RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
मार्केट से खरीदारी करने के बाद सूरज होटल जाता है, तान्या सो रही थी ।
सूरज अपना बेग छुपा कर रख देता है। जेल क्रीम निकाल कर तान्या के पास आता है। सोते हुए तान्या बहुत मासूम और प्यारी लग रही थी, सूरज तान्या को किस्स करता है । सूरज तान्या का लोअर निकाल कर सूजी हुई चूत देखने लगता है । सूरज चूत पर किस्स करने लगता है जिससे तान्या की आँख खुल जाती है ।
तान्या-"अरे सूर्या तू आ गया, दवाई लाया नहीं, मुझे बहुत दर्द हो रहा है"
सूरज-" हाँ दीदी दवाई ले आया हूँ, अभी लगाता हूँ" सूरज तान्या की दोनों ताँगे फेला कर चूत के अंदर जेल क्रीम लगता है ।
तान्या-"ओह्ह्हूफ्फ् सूर्या आराम से,ऊँगली ज्यादा अंदर मत घुसा"
सुरज-" दीदी देखना आज शाम तक आपकी चूत सही हो जाएगी, शाम को चुदाई भी कर सकते हैं"
तान्या-" नहीं सूर्या तीन चार दिन तक तुझे कुछ करने नहीं दूंगी, अब घर चल कर सेक्स करेंगे" तान्या रोनी सूरत बना कर बोलती है ।
सूरज-" दीदी घर जाकर में आपको कैसे चौद पाउँगा, घर पर मम्मी भी तो हैं"
तान्या-"में कोई न कोई रास्ता ढूंढ़ ही लूंगी, अब बिना सेक्स के में भी नहीं रह पाउंगी सूर्या"
सूरज-" ठीक है दीदी,हमें शाम को निकलना है इंडिया,तैयारी कर लो"
जैल क्रीम लगाने से तान्या को थोडा आराम मिल चूका था । तान्या अपना बेग तैयार कर लेती है । तभी तान्या के फोन पर अमेरिका के बिजनेस असोसिएसन हेड का फोन आया जिन्होंने ने तान्या को सम्मान दिया था, वो भारत के ही निवासी थे ।
तान्या-"हेलो अंकल कैसे हैं आप"
अंकल-"में ठीक हूँ, आपने वादा किया था मेरे घर आने का, आप आई नहीं"
तान्या-" ओह्ह्ह अंकल में भूल गई, बस अभी 10 मिनट में आपके घर पहुँचती हूँ" तान्या अंकल जी का ऐड्रस ले लेती है और सूरज के साथ अंकल के घर पहुँच जाती है ।अंकल जी का घर बहुत ही आलीसान कोठी थी, बहुत से नोकर चाकर काम कर रहे थे ।
अंकल तान्या और सूरज को देख कर बहुत खुश होते हैं। काफी देर बातें करते हैं।
तान्या-" अंकल जी आप इंडिया में कौनसी जगह रहते हैं"
अंकल-" बेटा में मुम्बई में रहता था, 22 साल पहले अमेरिका आया और यहाँ आकर अपना बिजनेस खड़ा किया"
सूरज-"अंकल जी आपका परिवार कहाँ है?
अंकल-"मेरी बीवी और बच्चे मुम्बई में ही रहते हैं, मेरी पत्नी मुझे पसंद नहीं करती थी इसलिए में यहाँ आ गया" सूरज को झटका सा लगता है यह सुनकर, एक दिन संध्या माँ ने मधु मौसी को बताया था की उनके पति अमेरिका रहते हैं,
सूरज-"मन में"- कहीं यही तो तान्या दीदी के पापा तो नहीं है, तान्या दीदी के पापा का नाम बी.पी. सिंह है, मुझे पता करना होगा।
सूरज-"अंकल जी आपका नाम क्या है?"
