Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
12-25-2018, 01:15 AM,
#52
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
शाम के 4 बज रहे थे, में और मेरी तीनो दीदी इमरजेंसी वार्ड के बाहर बैठ कर माँ के होश आने जा इंतज़ार कर रहे थे तभी मेरे फोन पर संध्या का फोन आया । दूर जाकर मैंने फोन उठाया,तान्या दीदी समझ गई थी, वो मेरे साथ ही थी ।
संध्या-"हेलो सूर्या बेटा कहाँ है?
सूरज-"क्या हुआ बोलो माँ, में कंपनी में हूँ" 
संध्या-"तू कल से घर नहीं आया इसलिए पूछा"
सूरज-"माँ कंपनी के काम से बाहर एक मीटिंग में गया था" 
संध्या-"अच्छा बेटा, आज तो आएगा घर पर" 
सूरज-"माँ कंपनी का एक सेमीनार दिल्ली में है इसलिए आज रात में मुझे जाना पड़ेगा,चार पांच दिन में आ जाऊँगा" सूरज झूठ बोल देता है ताकि वो अपनी रेखा माँ का ख्याल रख सके ।
संध्या-" ओह्ह बेटा कितनी मेहनत करता है तू,चल कोई बात नहीं,अपना ध्यान रखना" फोन काट देता है सुरज, 
तान्या-"सूरज तू चिंता न कर,तू बस माँ का ख्याल रख" 
सूरज-"दीदी आप घर चली जाओ अब,माँ इंतज़ार कर रही होगी" 
तान्या-"में यही रुक जाती हूँ सूरज,माँ को कोई भी बहाना बना दूंगी"
सूरज-"नहीं दीदी,में अकेला ही काफी हूँ,आप जाओ" सूरज तान्या को भेज देता है । पूनम और तनु के पास आता है । पुनम और तनु सुबह से भूकी थी,इसलिए दोनों को घर भेज देता है । सूरज अकेला बाहर बैठा माँ के होश आने का इंतज़ार कर रहा था । इधर रेखा को होश आता है तो अपने आपको हॉस्पिटल के बेड पर पाती है । डॉक्टर रेखा के पास आती है ।
रेखा-"डॉक्टर मुझे क्या हुआ है"
डॉक्टर-"आप बेहोश क्यूँ हो गई थी?" 
रेखा-" मेरे पेट में दर्द हुआ था,और नीचे भी" रेखा संकुचित होकर बोलती है।
डॉक्टर-"आप सही से बताओ ताकि में आपका इलाज कर सकूँ" 
रेखा-" में नीचे अपनी योनि को साफ़ कर रही थी, योनि साफ़ करते समय में थोड़ी उत्तेजित हो गई थी,तभी मेरे पेट में और योनि में बहुत तेज दर्द हुआ,उसके बाद मुझे पता नहीं चला,शायद में बेहोस हो गई थी"डॉक्टर बड़े ध्यान से सुनती है ।
डॉक्टर-" मतलब तुम्हारा ओर्गास्म हो नहीं पाया"
रेखा-"ओर्गास्म का मतलब"
डॉक्टर-" आप झड़ नहीं पाई"
रेखा-"हाँ जी"रेखा शरमाती हुई बोली ।
डॉक्टर-"आपने आखरी बार सेक्स कब किया था" रेखा इस सवाल से शर्मा जाती है।
रेखा-"22 साल से" डॉक्टर यह सुनकर हैरान रह जाती है।
डॉक्टर-"ओह्ह्ह 22 साल तक आपने सेक्स ही नहीं किया" 
रेखा-"मेरे पति को मरे 22 साल हो चुके हैं" 
डॉक्टर-"ओह्ह्ह सॉरी, हस्तमैथुन किया आपने कभी इन 22 सालो में" 
रेखा-"हस्तमैथुन क्या,समझी नहीं" रेखा समझ नहीं पाती है ।
डॉक्टर-" मतलब कभी ऊँगली से अपने आपको शांत किया है?" रेखा को शर्म आ रही थी, लेकिन डॉक्टर के सामने मजबूरन बता देती है ।
रेखा-" हाँ किया है,पति के जाने के बाद" 
डॉक्टर-"कितने साल से ऊँगली नहीं की" 
रेखा-"21 साल हो चुके होंगे" डाक्टर हैरानी से रेखा को देखती है ।
डॉक्टर-" 21 साल तक आपने ऊँगली नहीं की,इसलिए आपको दर्द हुआ, योनि से निकलने बाला पानी आपकी नसों में जम चूका है,इसका निकलना बहुत आबश्यक है" रेखा डॉक्टर की बात बड़े ध्यान से सुनती है ।
रेखा-" क्या में ठीक नहीं हूँ अभी" 
