RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
भारतीय संस्कृती की और रिश्ते की बुनियादी जड़ हिंदुस्तान ही एक मात्र देश है
जहां रिस्तो की कद्र है । प्रत्येक व्यक्ति रिस्तो की मर्यादा को ध्यान में रख कर ही
अपनी मानसिक सोच को ढालता है ।जिसकी कुछ सीमाएं और मर्यादाएं जैसी शर्ते होती है। । इसी सोच को संस्कार कहा गया है । और इसका जीता जागता उदहारण तनु थी ।
कपडे के बड़े शोरुम में अपने लिए और
पूनम दीदी के लिए पेंटी और ब्रा लेने में झिझक रही थी। और ये जिझक जायज भी थी क्योंकि उसका भाई सूरज उसके साथ था ।
कपड़ो की खरीदारी हो चुकी थी । माँ और पूनम के लिए भी 3-4 जोड़ी कपडे ले लिए थे । सूरज ने तन ढकने वाले कपडे तो खरीद लिए थे लेकिन तन के भीतरी अंग ढकने वाले कपड़ो के बारे में उसका कोई ध्यान नहीं था ।पहली बार इतने आलिशान दूकान पर कपडे खरीदना का पहला अनुभव पा कर दोनों भाई बहन बहुत ही गोरवान्वित महसूस कर रहे थे । तनु अपने भाई के इस शहरी रूप को देख कर बहुत गर्व कर रही थी ।
शॉपिंग पूरी होते ही सूरज कपड़ो के भुगतान के लिए मुख्य काउंटर की तरफ जाता है ।
सूरज-" दीदी सबके लिए कपडे तो खरीद लिए कोई और ड्रेस आपको पसंद हो तो खरीद लीजिए ।
तनु असमंजस में पड गई थी की भाई से
कैसे कहे की उसे पेंटी और ब्रा भी खरीदनी है । तनु अकेली होती तो लेडीज सेलर से पेंटी ब्रा मांग लेती लेकिन सूरज तनु के साथ ही रहा । तनु अपनी सोच से बहार निकलते हुए ।
तनु-" नहीं सूरज ड्रेस तो बहुत सारी ले ली
और क्या खरीदूं ? कुछ याद आएगा तो बाद में खरीद लुंगी ।
सूरज-" ठीक है दीदी । में कपड़ो का भुगतान करके आता हूँ आप दो मिनट रुको""
सूरज तनु को वहीँ खड़ा करके भुगतान के लिए मुख्य काउंटर पर जाता है ।
सूरज जैसे ही मुख्य काउंटर पर जाता है तभी उसे भुगतान काउंटर के पास ब्रा और पेंटी की शॉप दिखाई दी जिस पर लड़कियो के फेसनेवल ब्रा और पेंटी के एड फ्लेक्स लगे हुए थे । सूरज तो फ्लेक्स में छपी लड़की जो ब्रा में थी उसकी फेन्सी ब्रा में कैद बूब्स और ब्रा को बड़े गोर से देख रहा था ।
सूरज भुगतान करने के लिए पेमेंट काउंटर पर जाता है और पेमेंट करने के लिए बोलता है । पेमेंट काउंटर वाली लड़की बहुत सुन्दर और फेसनेवल टॉप पहनी थी जिसमे उसकी ब्रा में कैद बूब्स दिखाई दे जाते हैं ।
सूरज उस लड़की से कपड़ो के बिल के लिए बोलता है ।
लड़की कंप्यूटर पर झुक कर पूरा हिसाब किताब लगाने लगती है । झुकने के कारन उसकी ब्रा में कैद बूब्स दिखने लगते है ।
सूरज की नज़र बार बार बूब्स पर जाती है । उस लड़की की ब्रा देख कर सूरज का दिमाग ठनकता है । ऊपर बाले का खेल बड़ा ही निराला होता है । जिस बात को तनु अपने भाई से कह नहीं पर रही थी । ऊपर बाले ने उसे वाही चीज दिखा दी ।
सूरज अपने मन में सोचता है की तनु दीदी ने ब्रा और पेंटी तो खरीदी नहीं है ।
सूरज सोचता है" शायद दीदी शर्म की बजह से मुझसे कह नहीं पाई होंगी, अब में दीदी से कैसे कहूँ ब्रा और
पेंटी खरीदने के लिए आखिर वह मेरी बहन है, मुझे कुछ तो करना होगा ।
तभी पेमेंट वाली लड़की सूरज से बोलती है ।
लड़की-" सर जी 22000 हजार रुपए का बिल हुआ है आपका" बिल देते हुए लड़की बोली
सूरज जेब से एक लाख की नोटों की गड्डी में से पूरा भुगतान करता है । सूरज सोचता है की क्यूँ न में ही ब्रा पेंटी खरीद लू, लेकिन वह शर्मा भी रहां था और सोच रहा था की तनु दीदी को कैसे दूंगा । क्या सोचेगी मेरे बारे में ?
