RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
कहानी को थोडा आगे बढ़ाते हुए
After 5 Month......
5 महीने का समय सूरज पूनम और तनु का
स्कूल क्लासेज में ही बीत जाता है ।
इन पांच महीनो में सूरज पूनम और तनु शहर के माहोल में ढल जाते हैं ।
वर्तमान परिवेश के हिसाब से सूरज पूनम और तनु मोबाइल, गाडी और कम्प्यूटर सब कुछ सीख जाती हैं ।
बड़े इंस्टिट्यूट के माहोल में आकर नई नई सहेलिया भी बना ली थी ।
पूनम तो बहुत सीधी लड़की थी लेकिन तनु की सहेलियों का बहुत बड़ा गैंग बना लेती हैं। पूनम ने भी अपनी हमउम्र की सीमा नाम की सहेली बना ली थी ।
सीमा दिल की बहुत अच्छी लड़की थी लेकिन सेक्स की बहुत प्यासी थी ।
जब भी पूनम के पास बैठती अपने bf की बाते और उसके साथ किए गए सेक्स की बातें करती रहती थी ।
पूनम सीमा को डांटती रहती लेकिन सीमा जब तक अपनी सेक्स की पूरी बात न बता देती तब तक उसे सुकून नहीं मिलता।
इन सब बातों को सुनकर पूनम के अंदर हलचल सुरु हो जाती थी और रात मे उंगलियो से अपने जिस्म की भड़ास को शांत कर लेती थी । ये उम्र का तकाज़ा ही ऐसा होता है। जिस प्रकार भूक मिटाने के लिए ईश्वर ने भोजन की व्यवस्था की है उसी प्रकार जिस्म की भूक शांत करने के लिए नर और नारी के निशेचन क्रिया की व्यवस्था की है ।
पूनम की उम्र के हिसाब से उसे पति की आवस्यकता महसूस होने लगी थी ।
कॉलेज में उसे कई लड़के लाइन भी मारते थे लेकिन डरती थी कहीं कुछ गलत न हो जाए। समाज और परिवार का भय ऊपर से उसका लालन पालन गरीबी में हुआ । पूनम हर अमीर लड़के से बात करने में कतराती थी । पूनम पढ़ने में होशियार थी कुछ ही समय में पूरा कॉलेज उसकी होशियारी की दाद देता था ।
तनु भी पढ़ने में बहुत होशियार थी लेकिन वह अपनी सहेलियों के साथ पुरे दिन गप्पे मारती रहती थी । तनु हँसमुख थी कॉलेज का हर लड़का उसे देख कर आहें भरता था । तनु लड़को को जलाने में बहुत मजा आता था । तनु की एक सहेली शैली नाम की थी बहुत ही चुदक्कड़ टाइप की थी । शैली सूरज पर बहुत फ़िदा थी । एक दिन तनु और शैली कॉलेज के केन्टीन में बैठी हुई थी तभी सूरज वहां आता है । तनु भाई को देख कर तुरंत अपने पास कुर्सी पर बैठाल लेती है ।
सूरज-" तनु दीदी आज आपने क्लास अटेंड नहीं की?