डॉक्टर-"नहीं! आपके फिर से दर्द हो सकता है और आप बेहोस भी हो सकती हैं, आपकी नसों में जमा पानी निकलना बहुत जरुरी है,ये पानी या तो सेक्स करने से निकल सकता है या आप ऊँगली करो" डॉक्टर की यह बात सुनकर रेखा हैरान रह जाती है, 
रेखा-"में स सेक्स तो कर नहीं सकती,मेरे पति नहीं है, ऊँगली से कोसिस कर सकती हूँ" 
डॉक्टर-" ठीक है । लेकिन ऊँगली करने से पहले आपको में एक जैल क्रीम दूंगी,पहले उससे अपनी योनी के आसपास मसाज करना इससे आपकी नसे जल्दी खुल जाएगी,उसके बाद आप ऊँगली करके अपना पानी निकालना,आप मेक्सी को ऊपर कीजिए में आपको मसाज करने की प्रक्रिया समझाती हूँ" रेखा को बहुत शर्म आ रही थी, लेकिन मजबूर थी,मेक्सी को ऊपर उठा देती है, डाक्टर नीलम रेखा की बड़ी बड़ी झांटे देख कर गुस्सा करती है ।
डॉक्टर-"ये क्या है, आपने तो पूरा जंगल बना दिया है, अपनी योनि को साफ़ रखा करो, पहले अपने बाल साफ़ करबायो उसके बाद में मसाज करने की प्रक्रिया समझाती हूँ" डॉक्टर एक नर्स को बुलाकर रेखा के बाल साफ़ करने के लिए बोलती है । 
नर्स-' हमारे पास बाल साफ़ करने का रेजर नहीं है" 
डॉक्टर-"इनके साथ कौन आया है उन्ही से रेजर मंगबा लीजिए" 
रेखा-" मेरी बेटी बाहर होगी,उससे बोल दीजिए" रेखा को डर था की कहीं नर्स सूरज से रेजर न मंगवा ले इसलिए बेटी से मनवाने का सम्बोधन किया ।
डॉक्टर-" इनके साथ जो हैं उन्हें मेरी कैबिन में भेज दो" 
नर्स सूरज के पास आती है।
बाहर सूरज अकेला बैठा हुआ था ।

नर्स-" आपको डॉक्टर बुला रही हैं" सूरज डाक्टर के पास जाता है ।
सूरज-"क्या हुआ डॉक्टर साहब मेरी माँ अब कैसी है,उन्हें होश आ गया क्या" 
डॉक्टर-" आपकी माँ बिलकुल ठीक हैं,उन्हें होश आ चुका है" 
सूरज-"डॉक्टर मेरी माँ को हुआ क्या है,वो बेहोश क्यूँ हो गई" डॉक्टर सोचती है की इनको कैसे बताऊँ, काफी देर सोचने के बाद डॉक्टर बोलती है।
डॉक्टर-"आपकी माँ को गुप्त परेसानी है,हालाँकि मुझे बताना तो नहीं चाहिए चूँकि आप उनके बेटे हैं लेकिन फिर भी में आपको बता रही हूँ, 21 वर्ष से शारीरिक सम्बन्ध न बनाने के कारण उनकी नसों में पानी जाम हो गया है,पानी निकलना बहुत आवश्यक है, बरना उनकी जान भी जा सकती है" सूरज को यह सुनकर बड़ा अचम्भा होता है और शर्म भी आती है, लेकिन उनकी जान को खतरा है यह सुनकर डर भी जाता है ।
सूरज-"डॉक्टर साहब अब इसका इलाज क्या है? सूरज घबराता हुआ बोला।
डॉक्टर-" वैसे तो शारीरिक सम्बन्ध के द्वारा पानी निकलता तो बेहतर था लेकिन उनके पति तो है नहीं है,इसलिए उन्हें हस्तमैथुन करना होगा,और हस्तमैथुन से पहले तीन चार दिनों तक उन्हें योनी की मसाज करनी होगी,में आपको जैल क्रीम देती हूँ,और कुछ खाने की दवाइयाँ भी" सूरज बड़ी हैरानी से यह सब सुन रहा था,उसने कभी सोचा भी नहीं था की अपनी माँ के बारे में ऐसा सुनेगा, सूरज को बड़ी शर्म आ रही थी,और बार बार माँ का चेहरा उसके सामने आ जाता था । 
सूरज-" डॉक्टर आप यह सारी बातें माँ को समझा दीजिए प्लीज़"