बहुत ही सोचा विचारी करने पर सूरज के मन में एक आइडिया आया और वह सेल गर्ल के पास जाता है । सूरज सेल गर्ल के पास जाता है और उसे बोलने में बड़ी शर्म महसूस कर रहा था ।
सेल गर्ल-' जी कहिए सर आपको क्या दिखाऊं ?
सूरज-" मेडम एक मदद कर दीजिए वो अंदर काउंटर पर एक लड़की खड़ी है उसे ब्रा और पेंटी खरीदने के लिए तैयार कर लीजिए ।
लड़की-" सर आप ही बोल दीजिए उनसे?
सूरज-" मेडम में उनसे बोल नहीं सकता हूँ प्लीज़ आप मेरी मदद कीजिए ।
लड़की मान जाती है । और तनु के पास जाती है ।सूरज सोचता है तनु दीदी मेरे सामने ब्रा नहीं खरीद पाएँगी इसलिए मुझे थोड़ी देर यहां से हट जाना चाहिए ।
सूरज तनु के पास जाता और बोलता है
सूरज+" दीदी में अभी 20 मिनट में आता हूँ जब तक आप कुछ और ड्रेस खरीद लो ।
तनु-' ठीक है सूरज, जल्दी आना" तनु की तो मन की मुराद ही पूरी हो गई थी । सूरज जैसे ही दूकान से बहार निकलता है तनु ब्रा और पेंटी खरीदने के लिए ब्रा काउंटर देखने लगती है तभी वाही लड़की तनु के पास आती है जिससे सूरज ने तनु के पाद भेजा था ब्रा खरीदने के लिए ।
लड़की-' मेडम में आपके लिए सुन्दर और फेसनेवल ब्रा और पेंटी ऑफर करना चाहती हूँ । क्या आप देखना चाहेगी ?
तनु-" हैरान होते हुए" हाँ बिलकुल में भी ब्रा और पेंटी की दूकान ढूंढ रही थी ।
लड़की-" हाँ मुझे पता है मेडम" अचानक लड़की के मुह से निकल जाता है ।
तनु हैरानी से उस लड़की को देखने लगती है
लड़की-' बात को संभालते हुए-" वो क्या है न मेडम आप इधर उधर देख रही थी तो मुझे लगा शायद आपको ब्रा पेंटी चाहिए"
तनु-" हाँ जी मुझे चाहिए तो थी लेकिन मेरे भैया मेरे साथ थे इसलिए में खरीद नहीं पाई
लड़की-" ओह्हो तो वह आपके भैया थे क्या? फिर से जुबान फिसली सेल गर्ल की।
तनु-"क्या आप जानती है मेरे भैया को?