तनु-" नहीं सूरज बड़ा बोरिंग चेप्टर पढ़ा रहें हैं टीचर इसलिए केन्टीन आ गई ।
शैली-" सूरज तुम तो पुरे दिन पढ़ाई में ही चुपके रहते हो कभी हमारे पास भी बैठ जाया करो"" सूरज को बड़े सेक्सी अंदाज में बोलती है । तनु शैली को आँखे दिखाती हुई चुप रहने को बोलती है ।
सूरज-" शैली दीदी ! कॉलेज पढ़ाई करने के लिए होता है, कभी घर आओ वहीँ बैठ कर बातें करेंगे"" सूरज शैली को दीदी बोलता है । शैली मन ही मन चिढ जाती है ।
सूरज वहां से उठ कर क्लास अटेंड करने क्लास रूम में चला जाता है ।
शैली-" तेरा भाई कितना अकड़ू है कभी ढंग से बात ही नहीं करता है ।
तनु-" वो मेरा भाई है तू अपना हवसी दिमाग उसपर मत चला"हस्ती हुई बोलती है।
शैली-" कितना हेंडसम है तेरा भाई, एक बार सेट करवा दे, उसे भी रोमांटिक बना दूंगी"
तनु-' अपनी बकबास बंद कर शैली तुझसे उम्र में छोटा है" डाँटती हुई बोली
शैली-" उम्र में छोटा हुआ तो क्या बात है उसका पप्पू बड़ा होना चाहिए" तनु अपने भाई के बारे में ऐसी बात सुनकर शर्मा जाती है और शैली को मारने लगती है ।
तनु-" साली तू कभी नहीं सुधरेगी, तेरे दिमाग में सेक्स का कीड़ा घुसा है"
शैली-"वही कीड़ा तू एक बार घुसवा ले तुझे भी चस्का चढ़ जाएगा"शैली छेड़ती हुई बोली
तनु का चेहरा लाल पढ़ जाता है ।
सेक्स की बातों में तनु को बहुत मजा आता था ।
शैली ने तनु को सेक्स की सभी प्रकार की मूवी दिखा चुकी थी । कई बार तो शैली अपने घर तनु को बुला कर घर ले जाती थी जब घर पर उसके मम्मी पापा कहीं बहार होते थे । शैली लेपटोप में ब्लू फ़िल्म लगा कर तनु के सामने ही अपनी चूत में ऊँगली करने लगती थी । तनु चुपचाप देखती रहती कभी उसने शैली के सामने ऊँगली नहीं की हालांकि उसकी भी पेंटी गीली हो जाती थी ।तनु घर आकर बाथरूम में ऊँगली या टूथब्रूस का उल्टा हिस्सा अपनी चूत में डाल कर अपनी काम अग्नि को शांत करती थी।
सूरज को भी सेक्स में बहुत रुचि थी लेकिन किसी के साथ अपनी सेक्स फिलिंग्स को शेयर नहीं करता था ।
ज़िन्दगी ऐसे ही गुज़र रही थी ।
बदलते वक़्त और परिवेश में अपने आपको ढालते गए ।
लेकिन आने वाला समय एक तूफ़ान की ओर अग्रसर था जिससे तीनो बहन भाई अनजान थे ।
ये तूफ़ान हवस का था। देखते हैं इस तूफ़ान से किस किस की ज़िन्दगी बदलती है।
समय का पहिया अपनी रफ़्तार से बढ़ रहा था । ये रफ़्तार इतनी तेज थी की
सूरज और पूनम तनु की ज़िन्दगी भी बदल सी गई थी ।शहर की इस ज़िन्दगी ने पुरानी
गाँव की यादों को बहुत पीछे छोड़ दिया था। गाँव के उस काले अतीत को सभी ने अपने दिलो दिमाग से निकाल दिया था।
सभी अपने इस आधुनिक जीवन से खुश थे।
संध्या अपने बेटे के भोलेपन और मधुर व्यवहार से खुश थी ।
तान्या अपने काम से काम रखती थी
कंपनी को संभालने में ही उसका पूरा दिन लग जाता है
इधर पूनम और तनु कॉलेज से घर और सहेलियों में दिन कब कट जाता है ।
थोडा बहुत समय मिलता है तो whatsap और fecebook में चेंटिंग करती रहती है ।
सूरज ने दोनों बहनो को android फोन दिलवा दिया था ।
