RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
पूनम ने जैसे ही चूत के फांको को मसला उसका जिस्म सिहर उठा, साँसे ऊपर नीचे चलने लगी, बूब्स के निप्पल तन कर खड़े हो जाते हैं। पूनम एक हाँथ से चूत को सहलाती है तो दूसरे हाँथ से बूब्स मसलती है। जिस्म में कामुक उत्तेजना का उफान बढ़ने लगता है तो पूनम मेक्सी और पेंटी उतार देती है,पूनम की कुँवारी चूत पर हल्के हलके बाल उसकी चूत की शोभा बढ़ा रहे थे, पूनम झान्टो पर उंगलिया फिराने लगती है,फिर चूत की फांको में एक ऊँगली डालकर चूत के मुख पर लाल दाने को सहलाते ही उसका जिस्म झटके मारने लगता है, पूनम ऊँगली से चूत को छेड़ने लगती है,और जब उत्तेजना बढ़ जाती है तो चूत में ऊँगली डालकर घर्षणकरने लगती है। चूत से लगातार कामरस बह कर उसकी उंगलियां भीगने लगती है, बहता कामरस उसकी चूत में चिकनाई का काम कर रहा था । पूनम चूत में आज पूरी ऊँगली घुसेड़ने का प्रयास करती है परंतु चूत की गहराई और ऊँगली का छोटापन के कारण उसे आनंद नहीं आ रहा था, पूनम के मन में एक आइडिया आता है वो मेक्सी पहन कर किचेन में जाती है और आनन् फानन में दो केले उठाकर अपने कमरे में आकर तत्काल मेक्सी से उतार कर अपने जिस्म को आज़ाद कर देती है और दोनों टाँगे फेला कर बैठ जाती है, पूनम चूत की गर्मी और जिस्म की हवस के आगे गुलाम बन जाती है, पूनम एक केले का छिल्का उतार कर अपनी चूत में प्रवेश करती है, केला अंदर जाते ही चूत की दीवारो से रगड़ता है तो पूनम के मुख से सिसकारी फूटने लगती है, केले को जोरो से अंदर बाहर करने के कारण केला टूट जाता है, पूनम उल्टी होकर चूत से केला निकाल कर दूसरा केला चूत में डालती है, पांच मिनट तक केला चूत में अंदर बाहर करती है और झड़ जाती है, पूनम को आज से पहले इतना मजा कभी नहीं आया, पूनम की चूत से पानी की नदिया बहने लगती है, पूनम एक टेवल पर रखी एक प्लेट उठाकर चूत के आगे लगा देती है ताकि बेड और चादर गन्दी न हो, थोडा सा चूतरस प्लेट में आ जाता है बाकी एक कपडे से साफ़कर देती है, दोनों केला उसी प्लेट में रख देती और मेक्सी पहन कर लेट जाती है, पूनम काफी थक चूकी थी इसलिए लेटते ही नींद आ गई ।
सुबह 7 बजे सूरज की आँख खुलती है और जल्दी से फ्रेस होता है कंपनी जाने के लिए, तैयार होकर सूरज देखता है की सिर्फ माँ ही जगी हुई थी,वो किचेन में नास्ता तैयार कर रही थी।सूरज किचेन में जाता है और माँ को गुड़ मॉर्निंग बोल कर हग करता है ।
रेखा-" बेटा बड़ी जल्दी जग गया तू"
सूरज-" माँ पूनम और तनु दीदी अभी तक नहीं जगी"
रेखा-" अभी कहाँ बेटा दोनों 8 बजे से पहले नहीं जगती हैं"
सूरज-" अभी दोनों कुम्भकरण को जगा कर आता हूँ" सूरज सबसे पहले पूनम के कमरे में जाता है। पूनम बेसुध होकर तकिया को अपनी जांघो में फसां कर सोई हुई थी, मेक्सी ऊपर होने के कारण उसकी एक जांघ नंगी दिखाई देती है। सूरज पास आकर पूनम को जगाता है ।