लड़की-" हाँ जी वो अभी तो आपके साथ थे तब देखा था-" फिर से बात संभालते हुए बोली
लड़की तनु के लिए अपनी शॉप पर लेकर जाती है । तनु माँ और दीदी की ब्रा का साइज़ बता कर पेंटी खरीदती है ।
जीवन में पहली बार तनु में स्वयं के लिए ब्रा और पेंटी खरीदी थी इससे पहले गाँव में तो बाज़ार या मेला में रेखा ही स्वयं और दोनों बेटिओं के लिए खरीद कर ले आती थी ।
लड़की सेलर-" मेडम आपका साइज़ क्या है ब्रा का? सेल्स गर्ल के द्वारा खुद की ब्रा का साइज़ पुछने पर तनु शर्मा गई, आज से पहले उसने अपना साइज़ सिर्फ माँ या दीदी को ही बताया था ।
तनु-" मीडियम दे दो"
लड़की-"हस्ते हुए! अरे मेडम में लड़की हूँ मुझसे क्यों शर्मा रही हो आप? नम्बर बताइए अपना और जिनके लिए आप ब्रा लेने आई हो"'
तनु-" 32D दे दीजिए" दो ब्रा" इस बार बिना झिझक के साइज़ बोल दिया
सेल्स बाली लड़की ने दो ब्रा निकल दी और उसी के साइज़ की पेंटी भी ।
सेल्स लड़की-' दूसरा साइज़ बताइए मेडम"
तनु-"34D की दो ब्रा और पेंटी भी' सेल्स लड़की ने फेसनेवल पेंटी और ब्रा निकाल दी ।ये ब्रा पेंटी पूनम के लिए थी ।अब माँ के लिए बाकी थी, सेल्स बाली लड़की के बोलने से पहले ही तनु ने तीसरे ब्रा का साइज़ बोल दिया ।
तनु-" 36D की 2 ब्रा निकाल दीजिए साथ में पेंटी भी"
सेल्स गर्ल ने सभी की ब्रा और पेंटी को पैक कर दिया तनु ने सभी ब्रा बिना देखे ही पैक करवा ली चूँकि उसे शर्म आ रही थी और दूसरा डर सूरज का भी था की कहीं आ न जाए इसलिए जल्दबाजी में सभी ब्रा पेंटी को पैक करवा ली ।
तनु काउंटर से हटने बाली ही थी तभी सेल्स बाली लड़की बोली
लड़की-" मेडम आपने इतनी खरीदारी की है इसलिए आपको एक विशेष ऑफर हमारी तरफ से फ्री दिया जाता है ।
इस ऑफर में आपको दो ब्रा और पेंटी आपकी साइज़ की मुफ़्त दी जाती हैं ।
लड़की ब्रा और पेंटी का एक बहुत ही फेसनेवल गिफ्ट देते हुए बोली।
तनु ने गिफ्ट लेकर उस लड़की को धन्यवाद बोला ।
सेल्स लड़की-" वैसे मेडम एक बात कहूँ ?
तनु-" हाँ जी बोलिए
लड़की-" आप बहुत लकी हो आपका भाई बहुत
समझदार है । जो अपनी बहन का इतना ख्याल रखता है ।
तनु-" जी हाँ वो तो है, मेरा भाई लाखो में एक है।
लड़की-" हा सही कहा आपने, आपके पर्सनल कपडे खरीदने
के कारण वो बेचारे बहार खड़े हैं बहुत देर से ।ताकि आप आराम से ब्रा और पेंटी खरीद सको'' तनु यह सुनकर
चोंक जाती है और सोचने लगती है की जानबूझ कर मुझे अकेला
छोड़ कर गए ताकि में आराम से ब्रा खरीद सकु और शर्म के कारण ।
भाई कितना समझदार हो गया है मेरा, कितना ध्यान रखता है ।
तनु अपने मन में यही सोच रही थी और शर्म भी महसूस कर
रही थी । इसी सोच में तनु डुबी हुई थी ।
लड़की-' क्या हुआ मेडम किस सोच में पड गई आप।
तनु-" जी कुछ नहीं"'
तनु तो सिर्फ सूरज के बारे में सोच रही थी,
एक भाई अपनी बहन से सीधे नहीं बोल सकता इसलिए उस सेल्स वाली लड़की से कहा यही सोच रही थी
तभी सूरज अपने निर्धारित समय पर आ जाता है और उस लड़की को गोर से देखता है ।
तभी वह लड़की सूरज को देख कर मुस्करा देती है सूरज समझ जाता है की काम हो गया ।
सूरज काउंटर पर ब्रा पेंटी का भुगतान करता है और तनु को लेकर शॉप के बहार आ जाता है ।
तनु शर्माती हुई सूरज के साथ शॉप से बहार निकलती है ।
सूरज सारा सामन गाड़ी में रखता है ।