डॉक्टर-"मैंने उन्हें समझा दिया है,आप बाहर से एक रेजर और ब्लेड लाकर दे दीजिए,उनकी योनी पर बाल बहुत बड़े हैं, में नर्स से कह कर मसाज का तरीका समझा दूंगी ताकी वो घर आराम से मसाज कर सके" सूरज एक और झटका लगता है यह सुनकर, तभी उसके जहन में रेखा का नग्न तस्वीर आ जाती है जब उसने सुबह बॉथरूम में देखा था,वास्तव में माँ की योनी पर बहुत बड़े बाल हैं। सूरज तुरंत बाहर जाकर एक रेजर और ब्लेड के आता है । सूरज डॉक्टर की केबिन में जाता है तो डॉक्टर उसे दिखाई नहीं देती है, सूरज उसी इमरजेंसी बार्ड में जाता है जहाँ माँ भर्ती थी, सूरज दरबाजा खोल कर देखता है, रेखा अपने बेड पर लेटी थी, सूरज को बड़ा सुकून मिलता है,चूँकि सूरज नहीं चाहता था की माँ उसे देखे की उसका बेटा उसके योनि साफ़ करने के लिए रेजर लेकर आया है, और खुद शर्मिंदगी महसूस करे । सूरज जैसे ही दरबाजा खोलता है तभी नर्स सूरज को देख कर बोलती है ।
नर्स-" आप कहाँ थे इतनी देर से,डॉक्टर ने रेजर और ब्लेड लाने के लिए आपसे बोला था,आप अभी तक लाए नहीं" नर्स तेज आवाज़ में डांटती हुई बोली,सूरज घबरा जाता है की कहीं माँ सुन न ले,लेकिन रेखा तो सिर्फ आँखें बंद किए हुई कुछ सोच रही थी,जैसे ही नर्स सूरज को डांटती है रेखा आँखे खोल कर सूरज की तरफ देखती है और सूरज रेखा को देखता है,दोनों की आँखे एक दूसरे से टकराती है, सूरज शर्म की बजह से नज़रे घुमा लेता है और मन ही मन नर्स को गालियां देता है,इधर रेखा का शर्म की बजह से बुरा हाल था, रेखा बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रही थी की उसका बेटा योनी के बाल साफ़ करने के लिए रेजर लेकर आया है ।
सूरज-"यह लीजिए रेजर और ब्लेड"सूरज जल्दी से निकलना चाहता था बार्ड से, सूरज रेजर देकर तुरंत बाहर निकल जाता है । और बाहर कुर्सी पर बैठ कर जोर से सांस लेता है । जीवन में पहली बार ग्लानी महसूस कर रहा था, न चाहते हुए भी माँ का चेहरा उसकी आँखों में घूम रहा था ।
इधर नर्स रेखा के पास आती है, रेखा की मेक्सी को उठाकर कमर से ऊपर कर देती है, रेखा की बालो से भरी चूत नर्स के सामने थी। भारी भरकम जांघे और बाहर निकली हुई गुदाज उसके जिस्म को आकर्षक और कामुक बना रही थी । 
नर्स-' आप दोनों टांगो को फैला कर फोल्ड करो" रेखा तुरंत नर्स के कहे अनुसार टाँगे फैला कर फोल्ड करती है । नर्स एक प्लास्टिक की शीट लेकर आती है और रेखा की गांड को उठाकर शीट बिछा देती है ताकि जिस बेड पर लेटी है वो गंदा न हो, रेखा अपनी सोच में डूबी हुई थी, उसने कभी सोचा भी नहीं था की अनजान डॉक्टर और नर्स के सामने उसे अपनी योनी का प्रदर्शन करना पड़ेगा,और ऊँगली करने पर मजबूर होना पड़ेगा, एक तरफ उसे अपनी योनिमैथुन की चिंता थी तो दूसरी तरफ सूरज की,क्या सोच रहा होगा मेरे बारे में,कैसे नज़रे मिला पाउंगी में,इसी सोच में डूबी थी तभी नर्स एक शेम्पू लेकर आती है और रेखा की चूत पर लगा कर पानी का स्प्रे मारती है,और ब्रूस से पूरी योनी के बालो पर फिराती है,ब्रूस और पानी के स्पर्श से रेखा मचल जाती है,उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं,ब्रूस की नोक जब योनी की क्लिट पर रगड़ते हैं तो एक सुरसरी सी उठती,रेखा अपनी गांड को थोडा उचका देती,उसके जिस्म में गुदगुदी सी होने लगती है,योनी पर झाग का ढेर बन जाता है,नर्स रेजर लेकर योनी की खाल पकड़ कर आराम से बाल साफ़ करने लगती है, नर्स की उंग्लिया योनी के हर कोमल भाग पर जाती है जिससे रेखा को मजा आने लगता है, नर्स योनी के बाल साफ़ करके स्प्रे मारकर कपडे से साफ़ करती है, रेखा की योनी डबल रोटी की तरह फूली हुई उभर कर सामने आती है। रेखा खुद की योनी देख कर शर्मा जाती है ।