सूरज-" दीदी उठो, और कितना सोओगी" पूनम कसमसा कर दूसरी ओर करवट लेकर सो जाती है इस बार पूनम की भारी भरकम नितम्ब सूरज के सामने आ जाते हैं, सूरज देख कर अनदेखा करते हुए पुनः जगाने लगता है।
सूरज-" दीदी उठो, सुबह हो गई" इस बार सूरज पूनम को पकड़ कर जगाता है, पूनम अंगड़ाई लेकर उठती है।
पूनम-" सोने दे न सूरज, क्यूँ जगा दिया तूने"
सूरज-" दीदी सुबह हो गई और कितना सोओगी, माँ अकेली किचेन में नास्ता बना रही हैं"
पूनम-" तू नास्ता कर ले न जाकर"
सूरज-" दीदी मुझे कंपनी जाना है"
पूनम-" आज कहीं नहीं जाएगा तू, आज तू मुझे घुमाने ले जाएगा,कल तूने प्रोमिस किया था"
सूरज-" ओह्ह ठीक है दीदी आप जल्दी तैयार हो जाओ,पहले कंपनी चलेंगे,फिर वहां से घूमने चलेंगे"
पूनम-"तू मुझे कंपनी दिखाएगा आज, रुक में अभी तैयार होती हूँ" पुनम यह कह कर कमरे में बने बाथरूम में घुस जाती है,सूरज उठने वाला ही होता है तभी उसे टेवल पर प्लेट रखी दिखाई देती है जिसमे केले रखे हुए थे, यह वही केले थे जो रात में पूनम ने अपनी चूत में डालकर अपनी हवस शांत की थी, और फेंकना भूल गई थी ।
सूरज को केला बहुत पसंद थे, अक्सर सुबह उठकर दूध के साथ खाता है, सूरज प्लेट उठाकर एक केला खाने लगता है, सूरज जैसे ही केला मुह में लेकर थोडा सा खाता है तो उसके होंठो पर और जीव्ह पर पूनम की चूत का कामरस आ जाता है, सूरज को थोडा अटपटा सा स्वाद लगता है, लेकिन फिर उसके मन में आता है की ज्यादा देर रखे होने के कारण केला पिघल गया है उसी की बजह से चिपचिपा रहा है और स्वाद भी बदल गया है। सूरज को ये केले और ज्यादा स्वादिष्ट लग रहे थे, सूरज प्लेट के सभी केले के टुकड़े खा लेता है,फिर देखता है प्लेट पर केला का जूस लगा हुआ है, ये केले का जुस नहीं बल्कि पूनम की चूत का जूस था जिसे सूरज चाटने लगता है । कामरस और केले का वास्तवीक रस घुला हुआ था। सूरज को यह जूस बहुत स्वादिष्ट लगता है, सूरज बड़े चाव से चाटने लगता है । तभी बाथरूम का दरवाजा खुलता है और पूनम जैसे ही सूरज को देखती है तो हैरान रह जाती है उसके पैरो के नीचे से जमीन खिसक जाती है, सूरज उसकी चूत से निकला पानी प्लेट से मुह लगा कर जीव्ह से चाट रहा था, पूनम को ऐसा लगा जैसे सूरज प्लेट से चूतरस नहीं बल्कि उसकी चूत चाट रहा हो।
पूनम-" सूरज ये क्या कर रहा है"
सूरज-" दीदी केले का जूस पी रहा हूँ,
पूनम-" इसमें रखे केले कहाँ गए"
सूरज-" वो तो में खा गया दीदी, केले देखकर मुह में पानी आ गया, इसलिए सारे केले खा गया" पूनम हैरान रह जाती है और सोचती है इसे स्वाद भी अलग नहीं लगा,
पूनम-" ओह्ह्ह वो तो ख़राब केले थे, में फेंकने ही वाली थी"
सूरज-" ख़राब केले थे, ख़राब कैसे हो गए,मुझे तो बहुत स्वादिष्ट लगे"
