RE: Hindi Chudai Kahaniya पड़ोसी किरायेदार की ख्...
6 बज़ रहे थे। 8 बजे चारु चाय नाश्ता लेकर आ गई। चारु इस समय साड़ी ब्लाउज़ में थी, बोली- आज से आप मेरे पेइंग गेस्ट हैं, आप चाय और खाने में क्या और किस समय लेंगे?
मैंने कहा- भाभी आप जो चाहें वो खिलाओ। सुबह 8 बजे नाश्ता और रात को 10 बजे मैं खाना लेता हूँ।
चारु मुस्कराती हुई बोली- आप चाहें तो मुझे चारु कह कर बुला लिया करें।
चारु मुस्करा रही थी। सुबह के स्नान का याद करके मैं सोच रहा था चारु को अपनी गोद में बैठा लूँ और उसकी चूचियों और चूत से खेलूं। मेरा लंड उसको देख कर खड़ा हो गया था, बड़ी मुश्किल से अपने लंड को संभाले हुआ था। फिर चारु चली गयी।
10-12 दिन इसी तरह से निकल गए। रोज़ सुबह चारु की नंगी जवानी का आनंद लेने लगा था मैं, चारु को चोदने की इच्छा बढ़ती जा रही थी।
एक दिन सुबह चारु मुझे कुछ परेशान सी लगी....जब वो मुझे चाय नास्ता देने आई...तो मैने पूछा
राहुल....क्या हुआ चारु। तुम कुछ परेशान हो।
तो वो कुछ सोच मे पड़ गयी।वो कुछ कहना चाहती थी...लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।फिर में ऑफिस निकल गया।
उस दिन शाम को नीचे वाली भाभी बोलीं- राहुल जी, आप की एक मदद चाहिए।
मैने कहा- क्या मदद चाहिए, भाभी...कहिये तो सही।
नीरा ने कहा- चारु को खुजली की शिकायत हो रही है, कुछ प्रॉब्लम है, उसे लेडी डॉक्टर को दिखा लाओ, उसका पति तो नालायक है और दो दिन से बाहर भी गया है। तुम्हारे पास बाइक भी है और कल तुम्हारा ऑफ भी है, तुम तो आराम से ले जाओगे उसे।
मैं बोला- चारु चली जाएगी?
नीरा हँसते हुए बोली- चिपक कर बैठ कर जाएगी। तुम्हें पसंद करने लगी है, कह रही थी कि राहुल भाईसाहब बहुत अच्छे हैं। काश मुझे भी ऐसे पति मिलते।
मुझे कुछ गुदगुदी सी हुई,
मैं बोला- ठीक है, आप उससे कह दो कल ले जाऊंगा।
अगले दिन मैं चारु को लेडी डॉक्टर के पास लेकर चल दिया।
शाम को चारु जब खाना देने आई तो बोली- भाभी कह रहीं थीं…!!
मैंने कहा- हाँ कल चले चलेंगे।
मैंने पूछा- आपको क्या दिक्कत है?
चारु शर्माते हुए बोली- नीचे कुछ औरतों वाली दिक्कत है। इनके मुँह से तो दारु की बदबू आती रहती है ये एक दो बार डॉक्टर के यहाँ गए हैं तो उसने इन्हें कमरे से भगा दिया था।
चारु बोली- 10 बजे चलेंगे।और वो बाहर चली गई।
अगले दिन सुबह 6 बजे चारु जब नंगी नहा रही थी तो मुझे लगा कि चारु की चूत में अब लंड घुसाने के दिन आने वाले हैं।
सुबह 10 बजे चारु साड़ी ब्लाउज़ पहन कर तैयार हो गई, मुझसे बोली- थोड़ी दूर वाले हॉस्पिटल में चलेंगे, यहाँ जान-पहचान वाला कोई मिल जाता है तो बड़ी शर्म आती है।
हम लोग घर से 15 किलोमीटर दूर एक हॉस्पिटल में गए, रास्ते में चारु बड़ी शालीनता से बैठी रही। वहाँ गीता नाम की लेडी डॉक्टर को दिखाने चारु अंदर चली गई। मैं बाहर बैठ गया।
थोड़ी देर बाद एक नर्स आई और बोली- चारु जी के साथ आप ही हैं?
मैं बोला- हाँ !
“अंदर चलिए, डॉक्टर साहब बुला रही हैं।”
डॉक्टर के कमरे के अंदर एक कमरा था, डॉक्टर मुझे अंदर ले गईं, अंदर चारु चादर ओढ़े लेटी थी।
डॉक्टर बोली- आपको पता है इनको क्या दिक्कत है?
मैं बोला- नहीं !
तो डॉक्टर ने चारु की चादर हटा दी। चारु पूरी नंगी मेरे सामने लेटी थी उसने हाथ और पैर से अपनी चूत और चूची छिपाने की कोशिश की।
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