके चेहरे पर घबराहट साफ नज़र आ रही थी।
मैं बोला- जब तुम उस लड़के के साथ अंदर कुछ इम्पोर्टेन्ट काम में बिज़ी थी, मैं तभी आया।
इतना सुनकर उसके चेहरे का रंग उड़ गया। उसके चेहरे का डर साफ दिख रहा था।
हकलाती हुई आवाज में वो बोली- कौन सा लड़का। किस लड़के के बारे में बात कर रहे हो तुम।
उसकी बात सुनकर मुझे बड़ी हँसी आ रही थी। लेकिन मैं सिर्फ मुस्कुरा कर रह गया। मुझे मुस्कुराता देख कर वो बहुत गुस्से में आ गयी।
वो गुस्से में बोली- तुम्हे क्या मतलब है, कि कौन था। और तुम अपने आप को समझते क्या हो। अगर रात वाली बात जीजू को बता दी ना तो तुम्हारा क्या हश्र होगा। जानते हो।
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