पूनम-(झूठ बोलते हुए)-" वो काफी देर के रखे हुए थे इसलिए ख़राब हो गए होंगे"
सूरज-" दीदी आप उनको ख़राब बोल रही हो जबकि इतने स्वादिष्ट केले मैंने आज तक नहीं खाए, और वो केला का जूस भी बहुत स्वादिष्ट था" सूरज हँसते हुए बोला,पूनम यह सुनकर उसकी चूत गीली होने लगती है।
पूनम-" ओह्ह सूरज, अब केले खा लिए न, तो अब जल्दी से चल कंपनी" पूनम बात को टालते हुए बोलती है।
सूरज-" दीदी बस अभी चल रहे हैं, पहले आप वादा करो की मुझे ऐसे केले आज फिर खिलाओगी" पूनम हैरान रह जाती है, और सोचने लगती है की मेरे छोटे भाई ने ये कौनसी दुबिधा में डाल दिया मुझे अब इसे कैसे बताऊ की यह मेरी चूत के पानी की बजह से स्वादिष्ट लग रहे हैं। अपने सगे भाई को भला कौनसी बहन अपनी चूत से निकले हुए केले खिलाएगी ।
सूरज-" क्या हुआ दीदी बोलो न,केले खिलाओगी न" पूनम वर्तमान में आती है ।
पूनम-" आते समय केले ले आउंगी पूरी रातभर खाते रहना"
सूरज-" दीदी मुझे स्वादिष्ट बाले केले खाने है"
पूनम-"ओह्ह्हो मेरे भाई खा लेना, अब जल्दी से मुझे कपडे पहनने दे, और तू भी जल्दी से नास्ता कर ले, चलना नहीं है क्या"
सूरज-" ओह्ह ठीक है दीदी आप कपडे पहनो, में नास्ता करके आता हूँ ।
10 मिनट बाद पूनम तैयार होकर बाहर आ जाती है और जल्दी से नास्ता करके सूरज के साथ कंपनी निकल जाती है ।
सूरज और पूनम दोनों बहन भाई कंपनी के लिए साथ साथ निकल जाते है, सूरज गाडी चलाता है और पूनम बगल बाली सीट पर बैठी गुमसुम अपनी सोच में डूबी हुई थी, पूनम केले बाली घटना को लेकर चिंतित थी, और हैरान थी की सूरज उसकी चूत से निकले केले और पानी को कैसे चाट गया, पूनम की चूत में चीटियाँ सी रेंग जाती थी जब वो यह घटना के बारे में सोचती थी।
सूरज-" दीदी क्या हुआ, कुछ तो बोलो" पूनम अपनी सोच से बाहर निकलती है। और विषय बदलती है ।
पूनम-" सूरज पापा कब आएँगे, माँ को पापा बाली बात क्यूँ नहीं बताई अभी तक"
सूरज-" दीदी बस एक दो दिन रुक जाओ, पापा आने बाले हैं एक दो दिन में, तब तक में कुछ और प्लानिंग के बारे में सोचा है"
पूनम-" प्लानिंग कैसी प्लानिंग सूरज"
सूरज-" दीदी माँ और पापा 22 साल बाद मिलेंगे तो एक बढ़िया सी पार्टी तो होनी ही चाहिए, पार्टी 15 जुलाई को रखी है उसी दिन माँ और पापा की शादी की साल गिरह भी है, माँ और पापा का मिलन उसी दिन हो तो अच्छा लगेगा"
पूनम-"वह्ह्ह् यह तो बहुत अच्छा सोचा है, लेकिन पार्टी कहाँ अरेंज करेंगे, और माँ को क्या बोलेंगे पार्टी के बारे में"
सूरज-" पार्टी हमारे फ़ार्म हॉउस में ही होगी, बस आप माँ को तैयार कर लेना कोई बहाना बना कर"
पूनम-" मतलब माँ और पापा की शादी जैसा कार्यक्रम करना है" चोंकते हुए ।
सूरज-" हाँ दीदी, इतने वर्ष बाद मिलेंगे तो कुछ अच्छा कार्यक्रम तो होना ही चाहिए"
पूनम-" ठीक है सूरज, लेकिन माँ के कपडे और बहुत सारा सामन खरीदना पड़ेगा"