नर्स-" अब देखो अपनी योनी, कितनी चमक मार रही है,इसी तरह साफ़ रखा करो" नर्स योनी पर हाँथ स्पर्श करती हुई बोली। रेखा सिहर जाती है । और हाँ में सर हिला देती है ।
नर्स जैल क्रीम लेकर आती है। 
नर्स-" इस जैल को योनि के मुख्य भाग को छोड़ कर बाकी सब जगह लगा कर ऊँगली से रगड़ना है,ताकि आपकी नसे ढीली हो जाए,नसे ढीली होने के बाद अपनी योनी के के अंदर इस तेल से चिकना करके ऊँगली करनी है,आप समझ गई न" नर्स जैल क्रीम और एक तेल की सीसी दिखाती हुई बोली।
रेखा-"हाँ समझ गई" नर्स जैल क्रीम रेखा की योनी पर लगा कर उँगलियाँ फिराने लगती है, जैल बहुत ठंडा लग रहा था जिससे रेखा को बड़ा मीठा मीठा आनंद मिल रहा था और नर्स की उंगलिया भी मजा दे रही थी । नर्स को भी उंगलियो से मालिस करने में मजा आने लगता है, 
नर्स-" मेडम में आपको एक सलाह दे रही हूँ, आप किसी के साथ सेक्स कर लो, जल्दी ठीक हो जाओगी" रेखा सुन कर चोंक जाती है ।
रेखा-"नहीं में सेक्स नहीं कर सकती हूँ" 
नर्स-"मेडम एक बार में ही गर्मी निकल जाएगी,आपका जिस्म बहुत सुन्दर है,कोई भी एक बार नंगा देख ले तो बिना सेक्स किए रह नहीं पाएगा" रेखा अपनी तारीफ़ सुन कर खुश होती है।
रेखा-" मेरी उम्र 46 साल की है,अब इस उम्र में भला कोई सेक्स करता है"
नर्स-"मेडम आप 30-32 साल की लगती हो,और आपका बदन बहुत कामुक है,आज भी कोई लड़का आपको देख ले तो दीवाना हो जाएगा" 
रेखा-"नहीं जी! में विधवा हूँ,में सेक्स के बारे में सोच भी नहीं सकती, ऊँगली से ही काम चला लुंगी"रेखा साफ़ साफ़ मना कर देती है । नर्स मसाज करके बोलती है ।
नर्स-"दिन में तीन बार आपको ऐसे ही मालिस करनी है, अब आप घर जा सकती हो। नर्स सारी दवाइयाँ समझाती है। रेखा वार्ड से बाहर निकलती है सूरज बाहर ही बैठा था, सूरज जैसे ही रेखा की देखता है तो कुर्सी से खड़ा हो जाता है,रेखा भी बहुत शर्मा रही थी। 
सूरज-"घर चलें माँ" सूरज रेखा को देखते हुए बोलता है ।
रेखा-"हाँ चलो" सूरज और रेखा बाहर आकर अपनी गाडी में बैठ जाते हैं। सूरज गाडी चलाता है और रेखा बगल बाली सीट पर बैठी थी ।दोनों लोग खामोश थे ।

सूरज और रेखा खामोशी से बैठे अपनी अपनी सोच में डूबे हुए थे, सूरज अपनी माँ की इस विचित्र बिमारी को लेकर बड़ा असमन्जस में था और सोच रहा था की इसका उपचार कैसे हो, डॉक्टर के कहे अनुसार शारीरिक सम्बन्ध के द्वारा माँ का उपचार सम्भब है,और जल्दी ठीक हो सकती हैं,ऐसी स्तिथि में यदि पिता होते तो शायद माँ जल्द ठीक हो जाती,
मुझे पिताजी से बात कर लेनी चाहिए, इधर रेखा इस बात से दुखी थी की उसकी परेसानी और उसका उपचार सूरज को पता चल चूका है, और आज नर्स ने सूरज से रेजर और ब्लेड भी मंगवाया, क्या सोच रहा होगा मेरे बारे में, तभी सूरज खामोशी तोड़ता है ।
सूरज-"माँ अब आपकी तबियत कैसी है?" रेखा अपनी सोच से बाहर निकलती है और सूरज की ओर देखते हुए बोली ।