समय काफी हो चुका था इसलिए सूरज तनु को गाडी में वैठा कर घर की और निकल जाता है ।
दोनों भाई बहन गाडी में बैठ गए। घर की ओर रवाना हो गए, तनु जीन्स और टॉप में बेहद सुन्दर लग रही थी कोई नहीं कह
सकता था की वह गाँव की लड़की है ।
शहर की पढ़ी लिखी लड़की लग रही थी ।
हालांकि रेखा ने अपने तीनो बच्चों के लिए 12वीं तक पढ़ाया था । तीनो बच्चे स्कूल में
अच्छी पोजीसन में थे, स्कूल में हमेसा प्रथम ही आते थे लेकिन पैसे के अभाव में तीनो बच्चों की शिक्षा बीच में ही रोकनी पड़ी ।
रेखा स्वयं हाई स्कूल तक पढ़ी थी इसलिए उसने तीनो बच्चों के लिए पढ़ाया ।
तनु के इस नए रूप को सूरज निहार रहा था। सूरज को यकीन नहीं हो रहा था की
उसकी बहन इतनी सुंदर है की शहर की शहरी लड़की भी उसके सामने फ़ैल है ।
सूरज सोच रहा था की यदि तनु पुन: अपनी पढ़ाई पूरी कर ले तो शायद अच्छा परिवार मिल जाएगा और उसने जो सपने देखें हैं वह भी पुरे हो जाएंगे । गाँव में पैसो के कारण पढ़ न सकी लेकिन अब में तनु और पूनम दीदी को पढ़ा सकता हूँ अच्छे इंस्टिट्यूट में।
शहर में पढ़ाई करने से दो फायदे भी होंगे ।
एक तो शहर के माहोल को समझ लेंगी
और नोकारी भी कर सकती हैं ।
सूरज सोचता है एक बार बात करनी चाहिए
दोनों बहनो से ।
तनु सूरज से बोलती है ।
तनु-" सूरज क्या हुआ, क्या सोच रहे हो?
सूरज-" कुछ नहीं दीदी, में सोच रहा था की तुम और दीदी अपनी पढ़ाई फिर से सुरु कर दो ।में आप दोनों की पढ़ाई का बोझ उठा सकता हूँ ।आप पढ़ाई करोगी तो आपके सपने पुरे होंगे दीदी" तनु भी आगे पढ़ना चाहती थी,
तनु-" ठीक है सूरज में पढ़ाई के लिए तैयार हूँ ।
सूरज-" में किसी अच्छे स्कूल में आप दोनों का एड्मिसन करवा दूंगा" बात करते करते घर आ गया ।
सूरज और तनु गाडी से निकलते हैं ।
सूरज कपड़ो का बेग गाडी से निकालता है ।
कपड़ो का बेग पूरी तरह से भरा हुआ था,
सूरज ने जब कपडे उठाए तो शॉप वाली लड़की के द्वारा तनु को दिया गया गिफ्ट गाडी के सीट के निचे ही गिर गया ।
सूरज ने कपड़ो का बेग निकाल कर घर के अंदर लेकर गया ।
पूनम और रेखा दोनों बैठ कर सूरज की इस
तरक्की के गुणगान ही कर रही थी ।
जैसे ही पूनम ने तनु और सूरज को देखा तुरंत तनु के पास पहुंची।
पूनम ने तनु को जीन्स और टॉप में देखा तो
वह पहचान ही नहीं पाई की ये तनु है ।
तनु के इस शहरी रूप को देख कर उसे
बहुत अच्छा लगता है ।
पूनम-" अरे वाह्ह तनु तू तो इन कपड़ो में बहुत सुन्दर लग रही है,
बिलकुल शहरी लग रही है ।
तनु-" शर्मा कर! दीदी तुम्हारे लिए भी
सूरज ने जीन्स और टॉप ख़रीदे हैं ।
पूनम खुश हो जाती है ।
पास में खड़ी रेखा दोनों बेटियों को खुश
देख कर बहुत खुश होती है ।
पूनम-" मेरे कपडे दिखाओ? तनु पूनम के लिए लाए गए
सभी कपडे पूनम को देती है और माँ की
साडी निकाल कर देती है ।
रेखा इतनी सुन्दर साडी देख कर बहुत खुश
होती है और अपने बेटे को बहुत दुआएं देती है । सूरज लोन में पड़े सोफे पर बैठा देख रहा था, सबको खुश देख कर वह भी बहुत खुश था ।
तनु बेग से पेंटी और ब्रा लेकर रूम में लेकर जाती है ।पूनम भी उसके साथ जाती है ।
तनु-" दीदी इसमें पेंटी और ब्रा हैं अपनी और
मेरी निकाल लो । माँ की ब्रा और पेंटी भी इसी में है ।
पूनम-" तूने खरीदी कैसे, सूरज तो तेरे साथ में था ?