सूरज-" आप माँ को लेकर जाओगी कपडे खरीदने और हाँ दीदी माँ को पार्लर भी लेकर जाना"
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज तू माँ को दुल्हन बनाना चाहता है"
सूरज-" माँ बाप अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए अपना पूरा जीवन लगा देते हैं तो क्या हम अपने माँ बाप की ख़ुशी के लिए इतना भी नहीं कर सकते, 22 साल से माँ पापा से अलग रही है, कितना खुश होंगी जब वो पापा को देखेंगी और पापा माँ को, पापा और माँ के जीवन में फिर से खुशियाँ लौट कर आएंगी,माँ एक फिर से दुल्हन बनेगी"
पुनम-" ओह्ह्ह तेरी बात ठीक है लेकिन माँ को इस उम्र में दुल्हन बनाना क्या ठीक रहेगा"
सूरज-" माँ की उम्र 44 वर्ष की जरूर है परन्तु माँ अभी 34 वर्ष की ही लगती है, आप देखना दीदी माँ बहुत खुश होगी, बस आपका साथ चाहिए मुझे"
पूनम-" में तो हमेसा तेरे साथ हूँ,तू जो भी करेगा अच्छा ही करेगा"
सूरज-" बैसे दीदी एक बात तो आपकी और तनु दीदी की शादी की उम्र है और हम माँ और पापा की शादी करबा रहें हैं"
पूनम-" तुझे बहुत फ़िक्र है मेरी और तनु की शादी की, तूने मुझे घर से निकालने का मन बना लिया है लेकिन में अभी शादी नहीं करुँगी सूरज"
सूरज-" दीदी आपका बिलकुल मन नहीं है शादी करने का"
पूनम-" मन तो है लेकिन अभी नहीं"
सूरज-" चलो कोई बात नही दीदी, जब मन करे तो बता देना आपकी शादी करबा दूंगा"
सूरज हँसते हुए बोलता है, बात करते करते कंपनी आ जाते हैं, तान्या पूनम को देख कर बहुत खुश होती है, पूनम इतनी बड़ी फेक्ट्री और कंपनी देख कर हैरान रह जाती है, तान्या और सूरज दोनों लोग पूनम को कंपनी दिखाते हैं, सूरज कंपनी में अपना काम निपटा कर पूनम को लेकर एक रेस्टोरेंट चले जाते हैं, दोनों लोग नास्ता करके फन सिटी घूमने जाते हैं, फन सिटी में पूनम और सूरज बहुत मस्ती करते हैं, उसके बाद सूरज पूनम को लेकर मॉल में जाता है दोनों लोग मूवी देखते हैं, पूनम आज बहुत खुश थी, इतना मजा उसे आज तक नहीं आया,मूवी देखने के बाद सूरज मॉल से कपडे खरीदने लगता है, तनु और रेखा के लिए मेक्सी और साडी खरीदता है, पूनम भी अपने लिए कपडे खरीदती है, दो तीन जीन्स और सलवार सूट लेने के बाद सूरज पेमेंट करता है तभी पूनम के मोबाइल पर रेखा का फोन आता है, रेखा विस्पर(पेड़) लाने के लिए बोलती है, पूनम और सूरज मॉल से निकल कर बाहर आते हैं, पूनम को एक मेडिकल दिखाई देता है, पुनम पेड लाने की सोचती है लेकिन सूरज की बजह से शरमा रही थी।
पूनम-" सूरज मुझे कुछ पैसे देना" पूनम पेड़ के लिए पैसे मांगती है, सूरज एक हज़ार रुपए निकाल कर पूनम को देता है।
पूनम-" सूरज पांच मिनट तू यही रुक में अभी आई"
सूरज-" दीदी कहाँ जा रही हो, मे भी साथ चल रहा हूँ"
पूनम-" बस पांच मिनट रुक में मेडिकल स्टोर से कुछ दवाई लेकर आती हूँ" पूनम झूठ बोलती है।