रेखा-"मुझे क्या हुआ,में तो ठीक हूँ" रेखा हडबाड़ाती हुई बोली,
सूरज-"माँ आप बेहोश हो गई थी, में बहुत डर गया था" 
रेखा-" पता नहीं में कैसे बेहोश हो गई,लेकिन अब में ठीक हूँ बेटा" रेखा हँसते हुए बोली ।
सूरज-" डॉक्टर के कहे अनुसार सभी दवाई समय से लेना माँ" सूरज खुल कर नहीं बोल पाता है इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से अपनी बात कहता है,जिसे रेखा भलीं भांत समझ रही थी।
रेखा-" हाँ में दवाई समय से खाती रहूंगी" रेखा सर झुका कर अपनी बात कहती है ।
सूरज-" माँ सब ठीक हो जाएगा,आप परेसान मत होना,में सब ठीक कर दूंगा" सूरज की यह बात सुनकर रेखा असमंजस में पड़ जाती है,और प्रश्नवाचक की तरह सूरज की ओर देखने लगती है।
रेखा-" मतलब समझी नहीं में सूरज" 
सूरज-"कुछ नहीं माँ" सूरज बात को टाल ते हुए बोला।
रेखा-" सूरज कोई बात हो तो बोल,डॉक्टर ने क्या कहा तुझसे, मुझे कोई गंभीर बिमारी है क्या"रेखा परेसान मुद्रा में बोली ।
सूरज-"न नही माँ,आपको कोई बीमारी नहीं है,आप ठीक हो"सूरज एक सांस बोलता है,लेकिन सूरज की हकलाहट रेखा को पुनः सोचने पर मजबूर कर रही थी,उसे डर था की कहीं डॉक्टर ने मेरी हस्तमैथुन और शारीरिक सम्भोग को लेकर कोई बात तो नहीं बता दी है सूरज को। 
रेखा-" डॉक्टर ने तुझे क्या बताया मेरे बारे में,क्या परेसानी है मुझे" रेखा जानबूझ कर यह सवाल पूछती है,वो जानना चाहती थी की डॉक्टर ने उसे क्या बताया है,अब भला सूरज क्या बोलता अपनी माँ को, सूरज को बहुत शर्म आ रही थी।
सूरज-" डॉक्टर ने कहा की आप जल्दी ठीक हो जाओगी,बस आप अपना ध्यान रखना,दवाई समय से लेते रहना"सूरज की बात सुनकर रेखा को यकीन हो जाता है की शायद डॉक्टर ने मेरी बिमारी के बारे में सूरज को कुछ नहीं बताया है।
रेखा-"सूरज तुझसे एक बात करनी थी मुझे" 
सूरज-"हाँ माँ बोलो" 
रेखा-"पूनम की शादी के लिए कोई लड़का देख ले,उसकी उम्र हो गई है" 
सूरज-"हाँ माँ, में कोई अच्छा सा लडका देखूंगा" 
रेखा-" तू जिस कंपनी में काम करता है उसी में देख ले" सूरज सोचता है की माँ को अचानक दीदी की शादी की इतनी फ़िक्र क्यूँ पड़ गई,कहीं माँ ने आज सुबह मेरी और दीदी की चुदाई तो नहीं देख ली।
सूरज-" माँ अचानक शादी की इतनी फ़िक्र क्यूँ हो गई आपको,कोई बात है क्या" रेखा अब कैसे बताती की तेरी बहन ऊँगली से अपनी हवस शांत करती है ।
रेखा-"बात कुछ नहीं है बेटा, हर माँ को फ़िक्र होती है अपनी बेटी की, मुझे भी है" 
सूरज-"ठीक है माँ,में लड़का देखूंगा जल्द" 
रेखा-"अगर दो लड़के मिल जाए तो मे तनु की भी जल्द शादी कर दूंगी" 
सूरज-"ठीक है माँ,में जल्दी ही लड़का देख लूंगा" सूरज बेचारा मायूस हो जाता है।
रेखा-"तेरे पिता होते तो अब तक शादी कर दी होती" माँ मायूस होते हुए बोली।
सूरज-"माँ आपको पापा की याद आती है" 
रेखा-" आती भी है तो उससे क्या फर्क पड़ता है सूरज,जो इंसान है ही नहीं उसके बारे में क्या सोचना"रेखा उदास होती हुई बोली।
सूरज-" सॉरी माँ मैंने आपका दिल दुखाया" बात करते करते घर आ जाता है, पूनम और तनु दोनों खुश होकर रेखा को गले लगा लेती है ।
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