अंकल-" मेरा नाम बी.पी.सिंह है, अमेरिका में मुझे सिंह साहब के नाम से जानते हैं" जैसे ही सूरज यह सुनता है तो हैरान रह जाता है, यही तान्या के पिता हैं, 22 साल पहले जब इन्होंने घर छोड़ा तब तान्या की उम्र 4 बर्ष थी और सूर्या तब पैदा हुआ था।
सूरज अपना मोबाइल निकाल कर संध्या के मोबाइल पर बी.पी.सिंह का फोटो भेजता है। ताकि सब कुछ साफ़ हो जाए। संध्या जैसे ही व्हाट्सअप पर अपने पति का फोटो देखती है तो हैरान रह जाती है और सूरज को तुरंत कॉल कर देती है। सूरज अलग जगह जाकर संध्या से बात करने जाता है। तान्या और बी पी सिंह सोफे पर बैठ कर बिजनेस की बातें ही कर रहे थे ।
संध्या-"सूर्या तू अभी कहाँ है" परेसान होते हुए ।
सूरज-' माँ में अमेरिका एक बहुत बड़े बिजनेस मैन बी पी सिंह अंकल के घर बैठा हूँ,क्या हुआ आप इतनी परेसान क्यूँ हो,कोई बात है क्या?"
संध्या-"बेटा जिनके पास तू बैठा है उन्हें अपने और मेरे बारे में कुछ मत बताना" सूरज समझ चूका था माँ क्यूँ परेसान है।
सूरज-"क्यूँ माँ क्या हुआ,आप उन्हें जानती हो क्या"
संध्या-" समझा कर बेटा, वक़्त आने पर बता दूंगी"
सूरज-"माँ क्या बात है तुम्हे मेरी कसम सच सच बताओ" सूरज कसम देता है तो संध्या बता देती है ।
संध्या-'बेटा वो तुम्हारे पिता हैं, मेरे पति बी पी सिंह"
सूरज-"क्या सच में माँ, यह मेरे पिता है, माँ आपने इन्हें छोड़ क्यूँ दिया?"
संध्या-" अभी कुछ मत पूछ जब तू घर आएगा तब बताउंगी" संध्या रोते हुऐ बोली।
सूरज-" माँ आप परेसान मत हो" फोन काट देता है, सूरज तान्या के पास जाकर बैठ जाता है।दोनों बाप बेटी एक दूसरे से अनजान होकर बात कर रहे थे । बी पी सिंह को भी नहीं पता था की तान्या मेरी ही बेटी है, लेकिन तभी बी पी सिह पूछता है।
बी पी सिंह-" बेटे तुम्हारे पिता क्या करते हैं?"
तान्या-" अंकल मेरे पिता तो इस दुनिया में रहे नहीं,मेरी माँ ने ही मुझे पाला है,और बिजनेस भी संभाला है"
बी पी सिंह-" ओह्ह तुम्हारी माँ बहुत अच्छी है, क्या नाम है तुम्हारी माँ का" सूरज यह सुनकर भयभीत हो जाता है की कहीं दीदी माँ का नाम न बोल दे लेकिन उससे पहले ही दीदी ने नाम बोल दिया।
तान्या-"मेरी माँ का नाम संध्या है अंकल जी" बी पी सिंह को एक तगड़ा झटका लगता है वो अपनी सीट से उछाल जाते हैं।अपनी ही बेटी से अनजान थे अब तक।बी पी सिंह की आँखों में आंसू थे । तान्या हैरान थी की अंकल को एकदम क्या हो गया। सूरज तो सब जानता ही था।
बी पी सिंह जब अपने बेटा और बेटी को देखता तो उसके आंसू नहीं रुकते हैं।
तान्या-"क्या हुआ अंकल आ रो क्यूँ रहे हो" बीपी सिंह कुछ बोल नहीं पाता है, आज 22 वर्ष के बाद उसने अपने बच्चों को देखा है । तान्या समझ नहीं पा रही थी, की अंकल को क्या हुआ है ।पास में बैठा सूरज भी बीपी सिंह के आंसू देख कर दया होने लगती है।
तान्या-"क्या हुआ अंकल जी कुछ तो बोलो"