सूरज-" दवाई किसको लेकर जा रही हो, क्या हुआ आपको"
पूनम-" अरे तू टेंसन मत ले, दवाई माँ के लिए लेकर जा रही हूँ, बस पांच मिनट रुक जा" पूनम मेडिकल स्टोर पर चली जाती है, सूरज देख रहा था, पूनम ने पांच विस्पर पेड ले लिए ताकि आगे भी काम आते रहें। दुकानवाला विस्पर को एक पॉलीथिन में रख कर दे देता है। सूरज समझ नहीं पा रहा था की क्या है पॉलीथिन में, पूनम सूरज के पास आती है।
सूरज-" दीदी पॉलीथिन में इतनी दवाई का क्या होगा, इसमें तो बहुत सारी दबाई मालुम होती है" पूनम के पास कोई जवाब नहीं था, पूनम जैसे ही गाडी में बैठने बाली होती है तभी उसका पैर फिसल जाता है और विस्पर की पॉलीथिन फट जाती है, विस्पर जमीन पर गिर जाते हैं। सूरज एक दम से पूनम को पकड़ लेता है, पूनम गिरने से तो बच जाती है लेकिन विस्पर की पॉलीथिन गिरने के कारण फट जाती है, सूरज विस्पर को जमीन से उठाकर गाडी की सीट पर रख देता है।
सूरज-" दीदी आपके चोट तो नहीं लगी कहीं"
पूनम-"नहीं में ठीक हूँ" सूरज गाडी घर की ओर दौडा देता है ।
सूरज-" दीदी इन पैकेट में क्या है" सूरज पैकेट पर नाम पड़ता है विस्पर।
पूनम-" कुछ नहीं है रख दे । ये तेरे मतलब के नहीं है" पूनम शरमा रही थी ।
सूरज-" दीदी ये कौनसी दवाई है, और इतनी दवाई माँ के लिए, क्या हुआ है उन्हें, क्या कोई वीमारी है उन्हें, डॉक्टर को दिखा देंगे माँ के लिए" सूरज घबराता हुआ बोला, पूनम समझ जाती है की सूरज को वास्तव में नहीं पता है ये क्या है । हालाँकि सूरज मेसेज माहवारी के बारे में तो जानता था लेकिन विस्पर इस्तेमाल करते हैं यह नहीं पता था। पूनम सूरज की घबराहट और इतने सवाल सुन कर बोल ही देती है ।
पूनम-" ओह्ह्हो सूरज तू घबरा क्यूँ रहा है माँ को कुछ नहीं हुआ है, उनका महीना चल रहा है" पूनम साफ साफ़ बोल देती है लेकिन सूरज फिर भी समझ नहीं पाता है।
सूरज-"क्या महीना चल रहा है, कैसा महीना,साफ़ साफ़ बोलो दीदी" अब बेचारी पूनम क्या बोले।
पूनम-" जब तेरी शादी हो जाएगी न तब तू अपनी बीबी से पूछ लेना, महीना क्या होता है"
सूरज-" ऐसा क्या है ये महीना जो सिर्फ बीवी ही बताएगी, आप तो मेरी बड़ी बहन हो आप तो बता सकती हो"
पूनम-" तू नहीं मान रहा है तो सुन, माँ को मेंसेज हो रहे हैं मतलब माहवारी जो हर लड़की को प्रत्येक महीने होती है, अब समझा या और बताऊँ" अब शर्माने की बारी सूरज की थी,
सूरज-" ओह्ह्ह MC "
पूनम-" हाँ MC, इसका मतलब तुझे पता है ये क्या होती है" पूनम आवेश में पूछ लेती है ।
सूरज-" हाँ दीदी पता है, इतना भी छोटा नहीं हूँ में जितना आप समझती हो"
पूनम-" ओह्ह्हो में तो तुझे बच्चा समझती थी, इसका मतलब तू अब बड़ा हो गया है" इतने में ही घर आ जाता है । सूरज पूनम दोनों अंदर जाते हैं ।
