RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
चुनावी रण अपने चरम पर पहुच गया था,सभी पार्टियां जी जान लगा रही थी लेकिन अजय इसमें बिल्कुल भी इंटरेस्ट नही दिखा रहा था,उसे तो अपने परिवार पर हमला करने वाले ही ही खोज थी ,चुनाव का पूरा दारोमदार खुसबू , सोनल और नितिन ने सम्हाल लिया था,चुनाव में मार्केटिंग वाले फंडे लगाए जा रहे थे ,चुनाव की रणनीति बनाने वाले एक्सपर्ट बुलाये गए थे,अजय और निधि पर हुआ हमला इस क्षेत्र के राजा पर हुए हमले के रूप में प्रचारित किया जा रहा था,3-4 सीटो पर जीत के आसार तो पहले भी थे लेकिन अब केशरगढ़ के पूरे क्षेत्र जो पहले रियासत का हिस्सा हुआ करती थी और आसपास के क्षेत्रों में भी अजय की पार्टी का दबदबा कायम होने लगा था,15 विधानसभा सीटे तो निश्चित तौर पर इनके पलड़े में गिरने वाली थी,और वही ये पूरी ताकत झोंक रहे थे,कुछ और जगहों पर भी आसार अच्छे थे लेकिन उन्हें भी पता था की 15 सीटो के साथ वो किंग मेकर बन जाएंगे ,उनके बिना सरकार बनाना सम्भव ही नही हो पायेगा,क्योकि कोई पार्टी को क्लियर बहुतमत के आसार नही थे,लेकिन अभी से कुछ कहना कोई भी ठिक नही समझ रहा था,तैयारी और प्रचार जोरो में था,निधि और अजय पूरी तरह से आराम कर रहे थे,युवाओं को जोड़ने ,मार्केटिंग और रणनीति बनाने की जिम्मेदारी खुसबू नितिन और सोनल के जिम्मे थी वही अगर कोई बाहुबली वाला काम हो तो,रैली निकालनी हो ,हल्ला मचाना हो तो विजय और किशन आगे आते,और धनुष छात्रों का नेतृत्व कर रहा था,उसकी शाख और सोच कमाल की थी ,कुल मिलाकर वो बेहतरिन टीम थे जो की कम से कम अपने क्षेत्र में अजेय हो गई थी,बाकी पुरानी पार्टियो ने भी उनके सीटो पर मेहनत कम कर दी थी और अपनी अपनी सीटे पक्की करने में लगे थे,इन दो परिवारों के सामने इनके ही इलाके में ऐसे भी कोई कहा टिकने वाला था…
इधर
एक गाँव की टापरी में एक 6 फुट से भी लम्बा भगवा रंग पहने बाल बढ़े और दाढ़ी में चहरा पूरी तरह से ढका हुआ एक साधु घूम रहा था ,वो एक चाय की टपरी में रुका
“जय जय शिव संभु “
उसकी दमदार आवाज ही उसके व्यक्तित्व को बयान करने को काफी थी ,चाय वाले और वँहा बैठे हुए कुछ लोग उसे बड़ी ही आस्था से देखने लगे ,चहरे का तेज ही इतना कमाल का था साथ ही साथ ही उसके व्यक्तित्व और आवाज ने सब के ऊपर एक गहरा असर छोड़ ही दिया,
चाय वाला हाथ जोड़े खड़ा हो गया,
“क्या चाहिए बाबा “
बाबा के चहरे में एक मुस्कान खिल गई
“कुछ नही बेटा एक चाय ही पिला दे “
उसकी आवाज गहरी और शालीनता से भरी हुई थी ,
“आइये आइये बैठिए “
एक आदमी अपने कुर्सी से उठता है
“आप कहा से है बाबा आपको पहले कभी देखा नही “
“अभी अभी हम इस ओर आये है ,हम भारत भ्रमण में है ,हमारे गुरु जो हिमालय के योगी है उन्होंने हमे आदेश दिया की बेटा जाओ और देश में घूम घूम कर लोगो में भगवान की आस्था जगाओ “
“बाबा आप तो बहुत ही कम उम्र के दिखाई देते है ,क्या उम्र है आपकी “एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति जो थोड़ा पढ़ा लिखा लग रहा था उसने प्रश्न दागा,
“सुना नही है क्या ..जाती ना पूछो साधु की पूछ लीजिये ज्ञान “बाबाजी खिलखिला कर हँसने लगे उनकी निश्छल हँसी से सभी अभिभूत हो गए …
“बाबा जी चाय “
उन्होंने ने चाय का प्याला उठाया पीने लगे
“बाबाजी आप कहा कहा गए “एक नवयुवक बोल उठा
“सब अभी पूछ लोगे क्या ,इस गांव में कुछ दिन रुकूँगा ,तालाब के पास के मंदिर में कोई पुजारी रहता है क्या “
“जी बाबाजी पुजारी जी तो गांव में रहते है लेकिन मुखिया जी अगर मान जाय तो आप वँहा रह सकते है”
“तो चलो मुखिया का घर दिखा दो “
चाय पीकर बाबाजी मुखिया के घर की ओर चल पड़े
इधर
चुनाव के रिजल्ट आये और अजय की पार्टी राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी बन कर उभरी,सबसे ज्यादा सीटे बंसल की पार्टी को मिला था,100 विधानसभा सीटो के राज्य में 42 बंसल को और 30 उसके विरोधी पार्टी को मिले थे,बहुमत किसी का भी नही था ,अजय की पार्टी 25 सीट के साथ तीसरी बड़ी पार्टी थी और 3 निर्दलीय विधायक चुने गए थे,स्वाभाविक था की अजय जिसका भी साथ देता वही सरकार बनाता,दोनो पार्टीयो ने मुख्यमंत्री के अलावा कोई भी पद देने की पेशकश की थी,अजय के परिवार का बंसल से सम्बन्ध बहुत ही पुराना था ,इसलिए अजय और पार्टी ने बंसल के नाम पर मुहर लगा दी,धनुष को उपमुख्यमंत्री के साथ गृह दिया गया,वही निधि को भी जो की पूरे चुनाव से दूर थी संस्कृति और खेल विभाग दिया गया,वो सबसे कम उम्र की मंत्री बनी,ठाकुर और तिवारी परिवार का कोई और सदस्य ना ही मंत्रिमंडल में था ना ही चुमाव लड़ा था,लेकिन उनकी पार्टी के जीते हुए सदस्यों को अलग अलग मंत्रालय दिया गया था,..अजय के लिए ये बस एक बोझ कम होने की तरह ही था,क्योकि उसे राजनीति से ज्यादा फिक्र उस शख्स की थी जो उनके ही बीच रहकर उनके लिए खतरा पैदा कर रहा था,और भाई बहन ने मंत्री बनने से उसे एक पवार सी मिल गई थी,पैसा और पवार तो उसके पास पहले भी बहुत था लेकिन अब सत्ता की पवार भी थी ,,,,
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