तनु-"क्या बताऊँ दीदी अपना सूरज तो
बहुत समझदार है"
पूनम-" क्या सूरज ने खरीदी हैं ये" पूनम चोंकते हुए बोली
तनु-" नहीं दीदी सूरज तो बहार चला गया था " तनु शॉपिंग की सारी बातें पूनम को बता देती है । पूनम को बड़ा गर्व होता है
भाई की इस समझदारी पर ।
पूनम-" बाकई ये तो सूरज ने बड़ी समझदारी दिखाई है ।
कितना समझदार है अपना भाई ।
तनु-" हाँ दीदी
पूनम-" ब्रा और पेंटी दिखा" तनु बेग खोल कर पूनम की 34 साइज़ की ब्रा और पेंटी देती है । जैसे ही पूनम ब्रा और पेंटी खोल कर देखती है उसकी आँखे फट जाती है ।
बहुत ही फेसनेवल ब्रा और पेंटी थी ।
पूनम-" तनु ये तो बहुत महंगी आई होंगी ।
इस तरह की तो मैंने आज तक नहीं देखि है । तनु भी अपनी ब्रा पेंटी देखती है,
उसकी ब्रा पेंटी भी पूनम की तरह फेसनेवल
थी । रेखा की ब्रा पेंटी भी वैसी ही थी ।
तनु-" दीदी पहन कर चेक कर लो कैसी है।
और अपनी जीन्स और टॉप पहन कर देख लो ।
पूनम-" ठीक है अभी बाथरूम में पहन कर देखती हूँ" पूनम तुरंत वाथरूम में एक ब्रा और पेंटी
लेकर कर जाती है ।अपनी सलवार सूट निकाल कर बाथरूम में लगे शीशे से अपने बदन को देखती है ।
पूनम सलवार सूट के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी ।
अपने आपको शीशे में निहार कर उसे बड़ी शर्म सी आ रही थी।
आज तक उसने शीशे में कभी अपना संगमरमर जैसा बदन नहीं देखा था ।
अपने दूधिया उभारो को देख कर उसे शर्म सी आ रही थी ।
पूनम तुरंत नई ब्रा लेकर पहन कर शीशे में देखती है और अपने बूब्स को ब्रा के
ऊपर से ही हाथ स्पर्श करके देखती है ।
ऐसा लग रहा था जैसे अपने बूब्स का मापन कर रही हो उनकी गोलाईयां का ।
पूनम के जिस्म में सिरहन सी दौड़ गई आज से पहले शीशे में देख कर
अपने बूब्स को दवा कर कभी नहीं देखा था।
पूनम की आँखे किसी झील की तरह बहुत सेक्सी थी ।
उसका गोरा बदन नितम्ब बहार की ओर निकले हुए उसके जिस्म को
बहुत बहुत सेक्सी बना रहे थे ।दोनों बेटियां
रेखा पर गए थे ।
रेखा का जिस्म और सुंदरता के दीवाने उसके गाँव में लगभग सभी थे ।
पूनम पेंटी उठाकर पहनने लगती है, पेंटी का अग्र भाग जालीदार होता है और नितंम्ब की तरफ एक मात्र लेश थी जो नितंम्ब की
दरार में छुप जाती है ।
पूनम पेंटी पहन कर शीशे में खुद के जिस्म का मुयायना करती है ।
सर से लेकर पाँव तक अपने आपको निहारने के पस्चात उसकी नज़र पेंटी के अग्र भाग योनी पर ठहर गई।
पेंटी जालीदार होने के कारण उसकी योनी के बाल जाली से झाँक रहे थे ।
पूनम ने अपनी योनी पर हाथ फेराया,
उसके बालो के कारण पेंटी की शोभा बिगाड़ रहे थे ।
पूनम ने लगभग 6 महीने से योनी के बाल साफ़ नहीं किए
जिसके कारण बाल दो इंच के हो गए थे ।
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