सूरज ने तनु के लिए एक्टिवा गाडी दिलबा दी थी स्कूल जाने के लिए, पूनम और तनु एक साथ स्कूल जाती और आती थी ।
सूरज खुद bike या कभी कार से स्कूल आता जाता था ।
स्कूल में तनु शैली पूनम और सीमा की मस्ती चलती रहती थी ।
एक दिन सूरज केंटीन में बैठ कर कोल्डरिंग पी रहा था । तभी तनु और शैली सूरज के पास आती हैं ।
तनु-" सूरज भाई अकेले ही बैठकर कोल्डरिंग पी रहे हो"
सूरज-"ओह्हो तनु दीदी आप, बैठो आपके लिए कोल्डरिंग मंगवाता हूँ ।
शैली-" सिर्फ अपनी दीदी के लिए और में क्या पियूँगी? शैली नटखट अंदाज़ में बोलती है ।
सूरज-" आपके लिए भी मंगवाता हूँ शैली दीदी बैठो ।कुर्सी पर बैठने के लिए बोलता है ।
बेटर सबके लिए कोल्डरिंग और नास्ता लगाता है ।
तनु-" सूरज आज शैली का बर्थ डे है"
सूरज-" ओह्हो अच्छा Happy birth Day शैली दी ।
शैली-" इस तरह wish कबुल नहीं करुँगी"शैली मुँह बनाते हुए बोली
सूरज-" फिर कैसे दीदी"
शैली-" आज मेरे घर पर आकर celebrete करना होगा तुम्हे और तनु को"'
सूरज-" में नहीं आ पाउँगा तनु दीदी चली जाएगी"
तनु-" सूरज में अकेली नहीं जाउंगी, वो भी रात में"
शैली-"में कुछ नहीं सुनना चाहती हूँ तुम दोनों को ही आना पड़ेगा मेरे घर"
सूरज-" ठीक है आ जाउंगा" शैली और तनु खुश हो जाती हैं ।
शैली-" 9 बजे से आ जाना पक्का, बरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा"शैली अपना हुकुम सुनाती हुई बोलती है ।
तीनो हँसने लगते हैं । इंस्टिट्यूट की छुट्टी के बाद सभी अपने घर चले जाते हैं ।
सूरज घर आकर कंपनी के बारे में स्टडी करने लगता है । अपनी कंपनी के बारे में बहुत कुछ सीख गया था ।लेकिन अभी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार नहीं था।
संध्या सूरज की इस लगन को देख कर बहुत खुश थी ।
सूरज का अधिक समय पढ़ाई में निकलता था ।
ज्यादा थक जाने पर सो जाता था ।
सूरज अपने कमरे में सो रहा था तभी उसका मोबाइल बजा
सूरज मोबाइल देखता है तनु की कई मिस्ड कोल थी ।सूरज को याद आता है उसे आज शैली के जन्मदिन पर घर उसके घर जाना था।
सूरज फोन उठाता है ।
तनु-"सूरज कहाँ हो कबसे फोन कर रही हूँ"
सूरज-"दीदी कंपनी में हूँ पता नहीं चल पाया"(सूरज ने पूनम तनु और रेखा को यही बताया था की वो कंपनी में ही रहता है)
तनु-" 9 बज रहें है शैली के घर भी जाना है"
सूरज घडी में समय देखता है तो चोंक जाता है ।
सूरज- दीदी बस 15 मिनट में आ रहा हूँ आप तैयार मिलो"
तनु-"में तैयार हूँ तुम जल्दी आओ"
सूरज-" बस अभी आया"फोन काट देता है।
सूरज आनन् फानन में तैयार होकर नीचे आता है ।
संध्या कंपनी की फ़ाइल पढ़ रही थी।
सूरज-"माँ में एक दोस्त के जन्मदिन में जा रहा हूँ । थोडा लेट हो जाऊँगा"
संध्या-" बेटा रात ज्यादा हो जाए तो बहीं रुक जाना और मुझे फोन कर देना, संभल कर जाना।
सूरज-" ठीक है माँ"
संध्या-" गाडी से जाना bike से नहीं
सूरज-"okkk मेरी माँ, जा रहा हूँ लेट हो गया हूँ ।
सूरज गाडी निकाल कर चल देता है ।
गाडी को खुद ही ड्राइव कर बड़ी तेजी से रोड पर दौड़ता हुआ 15 मिनट में फ़ार्म हाउस पहुँचता है ।