पूनम तनु को ड्रेस देती है,तनु पूनम को गले लगा कर किस्स करती है । पूनम रेखा को भी उनके कपडे देती है । शाम के पांच बज 5 रहे थे । सूरज फोन निकाल कर देखता है तो संध्या की कई कॉल आई हुई थी, सूरज तुरंत गाडी लेकर घर पहुँचता है। संध्या सूरज को देख कर गले लगा लेती है, सूरज संध्या को कमरे में ले जाकर कपडे निकाल देता है और चोदने लगता है ।संध्या भी प्यासी थी,इसलिए सूरज से मन भर कर चुदवाती है। चुदाई के बाद सूरज जल्दी से कपडे पहनता है क्योंकि तान्या आने वाली थी, संध्या किचेन में जाकर खाना बनाती है तभी तान्या भी आ जाती है । तान्या फ्रेस होकर नीचे आती है । तीनो लोग मिलकर खाना खाते हैं ।
रात के दस बजे सूरज तान्या के रूम में जाता है, तान्या मेक्सी पहने लेटी हुई थी,
तान्या-" आ गया मेरा बाबू"
सूरज-" दीदी आपकी चूत कैसी है अब, मुझे देखने दो" सूरज मेक्सी उतार कर पेंटी निकाल देता है और चूत को देखने लगता है, सूरज ऊँगली डालकर देखता है तान्या गर्म हो जाती है । सूरज तान्या की चूत में जिव्हा डालकर चाटने लगता है, चूत से निकल रहे पानी को चाट चाट कर साफ़ करता है, तान्या बहुत गर्म हो जाती है, सूरज अपने कपडे उतार कर लंड तान्या की चूत में डाल देता है।
तान्या-"ओह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् सूर्या आराम से दर्द होता है"""
सूरज-"दीदी अब चूत में जगह बन गई है, अब दर्द नहीं हुआ करेगा,, सूरज पूरा लंड चूत में घुसेड़ देता है और धक्के मारने लगता है। तान्या भी आराम से चुदवा रही थी ।
तान्या-" ओह्ह्ह सूर्या और तेज आह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्, बहुत अच्छा लग रहा है । fuck m"
सूरज-" दीदी मस्त है तुम्हारी चूत ओह्ह्ह्हह्ह्ह्"
तान्या-"चोद मेरे भाई," सूरज घोड़ी बना कर चोदता है , तान्या दो बार झड़ चुकी थी ।
तान्या-"ओह्ह सूर्या मेरा होनेवाला है"
सूरज-"झड़ जाओ दीदी, उफ्फ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह" सूरज तान्या को नीचे लेटा कर चोदने लगता है,
तभी सूरज का मोबाइल बजता है, सूरज देखता है पूनम का फोन था ।
सूरज नीचे तान्या को धक्के मार रहा था ऐसे हालात में फोन को उठा लेता है ।
पूनम-" सूरज कहाँ है तू घर नहीं आएगा आज"
सूरज फारिग होने वाला होता है ऐसे में उसकी आवाज़ लडखडाती है ।
सूरज-"ह्हहाहाँ द द दीदी म म में घर र र र र ह ह हूँ,उफ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्हह् अह्ह्ह्ह" बहुत तेजी से साँसे चल रही थी और तान्या की सिसकारी । पूनम ऐसी आवाज़ बखूबी जानती है की कब मुख से निकलती हैं। पूनम समझ जाती है सूरज किसी के साथ सेक्स कर रहा है, लेकिन किसके साथ ये उसके लिए एक पहेली थी । पूनम फोन काट देती है। जब सूरज देखता है की दीदी ने फोन काट दिया तो घबरा जाता है ।
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