बीपी सिंह-" बेटी मुझे अंकल मत बोलो,में तुम्हारा बाप हूँ,जिसे तुम्हारी माँ ने 22 साल पहले मुझे अपने से और बच्चों से दूर कर दिया था, में तुम्हारा और तुम्हारी माँ का दोषी हूँ बेटा" तान्या यह सुनकर हैरान रह जाती है और सूरज भी। तान्या भी यह सुनकर रोने लगती है।
तान्या-" क्या आप मेरे
पिता हो,लेकिन माँ ने बताया की वो मर चुके हैं" तान्या रोती हुई बोली।
बीपी सिंह-" नहीं बेटा जिन्दा हूँ में" तान्या समझ नहीं पा रही थी की ये कैसा मोड़ है जीवन का । सूरज ख़ामोशी से सब सुन रहा था । आखिर माँ ने पिता जी से दुरी क्यूँ बनाई यही सोच रहा था ।
तान्या-" आखिर माँ ने मुझसे झूठ क्यूँ बोला और आप कभी हमसे मिलने क्यूँ नहीं आए"
बीपी सिंह-" बेटा संध्या ने मुझसे एक वचन लिया था की कभी में वापिस लौट कर न आऊं तब से आज तक घुट घुट कर जिया हूँ, अमेरिका में धन दौलत तो बहुत है मेरे पास बस मेरा परिवार नहीं है, में अपने पापो की सजा आज तक भुगत रहा हूँ" तान्या यह सुनकर हैरान थी, और सुरज भी की आखिर कौनसा पाप किया है।
सूरज-"ऐसा कौनसा पाप किया था आपने, की माँ ने आपको हमसे दूर कर दिया"
बी पी सिंह-" मैंने तुम्हारी माँ से शादी लालच में की जबकि में पहले से ही शादी शुदा था" यह बात सुनकर तान्या और सूरज हैरान रह जाते हैं।
सूरज-"क्या आप शादी शुदा थे, फिर कहाँ है आपका परिवार, और लालच में आपने मेरी माँ से शादी क्यूँ की" सूरज यह राज जानने के लिए उत्सुक होता है ।
बीपी सिंह-" मेरा नाम भानु प्रताप सिंह है में उत्तर प्रदेश के जिला शामली में बसा मेरा छोटा सा गाँव किशनगढ़ का रहने वाला हूँ, मेरी पत्नी रेखा और मेरे तीन बच्चे पूनम तनु और सूरज हँसी ख़ुशी से रहते थे, में चौधरी राम सिंह के खेतो में काम करके अपना गुज़ारा करता था, एक दिन मेरे बेटे सूरज की तबियत ख़राब थी इलाज के लिए मैंने चौधरी से दस हज़ार रुपया कर्ज के रूप में लिया था, मैंने चौधरी के यहाँ दिन रात मेहनत की और कर्जे से ज्यादा रुपया चूका दिया लेकिन चौधरी मुझसे ब्याज के रूप में ज्यादा पैसा माँगता था,चौधरी बहुत जालिम और मक्कार किस्म का व्यक्ति था। मैंने चौधरी की नोकारी छोड़ कर शहर आ गया, चौधरी आग बबूला हो गया,कई बार उसने मुझे मारने की कोसिस भी की । इधर शहर में संध्या के पिताजी की फेक्ट्री में काम करके अपना घर चलाने लगा,में फेक्ट्री में बहुत मेहनत करता था और ईमानदार था ईसलिए संध्या के पिताजी ने मरते समय मुझसे वचन लिया की में संध्या से शादी कर लू, मै उनसे मना नहीं कर पाया और शादी कर ली। यह बात मैंने कभी रेखा को नहीं बताई की मैंने शहर में दूसरी शादी कर ली है । दो तीन साल तक सब कुछ ठीक चला, इधर चौधरी की नोकारी छोड़ने के कारन चौधरी ने मेरी पहली बीबी रेखा और बच्चों को मार दिया, यह बात मुझे चौधरी के ख़ास आदमी ने मुझसे बताई और कहा की यदि में गाँव गया तो मुझे भी मार देंगे। में अपनी बीबी और बच्चों के गम में रहने लगा, एक दिन यह संध्या को पता चला की में शादी शुदा हूँ तो उसने मुझसे दुरी बना ली और मुझसे अलग हो गई, में बहुत परेसान था, इसलिए सबसे दूर अमेरिका आकर बस गया, आज 22 साल हो गए मुझे परिवार से अलग हुए" सूरज जैसे ही यह सुनता है उसके पाँव तले जमीन खिसक जाती है।