तनु बहार ही सूरज का इंतज़ार कर रही थी । सूरज गाडी को तनु के पास रौकता है और आगे वाली फ्रोन्ट सीट बैठा कर पुनः गाडी को हाईवे पर दौड़ाने लगता है ।
तनु-" कितनी देर लगा दी सूरज, शैली पचास बार कॉल कर चुकी है मेरे पास"
सूरज-" सॉरी दीदी" तनु की ओर देखते हुए बोलता है । तनु पंजाबी कुर्ती और ब्लैक लेगी पहनी हुई थी ।बहुत सुन्दर लग रही थी।
सूरज-" वाह्ह दीदी इस ड्रेस में पंजाबन कुड़ी लग रही हो एक दम गज़ब"'
तनु-" ग़ज़ब तो में हूँ ही, इसमें कोई शक नहीं है" तनु atitude में बोलती, मजाक के लहजे में और हसने लगती है ।
सूरज-" वो तो है दीदी, मेरी दीदी गज़ब तो होगी ही"' हस्ते हुए
बात करते हुए शैली का घर आ जाता है ।
सूरज गाड़ी को साइड में लगा कर लोक करता है ।
तनु गेट बजाती है ।
दरवाजा शैली खोलती है और तनु को भला बुरा कहने लगती है ।
शैली-" आ गई महारानी, बड़ी जल्दी आ गई तुम"
तनु-" में तो जल्दी तैयार हो गई, सूरज ही लेट आया तो में क्या करू"'
जब तक सूरज भी आ जाता है ।
सूरज-" दीदी बहार ही खड़ा रखोगी क्या, अंदर तो आने दो"
तनु-"ओह्हो में तो भूल ही गई ।
तीनो लोग अंदर आते हैं ।
तनु बहुत सेक्सी हॉट ड्रेस पहनी हुई थी ।
जिसमे उसके आधे बूब्स और झाँघे नंगी थी। सूरज की नज़र कभी उसके बूब्स पर जाती तो कभी उसकी जांघो पर ।
शैली का घर बहुत आलीसान बना हुआ था । सूरज लॉन में पड़े सोफे पर बैठ जाता है
तनु शैली के साथ किचेन में थी ।
शैली बात तनु से कर रही थी लेकिन उसकी नज़र सूरज पर थी ।
शैली सूरज के लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आती है । जैसे ही झुकती है उसके बूब्स सूरज के सामने आ जाते हैं ।टॉप के अंदर ब्रा न होने के कारण उसके निप्पल सूरज को दिखाई दे जाते हैं ।
सूरज हड़बड़ा सा जाता है आज से पहले उसने किसी लड़की के खुले बूब्स और निप्पल तक नहीं देखे । सूरज के जिस्म में खुनी बड़ी तेजी से दौड़ने लगता है ।
सूरज कभी शैली के बारे में गलत नहीं सोचता था हमेसा उसे दीदी की तरह ही मानता था ।
शैली भी सूरज की नज़र अपने बूब्स पर पाकर मंद ही मंद मुस्करा देती है ।
उसके चेहरे की कुटिल मुस्कान से ऐसा लग रहा था की उसने ये सब जानबूझ कर किया हो ।
शैली-" क्या हुआ सूरज पियो न" सूरज हड़बडाता हुआ कोल्डरिंग का ग्लास लेकर पिने लगता है । शैली भी कम नहीं थी
अपनी हर बात को ऐसे बोलती थी जिसका दो अर्थ निकलता हो ।
सूरज-" धन्यवाद दीदी" कोल्ड ड्रिंक का ग्लास खाली करते हुए बोलता है ।
शैली-" सूरज कोल्ड ड्रिंक और पीओ न" फिर से झुक कर सूरज के ग्लास में कोल्ड ड्रिंक डालने लगती है लेकिन सूरज मना कर देता है । सूरज की नज़र फिर से शैली के बूब्स पर पहुच जाती है इस बार पहले से ज्यादा उसके बूब्स और निप्पल दिखने लगते हैं । सूरज के जिस्म में उत्तेजना का संचार होने लगता है और उसके लिंग में तनाव महसूस करता है । तनु इन सब से बेखबर थी । किचेन में ही खड़ी होकर कोल्ड ड्रिंक पी रही थी ।
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