सूरज और तान्या का एक ही बाप है,
सूरज-" आपका परिवार जिन्दा है, चौधरी के आदमी ने झूठ बोला है आपसे, आपके बीबी और तीनो बच्चे भी जिन्दा हैं" जैसे ही सूरज यह बोलता है तो बीपी सिंह और तान्या सूरज की ओर हैरत से देखने लगते हैं।
तान्या-"तुझे कैसे पता सूर्या की इनका पहला परिवार जिन्दा है?" हैरानी से पूछा।
बीपी सिंह-" बेटा यह तू क्या कह रहा है, मेरी पत्नी रेखा और तीनो बच्चों को चौधरी मार चूका है" अब सूरज सारी बताता है।
सूरज-" दीदी में सूर्या नहीं सूरज हूँ, इनकी पहली पत्नी रेखा का बेटा" सूरज सारी सच्चाई बता देता है की कैसे गाँव में चौधरी के अत्याचार के कारण शहर आया और संध्या माँ को मंदिर में बचाया, सूर्या का हमशकल होने के कारण सब उसे सूर्या समझने लगे।जैसे ही सूरज यह सच्चाई बताता है तान्या सुनकर हैरान हो जाती है, बीपी सिंह सूरज को गले लगा लेता है।
बीपी सिंह-" बेटा में अपनी पत्नी रेखा और दोनों बेटियो को देखना चाहता हूँ, आज में बहुत खुश हूँ यह सुनकर की तुम सब जिन्दा हो, अब में सुकून से मर सकूँगा"
सूरज-" पापा अब में सब ठीक कर दूंगा, दीदी आप भी माँ को कुछ मत बताना अभी बरना माँ सूर्या की मौत का सदमा सह नहीं पाएगी"
तान्या-"तूने इतना कुछ किया है सूरज, परिवार को बिखरने से बचाया है, में हमेसा तेरे साथ हूँ"
बीपी सिंह-" मुझे गर्व है अपने बेटे पर,बेटा मुझे पापा बोल दो, मेरे कान तरस गए हैं यह सुनने के लिए"
तान्या और सूरज पापा कह कर गले लग जाते हैं।
सूरज-"दीदी अब चलो फ्लाइट का समय हो गया है, पापा आप इंडिया आना जल्दी से"
पापा-"ठीक है बेटा में जल्दी आऊंगा, तुम दोनों जाओ" सूरज और तान्या दोनों लोग एअरपोर्ट जाते हैं, प्लेन में बैठ जाते हैं ।
सूरज-" दीदी आपको कोई शिकायत तो नहीं है मुझसे, मैंने यादास्त जाने का बहाना किया अब तक"
तान्या-"नहीं सूरज तूने तो घर आकर हमारी खुशियाँ लौटा दी, और हाँ तू गैर थोड़े ही है, मेरा भाई है तू, अब हम साथ साथ रहेंगे सूरज, तू मुझे मेरी बहनो से मिलवाना इंडिया चल कर"
सूरज -" ठीक है दीदी, माँ से और दोनों दीदी से मिलवाऊंगा" दोनों लोग बाते करते हैं । काफी लंबे सफ़र के बाद दोनों इंडिया आ जाते हैं । सूरज और तान्या घर आते हैं। संध्या सूरज को गले लगा लेती है और तान्या को भी।सूरज और तान्या फ्रेस होकर नीचे सोफे पर बैठकर
काफी देर आपस में बातें करते हैं ।
तान्या और सूरज पापा से हुई बात को तान्या को नहीं बताते हैं । रात के 10 बज चुके थे,तान्या सोने चली जाती है, सूरज और संध्या सोफे पर बैठ कर अभी बातचीत कर रहे थे । संध्या सूरज को अपने कमरे में ले जाती है ।
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